Takdeer ka khel - 2 in Hindi Fiction Stories by Aarushi Varma books and stories PDF | तक़दीर का खेल - 2

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तक़दीर का खेल - 2

मुंबई एरपोर्ट...🛫🛫
(अमेरिका से मुंबई आने वाली विक्रम की फ्लाइट आ चुकी थी)
विक्रम एयरपोर्ट से सीधा बाहर निकलता है। और बाहर वह अपने छोटे भाई नील की राह देख रहा है।
विक्रम अपनी स्मार्ट वॉच में टाइम देखता है। और फिर मन ही मन कुछ सोचता है।
विक्रम :- (मन में) यार ये गोलू भीना, उसे कहा था कि ⌚8:00 बजे पहुंच जाए। अब तक नहीं पहुंचा है।
विक्रम वहां पर खड़ा है, और तभी उसके पास 2 लोग आते हैं।
पहला बोलता है :- Excuse me Sir, can I check your passport and bag?
विक्रम :- लेकिन क्यों?
दूसरा बोलता है :- देखीये मिस्टर आपसे जितना कहा है उतना करिए, हम CID Officers हैं, यह देखिए हमारा I. D
(ऐसा कहकर वह आईडी दिखाता है।)
पहला बोलता है :- मैं हूं Officer रवि और यह है Officer सनी।
विक्रम :- वह सब ठीक है, लेकिन आप मेरा बैग चेक क्यों करना चाहते हैं? मैंने तो कुछ नहीं किया!..
सनी :- देखिए मिस्टर, हम यहां पर एक ड्रग स्मगलर को पकड़ने आए हैं। और इसीलिए हम सभी का बेग चेक कर रहे हैं, तो प्लीज आप हमें चेक करने दीजिए बैग और हमारा काम करने दीजिए।
विक्रम :- लेकिन, अगर आप ड्रग स्मगलर को ढूंढने आए हैं तो फिर आपको पता भी तो होगा ना कि वह कैसा दिखता है! तो फिर उसी को ढूंढिए ना डायरेक्ट, मेरा बैग क्यों चेक करना है आपको? मैं कोई स्मगलर नहीं हूं।
रवि :- (हंस के)😅 क्या आप भी! अगर हमें पता होता कि वह कैसा दिखता है, तो फिर हम यहां पर सब के बैग चेक कर रहे होते?
सनी :- हां, हमें सिर्फ इंफॉर्मेशन मिली है कि यहां पर एयरपोर्ट पर आज ड्रग की स्मगलिंग होने वाली है। और क्या पता आप ही वह स्मगलर हो🧐? अगर नहीं हो तो हमें बैग चेक करने दीजिए।
विक्रम :- Ok, alright. you can check but please do it fast I am getting late.
रवि :- चिंता मत करिए, हम आपका ज्यादा समय नहीं लेंगे।
सनी विक्रम का बैग चेक कर रहा होता है, तभी विक्रम रवि से बात कर रहा होता है, और जब उसका ध्यान नहीं होता तब सनी चुपके से दो ब्राउन शुगर के पैकेट विक्रम के बैग में डाल देता है😯 और उसके बाद वही पैकेट वह दिखाता है।
सनी :- यह देखो रवि, ब्राउन शुगर! मतलब यह झूठ बोल रहा था! स्मगलर कहीं का पकड़ो इसे।
(रवि उसे हथकड़ी पहना देता है।)
विक्रम कुछ समझ नहीं पाता है कि उसके बैग में वह पैकेट आई कहां से और वह बोल पड़ता है...
विक्रम :- अरे... अरे यह कैसे हुआ🙁😮😳अ..ब ये पैकेट मेरे..मेरे.. नहीं हैं सच बोल रहा हूं मैं, ऑफिसर प्लीज मेरा यकीन करिए मैं.. मैं..स्मगलर नहीं हूं, अरे मेरा भाई तो...
सनी बीच में ही बोल पड़ता है :- हमें नहीं जानना कि कौन है तुम्हारा भाई समझे?
विक्रम :- अरे लेकिन??...
रवि फिर से विक्रम को ना बोलने दे कर खुद ही बोल पड़ता है :- लग तो बिल्कुल शरीफ घर के रहे हो। पर्सनैलिटी भी बहुत अच्छी है 😎। फिर ऐसा काम क्यों करते हो?
सनी :- अरे रवि यार यह शरीफ घर के बिगड़े हुए बच्चे ही ना ऐसा सब कुछ करते हैं, ड्रग की स्मगलिंग ।
विक्रम :- (गुस्से में) देखिए ऑफिसर, अब ये कुछ ज्यादा हो रहा है😠 मैं आपको बता रहा हूं ना कि मैं स्मगलर नहीं हूं, तो फिर आप मेरी बात का यकीन क्यों नहीं कर रहे हैं?? हथकड़ी खोलिए मेरी😤।
रवि :- कितना बोलता है यह! 🙄
सनी :- सही बात है। 😒
विक्रम :- देखीये मैं आप को कह रहा हूं, मेरी हथकड़ी खोल दीजिए😤। मैं स्मगलर नहीं हूं और यह पैकेट....यह पैकेट....मेरे बैग में कहां से आए वह मुझे नहीं पता है🤔।
रवि :- बस अब बहुत हुई तुम्हारी बकबक😒 हमें कुछ नहीं सुनना है चुप हो जाओ🤫।
विक्रम :- नहीं मैं तो बोलूंगा, तुम लोग मेरी बात सुनी नहीं रहे हो मैं समझा रहा हूं समझा समझा कर थक....
वह पूरा बोल पाए उससे पहले ही सनी ने उसके मुंह पर टेप 🤐 चिपका दी।
रवि :- हां यह ठीक किया सनी तूने। कब से बोले जा रहा था।
विक्रम के दोनों हाथ तो हथकड़ी से बंधे हुए हैं और अब उसका मू भी बंद हो गया है, तो वह कुछ नहीं कर पाता है।😔
सनी :- तो फिर चलो, ले चलते इसे सर के पास।
वह दोनों विक्रम को पकड़ कर लेकर जाते हैं, और जीप 🚙 में बिठाते हैं उसका सामान भी जीप में डालते हैं और फिर उनके हेड के पास जाने के लिए निकल जाते हैं एयरपोर्ट से।
कुछ देर बाद जीप एक घर के पास पहुंचती है जो बिल्कुल सुनसान रस्ते पर है। विकी को समझ नहीं आ रहा होता है कि वह दोनों से कहां लेकर गए हैं और वह अभी भी अपने हाथों को और अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रहा है, और कुछ बोल भी नहीं पा रहा है, और कुछ देख भी नहीं पा रहा है क्योंकि फिर जीप में बिठाने के बाद सनी ने उसके सर पर काली टोपी पहना दी थी। सनी उस घर के पास जीप को रोकता है और उसके बाद रवि और सनी जीप से निकल के विक्रम को भी जीप से बाहर निकालते हैं, और घर के अंदर लेकर जाते हैं। विक्रम को सिर्फ इतना समझ आता है कि वह किसी घर के अंदर आया है लेकिन वह कहां है किस जगह पर है वह कुछ भी उसे नहीं पता है और ना ही उसके पास उसका फोन है क्योंकि वह भी सनि, रवि ने जप्त कर लिया था। उस घर के अंदर एक और आदमी था । उसे देख कर सनी और रवि ने उसे सैल्यूट किया।
सनी और रवि :- (साथ में) जय हिंद सर।
इससे विक्रम समझ गया कि वह उनका हेड ऑफिसर था।
हेड ऑफिसर :- जय हिंद, वैसे Good job👍👏 सनि, रवि। तुम दोनों ने बहुत अच्छा काम किया, यह स्मगलर को पकड़कर Very good..
वैसे वो ऑफिसर की पर्सनालिटी भी कोई हीरो से कम नहीं थी।
सनी, रवि :- (साथ में) Thank you sir..
हेड :- अभी इसे यहां पर बैठाओ कुर्सी पर।
रवि हेड ऑफिसर के कहने पर विक्रम को उस कुर्सी पर बैठता है जो वह कमरे के अंदर रखी हुई थी।
विक्रम कुछ बोल नहीं पा रहा है और ना ही कुछ समझ पा रहा है कि उसके साथ क्या हो रहा है, और वह लोग उसे कहां लाए हैं, और वह हेड कौन है??? 🤔🤔 उसके मन में कई सारे सवाल घूम रहे होते हैं तभी वह जो हेड ऑफिसर था वह विक्रम की हथकड़ी एक हाथ से निकालता है और कुर्सी के साथ बांध देता है, और विकी कुछ नहीं कर पाता है, और उसके बाद वह तीनों कुछ भी बोले बगैर वहां से चले जाते हैं। विक्रम को उनके जाने की आहट सुनाई देती है, और विक्रम उनके जाने के बाद तुरंत अपने सर पर लगी हुई टोपी उतारता है, और मुह परसे टेप भी निकालता है तो देखता है वह कमरा बिल्कुल अंधेरा था वहां पर कोई नहीं था और ना ही उसे कुछ दिख रहा था।
विक्रम :- अरे यह तीनों कहां चले गए और यह कौन सी जगह कहां पर लाए हैं वो मुझे??? कुछ समझ नहीं आ रहा है, कितना अंधेरा है यहां पर।
तभी उसकी नजर उसके पास रखें टेबल पर पड़ती है वहां पर एक चाबी होती है। विक्रम वो चाबी अपने दूसरे हाथ से लेता है उसे लगता है शायद यह हथकड़ी की चाबी हो???🤨 तो वह हथकड़ी खोलने की कोशिश करता है, और हथकड़ी खुल जाती है😃😌।