Ittefaak - 7 in Hindi Love Stories by Jagruti Joshi books and stories PDF | इत्तेफाक - भाग 7

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इत्तेफाक - भाग 7

वो घर आकर सीधा अपने कमरे मे चली जाती है, खुद को आइने मे देखती है आंखे रो रो कर सुज चुकी थी, वो वोशरुम मे जाके हाथ मुह धोकर खुद को रिलेक्स करती है , मां ने जो राजपूती सुट दीया हुआ था वो पहेन कर तैयार होती है

जब माँ सा कमरे मे आके देखती है तो वो खुशी की नजरे उतार ती है ओर बोल ती है आज तो कवल बाईसा खूब सुन्दर लागे है,
खुशी- मासा कीतनी बार बोला आपसे के मुजे इस नाम से मत बुलाईए।
माँ सा- ने कहा आपकी शादी मे यही नाम होगा ओर ये आपके बाबासा ने रखा है ओर आप के ससुराल मे सब को यही नाम पता हे तो कवल नाम कि आदत डाल लीजिए, ओर वो लोग आने वाले है तो हम आवाज दे तब चले आइएगा ओर वो कमरे से बाहर आ जाती है।
खुशी बस उदास होकर अपने बेड पर लेट जाती है, सभी मेहमान आते है सबकी आवभगत होती है , खुशी को उसकी मासा ने आवाज लगाई वो आकर सब कै चरण स्पर्श करती है ओर किचन मै जाके सबके लीये चाय नाश्ता बनाने लगती है, आधे घंटे बाद वो कचोडी और समोसा ओर चाय सबको देती है, ओर सबके साथ नीचे बैठ जाती है, उसकी होने वाली सास अपनी बुआ सा अपनी बडी बहुं ओर जीजी को देखकर बोलती है , केसी लगी हमारी होणे वाली बिंदणी ,
बुआ सा हाथ मे कचोडी लेके बोलती है की खूब सुन्दर दिखेसे हमारे शैलराज की बिंदणी ओर उस कै हाथो मे तो मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद से थारा घर खुशी ओ से भर लेगी ये छोरी।
सब को बोहोत पसंद आती है खुशी, तभी उसकी सास बोलती है समधन सा अगर आपको एतराज ना होवे तो एक बात बोलु,
खुशी की मा कहेती हे के अबतो आप हमारी समधन हो आप को इजाजत की कोई जरूरत ना से
तब खुशी की सास बोल ती है कि हम सबकी तरफ से ये रिश्ता पक्का है तो क्यो ना बीटीया की परीक्षा कै बाद शादी अच्छा सा मुहूर्त देखकर शादी करदे।
मे उनसे बाद मे पूछ लुंगी और वो समधी सा से बात कर लेंगे।
सब लोग बोहोत सारी बाते करते है खुशी सिर्फ उन की बाते सुनती है,
शाम को सब विदा लेते है ,खुशी अपने आप को कमरे मे बंध कर देती है वो बोहोत रोती है , अबतो एक होप थी वो भी चली गई अब कुछ भी नही हो सकता था।
उसे राज की बोहोत ही याद आई पर उस ने अपना फोन चालु नही कया। उस ने कोलेज जाना बंध कर दीया पुरे बीस दीन के बाद जब उसकी एक्जाम सुरु हुई तब वो कोलेज आई अपने पापा के साथ वो उसको लेने और छोड़ने आते थे क्यु की उस ने खुद बोला थि उन्हे एसा करने कै लीये।
वो ना राज या रिया से मिलती थी उसके पापा साथ मे थे तो वो कुछ भी कर नही सकता था जब भी वो खुशी को देखता तो उसका दिल बैठ जाता कीतनी उदास थी नीरस हो गई थी वो।
जब लास्ट पेपर था तो उसने अपने पापा को कहा की आज वो कुछ दोस्तो कै साथ लास्ट पेपर कै बाद मिलने वाली है तो आज वो अकेली चली जाएगी।
ओर राज को मैसेज कीया की वो उसी जगह मीले जहा वो पहेले दिन कोलेज कैम्पस मे मीले थे । राज की खुशी का ठिकाना नही था वो अपनी बुलेट लेके घर से कोलेज के लिए निकल गया । पेपर खतम कर के खुशी वहा पहुंच गई उस को वो रेंगिग वाला दिन याद आ गया ओर अनायास ही मुस्कुरा उठी पर उसकी पलके भीग गई।
राज आया वो कुछ बोल ने जा रहा था पर खुशी ने उसके होठ पर उँगली रख दी........ आज आप कुछ भी मत बोलना इतने साल कुछ नही बोले तो अब नही वैसे भी आपको खूद से भी ज्यादा प्यार कर ने लगे है ओर आपकी आवाज से प्यार हो गया तो हम बिखर ही जायेंगे , हमे माफ कर दीजिए हमने आप को बोहोत सताया है, हम एक बात बोल सकते है आपसे ?
राज- ने सिर हिलाकर हा कही....
खुशी- दर्द भरी आवाज से कहा,
क्या हम आपको गले लगा सकते है
राज ने एक पल भी देरी ना करके अपनी बाहे फैलाई, ओर खूशी राज के सिने से लीपट गई ओर फूट फूटकर रोने लगी,
राज- बोहोत कुछ बोलना चाहता था पर वो कुछ बोल नही पाया वो सिर्फ खूशी के बाल सहेलाता रहा,
थोड़ी देर बाद खुशी ने खुद को राज की बाहो से अलग कीया ओर उसके हाथो मे एक खत दिया ओर उसके हाथो को चुम के राज कुछ बोल पाता उससे पहले ही वो वहा से चली गई।
राज- टूट गया उसे लगा की जैसे उसकी दुनिया ही लुट गई उसने गाडी चालु की ओर भगादी, सुनसान स्थान पर जाकर रोकी और खत पढने लगा।
डियर राज
हमे पता ही नही चला की हमे आपसे कब प्यार हो गया। पहली बार देखा तो आप अच्छे लगे पर जब सुना की आप हमारी रेंगिग करने वाले है तो बोहोत ही गुस्सा आया और गुस्सा ज्यादा ईस लिए बढ़ गया की हम जहा भी जाते वहा आप पहले से ही मौजूद रहते थे। इस लिए थोड़ा-बहुत गुस्सा आता था, पर जब आप नहीन दीखते थे तो बेचैनी सी होती थी । प्यार तो था महसूस तब हुआ जब आपने हमे गिरने से बचाया ओर हमने आप की आँखो मे हमे खोने का डर देखा तब उन आंखो से हमे प्यार हो गया, जब पहली बार आप ने हमे छुआ तब उस छुअन से प्यार हो गया, जब हमारी वजह से चाय की जगह तीन तीन कोफी का आर्डर दीया था तो उस अदा से भी प्यार आ गया था, आपका हमारी तरफ देखकर यु मुस्कुराना, आंखो से बीन कहे हर बात समझ जाना आप हर अंदाज मै मुजे अच्छे लगते है।
पर हमारा साथ यही तक था हमारी शादी तय हो गई है आज से छे महीने बाद हमारी शादी, (वो जुठ बोली क्यु की वो बोलती के बीस दीन बाद है तो वो ज्यादा टुट जाता। ) बस हमे एक अच्छी याद बनके याद रखना उस याद को नासूर मत होने देना ।
आपकी एक खूबसूरत याद
आपकी खुशी ❤

वो खत पूरा आंसुओ से भीग जाता है। खत को अपनी जेब मे रखता है ओर गाडी घर की ओर मोड देता है ।
जैसे ही घर मे दाखिल होता है सब उसे घेर लेते है ओर बधाई देने लगते है , उसकी मा आती है ओर शादी का कार्डस देती है ओर बोलती है इस बीस को आपकी शादी तय कर दी है ओर पहेला कार्डस आपको दीखा रही हु। वो गुस्सा करके कार्ड को फाड देता है और बोलता है की आप सबको मेने कीतनी बार मना किया उस दीन भी सादी तय करने को मनाई कीया था फीर भी , आपने तस्वीर दिखाई थी तो मेने फाड दी क्या फीर भी आपके समज मै कुछ नही आया, मे जा रहा हु ये घर छोड़कर प्लीज मेरे पीछे मत आना मर भी जाउ तब भी नही । जेसे
राज जाने लगा तो उसके पिता विर प्रताप खडे थे हाथ मे गन पकड के एक गोली का हवा मे फायरिंग कीया ओर फीर अपनी कनपटी पर रखकर बोले सब अगर मेरे कारण हो रहा है तो मे खुद को मार देता हु फीर सब अपनी मनमुताबिक जीना जेसे ही वो ट्रिगर दबाने लगते है तो राज जट से उनके हाथ मे से गन फेंक कर अपने पिता के सिने से लग जाता है ओर शादी कै लीये हा बोल देता है।

जारी है..........