Unfortunate Love - 35 in Hindi Love Stories by Veena books and stories PDF | अनफॉरट्यूनेटली इन लव - ( नई शुरुवात_१) 35

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अनफॉरट्यूनेटली इन लव - ( नई शुरुवात_१) 35

गन नियान के पास टेबल पर झुका, " मेरे साथ रहना कभी आसान नहीं था, ना ही होगा। क्या मेरे बारे में ये सब जानने के बाद भी, तुम मेरे साथ रहना पसंद करोगी ? मैं हमे एक और मौका देना चाहता हु ? क्या तुम्हे अभी भी मेरे साथ ब्रेक अप करना है ?"

उसे अपने कानो पर विश्वास नहीं हो रहा था। क्या वो सच में उसे अपनी ज़िंदगी में वापस बुला रहा है? नियान को खयालों में गुमशुदा देख, गन सोच में पड़ गया। कही उसने इस छोटी लड़की को डरा तो नही दिया? उसने अपनी नजरे उस पर से हटाई और कहा, " अभी जवाब देने की कोई जरूरत नहीं है। तुम चहिए ....."

वो अपनी बात खत्म कर पाए, उस से पहले नियान खड़ी होकर उस के पास आई, " मुझे ब्रेक अप नही करना।"

गन फिर से उसे घूरने लगा। " देखो तुम चाहिए तो सोचने का वक्त ले सकती हो। जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नही..."

नियान ने फिर उसे अपनी बात खत्म करने का मौका नहीं दिया और ना में गर्दन हिलाई। " मुझे वक्त नहीं चाहिए। मुझे अपना फैसला पता है।"

इतने दिनों बाद नियान को अपने पास पाकर गन खुश था। जो खुशी उसके चेहरे पर साफ साफ झलक रही थी। उसने नियान के सर पर हाथ रखा और थपथपाया। " ठीक है। फिर हम ब्रेक अप नही करेंगे। अ.... मेरी अभी एक इंपोर्टेंट मीटिंग है। क्या मैं अटैंड कर लूं ?" उसने पूछा। जिस पर नियान ने हा में गर्दन हिलाई।

गन की मीटिंग नॉर्वे ब्रांच से होने की वजह से वेब कैम पर थी। नियान उसके पास में बैठी आम खा रही थी। " हैलो एवरीवन। मीटिंग शुरू करते हैं।" गन ने कैमरा पर कहा। १० से १५ मिनिट हो चूके होंगे। नियान ने कुछ खाया नही था, वो बस कैमरा में बात कर रहे गन को देखे जा रही थी। अगर हम इसे घूरना भी कहे तो भी ठीक है। गन को अपने ऊपर आई हुई नजरों का पता था। उसने अपना कैमरा बंद किया।

" क्या देख रही हो ?" उसने ना रह कर पूछा।

" कुछ भी तो नही।" नियान शर्मा गई।

" अपने बॉयफ्रेंड से बात छिपा रही हो ?" उसने पूछा।

" बॉस आपका माइक शुरू हैं।" नॉर्वे ऑफिस की सारा ने कहा। " माना हमे जैपनीज नहीं आती, लेकिन आवाज से हम बता सकते है की आपके साथ कोई लड़की है।" सारा ने अपने बॉस को छेड़ते हुए कहा।

गन के मुंह से अचानक ऐसी बेशर्मी भरी बात सुन नियान उठ कर नीचे जाने लगी। तभी गन ने उसका हाथ पकड़ खींचा। उसकी हरकत का नतीज़ा ये हुआ, की नियान हड़बड़ाहट से सीधा गन की गोद में बैठ गई।

" इन्हें भले ही जैपनीज नहीं आती। पर मुझे आती है, और मैं यकीनन कह सकता हूं के तुम अभी लड़की नही हमारी भाभी के साथ हो।" गन के दोस्त रॉबर्ट ने उसका मज़ाक बनाते हुए कहा।

" मुझे माफ कर देना, लेकिन मेरी गर्लफ्रेंड मुझसे आज थोड़ी नाराज़ हैं। इस मीटिंग को हम कल कंटिन्यू करेंगे। बाय।" कह उसने अपना माइक बंद किया। और अपना पूरा ध्यान अपने गोद में बैठी लड़की पर लगाया।

" बताओ।" उसने पूछा।

" तुम जब सीरियस बाते करते हो। बोहोत हैंडसम दिखते हो।" कह नियान ने अपना मुंह उसके सीने में छिपा लिया।

आज गन के चेहरे पर लाली ही अलग थी। वो अपने होठ उसके कानों तक ले गया। " नियान क्या तुम्हे किस करना है ?"

गन की बात सुन नियान ने उसे देखने के लिए अपना सर उठाया। उनकी नजरे मिली। धीरे से गन ने अपने होठ उसके होठों से मिला दिए। फिर धीरे से उसने उसके होठों को चूसना शुरू किया। सामने वाली लड़की इन सारी हरकतों से पहली बार वाकिब हुई हैं, ये पता चलने में उसे देर नही लगी। उसने उसके नीचे वाले होठ को काटा, जिस से एक आह के साथ नियान ने अपना मूंह खोला। इसी मौके का फायदा उठा कर गन ने उनका पहला किस पूरा किया। दोनों एक दूसरे में खोए हुए थे, तभी डीटी वहा पोहोंच गया। उसे देख आखिरकार गन और नियान अलग हुए।

" मैं किचन में ये रख कर आती हूं।" नियान फलों की प्लेट उठा कर वहा से नीचे भागी।

DT अभी भी वहीं खड़ा गन को घुरे जा रहा था।

" तुम्हे सारी बाते मुझे ही सिखानी पड़ेगी क्या ? जब कोई कपल अकेला हो। तो हमे बिना आवाज किए वहा नही जाना चाहिए। समझे।" गन ने झूठा गुस्सा दिखाते हुए कहा। झूठा गुस्सा क्योंकि आज का पूरा दिन तो उसके चेहरे पर गुस्से का निशान भी नही आने वाला, वो इतना ज्यादा खुश है।

" कपल ??? जब मैंने आखरीबार तुम दोनो को देखा तब तुम्हारा ब्रेक अप हुवा था। दोनों ही सिंगल थे और जब दो सिंगल लोग एक जगह हो तो बिना आवाज करे जाने में कोई परेशानी नहीं है। बशर्ते उन में से एक के दिल में चोर नहीं होना चाहिए।" इतना कह वो नीचे की तरफ दौड़ा और गन उसे पीटने उसके पीछे दौड़ा।

अपने आस पास इतनी आवाजे सुन दादाजी की नींद टूट गई और वो अपने कमरे से बाहर आए। दोनो भाइयों को इतने सालो बाद इस तरह बचों की तरह लड़ता देख दादाजी की आखों में आसूं आ गए।

गन ने १६ साल की उम्र में ही नॉर्वे छोड़ दिया था और डीटी १२ साल का था जब से वो गन का पीछा कर रहा है। यूं मान लो दोनो भाइयों का बचपन मां बाप के बिना ही गुजरा। डीटी नियान के आस पास दौड़ रहा था। उसने नियान को धक्का दिया। लेकिन नियान गिरे उस से पहले गन ने उसे पकड़ लिया।

डीटी अपने दादाजी के पीछे छिप गया। हालाकि ६ फीट का लड़का ५ फीट के बुजुर्ग के पीछे से भी आसानी से दिख रहा था। लेकिन उसे पता था, गन के लिए वो बुजुर्ग सीमा रेखा की तरह हैं जिस के आगे गन कभी नही जाएगा। वही हुआ। गन अपनी जगह रुक गया, उसने नियान को कमर से पकड़ रखा था।

" दादाजी आज मुझे मत रोकिए। आज मैं इसे सबक सिखावूंगा।" गन ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा।

" दद्दू में आपका पसंदीदा पोता हूं ना। इसे कहिए वही रुक जाएं।" डीटी को पता था बुजुर्ग को अपनी तरफ करने का तरीका।

तभी गन ने दादाजीकी आंखो में आंसु देखे। " दादाजी आपको कुछ तकलीफ हो रही हैं ? चलिए अस्पताल चलते है।" गन नियान को छोड़ अपने दादाजी की तरफ भागा।

उसे देख डीटी भी उनके सामने खड़ा रहा। दादाजी ने दोनो को रुकने का इशारा किया। फिर वो सोफे पे बैठे। गन और डीटी दोनो उनके सामने बैठे थे। तभी नियान पानी लेकर आई।

दादाजी ने उसके हाथो से पानी पिया। फिर उसे अपने पास बैठने का इशारा किया। नियान का और गन का हाथ अपने हाथ में लेकर उन्होंने चूमा। " हमेशा ऐसे ही खुश रहना।"

" ओ आप को मेरी हसी देख रोना आ गया। क्या मैं सच में आपका सगा पोता हूं ?" गन के मुंह से वो बात सुन दादाजी ने उसे फिर से बड़ी आंखे दिखाई और पीटने के लिए हाथ उठाया। वो वहा से भाग नियान के पास बैठ गया।

" ये तो ठीक बात नही है दद्दू। मुझे भी आशीर्वाद चाहिए।" डीटी ने नाराज होते हुए कहा।

" जब तुम्हारी गर्लफ्रेंड आएगी तब तुम्हे भी आशीर्वाद मिलेगा।" दादाजी ने उसे कहा।

डीटी ने गन को देखा, उसकी आखों में अजीब चमक थी। " फिर तो मुझे ज्यादा इंतजार नही करना पड़ेगा दद्दू।"