Ahsaas pyar ka khubsurat sa - 58 in Hindi Fiction Stories by ARUANDHATEE GARG मीठी books and stories PDF | एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 58

Featured Books
Categories
Share

एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 58






मिशा के घर से आने के बाद , राजवीर ने अपनी गाड़ी घर के गेट पर बीच में ही खड़ी कर दी और जोर से कार के दरवाजे को बंद कर वह घर के अंदर की ओर चल दिया । राजवीर को इतने गुस्से में आया देख जहां एक ओर सारे नौकर डर गए वहीं राजवीर की मां , मिसेज तिवारी परेशान हो गईं । राजवीर अपने कमरे में बड़े कदमों से जाने लगा , तो नौकर को कुछ काम समझा रही मिसेज तिवारी उसकी ओर बढ़ गई । राजवीर दरवाजे तक ही पहुंचा कि मिसेज तिवारी बोलीं ।

मिसेज तिवारी - कहां से आ रहा है तू बेटा..??? और इतने गुस्से में क्यों हैं...???

राजवीर ( बिना उनकी ओर पलटे ) - कल इतनी बेज्जती होने के बाद , अभी और कोई वजह भी बाकी हैं क्या मॉम मेरे गुस्से होने की...????

मिसेज तिवारी ( उसके सामने आकर ) - इसी लिए तुझे कह रही हूं , कल की....., की हुई गलती को सुधार .... । अपने डैड से माफी मांग , उन्हें विश्वास दिला , कि तू दोबारा ऐसा कुछ नहीं करेगा । जब वो तेरे ऊपर ट्रस्ट करेंगे , तभी तू इस तिवारी एम्पायर का मालिक बन पाएगा । वरना जैसे तेरी हरकतें उनके सामने आ रही है न , एक सेकंड नहीं लगेगा उन्हें , अपनी पूरी जायदाद तुम्हारी बुआ की बेटी , खुशी के नाम करने में । क्योंकि और कोई ओलाद तो दी नहीं है हमें भगवान ने , और जो दी है वो अपना दिमाग का सही इस्तेमाल नहीं कर रहा ।

राजवीर ( झल्लाते हुए ) - इनफ मॉम....., इनफ.....!!!!! मुझे क्या करना है और क्या नहीं , ये आप मुझे मत सिखाइए । और अगर डैड खुशी दी के नाम करना चाहते हैं अपनी सारी जायदाद , तो शौक से करें । मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है और न ही इंट्रेस्ट हैं मुझे जायदाद में । जिसमें इंट्रेस्ट है , उसे पाने के लिए मैं किसी भी हद तक जा सकता हूं और जा भी रहा हूं । इस लिए आप मुझसे ये जायदाद का किस्सा दोबारा न कहें , तो बेहतर होगा ।

मिसेज तिवारी ( गुस्से से राजवीर को घूरते हुए ) - ये सब तू उस कल की आई , दो कौड़ी की लड़की के लिए कह रहा है न....???? ( इस बात पर राजवीर ने हैरानी से उनकी तरफ देखा ) पता है मुझे , बताया नौकर ने , कि उस दो कौड़ी की लड़की ने यहां आकर कितना कुछ तुझे सुनाया ।

राजवीर ( गुस्से से चिल्लाकर ) - डोंट कॉल हर , लाइक...... दो कौड़ी......।

मिसेज तिवारी - क्यों....???? क्यों न बोलूं मैं उसे दो कौड़ी की लड़की ...???? जब तू खुद उसे इस नाम से पुकारता है ...???? और रखा क्या है उस लड़की में..???? उसके जैसी , इनफेक्ट उससे अच्छी और खूबसूरत , कई लड़कियों की लाइन लगवा दूंगी तेरे लिए । और सब पता किया है मैने उसके और उसके खानदान के बारे में । साथ तेरे और उसके बीच की मुलाकातों के बारे में भी । एक भी नहीं है उसका हमसे मैच , न ही बिरादरी , न ही क्लास , न ही कोई स्टेंडर्ड ...... । बाप एक सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर हैं , मां घर संभालती है और खर्च की जरूरत पड़ने पर कभी - कभी सिलाई करती है , भाई स्कूल में पढ़ता है और उसकी एक बूढ़ी दादी भी है । कोई क्लास नहीं है उन सड़क छाप लोगों में । अरे जिस लड़की में कोई क्लास नहीं है , कोई स्टेंडर्स नहीं , उसके पीछे द ग्रेट तिवारी एंपायर जा इकलौता वारिस , क्यों पीछे पड़ा हुआ हैं, क्यों तू उसके पीछे कुत्तों की तरह भटक रहा है , जबकि उसकी वजह से ही कल तुझपर इल्जाम लगा है , तेरे पिता की बेज्जती हुई है , अरे हमारी कंपनी की पार्टनर शिप उस कंपनी से टूटी है , जो कि हमारे घर की बेटी की है , समझता है तू , कि बड़ा नुकसान हुआ है हमारा..??? वो तो शुक्र हो , कि ये बात कंपनी तक ही सीमित रही , वरना सोच कि क्या होता हमारा और हमारी कंपनी का । आज भी जिसे पता चल रहा है, कि हमारी कंपनी की , शर्मा कंपनी के साथ पार्टनर शिप टूट चुकी है , तो वो मुंह उठाए सवाल किए जा रहा है । और तू....., तू इन सब में अपने पिता की नजरों में ऊंचे उठने की जगह , उनका साथ देने की जगह , उनसे माफी मांगने की जगह उस लड़की के पीछे पड़ा हुआ है। मैं पूछती हूं ऐसा क्या रखा है उस लड़की में , जिसके लिए तू अपना बिजनेस तक ठुकरा रहा है ....?????

राजवीर - बस मॉम....., बहुत हुआ....!!!! आप इन सबसे दूर ही रहें तो अच्छा है । मेरी मर्जी, मेरी सोच , मेरी जिंदगी । मुझे जो करना होगा मैं करूंगा और जो हासिल करना होगा वो भी करूंगा , जिसके लिए मुझे कोई भी नहीं रोक सकता..... , न ही आप और न ही डैड । और इस वक्त , उस लड़की को हासिल करने से ज्यादा और कोई भी चीज इंपोर्टेंट नहीं है मेरे लिए......।

मिसेज तिवारी ( राजवीर को कंधे से पकड़ कर झकझोर कर ) - पागल हो गया है तू, ढेले भर की अक्ल नहीं है क्या तुझमें....???? उस लड़की को हासिल करने के जुनून में तू ये क्यों भुल रहा है , कि तेरा एक परिवार है , जिसमें तेरे मां बाप हैं , एक बिजनेस है , जिसे तुझे हासिल करना है , उसे संभालना है ।

राजवीर ( मिसेज तिवारी का हाथ झटक कर ) - हां ....., हो गया हूं मैं पागल , बहुत बुरी तरह से पागल हो गया हूं। उसके हाथों मेरी बेज्जती नहीं बर्दास्त हो रही मुझसे । उसे अपने कदमों में लाना है मुझे , इस चारदीवारी के अंदर कैद करना है मुझे उस लड़की को ..... । आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ , किसी लड़की पर मैंने हाथ रखा हो और वो मेरे पास न आई हो । उसकी हिम्मत आखिर हुई तो हुई कैसे मुझे थप्पड़ मारने की..... , मेरी बेज्जती करने की...... , मेरा जॉब ऑफर ठुकराने की...... ????? उसे मैं अपने कदमों पर लाकर रहूंगा , तभी मुझे शांति मिलेगी ।

मिसेज तिवारी ( अपना सिर पकड़ कर ) - भगवान के लिए बंद कर ये तमाशा राजवीर.....। इस वक्त उससे ज्यादा इंपोर्टेंट..... , तेरे डैड हैं ....., ये बिजनेस हैं । सालों से सपना देखती आ रही हूं , कि तू हमारी कंपनी को संभालेगा , ऑनर बनेगा हमारी कंपनी का , चेयर मैन बनेगा। लेकिन तेरी जैसी हरकतें हैं, उसे देख कर लगता है कि तेरे डैड तुझे अपनी कंपनी का चपरासी तक न बनाएं । अरे....., कम से कम इतना तो कर दे , कि चेयर मैन न सही , तो कम से कम अपनी कंपनी का एमडी या सीईओ ही बन जा.....।

राजवीर - फॉर गॉड सेक मॉम....., एक बार की बात आपको समझ नहीं आती क्या...???? नहीं चाहिए मुझे बिजनेस , या फिर उसमें कोई पोस्ट । इस लिए ये सारी बकवास बंद कीजिए और जाकर अपना काम कीजिए ।

मिसेज तिवारी - गलती कर दी..... , तुझे छूट देकर । अगर तेरे पिता की बात मानी होती , तो कम से कम तू हमारा बेटा होकर बात तो मानता मेरी ....., अपनी पुश्तैनी जायदाद तो संभालता.....। लेकिन तुझे अब कुछ भी कहना , बेकार ही है । मैं भी बेवकूफ किसे कह रही हूं.... , जबकि तूने आज साबित कर दिया , कि मैं बिना बात के एक पत्थर पर अपना सिर पटक रही हूं । लेकिन एक बात याद रख राजवीर....., अगर तेरी हरकतें नहीं सुधरी न , तो वो दिन दूर नहीं , जब तेरे खुद के डैड तुझे धक्के मार कर इस घर से और अपनी जायदाद से बेदखल करेंगे...... ।

राजवीर - बस मॉम ..... , बस.....। इससे ज्यादा मैं और नहीं सुन सकता ।

इतना कह कर राजवीर अपने रूम की तरफ बढ़ गया और उसने जोर से अपने रूम का डोर बंद किया और फिर उसे अंदर से लॉक कर दिया । जबकि मिसेज तिवारी उसके पीछे जाते हुए उसे आवाज देती ही रह गईं। जब बार - बार आवाज़ देने पर भी राजवीर ने दरवाजा ओपन नहीं किया , तो मिसेज तिवारी ने दरवाजा खटखटाना बंद कर दिया और दरवाजे से दो कदम पीछे होकर खुद से , दरवाजे को देखते हुए बोलीं ।

मिसेज तिवारी - गलत कर रहा है तू राजवीर ...., खुद के साथ भी और अपने परिवार के साथ भी ।

इतना कह कर उन्होंने गुस्से से दरवाजे को घूरा और फिर रोते हुए अपने कमरे में चली गईं । राजवीर अब एक बार फिर अपने कमरे में चहल कदमी करने लगा । जिस मकसद से वह मिशा के घर गया था , वो तो पूरा हुआ नहीं । ऊपर से उसकी अपनी मां से अलग बहस हो गई । इस वक्त उसे अपने जुनून को पूरा करने का कोई भी रास्ता नज़र नहीं आ रहा था ।

इधर आरव एक के बाद एक डिजाइन के करेक्शन कायरा से करवाए जा रहा था और कायरा को आरव पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था , जबकि आरव सब कुछ जान कर भी उसके गुस्से से अनजान बना हुआ था और इस वक्त का खुब आनंद ले रहा था । यही सब करते हुए उन्हें डेढ़ घंटे बीत गए । अब कायरा को खीझ होने लगी । जब उससे बर्दास्त नहीं हुआ , तो उसने पेंसिल और इरेसर को साइड में रखा और गुस्से से भरकर या ये कहें खीझकर😑 , लेकिन चेहरे पर असीम मुस्कान लिए आरव से कहा।

कायरा - सर.............., ( सर शब्द बहुत ज्यादा खींच कर ) क्या हम ये काम बाद में करें , तो नहीं चलेगा ....???? और अगर दिनभर हम दोनों इसी काम में उलझे रहे , तो कंपनी के बाकी काम पेंडिंग पड़ जायेंगे । इस लिए प्लीज ....., इस काम को मेरे ऊपर छोड़ दीजिए , मैं अच्छे से कर दूंगी , आप बाकी के काम कीजिए और मुझे भी करने दीजिए । प्लीज.......।

आरव को उसके ऐसे व्यवहार से मन ही मन हंसी आ रही थी, लेकिन फिर उसने ध्यान से कायरा को देखा , जिसमें गुस्सा तो था ही , लेकिन चेहरा काफी उतरा हुआ था और आंखें लाल थी, साफ पता चल रहा था कि कायरा की तबीयत ठीक नहीं है । ये देख उसे काफी बुरा लगा , कि उसकी वजह से कायरा को यहां बैठना पड़ा और उसे जबरदस्ती आरव की हरकतें बर्दास्त करनी पड़ी । आरव ने एक नज़र कायरा को देखा और टेबल में पड़े सारे डिजाइंस को समेटते हुए बोला।

आरव - जा सकती हो तुम कायरा.....।

कायरा ने जब ये सुना , तो उसे काफी तसल्ली हुई , कि चलो कम से कम आरव के इस इरिटेट करने वाले बिहेव से पीछा छूटा । वह बिना कुछ कहे केबिन से बाहर जाने लगी , कि उसके कानों में आरव की आवाज पड़ी और उसके कदम वहीं रुक गए।

आरव - रेस्ट कर लो , चाहो तो लीव ले लो । तुम्हारे हिस्से का काम मैं कर लूंगा । अगर तबीयत ठीक नहीं है , तो बेवजह खुद को तकलीफ देना, मेरे हिसाब से मुनासिब नहीं है ......।

आरव की इस बात पर कायरा ने हैरानी से आरव की तरफ देखा , जो अभी भी फाइल्स में डिजाइंस सेट कर रहा था । उसे देखकर कायरा सोचने लगी ," कि इन्हें कैसे पता , कि मुझे आज अपनी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही ...???? " फिर उसे ध्यान आया , कि नींद पूरी न होने की वजह से उसका चेहरा काफी उतर चुका है , शायद इसी वजह से आरव ने ऐसा कहा । जब कायरा की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला , तो आरव ने उसकी तरफ देखा । तो कायरा उसकी नजरें खुद पर महसूस कर हड़बड़ा गई , फिर उसने तुरंत कहा ।

कायरा - मैं ठीक हूं.....। जरूरत नहीं है मुझे लीव की....। मैं जाती हूं , काफी काम पेंडिंग है ।

इससे पहले कि उसकी बात पर आरव कुछ कहता , वह तुरंत केबिन के बाहर निकल गई और आरव ने अपने शब्द मुंह के अंदर ही समेट लिए । लेकिन ये याद कर , कि कायरा उसके पास बैठ कर काम कर रही थी , उसके चेहरे पर मुस्कुराहट तैर गई और वो चेयर पर बैठ कर , कायरा के चेहरे की मासूमियत को याद कर , उसमें ही खो सा गया । इधर कायरा ने अपने केबिन में आकर सांस ली और फिर खुद की अभी की हरकत को याद कर , वो भी मुस्कुरा दी ।

इधर रेहान भागते हुए आरव के ऑफिस आया , रिसेप्शन में उसने आदित्य के बारे में पूछा और फिर रिसेप्सनिस्ट के ये बताने पर , कि आदित्य अपने केबिन में है , वह बड़े कदमों के साथ आदित्य के केबिन की ओर बढ़ गया । उसने तुरंत दरवाजा ओपन किया और आदित्य से कहा , जो उस वक्त किसी क्लाइंट से बात कर रहा था ।

रेहान - विनय ठीक कह रहा था आदि..... , मिशा ने ही कायरा का किडनैप करवाया था । वो सिर्फ राजवीर को फंसा रही थी , ताकि उसको बदनाम कर वह अपना काम कर सके , सब कुछ पता चल गया उसके बारे में , जो - जो उसने प्लान किया था , कायरा को जान से मारने के लिए।

रेहान की बात सुनकर आदित्य की आंखें फटी की फटी रह गईं। उसे ये तो पता था , कि मिशा कायरा को पसंद नहीं करती , क्योंकि उसके हिसाब से कायरा उसके प्यार ( आरव ) को उससे छीन रही है । लेकिन वो इस हद तक कायरा से नफरत करेगी , कि उसका किडनैप करवाने के साथ ही, उसे जान से मार देने का प्लान भी बनाएगी, इस बात पर विश्वास कर पाना , आदित्य के लिए असंभव सा था। आदित्य ने रेहान की तरफ हैरानी भरी नजरों से देखकर कहा ।

आदित्य - तू सच कह रहा है...???? मिशा......., मिशा ने इस हद तक....... । तुझे कैसे पता चला ये सब , किसने बताया तुझे ....?????

रेहान - मैंने अपने खबरी से पता लगवाया है ये सब । उसने पता कर मुझे ये सब बताया , मैंने जब सुना तो मुझे भी हैरानी हुई , पर फिर उसने विनय के मिशा से हुई बात - चीत की कॉल रिकॉर्ड सुनाई , साथ ही राजवीर से हुई बात - चीत की भी । इनफेक्ट आज राजवीर उसके घर गया था , उससे हाथ मिलाने , लेकिन मिशा ने साफ इंकार कर दिया । ( अपना फोन जेब से निकाल कर ) मेरे पास उसके कारनामों का सबूत भी है । मैने उससे कॉल रिकॉर्ड के कि थी ....।

आदित्य ( अपने सिर पर हाथ रखकर ) - ओह माय गॉड..., मिशा आरव को पाने के लिए इस हद तक जा सकती है , मैंने तो कभी सोचा तक नहीं था । सिर्फ कायरा की इंसल्ट करने तक तो ठीक भी था , लेकिन अब उसका आरव के लिए पागल पन इस हद तक बढ़ गया है , कि वो कायरा को मारने के प्लान्स बनाने लगी है । उसका दिमाग खराब हो चुका है , पागल हो चुकी है वो । ( रेहान को एक साइड कर , गुस्से दरवाजे की ओर बढ़ते हुए ) रुक....., अभी मैं उसके पागल पन का इलाज करके आता हूं......, तू वेट..........।

बाकी के शब्द उसके गले में ही अटक जाते हैं और कदम उसके खुद ब खुद रुक जाते हैं । नजरें उसकी दरवाजे पर होती है और वो हैरानी से उस तरफ देखकर कहता है ।

आदित्य - कायरा.......!!!!!

आदित्य के मुंह से कायरा का नाम सुनकर , रेहान हैरानी से आदित्य की तरफ देखता है और फिर उसकी नजरों का पीछा करते हुए दरवाजे की तरफ । कायरा को दरवाजे पर देख कर वह दंग रह जाता है , और कुछ बोलने की उसकी हिम्मत ही नहीं होती । आदित्य पूरी हिम्मत बटोर कर और ये जानने के लिए , कि कायरा ने उनकी बातें सुनी है या नहीं , कायरा से जबरदस्ती की मुस्कान लिए कहता है ।

आदित्य - तुम यहां.......???? कुछ काम था क्या कायरा........?????

कायरा ( केबिन के अंदर आते हुए ) - देने तो ये फाइल आई थी , जो कि आरव ने तुम्हें देने को कही थी ( इतना कह वो हाथों में पकड़ी फाइल की ओर इशारा करती है ) लेकिन यहां आने पर तो बहुत कुछ पता चल गया मुझे ....। ये भी , कि मिशा को माफी देकर मैने कितनी बड़ी गलती की और ये भी , कि कल की किडनैपिंग का कुसुरवार मैं फालतू में किसी और को ठहरा रही थी ।

आदित्य - देखो कायरा.......।

कायरा ( उसकी बात काटकर ) - व्हाट देखूं आदित्य...???? ये देखूं ...., कि मिशा मुझसे बेफिजूल की दुश्मनी निभा रही है , ये देखूं ......., कि राजवीर को बिना बात के हम किडनैपर की संज्ञा दे रहे थे , या ये देखूं ....., अब अगला कौन सा कदम मिशा का मुझसे दुश्मनी के चलते मेरी ओर बढ़ेगा......???? ( आदित्य ने उसकी बात पर कुछ नहीं कहा ) मुझे डर इस बात का नहीं है , कि उसकी वजह से मुझे कितनी तकलीफ हुई या आगे होने वाली है । फर्क इस बात का मुझे पड़ रहा है , कि उसके चलते अच्छी खासी पिकनिक हमारी स्पॉइल हो गई। बड़ी मुश्किल से समय मिला था हमें , सारे दोस्तों के साथ वक्त बिताने का , कितने खुश थे सब....., लेकिन मिशा की इस हरकत के चलते सब बर्बाद हो गया । राजवीर ने जो किया , वो तो तब भी संभल गया , तैयार थे उसके लिए आरव। लेकिन मिशा की हरकत......, उसकी हरकत के लिए कोई तैयार नहीं था । ऑलरेडी मैं ये सोच - सोच कर परेशान हूं , कि राजवीर की वजह से मिस्टर तिवारी की कल कितनी बदनामी हुई । उसके ऊपर से मिशा की ये हरकत.....। दो कंपनी के बीच की पार्टनर शिप कल नहीं टूटती , अगर मेरी किडनैपिंग का इल्जाम राजवीर के सिर नहीं लगता ....। अगर कल राजवीर मेरे किडनैपिंग के इल्जाम में जेल चला जाता , तो मिस्टर तिवारी का सब कुछ बर्बाद हो जाता ....। इतना सब करते हुए एक बार भी उसे इन सब का खयाल नहीं आया। मैं ये नहीं कहती कि राजवीर दूध का धुला है , लेकिन किसी और के किए का इल्जाम किसी और पर लगे... , ये मैं बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं कर सकती । कितना परेशान हो गए थे कल आरव , मैंने देखा था उनका वो परेशान चेहरा , जब वो मुझे बचाने आए थे। एक बार भी मिशा को ये तक खयाल नहीं आया , कि क्या बीतेगी आरव और बाकियों पर , जब उन्हें पता चलेगा कि जिस पर उन्होंने दोबारा विश्वास किया , उसी ने उनकी पीठ पर छुरा चलाया........।

रेहान ( गुस्से से भरकर ) - मैंने उसे पहले ही वॉर्न किया था , लेकिन उस लड़की को मेरी बात समझ नहीं आई । ।

कायरा ( रेहान से ) - रेहान भैया......, मुझे सब कुछ जानना है , कि उसने कल कैसे ये सब प्लान किया..???

रेहान अब उसे मॉल से लेकर विनय की बताई हुई एक - एक जानकारी तक , सब उसे बताता है । फिर उसे और आदित्य को ये भी बताता है , कि मिशा ने सारी चीजें कैसे प्लान की , जो कि उसे उसके आदमी से पता करने पर मालूम चली थी । सब कुछ जानने के बाद आदित्य की भौहें तन जाती है और रेहान गुस्से से कहता है ।

रेहान - मैं अभी जाकर आरव , नील और राहुल को इसके बारे में बताता हूं । अब आरव ही डिसाइड करेगा , कि इस मिशा के साथ आखिर क्या करना है । दोस्त के भेष में , आस्तीन का सांप बन कर रह रही थी ये लड़की । इसे तो सबक सिखाना बेहद जरूरी है ।

इतना कह कर रेहान दरवाजे की तरफ बढ़ता है कि कायरा उसे रोकते हुए उसके सामने आकर खड़ी हो जाती है ।

कायरा - नहीं भैया......। आप आरव से या फर नील और राहुल से कुछ नहीं कहेंगे।

आदित्य और रेहान एक साथ - क्यों...????

आदित्य - हमें बताना होगा आरव को , कि जिस लड़की को उसने माफ किया , जिस पर वह ट्रस्ट करता है , वह लड़की उसकी ही खुशियां छीनना चाहती है ।

खुशियों के छिनने की बात सुनकर कायरा को रूही की बात याद आती है , जब उसने सुबह कहा था कि " सभी जानते हैं आरव कायरा से कितना प्यार करता है। " वह आदित्य की ओर देखते हुए कहती है ।

कायरा - खुशियां छिनने से मतलब क्या है तुम्हारा..????

आदित्य और रेहान उसकी इस बात पर सकपका जाते हैं और एक दूसरे को देखते हैं । कायरा को उम्मीद थी , कि शायद दोनों इस बात को कन्फेस करें कि वो दोनों जानते हैं कि आरव उससे प्यार करता हैं, लेकिन दोनों ही सख्त हड्डी ठहरे......, जो काम उनके दोस्त को करना चाहिए, वो भला वो दोनों कैसे कर सकते थे । इस लिए आदित्य ने बात ही बदल दी ।

आदित्य - उससे ज्यादा इंपोर्टेंट ये है कायरा , कि हमें मिशा की सच्चाई आरव और बाकी दोस्तों को बतानी होगी , जिस पर आरव इतना ट्रस्ट करता है, वो उस ट्रस्ट के लायक नहीं है ।

कायरा - एक्सेटली......., यही बात आप लोगों को समझनी होगी , कि अगर आरव को मिशा की सच्चाई पता चली , तो वे दोबारा किसी दोस्त पर ट्रस्ट नहीं कर पाएंगे । गिल्ट में जीने लगेंगे वो , कि उन्होंने कितनी बड़ी गलती कर दी , मिशा पर विश्वास करके .....।

रेहान ( परेशान सा ) - तो फिर क्या करें अब हम ....???? मिशा को ऐसे ही छोड़ दें ....???? जिससे वो तुम पर अटैक करवाती रहे ...!!!!!

कायरा ( रेहान की तरफ पलट कर ) - किसने कहा , कि हम उसे छोड़ देंगे ....!!!!

आदित्य - तो क्या करें बताओ....????

कायरा - सिर्फ उस पर नज़र रखने का इंतजाम करवाओ । उसके हर एक उठे कदम की भनक हमें होनी चाहिए । और वो दोबारा ऐसा न करें , उसके लिए एक पहली और आखिरी कोशिश करूंगी मैं । उसे वॉर्न करूंगी.... , और समझाऊंगी भी ....., कि वो दोबारा ऐसा करने की कोशिश न करे ।

आदित्य - लेकिन क्या वो मान जायेगी...????

कायरा - समझाना और उसे वॉर्न करना हमारा काम है आदित्य । मानना न मानना उसकी मर्जी .....। मान गई तो ठीक , फिर हम सब पहले की तरह बिना उसकी तरफ से किसी टेंशन के जिएंगे और अगर नहीं मानी , तो फिर जवाब देना तो हमें भी आता है । देंगे हम भी उसे उसी की भाषा में जवाब......। मैं अभी इसी वक्त उसके घर जा रही हूं , उससे बात करने ।

आदित्य - इट्स रिस्की नाउ कायरा.....।

रेहान - आदि सही कह रहा है , रिस्क है इसमें बहुत । हम तुम्हें ऐसे अकेले उसके यहां नहीं जाने दे सकते । अगर उसने तुम्हें कुछ कर दिया.......।

रेहान चुप हो जाता है , आगे की कल्पना करना भी उसके लिए कठिन था । कायरा को कुछ हो जाए , ये न आदित्य चाहता था और न ही रेहान । कायरा उनकी टेंशन अच्छे से समझ रही थी । वह रेहान के हाथ पर हाथ रखकर बोली ।

कायर - कुछ नही होगा मुझे । ट्रस्ट मी......। खुद की रक्षा करना मैं जानती हूं । और वैसे भी , जिन्हें पीठ पीछे वार करने की आदत हो , वो सामने से कभी वार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते । इस लिए आप दोनों बेफिक्र रहिए , वो कुछ नहीं करेगी । ( दोनों सहमति में अपना सिर हिला देते हैं , तो कायरा आदित्य से कहती है ) आदि...!!! राहुल, नील या फिर हमारे किसी भी दोस्त को ये बात पता नहीं चलनी चाहिए । क्योंकि अगर हमारे सिवा किसी को भी पता चला , तो वे सब गुस्से में आकर कुछ ऐसा न कर जाएं , जिससे आरव को सब पता चल जाए। और आरव से मिशा की सच्चाई छुपाना , हमारी मजबूरी भी है और जरूरत भी । वक्त आने पर उन्हें खुद मैं ही ये सारी सच्चाई बता दूंगी । लेकिन भगवान करे , वो वक्त कभी आए ही न , क्योंकि मैं उनकी आखों में पश्चाताप नहीं देख सकती । उम्मीद है मेरी बात तुम समझ गए होगे ।

आदित्य - हम्मम....।

कायरा ( दोनों को देखते हुए आदित्य से ) - और कुछ तो ऐसा नहीं है , जो मुझे पता होना चाहिए , लेकिन तुम लोगों ने छुपाया हुआ है मुझसे...????

कायरा उनसे आरव की अपने लिए चाहत कन्फेस करवाना चाहती थी । कायरा की बात पर आदित्य और रेहान ने एक दूसरे को देखा और फिर आदित्य ने कहा ।

आदित्य - नहीं.....। जो तुम्हें मालूम होना चाहिए , वो सब पता है । जो तुम जानना चाहती हो , उसके लिए तुम खुद मेहनत करो । यही तुम्हारे ही बेस्ट है ....।

कायरा समझ गई , कि ये लोग कुछ नहीं कहेंगे । उसने दोनों से कुछ नहीं कहा और केबिन से बाहर निकल गया । उसके जाते ही आदित्य और रेहान ने चैन की सांस ली , लेकिन अगले ही पल मिशा की हरकतें याद कर उनका दिमाग अपसेट हो गया । इधर कायरा ने अपने केबिन में जाकर अपनी स्कूटी की चाभी उठाई और फिर बिना किसी से कुछ कहे ऑफिस से बाहर निकल गई....... ।

क्रमशः