Noukrani ki Beti - 31 in Hindi Human Science by RACHNA ROY books and stories PDF | नौकरानी की बेटी - 31

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नौकरानी की बेटी - 31




सुबह होते ही जल्दी जल्दी सब काम होने लगा।

कृष्णा ने पुजा की तैयारी कर ली थी और फिर पंडित जी भी आ गए।

आनंदी खुद तैयार हो कर शना और अन्वेशा को तैयार कर के नीचे आ गई जहां पुजा हो रहा था वहां पर दोनों को बैठा दिया।


फिर सभी लोगों पुजा में बैठ गए।

पुजा के बाद कृष्णा ने सबको प्रसाद खाने को दिया।
रसोइए ने नाश्ता बना कर टेबल पर रख दिया।

फिर सभी नाश्ता करने बैठ गए।


छोले भटूरे और रायता बना था सभी बड़े चाव से खाने लगे।


फिर सभी ने अन्वेशा को बर्थ डे वीस किया।

आनंदी ने टीवी पर राईम चला दिया।

रीतू ने अन्वेशा को एक पैकेट दिया। अन्वेशा ने थैंक यू मासी कहा।
अनु ने भी एक पैकेट दिया।


आनंदी ने एक अन्वेशा का "अ " लिखा हुआ एक बेरस्लेट दिया सोने का।

फिर सभी बातचीत करने लगे।

दोपहर को कृष्णा ने अन्वेशा का थाली सजाकर दिया।
सभी साथ में ही बैठ गए।
रीतू ने कहा आज का मेनू कार्ड।
पुलाव, आलू पालक मसाला, फ्राइड पापड़,दाल फ्राई, मिक्स वेज राइज, रूमाली रोटी, नान, दही बड़े, चटनी, गाजर का हलवा, पनीर कोफ्ते,आलू दम पनीर, लबाबदार।

राजू बोला अरे वाह क्या बात है बहुत कुछ बना है।

फिर सभी आराम से खाना खा कर सो गए।

घर पुरी तरह से सज चुका था।

सिनडैला का थीम था क्योंकि अन्वेशा को सिनडैला की स्टोरी फेवरेट थी।


सभी तैयार होने लगे।

अन्वेशा एक दम गुलाबी परी लग रही थी।


आनंदी ने अन्वेशा,शना को लेकर एक जगह बैठा कर खुद तैयार होने चली गई।


आनंदी का घर फुलों से महक उठा था और चारों तरफ रंग-बिरंगे लाइट की मालाओं से सज गया था।

कुछ देर बाद सभी बच्चे आना शुरू हो गए।

सभी के हाथ में अन्वेशा के लिए तोहफा था।
सभी अन्वेशा को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं देकर गिफ्ट उसके हाथ में दे रहे थे।
अन्वेशा सबको थैंक यू बोल रही थी।
फिर धीरे धीरे आनंदी के आफिस के सभी लोगों आ गए।
कुछ देर बाद अन्वेशा का केक आ गया।

फोटो ग्राफर भी आए थे।
फिर आनंदी ने अन्वेशा को केक काटने के लिए ले गई।
फिर अन्वेशा ने केक काट कर आनंदी को खिलाया और नानी को भी खिलाया।
शना को रीतू मासी को भी खिला दिया।

फिर कृष्णा ने केक को काट कर सबको सर्व कर दिया।

फिर सब बच्चे डांस करने लगे।
और उसके बाद आनंदी बच्चों के लिए एक,दो गेम करवाया।


फिर जो जो फर्स्ट आएं उनको गिफ्ट दिया गया।


फिर सब बच्चों को डिनर करने बैठा दिया गया।


फिर सभी आनंदी के दोस्त आएं थे उन सभी को डिनर करवाने बाहर गार्डेन में ले जाया गया।

सभी बहुत ही इन्जाय करने लगे।

फिर अन्वेशा ने सभी बच्चो को रिटर्न गिफ्ट दिया।
सभी मेहमान चले गए।

शना और अन्वेशा भी बहुत थे इसलिए उनको खाना खिला कर सुला दिया गया।


फिर आनंदी ने घर के बाकी लोग को लेकर डिनर करने गार्डेन में चले गए।


फिर सभी बात करते हुए डिनर किया।
रीतू ने कहा आनंदी बहुत यादगार पार्टी रखी थी।


फिर सभी सोने चले गए।


आनंदी ने अन्वेशा का सारा गिफ्ट उसके रूम में जाकर रख दिया।

फिर खुद भी सोने चली गई।


दूसरे दिन सुबह सभी एक साथ अन्वेशा के रूम में जाकर बैठ गए।
आनंदी ने एक एक करके अन्वेशा के बर्थडे का गिफ्ट खोलने लगी।

किसी ने बार्बी डॉल दिया तो किसी ने रंग बिरंगी रंग हेयर बैंड, कुछ बैग, कुछ किताबें मिला था।

सभी ने बहुत तारीफ किया।


क्रमशः