Noukrani ki Beti - 33 in Hindi Human Science by RACHNA ROY books and stories PDF | नौकरानी की बेटी - 33

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नौकरानी की बेटी - 33

आनंदी ने गाड़ी में बैठ कर फोन पर सब कुछ कन्फर्म कर लिया था। फिर आनंदी बोली अनिकेत जी आप ने सब कुछ ठीक से देख लिया है कि कहा कैसे जाना है।
अनिकेत बोला हां जी मैम।सब कुछ ठीक है पर आज होटल पर पहुंच कर देर हो जायेगी तो कल सुबह से घुमाने का काम शुरू होगा।

आनंदी ने कहा अच्छा कितना बज जाएगा?
अनिकेत बोला अरे मैम आउटर एरिया है दो बजे तक। अभी आठ बज रहे हैं।

रीतू बोली ओह बहुत ही टाईम लग जायेगा।
आनंदी ने कहा हां पर खाना पीना।
अनिकेत बोला अरे वो सब एक दो जगह होल्ट करना होगा।

फिर सभी लोग बातचीत करते हुए जा रहे थे।

एक घंटे बाद एक होटल पर रूकें।

सभी लोग उतर कर फे्श होकर एक टेवल बुक किया और खाना खा कर फिर गाड़ी में बैठ गए।

फिर शाम चार बजे तक एक लग्जरी होटल पर हम सभी उतर गए।

राजू ने अन्वेशा और शना को लेकर होटल के अंदर बैठ गया।

फिर होटल के कमचारी आकर सबका सामान लेकर अन्दर गया।

रीतू बोली आनंदी वाह क्या होटल बुक करवाया है।
मजा आ गया ये शैलेश बोलें।

फिर अनिकेत बोला मैम आप लोग आराम किजिए मैं गाड़ी पार्क करके आता हूं।

आनंदी ने तीन रूम बुक करवाया था एक में रीतू की फैमिली और दूसरे में राजू के मम्मी पापा, एक में आनंदी और अन्वेशा कृष्णा।


सभी अपने अपने रूम चले गए। बहुत ही खूबसूरत सा था रूम।

सभी नहा कर थोड़ी देर आराम किया और फिर वही के रेस्तरां में जाकर खाना खाने बैठे।

फिर बातचीत,हंसी मजाक चल रहा था।
आनंदी ने अनिकेत को भी बोला कि जो खाना है खा ले।

फिर शैलेश ने खाना आर्डर किया और कुछ देर बाद खाना सर्व हो गया।

खाना बहुत ही लजीज था सबको भूख भी लगी थी तो सब खाना खा लिया।
आनंदी ने बिल कार्ड से कर दिया।

आनंदी ने कहा कि अब पांच बज रहे हैं।सब जाकर एक घंटे तक आराम करते हैं उसके बाद कहीं चलते हैं।
सभी ने हामी भर दी क्योंकि सभी थक गए थे।

फिर सब अपने अपने रूम में जाकर सो गए।

अन्वेशा की आदत थी वो कहानी सुनकर ही सोती थी।

फिर आनंदी ने एक परी की कहानी सुनाया और फिर अन्वेशा सो गई।
सभी की आंखें खुली जब वेटर डोर बेल बजा कर चाय नाश्ता देने आया।
सभी के रूम में अदरक वाली चाय, टोस्ट, और बच्चों के लिए दूध और बिस्कुट।।


आनंदी और कृष्णा ने चाय पी कर अन्वेशा को जगाया और दूध पीने को कहा। फिर सब तैयार हो कर एक जगह मिले।


फिर अनिकेत आकर बोले कि आज यहां पर ही मार्केट घुम लिजिए बाकी कल से शुरू करते हैं।

आनंदी ने कहा हां ठीक है। चलिए सब।

अनिकेत गाड़ी लेकर आ गया। फिर सभी बैठ गए।

आनंदी ने कहा दीदी मुझे अभी तक लंदन का वो घुमने जाना याद है।

शैलेश ने कहा हां सच बात है।


फिर अनिकेत ने बताना शुरू किया। ये देखिए

छप्पन दुकान इंदौर के सबसे अच्छे स्ट्रीट फूड हब में से एक है, जो विशेष, चाट, इडली और डोसा सर्व करता है। । छप्पन दुकान का शाब्दिक अर्थ है छप्पन दुकानें। जिस समय यह स्थापित किया गया था, उस समय यहां 56 अलग-अलग दुकानें शुरू की गईं थीं, जिनमें सभी खाद्य सामग्री बेची जाती थी।

शैलेश ने कहा अरे वाह क्या बात है।अनिकेत बोला अगर आप लोग को कुछ खाना पीना हो तो यहां बहुत कुछ है।


शाम को यहां फास्ट फूड से लेकर हर तरह के स्नैक को पसंद करने वालों की भीड़ जमा हो जाती है।
अगर आप यहां नहीं खाएं तो समझिए कि कुछ नहीं खाएं।


अगर आप इंदौर जाएं, तो किसी रेस्टोरेंट के बजाए छप्पन दुकानों पर अलग-अलग डिशेज का स्वाद लें।

फिर आनंदी और रीतू अनु कुछ थोड़ा बहुत शापिंग भी किया। और फिर नौ बजे तक होटल वापस आ गए।

आनंदी ने कहा अनिकेत कल हमलोग जल्दी निकल जाएंगे।
अनिकेत बोला हां मैम एकदम सात बजे।

सभी रूम में जाकर कुछ देर आराम किया और फिर सभी डिनर के लिए होटल के ओपन प्लेस पर चले गए।
बहुत ही शानदार जगह थी सब बैठ गए।


आनंदी ने सबसे पहले सूप आडर किया।
इस बार रीतू ने मेनू कार्ड से देख कर डिनर मंगवाया।


फिर खाना सर्व हो गया।
खाना खाने के बाद सभी सोने चले गए।


अन्वेशा बोली मां कल घुमी करने जाएंगे?
आनंदी ने कहा हां बेटा।

फिर सब लोग सो गए।

दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर नाश्ता करके निकल गए।


अनिकेत बोला मैम सबसे पहले खजराना गणेश मंदिर चलते हैं बहुत ही प्रसिद्ध है।

आनंदी ने कहा हां ठीक है वो रानी अहिल्याबाई और औरंगजेब ने बनवाया था।।

रीतू बोली हां पहले चलते हैं वहीं।
फिर गाड़ी सरपट दौड़ी।

एक घंटे बाद ये लोग वहां पहुंचे और देखा बड़ी संख्या में लोग आएं थे। दर्शन करने।

फिर हम सभी वहां पहुंच गए और बहुत ही अच्छे से दर्शन किया।




वहां एक गाइड आकर सब बात बता रहे थे।



खजराना गणेश मंदिर भगवान गणेश के सबसे शक्तिशाली मंदिरों में से एक है। इसे औरंगजेब से भगवान गणेश की मूर्ति की सुरक्षा के लिए रानी अहिल्याबाई होल्कर ने बनवाया था। पहले यह मंदिर एक छोटी सी झोपड़ी के रूप में था, लेकिन अब मंदिर में निर्माण कार्य के बाद इसे भव्य रूप दिया गया है। विनायक चतुर्थी को मंदिर में बड़े पैमाने पर उत्सव मनाया जाता है

फिर वहां से गाड़ी निकल गई। अनिकेत बोला आगे सर्राफा बाजार है वहीं चले।
आनंदी ने कहा हां ठीक है।
फिर सारे बाजार में जाकर खुब इन्जाय किया।। बहुत ही अच्छे अच्छे खाने का स्टाल लगाए गए थे। अनिकेत ने बताया कि यहां बहुत कुछ है।
सर्राफा बाजार में खाने के बहुत सारे स्टॉल हैं। इससे यह पता चलता है कि इंदौरवासी खाने के वाकई कितने शौकीन हैं। हर दिन 3000 से अधिक पर्यटकों का मनोरंजन करते हुए, सर्राफा बाजार के स्टॉल पर्यटकों को लजीज व्यंजन परोसते हैं। बेहद कम दरों पर यहां 50 से अधिक व्यंजन उपलब्ध हैं। सप्ताह के सभी दिनों में दर्शकों के लिए बाजार सुबह 08:00 बजे से देर रात 02:00 बजे तक खुला रहता है
सबको बहुत ही अच्छा लगा।

राजू ने बहुत सारा विडियो रिकॉर्डिंग किया और फोटो भी लिया।

फिर सभी गाड़ी में बैठ गए।शना और अन्वेशा को बहुत अच्छा लग रहा था।
अनिकेत बोला मैम अब यहां से एक जलप्रपात पर चलते हैं।
रीतू ने कहा हां ठीक है। यहां से वापस जायेंगे हां।
आनंदी ने कहा हां दीदी ठीक है।
फिर सभी जाकर गाड़ी में बैठ गए।

अनिकेत बोला यहां जो झरना है बहुत ही खूबसूरत है ‌

फिर कुछ देर बाद हम लोग उतर गए।

आनंदी ने कहा वाह क्या मनोरम दृश्य।
फिर एक गाइड आकर सब कुछ बताने लगा।
पातालपानी जलप्रपात इंदौर का सबसे दर्शनीय फोटो स्टॉप है। मानसून के समय यह झरना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन सालभर घूमने के लिए यह जगह अच्छी है। हल्की बारिश के मौसम में भी आप इस जगह का आनंद ले सकते हैं

राजू ने बहुत सारा सेल्फी पोज में फोटो लिया और फिर सभी होटल वापस आ गए।


क्रमशः