एक बार एक मनुष्य अपने जीवन से तंग होकर ईश्वर से कहता है कि हे भगवान मैं इस रूप से तंग होकर इसका त्याग करना चाहता हूं भगवान बोले तथास्तु उन्होंने पूछा कि तुम क्या बनना चाहते हो उसने कहा मैं एक तोता बन कर डाल पर रहना चाहता हूं और सुकून की जिंदगी जीना चाहता हूं तो वह तोते के रूप में धरती पर प्रकट हुआ और बड़े विचार से घूमना लगा और भटकते भटकते एक शहर में पहुंचा वहां उसे एक वृक्ष मिला वह डाल पर जाकर बैठ जाता है और मिट्ठू मिट्ठू करने लगता है जैसे ही लोगों को पता चलता है यह तोता बोलने वाला है वैसे ही लोग उसे मिर्ची और खाने के बहाने पकड़ लेते हैं और एक पिंजरे में कैद कर देते हैं और उसे खाने के लिए भी मिर्ची ही देते हैं जिससे बहुत क्रोधित होता है जो सोचता है इससे तुम्हें कोई और रुप ही ले लेता और वहां से चला जाता है वह आदमी सोचने लगा कि बिचारे तोते को लोग कैसे कैद कर लेते हैं उस आदमी ने कहा मुझे एक कुत्ता बना दो शायद कुत्ते का जीवन तोते से सरल हो भगवान ने कहा सोच लो तो उस आदमी ने कहा ठीक है भगवान आप मुझे कुत्ता बना दीजिए अब कुत्ता बनकर दर-दर भटकने लगा उसे एक घर मिला तो मैं वहां जाकर खाने की ताक में बैठ गया अंदर से एक औरत ने एक उस पर लकड़ी फेक के मारी जिससे उसे बड़ा कष्ट पहुंचा अब वह अगले घर पहुंचा खाने की ताक एक आदमी दिखा वह उसके पास जाकर बैठा आदमी ने उसे बहुत तेज लात मारी और उसे बहुत ज्यादा कष्ट पहुंचा और उसे खाना भी नहीं मिला पेट में चूहे दौड़ रहे थे तो एक बूढ़ी अम्मा के घर जाकर बैठा तो उसे वहां एक रोटी मिल गई वह ईश्वर का धन्यवाद करते बोला उसे रोटी तो मिल गई ईश्वर के पास चला जाता है और फिर मुंह लटका बैठा रहता है ईश्वर ने पूछा अब क्या हुआ उसने कहा भगवान कुत्ते का जीवन तो बड़ा दर्दनाक है दर-दर भटकना पड़ता है खाने के लिए कोई खाना भी नहीं देता और लात तक मारते हैं भगवान ने कहा मैंने बोला था तुम आने ही नहीं मनुष्य ने कहा है ईश्वर तुमने कुत्ते का जीवन इतना दर्दनाक क्यों बनाया है तो भगवान ने कहा उसके कर्मों की वजह से पिछले जन्म केे अच्छा भगवान अब मेरी इच्छा है कि मैं एक मोर बनू बागों में घूमो हरे-भरे और बारिश में नाचू भगवान ने कहा अच्छा बेटा दूर के ढोल सुहावने ही अच्छे लगते हैं पास जाकर देखते तो बड़े दर्दनाक होते हैं भगवान ने कहा चलो कोई नहीं मैं तुम्हें मोर बना देता हूं भगवान ने कहा तथास्तु और वह एक मोर के रूप में प्रकट हो जाता है अब वह खुशी के मारे बागों में घूमने लगता है खेलने लगता है लोगों ने जैसे ही देखा लोगों ने उसे पकड़कर उसके पंख शरीर से खींच खींचकर नोच नोच कर निकाल ले जिससे उसे बड़ा दुख हुआ अब वह कुछ कहने के लायक ना था तो अब वह भगवान के पास चला जाता है भगवान ने तोता कुत्ता और मोर को अपने पास बुलाया और सब से पूछ वाया कि वह सब क्या बनना चाहते हैं तोते ने कहा मैं मनुष्य बनना चाहता हूं कुत्ते ने काम में मनुष्य बनना चाहता हूं मोर ने भी यही काफी है मनुष्य बनना चाहता तब उस इंसान को समझ आया मनुष्य का जीवन कितना सुख में ही हैै यह बात जाने के बाद भी पता नहीं क्यों आज भी इंसान है बिना बात के अपने आपको इन बेचारे जानवरों की तुलना करते हैं |