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Chapter-5.6: प्यार एवं जुदाई
इस तरह दोनों का रिश्ता बहुत अच्छे से कट रहा था, पर जब भी माधव कीर्ति से शादी की बात करता वो बात का रुख ही मोड़ देती थी। ऐसी बहुत सी बातें थी जो माधव ने जानने की कोशिश की पर कीर्ति उसे कुछ नहीं बताती थी। इसी वज़ह से कभी इन दोनों में झगड़ा भी हो जाता था।
“तू ऐसी क्यों है? क्या है जो तू अंदर ही अंदर छुपा रही है? मेरी समझ से तू इतनी परे क्यों है?” माधव ने पूछा
“तू इन सब फालतू की बकवास क्यों कर रहा है, तुझे क्या जानना है? क्यों जानना है? जब जो बात कहने लायक होगी मैं तुझे बता ही दूंगी।”
“मैं शादी की बात करता हूं तो क्यों तू मुंह फेर लेती है, कोई जवाब क्यों नहीं देती?”
“मैंने तुझे पहले ही कहा था कि मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी, अभी हम दोनों को एक दूसरे को समझना चाहिए। एक दूसरे को वक़्त देंगे तभी तो समझ पाएंगे।”
“अब कितना वक़्त चाहिए कीर्ति? हमें इस रिलेशनशिप को निभाते हुए 5 साल हो गए, फिर भी अभी मुझे ऐसा ही लगता है कि जैसे तू मेरे लिए अजनबी है। तू इतनी रहस्यमय क्यों है?”
“मैं समझ नहीं पा रही हूं इतनी छोटी सी बात को लेकर तू इतना टेंशन क्यों ले रहा है? मैं तुझसे प्यार करती हूं ये काफ़ी नहीं है तेरे लिए?”
“काफ़ी है, पर एक दूसरे से जब तक खुल के बात नहीं करेंगे तब तक एक दूसरे को जानेंगे कैसे? और किसी भी रिलेशनशिप में 5 साल बहुत होते है एक दूसरे को जानने के लिए।”
“तो कहना क्या चाहता है, मैं तुझे या तू मुझे समझ नहीं पाए, तो अलग हो जाए?”
“अलग होने की बात मैंने कब कही? उलटा मैं तो तुझसे शादी करना चाहता हूं।”
“अभी के लिए फ़िलहाल इतना समझ लें कि मैं शादी के लिए तैयार नहीं हूं, जब हो जाऊंगी तो तुझे सामने से कहूंगी। अभी और कोई बात है कहने को या बहस ही करनी है?”
“तुझे मेरी बात बहस क्यों लग रही है? मैं जस्ट नॉर्मली तुझसे पूछ रहा हूं, बहस नहीं कर रहा हूं।”
“आगे और बहस हो इससे अच्छा है, हम कोई और बातें करें।”
“तू बता! अभी भी फेमस सिंगर नहीं बन पाई ना तू? और सुरवंदना में थी तब मुझे चैलेंज दे रही थी।”
“तू बहुत बड़ा सिंगर बन चुका है ना तो उसकी ख़ुशी मना, मैं कभी ना कभी तो फेमस सिंगर बन ही जाऊंगी।”
“मैं दिल से दुआ करूंगा कि तू एक दिन ऐसी सिंगर बन जाए।”
एक फेमस गायक होने के नाते माधव की चिंता जायज़ थी, सभी को माधव और कीर्ति के अफेयर के बारे में पता था। अखबारों में और न्यूज़ चैनल्स में आये दिन उन दोनों के बारे में अफवाह फैलती रहती थी। इसका नतीजा ये हुआ कि दोनों की कैरियर पर उसका धीरे धीरे असर पड़ने लगा। और उसके चलते दोनों के रिश्ते में भी धीरे धीरे कड़वाहट आने लगी। माधव को गाने के लिए अब कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिल रहा था। दूसरी तरफ कीर्ति को भी कोई अच्छा चांस नहीं मिल रहा था।
“कुछ भी सही नहीं हो रहा, पता नहीं क्या हो रहा है?” माधव ने कीर्ति से कहा।
“तू क्यों इतना सोच रहा है? करेंगे ना कुछ हम दोनों।” कीर्ति ने आश्वासन देते हुए कहा।
“क्या करेंगे हम दोनों? शादी की बात करता हूं तो वो तो करनी नहीं है, आखिर कब तक हम दोनों ऐसे ही रहेंगे?”
“तू फिर से वही बात दोहरा रहा है, माधव। मैंने कहा था ना तुझे कि मुझे शादी के बारे में कोई बात नहीं करनी।”
“मेरी उम्र 30 के पास पहुंच गई है कीर्ति। हम शादी कब करेंगे? हमारे बच्चे कब होंगे? कब हम सेटल होंगे? या फिर हम बस यूं ही मिलते रहेंगे और कुछ नहीं।”
“तुझे क्या और करना है? क्या चाहिए तुझे? सेक्स चाहिए तुझे? जो इतना फ्रस्ट्रेट हो रहा है!”
“यार मैंने कब ऐसे कहा? तू अपने आप से ये सोच रही है। मैं अपने भविष्य के बारे में सोच रहा हूं और तू बकवास किए जा रही है।”
“अच्छा तो मैं बकवास कर रही हूं, तू अपने कैरियर के बारे में सोच नहीं रहा है, शादी की बकवास तू कर रहा है और उलटा मुझे कह रहा है कि मैं बकवास कर रही हूं। 30 साल गिना रहा है ना तू मुझे, अरे इस उम्र में लोग कहां से कहां पहुंच जाते है और तू वहीं का वहीं है। तुझे जो कामयाबी मिली वो तू डायजेस्ट नहीं कर पाया। अब उन सबका फ्रस्ट्रेशन तू मुझ पर निकाल रहा है। पहले हम दोनों को अपने कैरियर पर फोकस करना था, बाद में हम सेटल होने के बारे में सोचेंगे। यह बात मैंने तुझसे कितनी बार कही होगी पर तू समझ ही नहीं रहा है।” कीर्ति ने गुस्से में आकर एक सांस में सब कुछ बोल दिया।
“तू ख़ुद भी तो अपने कैरियर में कुछ कर नहीं पा रही है और मुझे बोल रही है। और तुझे किस बात का फ्रस्ट्रेशन है जो इतना चिल्ला रही है मुझ पर। मैंने भी तुझे बोल ही दिया है ना कि मेरा प्यार तुझसे है तेरी बोड़ी से नहीं, तो तेरे दिमाग में ये बात कैसे आई कि मैं तेरे साथ सेक्स नहीं कर पा रहा हूं इसीलिए फ्रस्ट्रेट हो रहा हूं?”
“मुझे तेरी किसी भी बकवास में दिलचस्पी नहीं है, तुझे शादी और मेरे अलावा कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा है।”
“जमाना बदल रहा है यार, तू समझ क्यों नहीं रही है। तू भी तो कैरियर बनाने के लिए संघर्ष कर ही रही है ना?”
“जमाना बदलेगा ये मैंने तुझे पहले भी कहा था, पर तू मेरी सुनता कब है? हर दम तुझे बस शादी, शादी, शादी और कुछ सूझता ही नहीं तुझको। तंग आ गई हूं मैं तुझसे अब।”
“क्या मतलब तंग आ गई है तू मुझसे?”
“समझ नहीं आती तुझे मेरी बात? नहीं रहना मुझे तेरे साथ और ना ही तुझसे शादी करनी है मुझे।”
“ऐसा क्यों बोल रही है? जो भी प्रॉब्लम्स है सब मिल कर सुलझा लेंगे यार। तू ऐसे बात क्यों कर रही है।”
“कुछ नहीं होगा! कुछ नहीं सुलझेगा। हम दोनों कितने साल से एक दूसरे के साथ है पर सोच हमने क्या हासिल किया? उलटा तेरी कैरियर चौपट हो गई।”
“तो साथ मिल के ये दौर भी काट लेंगे ना, अगर हमारी शादी हो गई होती और ऐसा खराब दौर आता तो क्या हम दोनों अलग हो जाते?”
“फिर से शादी की बात? मैं तेरी बीवी नहीं हूं, और ना ही तेरी बीवी बनना चाहती हूं। इन फैक्ट मैं किसी की बीवी नहीं बनना चाहती।”
“तो इस रिश्ते का कोई भविष्य नहीं है?”
“हां कोई भविष्य नहीं है।”
“तब मुझे क्या करना चाहिए?”
“अपने कैरियर पर ध्यान दे, जब तू कुछ बन जाएगा, या मैं कुछ बन जाऊंगी उसके बाद ही मैं इस रिश्ते के बारे में सोच पाऊंगी।”
“ऐसा मत कर, मैं बहुत मुश्किल से प्यार करना सीखा हूं। बुरे वक़्त में अब तू मेरा साथ मत छोड़।”
“बुरे वक़्त में अपना साया भी साथ छोड़ कर चला जाता है, तो मैं तो तेरी कुछ भी नहीं हूं।”
“तू मेरी सब कुछ है यार, मेरा और है ही कौन?”
“मैं तेरी कुछ नहीं हूं। लोग अकेले ही दुनिया में आते है और अकेले ही जाते है। उस बीच का जो संघर्ष होता है वही ज़िंदगी है।”
“ठीक है, जैसा तू चाहती है वैसा ही होगा। अब हम कभी नहीं मिलेंगे।”
“यही बेहतर होगा तुम्हारे लिए।”
“अलविदा!” माधव ने कहा पर कीर्ति बिना कुछ बोले ही वहां से चली गई। उसके जाते ही माधव टूट गया और फुट-फुट कर रोया। करीबन आधे घंटे रोने के बाद वो उठा और सोचा जाने दो उसे अगर उसे मुझसे सच्चा प्यार होगा तो वापस जरूर आएगी। फिर उसने ठान ली कि अब वो सिर्फ अपने कैरियर पर ध्यान देगा।
माधव की उम्मीद सही थी पर ऐसा हुआ नहीं कई महीने बीत गए पर कीर्ति की कोई खबर नहीं आई। धीरे धीरे माधव को भी कीर्ति के बिना जीने की आदत हो गई।
Chapter 6.1 will be continued soon…
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✍️ Anil Patel (Bunny)