सेम और पारुल दोनो सारी रश्म में व्यस्त थे । अविनाश तो बस स्टेज की ओर ही देखे जा रहा था । ना कुछ बोल रहा था ना ही सुन रहा था । मानो उसका मन उसे सारी बाते भूल कर पारुल को कहीं दूर ले जाना चाहता था । जहां सिर्फ वह हो और पारुल हो । और ये जो भी दूरियां,नफरत सब भूल जाए और सिर्फ और सिर्फ ... काश । वह यह सोच ही रहा था । तब वह खुद के सिर को ना में हिलाते हुए सोचता है की वह अब कमजोर नहीं पड़ सकता और जो पारुल ने किया है उसके बाद तो बिलकुल भी नहीं । वह अपने दिल को मन ही मन जो भी अनुभूति हो रही है उससे रोकने की कोशिश कर रहा था । लेकिन जब भी उसकी नजरे पारुल पर पड़ती है तो उसका दिमाग मानो काम करना ही बंद कर देता है और दिल तो बस उसके पास जाकर उसे जी भर कर देखना चाहता है। जितनी सुंदर वह आज दिख रही है मानो वह इन सारे जमाने की नजरो से उसे चुरा कर खुद के पास छुपा लेना चाहता है । और सारी जिंदगी बस उसे ऐसे ही देखते रहना चाहता है । उसकी प्यारी आंखे जो आज काजल के वजह से और भी खूबसूरत लग रही है। एक चमक सी है उसकी आंखों में । पारुल के गालों पर हर बार शरमाने से आती लाली, होठ पर लगी हुई लाल लिपस्टिक,उसके माथे पर लगी बिंदी,पारुल के हाथो में खनकती चूड़ियां,उसने पहना हुआ जोड़ा। मानो अविनाश पारुल को एक एक हरकत को खुद के मन में एक याद के तौर पर कैद कर रहा था । जब सेम ने कहां था की पारुल कैसी लग रही है तब अविनाश का दिल जैसे कह रहा था की कर दो तारीफ कह दो बात जो मन में है । वह तो पारुल की तारीफ जितनी भी करे फिर भी कम पड़ जाए इतनी सुंदर लग रही थी । उसकी तारीफ में पुल भी बांध दे तो भी कम पड़ जाए । अविनाश खुद के दिमाग में ही चल रहे इस विचार से खुद पर हंस रहा था । की क्या बात कर रहा है वह बदला लेने आया है या पारुल की खूबसूरती की तारीफ करने । पर वह यह बात अस्वीकार नहीं कर सकता था की पारुल की खूबसूरती आज उसके दिल पर कहर ढा रही थी । अगर उसके बस में होता तो वह पारुल को स्टेज से ही उठा कर भगा ले जाना चाहता था । लेकिन अगर पहली की बात होती तो अब तो वह खुद भी उससे चाह कर भी प्यार नही करना चाहता था । क्योंकि वह जानता था इस जन्म में तो उन दोनो का एक होना ना मुमकिन था । क्योंकि दोनो के दरमियान नफरत की एक अनजान डोर है जो कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही थी । वह बस पारुल की ऑर एक ही नजर से बिना पलके जपकाए सोच रहा था की तभी पारुल अविनाश की और देखती है तो मानो अविनाश सांस लेना भूल गया था । उसका दिल थम सा गया था । वह खुद समझ नही पा रहा था की वह इतना कमजोर क्यों हो जाता है जब बात पारुल की होती है । अगर उसकी जगह कोई और होता तो कब की उसकी जिंदगी नर्क बना दी होती । लेकिन पारुल के मामले में मानो वह जान बूझ कर देर लगा रहा था । मानो वह इंतजार कर रहा था की गोलू जो भी हुआ एक गलती थी चलो एक नई शुरुआत करते है । मानो जैसे उसका दिल अभी भी अपनी परी को भुला नहीं पा रहा था । चाहे वह लाख कोशिश करे । तभी विशी अविनाश को खयालों में से बाहर लाते हुए कहता है ।
विशी: अवि!!?।
अविनाश: हम्मम!?।
विशी: तुम्हे सभी स्टेज बुुला रहे है ।
अविनाश: क्यो!?।
विशी: अवि तुम आज सच में पागल हो गए हो !! ? यू आर सिंगर अवि!! गाना गाने!!?। ( आंखे से उससे समझाते हुए ) ।
अविनाश: ( स्टेज की ओर देखते हुए । सेम मुस्कुरा रहा था । पारुल जमीन पर नजर गड़ाए बैठी थी । ) या!!।
अविनाश स्टेज की ओर आगे बढ़ता है सभी तालियों से अविनाश का स्वागत कर रहे थे । वह माइक को हाथ में लेते हुए एक बार फिर से पारुल की ऑर देखता है और सेम की ओर मुस्कराते हुए कहता है ।
" गुड इवनिंग लेडिस एंड जेंटलमैन " सो दोनो को बहुत बहुत बधाई ... दोनो को हैपी लाइफ अहेड के साथ मै एक खास सांग जो की मेरे दिल के करीब है। क्योंकि मेरे लिए एक खास इंसान था जिसके दिल के करीब ये सांग था । तो उसी इंसान के लिए यह सांग । यह कहते ही अविनाश गाना शुरू करता है ।
हम्मम अ...हम्म अ..हम्म
( पारुल की ऑर देखते हुए वह गाना गाता है । की गाने की शुरुआत होते ही पारुल अचानक अविनाश की ओर देखती है । मानो पारुल के नजरे अविनाश की नजर जाने नही दे रही थी । अविनाश के आंखो में दर्द साफ साफ जलक रहा था । वह याद जब अविनाश पारुल के साथ यह सांग पर डांस किया करते थे । सारी यादें जैसे उसके सामने आ रही थी । )
अविनाश: सॉरी गायस... आई एम लिटल इमोशनल सो माफी चाहता हूं .. आवाज के लिए । ( वह फिर से गाने की शुरुआत करता है ।)
हम्मम अ...हम्म अ..हम्म
तुझसे ही तो मिली है राहत
तू ही तो मेरी है चाहत
तुझसे ही तो जुडी ज़िन्दगी
तेरी यादें हैं कुछ अधूरी
सांस आधी है कुछ है पूरी
आँखों में है कैसी ये नमी
मेरा मन कहने लगा पास
आके ना तू दूर जा
छूने दे होंठ तेरे
ज़रा साँसों में अपनी बसा आ.. हुं..
(अविनाश गाना गा ही रहा था की सभी लोग सेम और पारूल को डांस करने के लिए कहते है की सेम पारूल का हाथ पकड़ते हुए उसके साथ डांस कर रहा था पर पारुल का मन तो विचलित था । वह जानती थी की यह सांग अविनाश और उसके अतीत के लिए कितना खास था । )
अविनाश: ( पारुल और सेम को डांस करते देख उसका दिल जल रहा था लेकिन वह खुद को संभालते हुए आगे गाना गाता है । )
तुझे अपना बना लूं तुझे
तुझ से चुरा लूं
तुझे खुद में छुपा लूं
साहिबा इक मुझ पे करम हो
तू ही मेरा सनम हो
तेरी मुझ पे नज़र हो,
अविनाश: ( अतीत को याद करते हुए )
गोलू: देख ये हमारा खास सांग है । तो हम दोनो फिर से मिलेंगे तब इसी जगह पर फिर से डांस करेंगे ।
परी: और अगर मैने या तुमने किसी और के साथ उससे पहले डांस कर लिया तो ..!?
गोलू: तो समझ ले वह हमारी आखिरी मुलाकात होगी।
परी: मतलब!?।
गोलू: मतलब मै तुम्हारे और तुम मेरे लिए उस दिन से एक दूसरे के लिए मर गए । प्रोमिस कर तू या मै किसी और के साथ इस सांग पर डांस नही करेगे।
परी: पिंकी प्रोमिस ....। ( खिलखिलाते हुए ) हिहिहि।
गोलू: ( परी की ओर देखते हुए मुस्कुरा रहा था । )।
पारुल: ( अतीत की सारी यादें जैसे उसे बैचेन कर रही थी । वह अविनाश की ओर देखे जा रही थी और आंखो ही आंखो में मानो सवाल कर रही थी की क्यों आखिर यही सॉन्ग क्यो!?।)
अविनाश: ( दर्द के साथ आंखे बंद करके मुस्कुराते हुए आगे गाना गाता है।)
साहिबा हमम … आ आ …
मर मैं जाऊँगा रह ना पाऊं
ग़म जुदाई का सह ना पाऊं
ए तुझे प्यार का वास्ता
तेरी यादें हैं कुछ अधूरी
सांस आधी है कुछ है पूरी
आँखों में है कैसी ये नमी
रात के चाँदतले आगोश में
मेरी तू आ.. बाहों में ले लो
मुझे ज़रा सपनो में अपने बसा
मेरा मन कहने लगा
पास आके ना तू दूर जा
छूने दे होंठ तेरे ज़रा साँसों में
अपनी बसा आ..
यह चार से पांच मिनिट मानो अविनाश और पारुल के लिए सालो का सफर था । दोनो यादों में वापस चले गए थे। अविनाश गाना पूरा होते ही अपने कमरे की ओर चला गया था । वह थोड़ी देर ओर रुका तो उसके लिए खुद की भावना को रोक पाना मुश्किल था। तालियों की गड़गड़ाहट लोगो की आवाज सब जैसे उसके कानो तक पहुंच ही नहीं रहा था। उससे तो सिर्फ अपने दिल की आवाज सुनाई दे रही थी। पारुल का भी कुछ यही हाल था। वह अविनाश से बात करना चाह रही थी। जो सवाल उठ रहे थे उसके जवाब चाहिए थे उससे। और सिर्फ अविनाश ही उसके सवाल के जवाब दे सकता था। इस वजह से वह भी एक्सक्यूज मि कहकर अविनाश को ढूंढने उसके पीछे दौड़ती हुई चली गई।