Swarn mudra aur Businessman - 1 in Hindi Fiction Stories by Shakti Singh Negi books and stories PDF | स्वर्ण मुद्रा और बिजनेसमैन - भाग 1

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स्वर्ण मुद्रा और बिजनेसमैन - भाग 1

बहुत समय पहले की बात है. मेरी नई - नई शादी हुई थी. कुछ समय बाद हमें पैसे की कमी पडने बैठ गई. मेरी पत्नी ने एक छोटी सी कंपनी ज्वाइन कर ली और मैं कमाने के लिए बाहर चला गया. वहां मैंने अपनी जान - पहचान वाले से कुछ राशन उधार लिया. चार - पांच कर्मचारी रखे और एक छोटा सा होटल किराए पर ले लिया. कुछ समय बाद मेरे पास बहुत सा धन हो गया. मेरा होटल बहुत बढ़िया चलने बैठ गया. धीरे-धीरे मैंने वह होटल का मकान भी खरीद लिया और अगल-बगल के अन्य मकान भी खरीद लिए.


सपने में मुझे कुबेर जी और लक्ष्मी जी दिखाई दिए. वे बोले पुत्र तुम्हारी मेहनत से हम बहुत खुश हैं. आज से हम तुम्हें स्वर्ण - मुद्रा नामक सिद्धि प्रदान करते हैं. मेरी नींद खुल गई. मैंने देखा कि मेरे सिरआने पर एक स्वर्ण मुद्रा रखी हुई है. अचानक उस स्वर्ण मुद्रा से कुछ मुद्राएं और निकल पड़ी. मुख्य मुद्रा मेंने संभाल ली. मुख्य मुद्रा से रोज कई स्वर्ण मुद्राएं निकलती थी. अब मैं एक बहुत बड़ा प्रॉपर्टी डीलर बन गया. मेरे पास गाड़ी, बंगला, कार, नौकर चाकर सब हो गये. यहां तक कि मेरे पास प्राइवेट प्लेन भी हो गया. अब मैं अपने गृह नगर में वापस आया. वहां मेरी पत्नी अभी भी एक छोटी सी पोस्ट पर उस कंपनी में काम कर रही थी. मैंने वह कंपनी पूरी खरीद ली और अपनी पत्नी को थोड़ी ट्रेनिंग देकर कंपनी का मुख्य अधिकारी बना दिया.


मेरी पत्नी और बच्चे जिस मकान में किराये पर रहते थे, मैंने वह मकान भी खरीद लिया और उसका रेनोवेशन करवाया. कुछ किराएदार भी वहां थे. इससे थोड़ी सी इनकम मकान से भी होने बैठ गई थी. आपकी क्या राय है. मैंने सही किया या गलत. कृपया टिप्पणी कीजिए. मैसेज भेजिए धड़ाधड़ धड़ाधड़. धन्यवाद.








अपना घर - द्वार मैंने सब ठीक-ठाक कर लिया. मेरा बिजनेस बहुत फैल चुका था. कई कंपनियों के शेयर मैंने खरीद लिए थे. नौकर चाकरों की कमी नहीं थी मेरे पास. अब मैं दिन-रात प्रभु की भक्ति करने लगा. लेकिन साथ ही साथ मैं बिजनेस पर भी ध्यान देता था. कई समारोहों में और कई जगह मुझे अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया. अब मैंने एक बड़े से स्लम को गोद ले लिया. स्लम में लगभग 10 लाख आदमी थे.


मैंने स्लम का दौरा किया तो पाया कि यहां के लोग बहुत काम करते हैं. लेकिन वह दुखी ही रहते हैं. मैंने स्लम में एक बैंक खोला और उस में जमा धन पर 25 परसेंटेज ब्याज कर दिया. मुझे पता था कि मेरा बैंक घाटे में जाएगा. लेकिन मैं अपनी इनकम से इस घाटे को पूरा करता था. मैंने स्लम में सड़कें ठीक करवाई. जमीन प्लेन करवाई. धीरे-धीरे मैंने वहां पक्की बड़ी - बड़ी बिल्डिंगें बनवानी शुरू कर दी और इनमें स्लम के लोगों को अत्यंत कम मूल्य पर घर देने की व्यवस्था की. स्लम के लोगों को मैंने रोजगार की व्यवस्था की. बिजली पानी आदि की व्यवस्था की. मैंने वहां पर विश्व स्तरीय फ्री हॉस्पिटल भी बनवाये.


आपको मेरा काम कैसे लगा? कमेंट कीजिए धड़ाधड़ धड़ाधड़? आपकी क्या राय है? जल्दी बताइए मैसेज करके धन्यवाद.







मैंने अपनी शहर में एक सुंदर सा बाग बनवाया. इसमें मैंने विश्व स्तरीय माली रखे. विश्व स्तरीय पेड़ पौधे लगवाए. मेरा इसमें बहुत धन खर्च हुआ. सारे शहर के लोग इस बगीचे में घूमने आने लगे. इसमें सुंदर तालाब भी बनाया गया.


तालाब में सुंदर-सुंदर कमल के और अन्य फूल लगाए गए. सफेद कमल, लाल कमल, गुलाबी कमल आदि अनेक कमल और अन्य जल वाले पुष्प पौधे लगाए गए.


1 दिन में अपने बगीचे के तालाब के किनारे बैठा हुआ था. अचानक मुझे चार-पांच सुंदर स्त्रियां दिखाई दी. उन स्त्रियों ने मुझे जबरदस्ती पकड़ लिया. असल में यह सुंदर स्त्रियां यक्षिणियां थी.


मुझे मजबूरन इन सुंदर स्त्रियों से शादी करनी पड़ी आपकी क्या राय है? क्या मैंने गलत किया या सही? कमेंट कीजिए धड़ाधड़ धड़ाधड़.







अभी मौसम सही चल रहा था. लेकिन अचानक मौसम खराब हो गया. कई राज्यों में भयंकर बाढ़ आ गई. करोड़ों लोग इससे प्रभावित हुए. कई लोगों के घर - द्वार बह गए. मैंने करोडों रुपए खर्च किए और बाढ़ पीड़ितों की मदद की. कई लोगों के मां-बाप, बच्चे आदि मर गए थे. मकान डूब गए थे.


मैंने एक बहुत बड़ा प्लॉट खरीद लिया और उस पर एक सुंदर बडा शहर बसा दिया. मैंने सभी बाढ़ पीड़ितों को इस बहुत बड़े शहर में फ्री में बसा दिया. उनके रोजगार की व्यवस्था की. हॉस्पिटल, मिल, कारखाने आदि खोले. अब सभी बाढ़ पीड़ित जिनके मां-बाप, बच्चे आदि मारे गए थे; इस नई जगह पर जो कि बहुत सुरक्षित थी, खुशहाल जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं.


आपकी क्या राय है? मैंने गलत किया या सही? कृपया कमेंट कीजिए धड़ाधड़ धड़ाधड़.









मैं एक रात अपनी शहर में घूम रहा था. तभी मुझे एक बहुत ही सुंदर और कमनीय 18 वर्ष की लड़की दिखाई दी. वह आधुनिक परिधान में थी और बहुत सुंदर दिख रही थी. तभी 20-25 बदमाश आ गये और उससे गलत काम करने की कोशिश करने लगे. क्योंकि मैं बहुत हृष्ट पुष्ट और मार्शल आर्ट का जानकार हूं, इसलिए मैंने अकेले ही उन सभी बदमाशों को मारकर ढेर कर दिया.


मैंने उस लड़की से उसका नाम पता - पता पूछा. लेकिन डर के मारे लड़की ने कुछ भी नहीं बताया. मैं उसे अपने घर ले आया. मैंने उसका हुलिया घर में ठीक करवाया. उसके लिए कपड़े आदि लिये. और घर का एक सुंदर सा कमरा रहने के लिए उसे दे दिया. लड़की सुंदर ढंग से मेरे घर में रहने लगी. अचानक एक रात 12:00 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि घर के गेट से बाहर लड़की जल्दी-जल्दी कहीं जा रही थी.


मैं लड़की का पीछा करने लग गया. कुछ दूरी पर कुछ भिखारी सोए हुए थे. लड़की ने अचानक एक भिखारी का गला पकड़ लिया और उसका खून पीने लगी. मैं समझ गया यह कोई नरभक्षी पिशाच है. मैंने तुरंत अपनी दिव्य तलवार निकाली और लक्ष्य कर की लड़की की तरफ फेंक दी.


तलवार लड़की के कलेजे में घुस गई. लड़की दर्द से तड़पने लगी. अचानक ही वह अपने असली रूप में आ गई. वह एक भयंकर पिशाचिनी थी. दिव्य तलवार के प्रभाव से उसके पूरे शरीर में आग लग गई थी. वह बचने की बहुत कोशिश कर रही थी. लेकिन अंत में वह मर कर राख का ढेर बन गई.


मैंने क्या ठीक किया? अपनी राय दीजिए धड़ाधड़ धड़ाधड़.