unknown connection - 58 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | अनजान रीश्ता - 58

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अनजान रीश्ता - 58

पारुल के दिमाग में तो बस अविनाश की ही बाते घूम रही थी । पारुल का मन इतना घबराया हुआ था की जब सेम ने उसके कंधे पर हाथ रखा तो वह चिल्ला पड़ी। फिर जब देखा सेम है तो वह खुद पर गुस्सा होते हुए सेम से कहती है ।
पारुल: ( सेम के हाथो को अपने हाथ में लेते हुए ) आई... एम... रियली... सॉरी ... आई ... मै बस ख्यालों में उलझी हुई थी और फिर मुझे लगा कोई चिपकली मेरे ऊपर पड़ी है तो इसी वजह से चीख निकल गई।
सेम: ( मुस्कुराते हुए ) रिलेक्स.. मै जानता हूं की तुम जान बूझकर ऐसा नहीं करोगी। और इतनी छोटी सी बात को इतना सीरियसली क्यों ले रही हो!?।
पारुल: तुम्हे सच में बुरा नहीं लगा है ना!?।
सेम: हाहाहाहाहा... है भगवान मुझे मेरी पारो! वापस लौटा दे। ये जुल्म ना करो ( आसमान की ओर देखते हुए।) ।
पारुल: ( सेम की ओर आइब्रो ऊपर करते हुए देखते हुए!) क्या!?।
सेम: ( श्यातानी मुस्कुराहट के साथ पारूल के करीब जाते हुए ) ( धीरे से ) अब देखो!!।
पारुल: ( शरमाते हुए ) से... म... सभी.. यही .. देख रहे.. है..। ( इधर उधर देखते हुए ) ।
सेम: ( पारुल से दूर जाते हुए ) सी!! अगर मेरी! पारो होती तो अभी तक मुझे लाखों गालियां दे दी होती । लेकिन तुम तो शर्मा रही हों!।
पारुल: ( गुस्से ओर आश्चर्य में सेम की ओर देखते हुए ) क्या!! पागल हो गए हो सेम!?।
सेम: यप!! मै तो कब का पागल हो गया हूं तुम्हारे प्यार में!। ( पारुल के करीब जाकर मुस्कुराते हुए पारुल की ऑर भोली शकल बनाकर देख रहा था । ) ।
पारुल: ( गुस्से को काबू में करते हुए ) सेम!! ये पागलों जैसी हरकत बंद करो !! प्लीज !!।
सेम: नौ.. मै क्यों करूं !! मुझे तो ऐसे ही पसंद है मै तुम्हे ऐसे देखता रहूं और बस मेरी जिंदगी चलती रही मैं और तुम और कोई भी ना हो ।
पारुल: ( सेम को हल्का सा धक्का देते हुए ) सेम गधों जैसी हरकते बंद करो!। और अपनी जगह पर चुपचाप बैठो!!। ( गुस्से में सेम को डांटते हुए ) ।
सेम: ( मुस्कुराते हुए आश्चर्य में पारुल की ओर देखते हुए ) वाऊ!! आई मीन अभी तो हमारी सगाई में माना थोड़ी ही देर है । पर तुमने अभी से वाईफी वाली ड्यूटी निभानी शुरू भी कर दी !! आई लाईक ईट!!। ( पारुल की ओर विंक करते हुए ) ।
पारुल: ( गुस्से में मुस्कुराते हुए सेम की ओर देखते हुए ) और अगर तुम एक तहज़ीबदार इंसान की तरह अपनी जगह ना बैठे तो और भी कई तरीके है मेरे पास पर वह मुझे नही लगता की तुम्हे पसंद आयेंगे ।
सेम: ( मुस्कुराते हुए आइब्रो ऊपर करते हुए ) धमकी!! धमकी दे रही हो मुझे!!?।
पारुल: ( मुस्कुराते हुए सेम की करीब जाते हुए ) नहीं चेतावनी!! ( सेम के पैर पर अपनी हिल वाली सेडल रखते हुए) समझे कुछ!!।
सेम: ( चिल्लाते हुए ) आउच!!। ( आसपास सभी लोग सेम की ओर देखते है । )
पारुल: ( झुठमुठ का हंसते हुए ) हाहाहाहाहा... क्या सेम!! मैने तो ऐसे ही कहां था कोकरुच है तुम तो सच में डर गए!!।
सेम: कोकरुच!?।
पारुल: अरे! डरने की जरूरत नहीं है कोकरुच नही है यहां!! । ( सभी यह सुनकर हंसने लगते है ) ।
सेम: ( पारुल की ओर देखते हुए ) बी केर फुल मिसेज रायचंद!! सूत शमेत बदला लूंगा !! ।
पारुल: ( मुस्कुराते हुए ) देखते है!! मिस्टर रायचंद!!।
सेम: ( अपनी उंगलियों से ईशारा करते हुए !! आई एम वोचिंग यू!! ) संभलकर रहना!! ।
पारुल: ( सेम की नादानी पर हंसते हुए सिर को ना में हिलाते हुए इधर उधर देख रही थी की तभी पारुल की नजर अविनाश पर पड़ती है । मानो पारुल की मुस्कुराहट जैसे गायब ही हो गई थी । जैसे वह कभी उसके चहेरे पर। थी ही नहीं । जो सारी परेशानियां थी वह जैसे वापस लौट आई थी । फिर से पारुल का मन बैचेन सा हो गया था । वह चाह कर भी जो बाते अविनाश की बाते भूल नहीं पा रही थी ।
सेम: ( पारुल का हाथ अपने हाथ में लेते हुए ) पारो!!।
पारुल: ( सोच में से बहार आते हुए ) हां!!?।
सेम: फिर से गायब हो गई!! ? ।
पारुल: नहीं वह मैं...! तुम बताओ क्या कह रहे थे!!।
सेम: उधर देखो अंगूठी ला रहे है!! जिस पर हम दोनो का नाम लिखा है!!।
पारुल: ( देख रहीं थी की पारुल और सेम के मोम डेड अंगुढी का थाल ला रहे थे । की वह तुरंत अपनी नजर अविनाश की दिशा की देखती है । अविनाश अपने हाथ में रिंग घूमा रहा था । और पारुल की ओर ही देख रहा था । ) ।

सो लेडीज एंड ऑफकोर्स जेंटलमैन जिस पल का आप सभी को इंतजार था वह पल आ गया है । अविनाश रायचंद एंड पारुल व्यास की सगाई!!। सो समीर की ओर से रिंग लेकर आ रहे है उनके भाई!! मिस्टर अविनाश खन्ना!! और पारुल व्यास की ओर से उनकी दोस्त नैना!! तो डीजे!! इन लवबर्ड के लिए एक अच्छा सा गाना बजाओ भाई!! । एंड लेट्स स्टार्ट द सेरेमनी!!।

पारुल और सेम दोनो ही अपनी जगह से खड़े होकर स्टेज के बीच आकर खड़े थे की तभी सेम अपने एक घुटने पर झुकते हुए पारुल का हाथ अपना हाथ में लेता है और कहता है ।

सेम: ( माइक ऑन करते हुए ) तो ... अहम.. ( गला साफ करते हुए ) सॉरी गायस मुझे अभी भी डर लग रहा है कहीं इससे पता ना चल जाए की किस गधे से शादी होने वाली है और छोड़ कर चली जाए। ( सभी हंसने लगते है। ) तो... मिस.. पारुल व्यास क्या तुम मिसेज सेम रायचंद बनोगी!! माना की तुम पहले ही हां कह चूकी हो। पर मैं इन सभी लोगो के सामने इसीलिए पूछ रहा हू की ताकि उन्हें पता चल जाए की सेम का दिल सिर्फ एक ही लड़की के लिए धड़कता है । और सारी जिंदगी उसी लड़की के लिए धड़केगा !! और वो तुम हो !! ( पारुल की और प्यार भरी नजरो से देखते हुए ) क्या तुम अपना ये दिल मेरे नाम करोगी और अपनी जिंदगी में मुझे पनाह दोगी!! प्लीज!!।
पारुल: ( समझ नहीं आ रहा था क्या कहे!! सेम की बातें सुनकर उसकी आखों में आंसू आ गए थे । वह जानती थी की सेम का प्यार कितना सच्चा है । और वह इस प्यार को पूरे दिल से निभा रहा है । पारुल अपना सिर सिर्फ हां में हिलाते हुए सेम को दूसरा हाथ देती है । खड़े होने के लिए तभी सेम कहता है । ) ।
सेम: चलो भाई और देर नहीं करते इससे पहले पारो! को अपने डिसीजन पर पस्तावा हो!! जल्दी से सगाई कर लेते है ।
पारुल: ( सेम को मुक्का मारते हुए हंसने लगती है और अपने आंसू पोछती है। ) ।
सेम: इसी स्माइल के लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हूं!!।

तो लव बर्डस अब मुहरूत हो गया है अंगूठी पहनाने का देखो पंडित जी सभी विधि भी करने लगे है तो अब अंगुढी पहनाओ यार ।

सेम: ( अंगुठी बॉक्स में से निकालते हुए ! पारुल की ओर मुस्कुराते हुए देखता है ! । )
पारुल: ( हाथ में अंगूठी उठाते हुए सेम की देखते हुए मुस्कुराती है । )

पारुल सेम के हाथ को अपने हाथ में लेते हुए उससे अंगूठी पहनाती है !! । तभी सभी लोग तालियों से उन दोनो को बधाई दे रहे थे। तभी सेम पारुल का हाथ अपने हाथ लेते हुए कहता है ! मै आई!! । तभी पारुल सिर को हां मैं हिलाते हुए सेम को जवाब देती है ! । सेम जैसे ही अंगुढी पहनाने वाला था की लाइट चली जाती है । जिस वजह से अंधेरा हो जाता है । जिस वजह से सभी लोग लाइट क्यों चली गई इस बारे में बात करने लगते है। और तभी धीरे से आवाज आती है प्रिंसेस!! और तभी लाइट आ जाती है। सेम देखता है तो पारुल के हाथ में अंगूठी पहनी हुई थी । यह देखकर सभी लोग लाइट वाली बात भूल जाते है । सब लोग यह देखकर पारुल और सेम को बधाई देने स्टेज की ओर आगे बढ़ते है ।

कल के एपिसोड की जलक:
पारुल: ( गिड़गिड़ाते हुए ) प्लीज़ ... प्लीज डोंट डोंट डू घिस.... जो हमारी यादें है उसके खातिर ही सही प्लीज ... अवि....
अविनाश: ( पारुल के होठों पर उंगली रखते हुए ) शहहह... प्रिंसेस ( बालो को कान के पीछे करते हुए ) उसी यादों का बदला तो दे रहा हूं तुम्हे ...। नाउ डोंट मेक मि एंग्री ... ।
पारुल: ( मानो आंखो से अविनाश के सामने गिड़गिड़ा रही थी दर्द बयान कर रही थी ... लेकिन वह तो अपने बदले की भावना में ही जल रहा था । उससे ना तो पारुल दिख रही थी ना उसका दर्द बस बदला एक ही बात दिमाग में घूम रही थी ।