pain in love - 14 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | दर्द ए इश्क - 14

Featured Books
Categories
Share

दर्द ए इश्क - 14

विकी ... विकी... दरवाजा खोलो...। विकी के कानो में किसी चीज के खटखटाने की आवाज आ रही थी लेकिन वह अपनी आंखे नही खोल पा रहा था । उसका सिर तो दर्द के मारे फटा जा रहा था । और उसका पूरा बदन दर्द कर रहा था । वह खुद को संभालते हुए खड़े होने की कोशिश करते हुए आंखे खोलने का प्रयास कर रहा था । लेकिन रोशनी की वजह से वह फिर से आंखे बंद कर देता है । फिर से शोर की आवाज आ रही थी । जिससे वह आंखे खोलते हुए देखता है तो कोई दरवाजा खटखटा रहा था । विकी... विकी...।


विक्रम: (दरवाजा खोलते हुए ) क्या है मां इतनी सुबह सुबह क्यो परेशान कर रही हो ( सिर को पकड़ते हुए ) ।


प्रेमा: ( चिंतित होते हुए ) विकी ये क्या हाल बना रखा है अपना । क्या हुआ !!! ( कमरे की ओर देखते हुए ) ।


विक्रम: ( मां की बात को काटते हुए ) मां मै थोड़ी देर में तैयार होके नीचे आ रहा हूं । तुम अभी प्लीज यहां से जाओ ।


प्रेमा: पर विकी...!।


विक्रम: मां मैने कहां ना मै ठीक हूं । कल रात कुछ ज्यादा ही पी ली थी । इस वजह से ... मै थोड़ी देर मैं आता हूं तुम जाओ अभी प्लीज...!।


प्रेमा: तुम सच में ठीक हो ना!!।


विक्रम: (मुस्कुराते हुए हामी भरते हुए दरवाजा। बंद कर देता है ।)


विकी सीधा बेड पे जाके लेट जाता है । और मानो सोच रहा होता है की क्या से क्या हालत हो गई है उसकी। वह चाह कर भी ना तो गम में जी सकता है ना ही खुशियां को महसूस कर सकता है । इससे अच्छा तो .... वह अपने खयाल को यही रोककर वह बगल वाले टेबल पर से दवाई ढूंढ रहा होता है । वह पैंनकीलर खाते हुए खुद का हुलिया देखता है । आंखो के नीचे गड्ढे .... आंखे लाल बाल बिखरे हुए... । मानो जैसे मातम में से आया हो । वह खुद का सिर ना मे हिलाते हुए वह नहाने चले जाता है ।


करीब आधे घंटे बाद जब वह रेड्डी होकर आता है तब उसकी मां बाप उसका नाश्ते के लिए इंतजार कर रहे थे ।


विक्रम: गुड मॉर्निंग डेड...।


धर्मानंद: गुड मॉर्निंग ... ।


प्रेमा: ( व्यथित होते हुए विकी की ऑर देखती है !!)।


विक्रम: ( आंखो से अपनी मां को कहता है की वह ठीक है । ) मां जल्दी से नाश्ता लाओ यार बहुत जोरो से भूख लगी है ।


प्रेमा: ( मन तो नहीं मान रहा था लेकिन फिर भी वह विकी को मुस्कुराता देख खुद को समझा ही लेती है । ) बस पराठे बन ही रहे है । अभी मखन लगाके के देती हूं ।


विक्रम: ( मुस्कुराते हुए ) क्या बात है !! अगर ऐसा नाश्ता मिलता रहा और डेड खाते रहे तो और भी जवान दिखेंगे और हेंडसम बनते जायेगे और फिर मां आपका ही टेंशन बढ़ेगा !! । ध्यान रखिए ... .।


धर्मानंद: ( जोर जोर से हंसते हुए ) हाहाहाहाहा .... अब ये तो सब तेरी मां के प्यार का कमाल है । ( प्रेमा की ओर देखते हुए मुस्कुराते हुए ) ।


विक्रम: हां ... हां... वो तो मै अच्छी तरह जानता हूं ... ! तभी तो आसपास की आंटिया आपके ऊपर मरती है ।


धर्मानंद: ( विकी की को आंखो से चुप होने का कहते हुए ) ... ।


विक्रम: ( मुस्कुराते हुए ) देख लो मॉम कही ऐसा ना हो डेड हाथ से निकल जाए । ( अपनी हंसी को रोकते हुए )।


प्रेमा: ( धर्मानंद की ओर गुस्से में देखते हुए )


धर्मानंद: अरे यार! प्रेमा तुम्हारे सिर की कसम मै किसी को आंखे उठाके के देखता भी नही उनसे बात करना तो दूर की बात है । ये तुम्हारा बेटा हमारी लड़ाई करवाना चाहता है । और कुछ नही ( विकी को आंखो से मदद करने के लिए कहता है ! )।


विक्रम: ( अपना पराठा खाते हुए अपनी मां के सिर पे किस करते हुए कहता है ! ) वैसे मां हां ये सच है की डेड उनसे सामने से बात नहीं करते !! ।


धर्मानंद: ( मुस्कुराते हुए ) देखो!! मैने कहां था ये लड़ाई करवा रहा था ।


विक्रम: अच्छा अब मै चलता हूं मुझे कुछ काम है तो शायद देर हो जाएगी आने में ।


धर्मानंद: ( आंखो से हां कहते हुए ) ।


प्रेमा: पर...!।


विक्रम: पता है मै ख्याल रखूंगा खुद का और किसी भी तरह की चौंट या खरोच भी नही लगने दूंगा । अब मै जाऊ!?!।


प्रेमा: हमम... जल्दी आना! ।


विक्रम: हम्मम... ( कहते हुए वह कार की चाबी लेकर वहां से निकल जाता है । ) ।


विकी जैसे ही कार का दरवाजा खोलता है तो देखता है की सूझी वहां पर खड़ी थी । विकी मुस्कुराते हुए सूझी की ओर देखते हुए कहता है ।


विक्रम: सूझी ... तुम यहां ...? ।


सूझी: यस बट ना कोई हग कुछ भी नही !!? ।


विक्रम: ( मुस्कुराते हुए ) ओके सॉरी ( सूझी को गले लगाते हुए ) अब बताओ यहां कैसे आना हुआ ।


सूझी: क्यो मैं नहीं आ सकती !!?।


विक्रम: नही बिल्कुल आ सकती हो पर..!?।


सूझी: कहीं ओर चलके बात करे!!?।


विक्रम: ओके नो प्रोब्लम... ( कार का दरवाजा खोलते हुए ) ।


सूझी: ( मुस्कुराते हुए विकी को थैंक यू कहती हो ! ) ।


विक्रम: ( मुस्कुराते हुए कार में बैठते हुए कार स्टार्ट करता है । ) तो..!?।


सूझी: तो!!?।


विक्रम: मतलब क्या बात करनी थी जो तुम...


सूझी: विकी को अचानक लिप पर किस कर रही थी !! ।


विक्रम: ( सूझी के इस हरकत से वह दंग रह जाता है ! वह कार को साइड में पार्क करते हुए सूझी को खुद से दूर करते हुए कहता है । ) सूझी व्हाट्स रॉन्ग ..!? ऐसा क्यों बिहेव कर रही हो !! ? ।


सूझी: ( रोते हुए ) विकी.....विकी ... आई लव... यू ....।


विक्रम: ( गुस्से ओर आश्चर्य में सूझी की ओर देखते हुए ) सुजेन .. व्हाट्स रॉन्ग ... अब ये कुछ... !।


सूझी: ( फिर से विकी की बात काटते हुए लिप पे किस करने लगती है । वह विकी के शर्ट के कॉलर को पकड़ने के चक्कर में उसके गले में जो लॉकेट था । उससे गलती से तोड देती है । ) ।


विक्रम: ( फिर से सूझी को दूर करते हुए । कार से बहार चला जाता है । अगर वह एक और मिनिट कार के अंदर रहा तो पता नही वह गुस्से में क्या कर बैठेगा । )


सूझी: ( कार के बहार आते हुए विकी के हाथ को अपने हाथ में लेती है । ) सॉरी विकी सॉरी पर ... ! ।


विक्रम: ( सूझी का सिर अपनी ओर करते हुए ) सूझी क्या हुआ है । तुम जानती हो ना मै हमेशा तुम्हारे साथ हूं। चाहे कोई भी प्रोब्लम हो ।


सूझी: ( विकी का हाथ अपने हाथ में लेते हुए ) विकी आई ... लव...


विक्रम: ( सूझी अपनी बात पूरी करे उससे पहले ही अपना हाथ सूझी के हाथ से दूर कर देता है । जिससे उसकी उंगली की अंगूठी जमीन पर गिर जाती है । ) व्हाट द फ**ग रॉन्ग विथ यू !! ऐसा बिहेव क्यो कर रही हो !! । क्या तुमने कुछ नशा किया है!!? ।


सूझी : नो विकी आई एम इन ... लव..।


विक्रम: फ**क सूझी अगर एक और बार ये लव शब्द तुमने बोला तो मै खुद नही जानता मै क्या करुगा। फॉर गॉड सेक प्लीज स्टॉप घिस।


सूझी: ( विकी का हाथ जबर्दस्ती अपने हाथ में पकड़ने की कोशिश करती है और इसी हाथापाई मै वह विकी की घड़ी सूझी के हाथ में आ जाती है । ) ।


विक्रम: सूझी .... ( गुस्से में सूझी को एक थप्पड़ मारने ही वाला होता है की वह खुद को रोक लेता है । ) ।


सूझी: ( डरके मारे आंखे बंद करके विकी के थप्पड़ का इंतजार ही कर रही थी की जब कुछ देर बाद कुछ भी नही हुआ तो वह आंखे खोलती है । विकी गुस्से में अपने ही बालो को खीच रहा था । सूझी को हंसी भी आ रही थी और गुस्सा भी । वह कार में से पानी की बोतल लाते हुए विकी को देती है । ) सॉरी...


विक्रम: ( गुस्से में सूझी की ओर देखते हुए पानी की बोतल उसके हाथो मै से लेते हुए खोल ही रहा था की तभी सूझी उस पर गिर जाती है और पानी विकी के शर्ट पर गिर जाता है । जिससे गुस्से में विकी सूझी को कुछ कहने वाला होता है की तभी सूझी कहती है । )


सूझी: ओह माय गॉड ... आई एम सो सॉरी ... । आई डिड नोट ...


विक्रम: ( चिल्लाते हुए ) सूजी ... आहहह.... ।


सूझी: शर्ट उतार दो !! नही तो तुम्हे एलर्जी हो जाएगी ! । जल्दी!! ।


विक्रम: ( विकी गुस्से में कुछ कहने ही वाला होता है की तभी मानो जैसे उसके दिमाग में कुछ करंट सा लगा हो । वह जैसा सूझी कहा था तुरंत शर्ट उतार कर कर के ऊपर रख देता है । )


सूझी: ( विकी का हाथ पकड़के उससे कार से थोड़े दूर ले जा रही थी । वह विकी को अपने करीब करते हुए कान में कहती है । ) ( धीरे से ) विकी लिस्टन केर फूली और कुछ भी बाते कहू उससे सुनकर चौंकना मत । जो भी सामान अभी था उसमे कैमरा या तो ऑडियो सिस्टम सेट की हुई थी । और में तुम्हे सीधी तरह से यह सब नहीं बता सकती थी क्योंकि कार घड़ी शर्ट अंगूठी सभी ... ।


विक्रम: ओह सूझी आई लव यू टू .... ( सूझी के होठ पर किस करते हुए ) ।


सूझी: ( विकी की इस हरकत से दंग रह गई थी । वह कहने को तो उसके दिल में विकी के लिए कोई फिलिंग नहीं थी । पर अभी उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था । ) एएम....। ( तभी कार के हॉर्न की आवाज आती है। सूझी पीछे मुड़कर देखती है तो तान्या और रेहान थे । सूझी विकी को धक्का देते हुए थोड़ी दूरी बनाती है । ) ।


रेहान कार से उतरते हुए कहता है ।


रेहान: एवरीथिंग इस ऑलराइट गायस !!! ।


विक्रम: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) तुम्हे कुछ ठीक नहीं है ऐसा कुछ लग रहा है!? । वो तो हम दोनो बस एक दूसरे से दूरी बर्दास्त नही कर पाए इसलिए...!।


सूझी: ( विकी के मुंह पर हाथ रखते हुए उससे एक मुक्का मारते हुए कहती है । ) विकी ... पागल हो गए हो।


विक्रम: ( सूझी को अपनी ओर खींचते हुए ) यप बेब तुम्हारे प्यार में ( सूझी के गाल पर किस करते हुए ).।


सूझी: ( के गाल लाल हो गए थे । वह कुछ बोल नहीं पा रही थी । )


तान्या: ( मानो उसका दिल जल रहा था । वह सूझी को विकी से दूर करके विकी को एक थप्पड़ मारना चाहती थी। खुद को गुस्से को कंट्रोल करते हुए ) रेहान लेट्स गो वि आर गेटिंग लेट ।


विक्रम: ( मुस्कुराते हुए तान्या ओर रेहान की ओर देखते हुए ) वैसे तुम दोनो यहां इस सुनसान रास्ते पे !!? ।


रेहान: ( बात को संभालते हुए ) अरे ! मैईन रोड पे काफी ट्रैफिक था तो इस वजह से ।


विक्रम: ओके हैव सेफ जर्नी!! । ( तान्या की ओर देखते हुए वह सूझी को किस करता है । तान्या यह देखकर ना चाहते हुए भी गुस्सा छुपा नहीं पा रही थी । तान्या कार में बैठते हुए दरवाजा जोर से बंद करती है । जिस वजह से विकी के चहेरे पे एक मुस्कान आ जाती है । )


सूझी: ( विकी को धक्का देते हुए ) फ**क मेन .. अब तुम्हे क्या हुआ !! उन लोगो के सामने ऐसे बिहेव क्यो कर रहे थे ।


विक्रम: ( मुस्कुराते सूझी से कहता है ! ) स्पाइंग राईट. तुम्हे लगता है कोई मुझ पे नज़र रख रहा है ।


सूझी: तो तुम्हारा मतलब है ये... ।


विक्रम: यस वो दोनो !!!?।


सूझी: नो वेय... ओह माय गॉड...!। पर क्यों.. ।


विक्रम: ( आंखे बंद करके दांत भिसते हुए ) स्तुति के मौत का बदला...!।


सूझी: पर वो तो तुमने ...


विक्रम: नही किया... ( दर्द के साथ हंसते हुए ) हहाहाहाहाहाहा कौन मानेगा यह बात ! ।


सूझी: मै मानती हूं क्योंकि उस रात तुम उस गुंडे से मेरा रेप होने से बचा रहे थें और हम दोनो सारी रात जंगल में छुपे हुए थे ।


विक्रम: हाहाहाहाहा .. तो क्या वह केमेरा रिकॉर्डिंग झूठी है !! जो मै दिखाई दे रहा हूं स्तुति को जलाते हुए ।


सूझी: पर.. विकी... ।


विक्रम: लीव ईट सूझी ... । अब ये पता करो तान्या का इसमें क्या कनेक्शन है ।


सूझी: ( विकी को दर्द भरी नजरो से देखती है ).. हम्म।


विक्रम: ओह कमोन मुझे तुम्हारी ये सिमपेथी नही चाहिए और ये रहम की जरूरत नहीं है । तो ऐसी नजरो से देखना तो बंद ही कर दो ।


सूझी: आई विश हम दोनो एक दूसरे से प्यार करते कम से कम ये दिल तो ना टूटता ....।


विक्रम: हाहाहाहाहा.... वो तो हम अब भी कर सकते है । ( सूझी को अपनी ओर खींचते हुए )


सूझी: ( विकी के हाथ पर थप्पड़ मारते हुए ) घटिया ... ।


विक्रम: कमोन बेब यही घटिया इंसान तुम्हारे ब्रेक अप के वक्त तुम्हारे साथ था ।


सूझी: हां ठीक है ठीक है एहसान गिनवाने की जरूरत नहीं है ।


विक्रम: चलो फिर ठीक है आज के लिए इतना प्यार काफी है ।


सूझी: ( विकी की ओर देखते हुए जोर जोर से हंसने लगती है । ) हाहाहाहाहा.... यू मै ये मारते दम तक नहीं भूलूंगी .... ।


विक्रम: नाइधर मि .. हाहाहाहाहा... वैसे तुम्हारे एक्स को भेजने की जरूरत थी ये हमारा हॉट लव सीन .... ।


सूझी: हाहाहाहाहा ... सो अब घर कैसे जाएंगे !! । तुम्हारी कार तो मंगवा नही सकते ।
विक्रम: अपने घर कॉल कर लो !! कार मंगवा लो ।
सूझी: गुड आइडिया... ।

सूझी कार में से अपना फोन निकालकर फ़ोन कर रही थी तभी विकी आसमां की ओर देखते हुए मुस्कुरा रहा था । सॉरी ... आई डोंट वॉट टू बट मजबूरी थी । सॉरी .. स्तुति..! । तभी सूझी आती है और विकी को कहती है की थोड़ी देर में ड्राइवर यहां आ जाएगा । विकी हम्मम कहते हुए सूझी को जवाब देता है । और फिर से आसमान की ओर देखकर मुस्कुराने लगता है ।