Kashish in Hindi Classic Stories by Anand Tripathi books and stories PDF | कशिश - वो शायर बदनाम

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कशिश - वो शायर बदनाम

वो शायर बदनाम में आज बात कुछ ऐसे लोगो को कर रहा हूं। जिनकी तबीयत बड़ी मासूम मिजाजी थी। जिनका करिश्मा उनके कारनामे से बड़ा होता है। ऐसे कुछ कलाम और नगमे जिनको सवार कर लोग चले गए और एक चीज आपके लिए छोड़ दिया वो है आपकी हमारी और हम सबकी जिम्मेदारी जिसको बनाए रखना है। कई शायर हुए कई ने अच्छे कलाम से नवाजा लेकिन शायरी रगो में बहने जब लगी जब शायर ने अपने को बदनाम करना शुरू किया इश्क की दीवार की लंबाई को जाने बिना जब कोई उस पर चढ़ता है। तो संभवत गिरेगा ही। लेकिन गिरने के पश्चात उसका आत्म विश्वास भी बढ़ जायेगा की नही। और यही एक बात जो की शायर को नागवार गुजरती है। बस यही एक बात की लोग उसे समझने बंद करते है। और नफरत को बढ़ावा देते है। की पागल है। नशे में है। और भी बहुत कुछ इसलिए ही वो व्यक्ति शायर होता है। क्योंकि जिंदा रहते हुए भी समाज उसे मृत्यु दण्ड देना शुरू कर देता है। और मृत्यु के बाद जब वह सोना और चांदी सब में विलीन हो जाता है। तब कही जाके उसको समाज आदर देता है। उसके नाम के चंद शेर कहे और सुने जाते है। तब जाके उसको लोग जानते और समझते है। लेकिन पौधा उगता कब है जब वह पूरी तरह से मिट्टी में मिल जाता है। और यही हालात होते है एक शायर को बदनाम और मशहूर शायर बनाए जाने के लिए। मैं ये नही कहता हू। सभी ऐसे होते है। लेकिन हा कुछ ऐसे ही होते है। और एक बात शायरी का कोर्स कही नही होता है। यह एक भाव है। जो की कवि या किसी शायर की ही देन होती है। बस और शायर को मलाल होता है की उसने अभी कम सुनाया है। और शराब और शायर की तालीम किसी मधुशाला और मैखाने में नही होती है। बल्कि एक अजीब शाखा जो की अपने प्रेमिका से बिछड़ गया और अब उसे पाने की उम्मीद कर रहा है। तो ऐसे में कई बार वो मरता और बिकता है। जिस कारण एक शायर की ऐसे हालात हो जाते है।
कई ऐसे शायर बदनाम को अंजाम दिया जिनकी ख्याति उनकी मृत्यु के बाद लोगो ने बनाई। वो भी अपने मनोरंजन के लिए
1 मजार,तुलसी, कबीर,रहीम,रसखान,और भी कई शायर मीर, एजाज, जौन,कितनी संख्या बताऊं में क्योंकि उनको तो कोई जानता ही नहीं था और अचानक इतने लोग जानने वाले निकले लोग ऐसे मशहूर और मशरूफ शायरो को लेकर किसी मैखाने की दरख़्त पर बैठा करते थे। और उनसे खूब पसंदीदा शायरी सुनते और। उनको दारू पिलाते थे। और फिर अंधेरा ज्यादा होने पे उनको वही छोड़ कर चले जाते थे। शायरी और कविता का दर्द बनाने के लिए बॉलीवुड नही जाना पड़ता ये भाव है जोकि किसी को भी आ सकता है। तुलसी भी बदनामी की दवाई पी चुके है। जुलाहा का घर और राम पर बात करने लगा। संतो को संस्कृत आचार्य को नापसंद हो गया। बाहर निकाल दिया। धक्का मारा। कितना कुछ किया उनके साथ लेकिन उन्होंने जब मस्जिद में सोकर राम को लिखा तब दुनिया को एक नया रूप मिला। नई आवाज मिली। ये बदनाम गली है। शायरी आवाज है जिंदगी का साज है। यह हमारी और आपकी आवाज है। राहत साहब,कुमार,मुन्नवर साहब,और न जाने कितने लोग कितने शायर जिनकी आवाज ने उनको दुनिया पर राज करना सिखाया। बुलंद और सख्त नर्म,गर्म, उर्दू,हिंदी साहित्य मार्गदर्शन करें अन्यथा यह अंधकार आप से नही छूटेगा। मीर और गालिब वसीम बरेलवी,कैसे कैसे लोग विभूति जिनकी शायरी आग उगलती। महाकवि निराला,सुभद्रा,देव,इनकी अपनी एक नक्शा को बनाने की कला आती थी और उसी नक्शे पर ही चलाना लोगो को सिखाया जाता है। समर्पण भी बहुत है। जिसकी कल्पना आप और हम नही कर सकते है। जिनसे हम बने। जिनकी चिर छाया ने हमे आश्रय दिया। शायरी और साहित्य दोनो ही एक दूसरे से परिचित है। ऊर्दू एक बड़े अदब की भाषा है। और हिंदी की भी अपनी एक गरिमा है। दो शब्द अगर आप उर्दू बोल दे। तो आप खुद महसूस करने लगेंगे। की आप ज्यादा अच्छे लग रहे है। तहजीब में है। शायर दो वक्त में बड़ी वाकिब अंदाज दिखाता है। पहला जब वह प्रेम में हो। और दूसरा जब वह वियोग में हो। दोनो ही परिष्ठिति समान होती है। इसलिए वो शायरी भाव बनकर निकलती है। जिसकी कल्पना हम आप डिग्री में ढूढने लगते है। बदनाम कैसे हुआ वो अपनी कहानी में एक किरदार और डालना चाहता था बस इस चक्कर में ही बदनाम हुआ। लिखने की कला सबको नही आती। इसलिए मां शारदा ने यह प्रसाद किसी को ही दिया। हेI। और एक चीज जो आपके पास है वो है आपकी कलम और कागज जिसके तहत तुलसी और कबीर ने इतिहास रच दिया। लेखिनी एक नशा है आपके अंदर का जागृत रूप कोई डिग्री नही कोई पढ़ाई नही। बस आपकी कलम और कागज पर गिरती श्याही की बूंद जिनसे निकलते आपके भाव। इतनी कर्मठता भी न हो की आप लिखना ही भूल जाए।
शायर दर्द को कहते है। जिसके मन में भरा होता है और वह व्यक्ति जरा सा मौन भी होता है। वही शायर होता है। शराब और नशा किसी को शायर नही बनाता है। इसलिए तुलसी ने राम का रस पिया और मीरा में कृष्ण रस क्या भेद है। नशा है लेकिन होश है। की कहा है। कौन है। शब्द हमको साधते है और एक सफल साधक भी बनाते है। इसलिए मौन ही शायर है। आज कल तो हर व्यक्ति अपने आप में शायर ही है। लेकिन इसकी अदायगी में लोगो ने कई कमी छोड़ी। लेकिन आज तक कोई अच्छा नही हो पाया। बस कही एक कमी एक व्यक्ति को शायर नही बना पाती है। जिंदगी के हर लतीफे को हस कर सहन करना भी शायरी है। दोस्त की बातो पर गौर करना भी शायरी है। अपनी कहानी को मन में बनाना भी एक शायरी है। संपूर्ण समाज एक शब्दो की फुहार है। जिसका दिल टूट गया वो समझो शायर हो गया। मैं भी कही एक जगह बैठ कर लिख रहा था। और अचानक विषय भूल गया वह भी शायरी है। शब्दों से प्यार वो भी कविता है। बस कशिश बाकी है हमारी ओर आपकी आवाज में।