Neem ka ped - 2 in Hindi Short Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | नीम का पेड़ - (भाग 2)

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नीम का पेड़ - (भाग 2)

5-बदला
गली के नुक्कड़ के मकान के बाहर पड़ी रोटियां गाय खा रही थी।एक आदमी दनदनाता मोटर साईकल पर आया।उसकी मोटर साईकल पर बोरी बंधी थी।गली सकड़ी थी।गाय को हटाने के लिए उसने कई बार हॉर्न बजाया
।लेकिन गाय नही हटी।तब वह उसी रफ्तार से गाय को टक्कर मारते हुए मोटर साईकल निकाल कर ले गया।
मोटर साईकल की टक्कर से गाय के पेट और पैर में चोट लगी थी।वह रोटी खाना भूलकर दर्द से तड़पने लगी।मोटर साईकल वाले का घर पास में ही था।वह बोरी रखकर फिर आया।
उसे देखते ही गाय उसके पीछे भागी।गाय को अपने पीछे आता देखकर वह घबरा गया।सड़क किनारे नाला था।घबराहट में वह नाले में-----

6--जानवर
"खट खट
मैं अपने भाई के पास जबलपुर गई थी।कमरे में बैठी थी।तभी गेट खटखटाने की आवाज सुनकर बाहर आई।गेट के बाहर गाय खड़ी थी।जो अपने सींगों से गेट को धक्का दे रही थी।
"चल हट,"मैं गाय को भगा रही थी।तभी रसोई में काम कर रही भाभी की आवाज आयी,"बहनजी गाय को मत भगाना।"
और भाभी खाने की थाली ले आयी।भाभी ने गेट खोल दिया।गाय लॉन में आ गयी।भाभी ने थाली उसके सामने रख दी।गाय थाली में रखी रोटी खाने लगी।भाभी दौड़कर एक बाल्टी पानी ले आयी।गाय ने रोटी खाने के बाद पानी पिया और चली गयी।गाय के जाने के बाद भाभी बोली,"मुंझे गाय को रोटी देने के लिए कहीं भी नही जाना पड़ता।रोज खुद चली आती है।मैं नज़र नही आती तो गेट खटखटा देती है।"
भाभी की बात सुनकर मैं सोचने लगी।जानवर भी प्रेम की भाषा समझते है।
7--संतान
"तुम्हारी उम्र क्या है?"
रिक्शे में बैठते समय नरेश नेध्यान नही दिया था।लेकिन रिक्शे से उतरकर पैसे देते समय ध्यान उसकी अवस्था पर चला गया।
"सत्तर साल।"
"बेटा नही है,जो इस उम्र में रिक्शा चलना पड़ रहा है?"
"है,"रिक्शेवाला बोला,"न होने के बराबर है।"
"क्यो?"नरेश ने पूछा था।
"शादी होरे ही बहु को लेकर अलग हो गया।"
रिक्शेवाला संतान होने पर दुखी था।नरेश सोचने लगा।वह निसन्तान था इसलिए दुखी था।

8--चोरी की कीमत
उसके मकान में पांच किरायेदार थे।वह हर किरायेदार से पांच सौ रुपये बिजली खर्च के लेती थी।बिजली की खपत खूब थी लेकिन बिजली का बिल हर महीने पांच छः सौ से ज्यादा नही आता था।इसकी वजह थी बीजली की चोरी।
मकान के बाहर बिजली का खम्भा लगा था।शाम होते ही वह कटिया डाल देती।
एक दिन रिमझिम बरसात में वह कटिया दाल रही थी कि उसे करंट लग गया।वह जोर से चीखी।किरायेदार दौड़े चले आये।लेकिन मौत के डर से किसी की हिम्मत उसे बचाने की नही हुई।
चोरी की कीमत उसे जान देकर चुकानी पड़ी थी।
9--आया
"अलग हो गए हो,फिर अपनी माँ से मिलने के लिए रोज क्यो जाते हो?"पति को देखते ही तानिया बोली।
"तुम माँ बनने वाली हो।इसलिए मुझे माँ से बनाकर रखनी पड़ेगी।"
"उसकी चिंता तुम बिल्कुल भी मत करो।मेरी देखभाल करने के लिए मेरे मायके से बहुत लोग आ जाएंगे।"
"डिलीवरी के समय तो तुम्हारे मायके वाले आ जाएंगे,लेकिन डिलीवरी के बाद क्या होगा?"
"बाद मे क्या करना है,"पति की बात सुनकर तानिया बोली,"बाद मे टी मैं हूँ।"
"हम दोनों सर्विस करते हैं।मैं और तुम दोनों नौकरी पर जाएंगे,तो हमे हमे अपने बच्चे की देखभाल के लिए आया रखनी पड़ेगी,"परमेश बोला,"माँ से बनाकर रखूंगा तो हमे आया नही रखनी पड़ेगी।"