Bhoot bungla - 5 in Hindi Fiction Stories by Shakti Singh Negi books and stories PDF | भूत बंगला - भाग 5 - चमत्कारी जिन्न

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भूत बंगला - भाग 5 - चमत्कारी जिन्न

चमत्कारी जिन्न
स्वस्तिक एक 35 वर्षीय युवक है। लेकिन वह अभी भी बेरोजगार है। छोटे-मोटे काम कर के वह अपनी जीविका चलाता है। देवभूमि उत्तराखंड के एक छोटे से पहाड़ी गांव में वह रहता है। यद्यपि वह पोस्ट ग्रेजुएट है।


वह बहुत गरीबी में अपने दिन काट रहा है। एक दिन वह अपने छोटे से खेत में हल जोत रहा था कि उसे अचानक ऐसा लगा कि हल की फाल किसी ठोस चीज से टकरा गई है। उसने ध्यान दिया तो पाया कि यह कोई छोटा सा सोने का प्राचीन दिया था। उसने दीए को साफ किया तो दिया चमचमाने लगा।


स्वस्तिक बहुत खुश हुआ. वह शाम को नहा धो कर व भोजन कर सो गया। रात को कुछ अजीब सी आवाज सुनकर वह उठ गया। उसने देखा कि वह दिया चांद की रोशनी में चमक रहा है। उसने जैसे ही दिए को छुआ, एक जिन्न प्रकट हुआ और बोला मेरे आका क्या हुकुम है? स्वस्तिक बोला तुम कौन हो? जिन्न बोला मेरे आका! मैं एक जिन्न हूं और रोज आपकी तीन ख्वाहिश पूरी कर सकता हूं। स्वस्तिक बहुत खुश हुआ।



चमत्कारी जिन्न भाग 2



स्वस्तिक बोला मुझे पूरे ब्रह्मांड की सैर कराओ। जिन्न ने स्वस्तिक को अपनी पीठ पर बैठाया और सारे ब्रह्मांड की सैर पर ले गया। एक जगह स्वस्तिक ने पानी का एक ग्रह देखा। स्वस्तिक बोला भाई मेरे सूखे खेतों को इसमें से थोड़ा पानी मिल जाता तो कितना अच्छा होता। जिन्न ने कहा अब से ऐसा ही होगा।


एक अन्य जगह स्वस्तिक ने एक हीरों से बना हुआ ग्रह देखा। स्वस्तिक वहां से कुछ कीमती हीरे उठा लेता है। घूम फिर के वे अपने घर वापस आ जाते हैं। स्वस्तिक ने हीरे बेचकर अपना सब कर्जा माफ कर लिया और अपने लिए सुंदर मकान बनवाया। फिर उसने कुछ खेत खरीदे और अत्याधुनिक तरीके से खेती करवाने लगा। उसने एक उन्नत अत्याधुनिक डेरी फार्म भी बनवाया। स्वस्तिक बहुत अमीर हो गया था।


अब जिन्न को लेकर स्वस्तिक फिर हीरक ग्रह पर गया और वहां से उसने कुछ कीमती हीरे ले लिए और घर आ गया। अब उन हीरों से प्राप्त धन से उसने अपने प्रांत और देश की गरीबी दूर कर दी तथा अपने प्रांत व देश का विदेशी कर्ज भी माफ कर दिया।



विकराल



विक्राला पाताल लोक का राजा बना। विक्राला जब पाताल लोक का राजा बना तो वहां की आबादी लगभग 7 अरब थी। विकराला क्रूर लेकिन बुद्धिमान शासक था। पाताल लोक की बढ़ती जनसंख्या से पहले के राजा भी परेशान थे। विक्राला ने कुछ योजनाएं बनाई।


उसने सात करोड़ लंबे चौड़े व बुद्धिमान लोगों का चुनाव कर उन्हें धन, शिक्षा और अच्छे आवास प्रदान किए और उन्हें ही संतान उत्पन्न करने की आज्ञा दी। बचे हुए लोगों को उसने संतान उत्पन्न करने से वंचित कर दिया। इससे 30 सालों के अंदर ही पाताल लोक की जनसंख्या 7 करोड़ पर ही स्थिर हो गई।



कालकेतु रसातल का राजा बना। उसने 25 साल तक संतानोत्पत्ति पर रोक लगा दी और सभी लोगों की सेना बनाकर बाहर के देशों पर आक्रमण किए। इससे उसे कई नए प्रदेश मिले और फालतू आबादी भी युद्ध में समाप्त हो गई। अब वहां की आबादी केवल पांच करोड़ पर स्थिर हो गई।