सुबह होते ही आनंदी और रीतू,अनु होटल से बाहर निकल गए और वहां के मार्केट में जाकर शापिंग करने लगे।
कुछ गले का हार और बैंग, कुछ बच्चों के लिए हेयर बैंड,हेयर किलप और बहुत सारी चीज़ें।
वापस आ कर जल्दी जल्दी नाश्ता किया।
आनंदी ने काउंटर पर जाकर पुरा पेमैंट कर दिया और सारा सामान रखवा दिया।
अनिकेत बोला मैम आप लोग बैठ जाईए।
अन्वेशा तो रोने लगी उसे लेमन टी होटल में ही रहना है कहीं नहीं जाना है।
फिर सभी ने अन्वेशा को समझाया।
सभी गाड़ी में आकर बैठ गए और फिर गाड़ी निकल पड़ी ।
सभी बहुत ही खुश हो कर वापस आने लगे।
सभी ने आनंदी को धन्यवाद दिया।
आनंदी ने कहा अब आप लोग रूलाओगे।।
फिर सभी वहां की बात कर रहे थे।
और फिर शाम तक वापस घर पहुंच गए।
अनिकेत को आनंदी ने पन्द्रह हजार रुपए दिए और फिर अनिकेत चला गया।
सब लोग थक गए थे और फिर सभी आराम करने चले गए।
फिर रात के डिनर पर सब एक साथ बैठ कर खाना खाने लगे और राजू ने सबको प्रोजेक्ट पर वहां का फोटो और वीडियो दिखाने लगा।
सभी बहुत ही अच्छे से देखते हुए खाना खा रहे थे।
अमर बोले आनंदी तुमने बहुत ही अच्छे से हमलोगो को सैर कराया।
फिर सभी सोने चले गए।
दूसरे दिन से अन्वेशा का स्कूल शुरू हो गया।
शैलेश बोलें की मैं तो परसों निकल रहा हूं।
रीतू बोली हां जब तक तुम दुबई से वापस नहीं आते मैं तो यहां ही हुं।
अनु बोली अरे बेटा राजू की शादी में तो आओगे।
रीतू बोली हां मम्मी।पर शैलेश का।
शैलेश ने कहा हां आऊंगा और फिर वहां से सीधे लंदन निकलना होगा।
आनंदी ने कहा हां दीदी मैं भी आऊंगी राजू दादा की शादी में।
फिर आनंदी के आफिस से फोन आ गया।
फिर सभी ने नाश्ता किया और आनंदी आफिस को निकल गई।
फिर इसी तरह शैलेश भी चला गया और अनु और अमर लोगों के वापस जाने का समय आ गया।
आनंदी ने कहा बहुत अच्छा लगा आप सभी आ गए।
अनु बोली अच्छा चल ठीक है अब दादा की शादी में आना जरूर।।
राजू दादा बोला हां मेरी अफसर बहन तू नहीं आयेगी तो मजा नहीं आयेगा।
आनंदी ने कहा हां दादा।
फिर आनंदी और रीतू उन लोगों को एयरपोर्ट छोड़ने गए।
और फिर आंनदी ने कहा कि दीदी अब मैं अन्वेशा को आगे की पढ़ाई के लिए लंदन भेज दुंगी।
रीतू ने कहा हां ठीक है गुड़िया।
फिर घर वापस आ कर आनंदी और रीतू अन्वेशा और शना के साथ खेलने लगी।
फिर डिनर करके सो गए।
आनंदी ने दूसरे दिन सुबह रीतू से पूछा कि दादा की शादी कब है।
रीतू ने कहा अगले महीने की उन्नीस तारीख को।
आनंदी ने कहा चलो आज थोड़ा शापिंग करने चलते हैं।
रीतू ने कहा हां ठीक है।
फिर सभी लोग शापिंग करने निकल पड़े।
सबसे पहले एक ज्वेलरी शॉप पर गए। और वहां वर वधू के लिए कुछ नया दिखाने को कहा।
दुकान दार ने बहुत कुछ दिखाया।
फिर आनंदी ने दो हीरों का सेट खरीदा।
रीतू ने भी राजू के लिए एक गले का चेन और वधू के लिए एक कान का सेट खरीदा।
फिर वहां से साड़ियां खरीदने चले गए।
बहुत सुंदर सी साड़ियां खरीदा।
आनंदी ने सब के लिए साड़ियां खरीदा।
फिर रात तक घर लौट आए।
इसी तरह एक महीना बीत गया।
अब राजू की शादी में जाने की तैयारी चल रही थी।
आनंदी ने कहा मां पैकिंग हो गई क्या?
कृष्णा ने कहा हां सब हो गया।
अन्वेशा और शना के लिए एक जैसा लहंगा चोली बनाया गया था।
आज आनंदी लोग फाल्इट से दिल्ली जा रहे थे।
आनंदी ने छुट्टी की अर्जी पहले ही दे दिया था।
अन्वेशा धीरे धीरे बड़ी हो रही थी।
एयरपोर्ट पर समय से पहुंच गए और फिर हवाई जहाज पर बैठ गए।
अन्वेशा बहुत ही खुश हो रही थी।
फिर सभी लोग सीधे राजू के घर पहुंच गए।
अनु ने देखते ही कहा आओ आओ सब ।।
फिर अनु ने सबका सामान गेस्ट रूम में रखवा दिया।
आनंदी ने कहा राजू दादा बहुत खुश लग रहे हो। भाभी से कब मिलाओगे।
राजू ने कहा हां, कहा है मेरी गुड़िया।।
शना और अन्वेशा दौड़ कर लिपट गई।
मामा, मामा करने लगी।
फिर सभी नाश्ता करने बैठ गए।
कृष्णा बोली अरे आप लोग भी बैठ जाईए।
अनु बोली हां, पहले तुमलोग खा लो।
कल राजू की शादी थी।
एक बहुत बड़ा हाल बुक करवाया गया था।
शैलेश भी शाम को पहुंच गए।
रीतू ने कहा मुझे आपकी याद आ रही थी।हम लंदन कब जा रहे हैं।?
शैलेश ने कहा साले सहाब की शादी के बाद।
फिर सभी लोगों का आना जाना शुरू हो गया गाना बजाना शुरू हो गया था।
सभी नाच रहे थे।
अन्वेशा को भी ये सब अच्छा लग रहा था।
सभी बहुत खुश नजर आ रहे थे।
अगले दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गई सब लोग।
अनु बोली अरे हम सबको वहां पहुंचना होगा।
फिर सभी नाश्ता करने के बाद एक बड़ी सी गाड़ी में बैठ कर बेकेट हाल पहुंच गए।
बहुत ही अच्छी तरह से सजाया गया था। मेहमान आने लगें थे।
राजू बहुत खुश नजर आ रहा था।
कृष्णा ने राजू को हीरो का हार भेंट किया।
राजू ने पैर छुए और कहा कि आप पहना दो।
अनु भी देखती रह गई।
फिर रीतू ने भी राजू को चेन पहना दिया।
फिर सारी रस्में पूरी करने लगे।
फिर शाम को बारात लेकर निकल गए। सभी खुब इन्जाय करने लगे डांस भी कर रहे थे राजू के दोस्त।।
अन्वेशा और शना भी खुब डांस करने लगी।
फिर लड़की के घर बारातियों का स्वागत किया गया।
खुब खातिर दारी हुईं।
फिर दुल्हन को मंडप पर लाया गया और विधि पूर्वक शादी हो गई।
फिर आनंदी रीतू ने पहले बच्चों को खाना खिलाया और फिर सभी मिलकर खाना खाने लगे।
काफी रात हो चुकी थी और फिर सभी वहां से वापस होटल आ गए।
थक कर चूर हो चुके थे तो सब सो गए।
क्रमशः