Ahsaas pyar ka khubsurat sa - 48 in Hindi Fiction Stories by ARUANDHATEE GARG मीठी books and stories PDF | एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 48

Featured Books
Categories
Share

एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 48



विनय को छोड़ने के बाद आदित्य और रेहान, नील और राहुल के पास आ गए । यहां सभी के जाने के बाद मिस्टर शर्मा ने आरव की तरफ रुख किया और गुस्से से भर कर उससे सीधी तरह से सवाल किया ।

मिस्टर शर्मा - तुम जानते हो कि मुझे सीधी तरह से बात करने की आदत है , इसलिए जवाब भी मुझे सीधा सादा और तुरंत चाहिए ।( आरव ने उनकी बात पर सिर हां में हिला दिया , तो मिस्टर शर्मा ने कहा ) मुझे सिर्फ इतना बताओ आरव , कि जब तुमने कल तक राजवीर की सारी हरकतें बर्दास्त की तो आज क्यों नहीं कर सके..????

आरव ( अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए ) - क्योंकि बात अब बिजनेस के साथ - साथ , एक मासूम लड़की की जान पर आ गई थी पापा । जो कोई और नहीं बल्कि मेरी दोस्त है । थक चुका था मैं पापा , ये आए दिन के राजवीर की साजिशो से.....। उसने एक बार नहीं, बल्कि कई बार कायरा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है ।

मिस्टर शर्मा - तुम्हारा कहने का क्या मतलब है, तुमने जो राजवीर के बारे में बताया , वो आधा - अधूरा सच है ...????

आरव - हां पापा....।

मिस्टर शर्मा - तो पूरा सच क्या है आरव । बताओ मुझे ....।

आरव ने उनके इतना कहते ही , राजवीर की सारी हरकतों का खुलासा कर दिया , जो - जो उसने कायरा के साथ की थी वो सब । सब कुछ सुनने के बाद अरनव और मिस्टर शर्मा हैरानी से एक - दूसरे को देखने लगे । अब मिस्टर शर्मा ने आरव से एक बार फिर गुस्से से कहा।

मिस्टर शर्मा - जब तुम इतने दिन से राजवीर के बारे में इतना सब जानते थें, तो तुमने कभी भी मुझे इस बारे में क्यों नहीं बताया और आज तक कोई एक्शन क्यों नहीं लिया आरव ..????

आरव ( अरनव की तरफ एक नज़र देखने के बाद मिस्टर शर्मा से बोला ) - खुशी भाभी की वजह से पापा.... । मैं उन्हें किसी भी हाल में हर्ट नहीं करना चाहता था । भाभी मेरे लिए क्या हैं , ये पूरा परिवार जानता है । जितना प्यार मैं मम्मी से करता हूं , उतना ही सम्मान और प्यार मेरी नजरों में भाभी के लिए भी है । पर इस बार पापा बात कायरा की जान की थी , उसके सम्मान की थी । इस लिए मैं राजवीर का सच सबके सामने लाने से खुद को नहीं रोक पाया । ( मिस्टर शर्मा और अरनव की ओर पीठ करके कहता है ) मुझसे पूछिए पापा , जब आज कायर नहीं मिल रही थी , तो मेरी क्या हालत हो रही थी । ( आरव की बात सुनकर , मिस्टर शर्मा और अरनव मुस्कुरा दिए , पर तभी आरव उनकी तरफ मुड़ा और दोनों ने अपने चेहरे से मुस्कान गायब कर ली , तभी आरव ने कहा ) अगर आज कायरा को कुछ भी हो जाता न पापा , तो शायद उसका जिम्मेदार मैं ही होता , क्योंकि उसे हमारे साथ घूमने जाने के लिए मैंने ही कहा था । क्या जवाब देता मैं उसके परिवार वालों को , कि जिसकी कंपनी में कायरा काम करती है , उसी कंपनी के बॉस के भाभी के भाई ने कायरा को किडनैप किया या फिर उसके साथ कुछ ग.....। ( कुछ देर रुककर अपने इमोशंस को कंट्रोल कर आरव ने कहा ) मेरे लिए आज राजवीर की ये हरकत नागवार गुजरी है पापा । उसकी वजह से आज आदित्य और नील भी बेहोशी की हालत में सड़क पर मिले । और मेरे दोस्तों को जो इन्सान इतनी तकलीफ दे , उस इन्सान पर मैं रहम तो कर ही नहीं सकता । और रही बात आपको कुछ भी बताने की , तो मैं तब किसी भी तरह को टेंशन क्रिएट नहीं करना चाहता था । पर आज राजवीर की इस हरकत के बाद, मुझे ऐसा करना पड़ा ।

मिस्टर शर्मा - तुमने कायरा के लिए जो कुछ भी किया , उससे मुझे तुम पर गर्व है बेटे । लेकिन आज तुम अपने गुस्से में आकर जो करने जा रहे थे , उसकी वजह से हमारे परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूटने वाला था । ( अरनव की तरफ मुड़ कर ) और तुम अरनव .....। राजवीर को जेल भेजने की बात करते समय , एक बार भी तुम्हारे दिमाग में अपनी पत्नी का खयाल नहीं आया ..??

अरनव ( मिस्टर शर्मा के सामने सिर झुकाकर कहता है ) - सॉरी पापा.....। मुझे मेरी पत्नी और होने वाले बच्चे दोनों की फिकर थी । लेकिन आप भी बहुत अच्छे से ये बात जानते हैं पापा , कि गलत मुझे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है । फिर चाहे वो कोई बाहर वाला करे , या फिर घर वाला ....। और वैसे भी पापा, खुशी को जब ये पता चलेगा कि उसके भाई ने एक लड़की के साथ कई बार बदसलूकी करने की कोशिश की हैं , कई बार एक लड़की को अपनी गंदी नज़रों से देखा है , तो वो अपने भाई के लिए कभी आंसू नहीं बहाएगी । इनफेक्ट वो खुद अपने भाई को कानून के हवाले करेगी ।

मिस्टर शर्मा ने अरनव की बात सुनी , तो उनका दिल गदगद हो गया । आज उन्हें अपने दोनो बेटों पर बहुत फक्र हो रहा था । लेकिन वे इस वक्त दुनिया को राजवीर की सच्चाई बताकर , मिस्टर तिवारी का बिजनेस चौपट नहीं करना चाहते थे , साथ ही अरनव भले ही अपनी पत्नी को लेकर निश्चिंत हो , पर मिस्टर शर्मा अभी भी खुशी की सेहत के साथ रिस्क नहीं लेना चाहते थे । इस लिए उन्होंने अपने चेहरे पर गुस्सा बनाए रखा और अपने दोनों बेटों से कहा ।

मिस्टर शर्मा - देखो अरनव और आरव ......। तुम दोनो अपनी - अपनी जगह सही हो । लेकिन कभी - कभी गलत पर हथौड़े न बरसाकर , उसे ऐसे ही खुला छोड़ देना चाहिए । ताकि गलत को भी पता चले , कि उसकी ओकात क्या है ....। राजवीर को जेल न भेजकर , मैंने उसे एक और मौका दिया है , अपनी गलतियों को सुधारने का ....।

आरव - और आपको ऐसा लगता है, कि वो अपनी गलतियों को सुधरेगा .....????

मिस्टर शर्मा - नहीं....., मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता । मैं बस मिस्टर तिवारी को उनके बेटे के कारण , पूरी दुनिया के सामने शर्मिंदा होते हुए नहीं देखना चाहता । इस लिए आगे से अगर ऐसा कुछ होता भी है , तो तुम मुझे जरूर इनफॉर्म करोगे । आज जो तुमने किया , वो ठीक किया । पर सिर्फ कंपनी के साथ , एक पिता और उसकी जीवन भर की कमाई के साथ नहीं.....। ये पार्टनर शिप टूटने से , मिस्टर तिवारी की कंपनी को करोड़ों का नुकसान होगा ....। लेकिन अगर तुमने मुझे ये सब पहले ही बता दिया होता न आरव, तो मैं आज उनकी कंपनी का नुकसान होने से बचा सकता था .....। ( आरव और अरनव ने कुछ नहीं कहा । तो मिस्टर शर्मा ने फिर से आरव से कहा ) आरव..., तुम्हें जब सब कुछ पता था, तो तुम भी तो ये नुकसान होने से रोक सकते थे । अब हम क्लाइंट तक , समय पर मटेरियल कैसे डिलीवर कर पायेंगे और दोबारा सारा मटेरियल बन कर तैयार होने में , कम से कम एक हफ्ते का वक्त हो लग ही जाएगा ....।

आरव - डोंट वरी पापा.....। मुझे सिर्फ राजवीर की असलियत आप सबके सामने लानी , इस लिए मुझे ऐसा करना पड़ा । पर हमारा एक हजार करोड़ का नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि सिर्फ एक लाख रुपए का हुआ है । जो कि हमारे लिए वापस कामना कोई बड़ी बात नहीं है ।

मिस्टर शर्मा - पर तुम इतने दावे के साथ कैसे कह सकते हो , कि हमारी कंपनी का सिर्फ एक लाख का नुकसान हुआ है .....???

आरव - राजवीर ने जितना भी मटेरियल खराब करवाया था पापा , वो सब लो क्वालिटी के फेब्रिक से बना था । हाई क्वालिटी से बने सारे डिजाइनर मटेरियल , राजवीर के प्लान के बारे में पता चलते ही , मैंने फैक्ट्री के बगल वाले गोडाउन में रखवा दिए थे । जो कि कल दोपहर तक सभी क्लाइंट्स के पास डिलीवर हो भी जाएंगे । राजवीर के सामने मैंने इस लिए इस बात का खुलासा नहीं किया , क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि वो दोबारा हमारा रेडी मटेरियल डैमेज करे ।

मिस्टर शर्मा - वेल डन आरव .....। पर नेक्स्ट टाइम से याद रखना , बिजनेस में अगर ऐसा कोई मसला दोबारा आता है जहां तुम्हें अपराधी कोई अपना लगे , और उसके प्लान्स के बारे में तुम्हें जानकारी हो , तो सबसे पहले तुम मुझे और अरनव को बताओगे । ताकि हम अपराधी को पनिश भी कर सकें और बात दुनिया के सामने उछलने से भी बच जाए.....।

इतना कह कर उन्होंने आरव को एक नजर देखा और फिर अरनव से दरवाज़े की ओर बढ़ते हुए कहा ।

मिस्टर शर्मा - चलो अरनव .....।

अरनव - जी पापा । ( आरव की तरफ गुस्से से देखकर जाते हुए कहता है ) तुम आज घर आओ.... , वहीं आज तुझसे बात करता हूं.... ।

इतना कह कर अरनव भी मिस्टर शर्मा के पीछे - पीछे चला गया । जबकि आरव अरनव की बात पर हैरानी से खुद से बोला ।

आरव - अब मैंने क्या कर दिया , जो भैया मुझसे घर पर बात करने के लिए कह रहे हैं और वो भी इतने गुस्से में....।

इतना कह कर आरव अरनव और मिस्टर शर्मा की कहीं बातों के बारे में सोचता हुआ अपने केबिन में चला गया । नीचे मीडिया बहुत देर तक मिस्टर शर्मा , अरनव और आरव को न आता देख , वहां से चली गई थी । आरव अपने केबिन में आया , तो वहां चारों दोस्त आरव का ही वेट कर रहे थे । आरव अपने केबिन में आया और बिना किसी से कुछ कहे अपनी चेयर की ओर बढ़ने लगा । उसके बैठते ही आदित्य में आरव से कहा ।

आदित्य - क्या कहा अंकल ने ....????

आरव ( परेशान होकर ) - उन्हें लग रहा है , कि मैंने उन्हें राजवीर का सच पहले न बताकर गलती की है । जबकि मैं जानता हूं, अगर मैंने घर में इस बारे में कुछ कह भी दिया होता , तो राजवीर अपनी चिकनी - चुपड़ी बातों से मेरे घर वालो को फंसा कर , खुद पल्ला झाड़ लेता । और मेरी बात पर कोई ट्रस्ट भी नहीं करता ।

आदित्य - कह तो तू ठीक ही रहा है । लेकिन अब अंकल को ये बात तू कैसे समझाएगा ....???

आरव - वहीं तो मुझे समझ नहीं आ रहा है । आज उन्होंने गुस्से में मुझ पर भी ट्रस्ट नहीं किया था और तो और सबके सामने भैया को सुना दिया । ऊपर से भैया भी पता नहीं मुझसे क्या बात करना चाहते हैं , जिसकी वजह से वो गुस्से से मुझे ये कह कर गए है , कि वो मेरा घर पर इंतेज़ार करेंगे ....।

चारों आरव की बात सुनकर , खुद भी परेशान हो गए । क्योंकि ये उन सभी की खासियत थी , एक दोस्त की परेशानी अपने आप बाकी चारों दोस्तों की परेशानी भी बन जाती थी । इधर कायरा अपने केबिन में कैमरा ढूंढ - ढूंढ कर थक गई थी, पर उसे कैमरा कहीं नहीं दिखा । दिखता भी कैसे , कैमरा उस केबिन में लगे एसी के अंदर लगा हुआ था , जो कि आसानी से किसी को भी नहीं दिख सकता था । कायरा जब कैमरा ढूंढते - ढूढते तंग हो गई, तो उसने गुस्से से तमतमाते हुए चेहरे के साथ , अपने कदम आरव के केबिन की ओर बढ़ा दिए । इधर आरव की बात सुनकर आदित्य ने कहा।

आदित्य - सारी प्रॉब्लम एक साथ ही क्यों आती हैं , हमारी ज़िंदगी मे......।

वो इससे आगे कुछ बोलता उसके पहले कायरा दनदनाते हुए आरव के केबिन में आ गई और उसके सामने खड़े होकर गुस्से में उससे बोली ।

कायरा - आरव.....!!!! समझते क्या हैं आप अपने - आपको ???? बिना मुझे बताए , बिना मुझसे इस बारे में डिस्कस किए, आपने मेरे केबिन में कैमरे लगवा दिए । आपको शर्म नहीं आती , एक लेडी एम्प्लॉय के केबिन में बिना उसे कुछ भी बताए कैमरा लगवाने की .....????

रेहान ( कायरा को बीच में ही टोक कर ) - कायरा.....!!! आरव ने ये सब तुम्हारी सेफ्टी के लिए किया है और तुम उस पर ही भड़क रही हो ...!!!

कायरा - गलत क्या कर रही हूं मैं भैया...???? इन्होने एक बार भी जरूरी नहीं समझा , मुझे ये बताना कि मेरे केबिन में इन्होने कैमरा लगवाया है । अरे एक लड़की के केबिन में कैमरा लगाने का मतलब समझते हैं ये ...????

नील - कायरा , तुम आरव को गलत समझ रही हो , उसने सिर्फ तुम्हारी सेफ्टी और राजवीर की हरकतों को ध्यान में रखकर तुम्हारे केबिन में कैमरा लगवाया है । इसमें इतनी बड़ी बात कहां से क्रिएट हो गई कायरा....????

कायरा - नील....!!!! यही बात अगर ये मुझे बता देते , तो क्या हो जाता ...??? मैं मना थोड़े ही करती....। इनफेक्ट इनका साथ देती , पर इस तरह बिना बताए ये हरकत मुझे किसी के द्वारा भी , बिल्कुल भी पसंद नहीं है....।

आदित्य - देखो कायरा......, तुम अपनी जगह सही हो सकती हो । पर आरव भी अपनी जगह सही है....। उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया है , जो कि किसी को भी गलत लगे । तुम बिना बात के पैनिक कर रही हो । शांत हो जाओ और बात को समझो । उसने सिर्फ तुम्हारी सेफ्टी को ध्यान में रखा है, डैट्स इट.......।

कायरा ( झल्लाते हुए ) - सेफ्टी , सेफ्टी , सेफ्टी......!!!! तुम लोगों ने क्या सेफ्टी , सेफ्टी की रट लगा रखीं है ...?? और आरव.....!!!! आप मेरी बात का जवाब क्यों नहीं से रहे हैं ???

आरव जो कि बहुत देर से कायरा और बाकी सभी की बात सुन रहा था और कोई रिएक्ट नहीं कर रहा था । कायरा के सवाल पर वह अब अपनी चेयर से उठा और शालीनता से उसने कायरा से कहा

आरव - मैंने जो भी किया हैं, सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए ही किया है । और मैंने तुम्हें न बता कर ऐसा कोई गुनाह नहीं किया है , जिसकी मुझे तुम्हारे सामने सफाई पेश करनी पड़े .....।

कायरा - वाओ आरव...!!! बहुत बढ़िया .....। मेरे लिए ही ये सब आप कर रहे हैं और मुझे ही इन सब से परे रख रहे हैं । मुझे ही आप बताना जरूरी नहीं समझते , कि मेरे लिए आप क्या - क्या कर रहे हैं .....???

आरव ( गुस्सा से कायरा को देखकर ) - हां नहीं जरूरी समझता मैं तुम्हें सारी बात बताना .....।

कायरा - क्यों ...??? मेरे लिए इतना सोचने के लिए किसने कहा आपसे ...??? मैंने कहा ...??? नहीं न ....??? तो फिर क्यों किया आपने ये सब मुझे बिना बताए .....???

आरव ( भड़कते हुए ) - हां मैंने किया ...., और जब - जब जरूरत पड़ेगी तब - तब तुम्हें मुसीबतों से बचाने के लिए करूंगा भी ......। बॉस हूं मैं इस कंपनी का और तुम्हारा भी , मेरी मर्ज़ी , मैं चाहे जहां , चाहे जिस भी एम्प्लॉय के केबिन में कैमरे लगवाऊं , इससे तुम्हें कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए और न ही तुम्हें मेरे ही ऑफिस में खड़े होकर मुझसे ये सवाल करना चाहिए ......।

आदित्य ( हैरानी से आरव को देख कर ) - आरव......।

कायरा ( आदित्य के रिएक्शन को अनसुना करके कहती है ) - अजीब तानाशाही है आरव आपकी ....!!!! और आप शायद भूल रहे हैं आज सन्डे है , वर्किंग डे नहीं .....। और आप ऑफिस आने के बाद ये बात हमेशा भूल जाते हैं ,कि हम दोस्त भी हैं .....। और मेरी मुसीबतें मैं खुद हैंडल कर सकती हूं आरव...., इसमें आपको मेरी जिम्मेदारी लेने की कोई जरूरत नहीं है ....।

आरव ( कायरा के पास आकर , गुस्से से उसे घूरते हुए कहता है ) - ये तो मैंने देख ही लिया आज , कि तुम अपनी मुसीबतें कैसे हैंडल करती हो ....। ( उससे दूर होकर , उसकी तरफ पीठ करके चिल्लाते हुए कहता है ) जो अगर आज मैं तुम्हें बचाने नहीं आता , तो पता नहीं क्या होता तुम्हारे साथ । अरे बेहोश पड़ी थी तुम , वो भी बैक सीट पर .....। अगर मैंने तुम्हें नहीं देखा होता तो वहीं पड़ी रहती तुम अभी तक .......। मेरे इतना सब करने के बाद भी तुम मुझे ही आकर यहां पर सुना रही हो ....???

कायरा ( फीका मुस्कुराकर आरव के सामने आकर खड़ी होती है और उससे कहती है ) - अभी तक मैं सिर्फ ये समझती थी आरव , कि आपको गुस्सा बहुत ज्यादा है और आप गुस्से में कुछ भी कर बैठते हैं....। लेकिन आज मुझे ये भी पता चल गया कि आपको गुस्से के साथ - साथ खुद के एहसान गिनवाने की भी आदत है । पिछले कुछ दिनों से आप यही करते आ रहें है आरव .....। कभी अच्छा बन कर , तो कभी...., ऐसे आज की तरह गुस्सा दिखा कर ......।

आरव ( कायरा को घुरकर ) - हां , है आदत मुझे एहसान गिनवाने की । और तुम मुझे अभी तक सिर्फ इतना ही जान पाई हो , ये जान कर मुझे बेहद खुशी हुई ।

कायरा - अच्छी बात है आरव.....। कि आपको मेरी किसी बात से तो खुशी हुई....। लेकिन मैं आपको बात दूं कि आप एक बेहद ही घटिया इन्सान हैं, मेरी सेफ्टी तो सिर्फ एक बहाना है आरव , असल में आप मुझ पर नज़र रखना चाहते हैं इसी लिए आपने कैमरे लगवाए है ताकि आप मुझे.....।

इतना कह कर कायरा शांत हो गई और उसने आरव से अपनी नजरें फेर ली । बाकी सब कायरा की इस सोच के किए उसे हैरानी से देखने लगे । जबकि आरव ने कायरा के मुंह से खुद के लिए ऐसी बात सुनी , तो उसका गुस्सा बहुत ज्यादा बढ़ गया और उसने कायरा को खुद की तरफ पलट कर , जोर से कायरा ......, चिल्लाकर उसके ऊपर अपना हाथ उठाने लगा.....। आरव को खुद पर हाथ उठाते देख कायरा सहम गई और डर के मारे उसने अपनी आंखें बंद कर ली । आरव ने जब उसे डरा हुआ देखा , तो अपना हाथ रोक लिया और हाथो की मुट्ठी बना कर उसने अपना हाथ नीचे कर लिया और कायरा की तरफ पीठ करके अपनी आंखें भींच ली । और फिर अगले ही पल उसने कायरा से कहा ।

आरव - तुम्हारी नज़रों में अगर मेरा तुम्हारा सेफ्टी के लिए ध्यान रखना गलत है, तो गलत ही सही कायरा । पर मैं...., तुम्हारे, मुझे गलत समझने के बाद भी, तुम्हारी सेफ्टी का खयाल रखूंगा । तुम्हें हर मुसीबत से हमेशा दूर रखूंगा । चाहे इसके लिए मैं तुम्हारी नजरों में गलत ही क्यों न साबित हो जाऊं । पर तब भी मैं वो सब करूंगा , जो मुझे तुम्हारे लिए करना चाहिए .....।

कायरा ( आरव के सामने आकर ) - पर क्यों आरव....., क्यों करना है आपको मेरी सेफ्टी की चिंता ....???

आरव ( बिना कायरा की तरफ देखे ) - वजह बताना मैं तुम्हें जरूरी नहीं समझता .....।

कायरा - जब आप मुझे कुछ बताना जरूरी नहीं समझते , तो फिर मुझे अपना दोस्त समझना भी बंद कर दीजिए... । और अगर आपको मुझे वजह बतानी ही नहीं है , तो फिर मैं यहां क्यों खड़ी हूं ...?? मेरे अब यहां रुकने का कोई सेंस ही नहीं है ....। इसलिए मैं जा रही हूं, रहिए आप अपने गुस्से एहसान और मुझे न बताने वाली वजह के साथ.....।

इतना कहकर कायरा तेज़ क़दमों से दरवाज़े की ओर बढ़ गई । वह दरवाज़े के बाहर जा पाती उससे पहले ही आरव ने उसे रोककर पीछे से कहा ।

आरव - रुको कायरा.....। तुम अकेले इस ऑफिस से बाहर नहीं जाओगी , मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोडूंगा....। तुम मेरे केबिन के बाहर वेट करो .....।

कायरा ( आरव की आवाज़ सुनकर दरवाज़े के पास रुक गई और उसने आरव की तरफ पलट कर कहा ) - मैंने आपको अपने लिए ड्राइवर की नौकरी पर नहीं रखा है आरव । जो आप हर दिन मुझे मेरे घर छोड़ने जाएं ....। न अपाहिज हूं मैं, जो खुद के घर जाने के लिए मुझे हर दिन आपके सहारे की जरूरत पड़े । मैं खुद जा सकती हूं, इसलिए मैं अकेले ही जाऊंगी अपने घर.....।

आरव - अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी न कायरा, तो कल तुम्हारे केबिन की डेस्क पर तुम्हें जॉब से निकाले जाने का नोटिस मिलेगा ....।

कायरा ने आरव की बात पर उसे हैरानी और गुस्से से देखा , फिर बिना कुछ कहे वो केबिन से बाहर चली गई । उसके जाते ही आदित्य ने आरव से आश्चर्य चकित होकर कहा ।

आदित्य - ये क्या किया तूने आरव......!!!!

आरव ( इरिटेट होकर कहता है ) - प्लीज यार आदि.....। आलरेडी बिना गलती के वो इतना कुछ सुनाकर गई है मुझे....। अब तू मत चालू हो जा.....।

आदित्य चुप हो गया । पर नील ने उससे कहा ।

नील - तुझे कायरा से ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी आरव । क्या सोचेगी वो तेरे बारे में ....???

आरव ( नील की तरफ पलटकर ) - सच में नील, मुझे उससे ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी....!!!! मैं गया था उससे लड़ने ..???? बात मैंने स्टार्ट की थी कि उसने .....???

नील - बात किसी ने भी स्टार्ट की हो यार , पर तुझे तो खुद के गुस्से पर कंट्रोल करना चाहिए था । उसे इस तरह खुद उसके लिए, किए गए कामों को नहीं गिनाना चाहिए था , ताकि उसे तेरे द्वारा उसके लिए काम, एहसान लगे.... ।

आरव - तो क्या करूं ....??? देखा था न तुम लोगों ने , कैसे बात कर रही थी वो मुझसे....??? तुम लोगों की भी नहीं सुन रही थी ।

नील - तो तू उससे प्यार से बात कर सकता था न आरव । गरम तवे में रोटी रखने से रोटी तो जलेगी ही ना ....। उसने गुस्सा किया तो तू शांत हो जाता । हम सब उसे मिलकर शांति से समझाते , उसके डाउट को क्लियर करते....। लेकिन तुमने उसे समझाने की जगह बात को और बढ़ा दिया ।

आरव - प्यार करता हूं यार उससे , क्या मुझे इतना भी अधिकार नहीं है कि मैं उसे उसकी गलतियों पर डांट सकूं....।

आदित्य - ये डांटना नहीं था आरव । अगर तेरा उस पर गुस्सा करना , सिर्फ डांटना होता , तो हम तुझे इस वक्त गलत नहीं ठहरा रहे होते ....। और प्यार करने का मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है, कि अपने पार्टनर पर जब चाहे तब गुस्सा करो और उस पर ऑर्डर चलाओ....। और तेरा अधिकार तब उसपर होगा , जब तुम दोनो किसी रिश्ते में बंधोगे.....। जबकि तुमने तो अभी तक उससे अपने दिल की बात भी नहीं कहीं । और जब तुमने उससे अपने प्यार का इजहार ही नहीं किया, तो किस बात के लिए अधिकार जाता रहे हो तुम उस पर....???

आरव ने आदित्य की बात पर कुछ नहीं कहा , क्योंकि आदित्य ने कहीं न कहीं सच ही कहा था । तभी रेहान ने उन सबसे कहा ।

रेहान - स्टॉप इट गाइस.....। अगर आरव ने गलत तरह से बात की, तो कायरा ने भी उस पर बिना सोचे समझे गलत इल्जाम लगाए जो कि बेबुनियाद थे......।

आदित्य - कायरा तेरी बहन है रेहान....।

रेहान - कायरा बहन है, इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है, कि गलत बात पर भी मैं उसका साथ दूं । ( कुछ देर रुककर ) मुझे लगता है, कि हमें ये बात यहीं पर खत्म कर देनी चाहिए , ये आरव और कायरा के बीच का मामला है, दोनों आपस में सुलझा लेंगे । अभी हमें राजवीर के बारे में सोचना चाहिए ।

आरव - हम्ममम यू आर राइट रेहान.......!!! जहां तक मैं उसे जानता हूं , आज की इंसल्ट के बाद वो शांति से नहीं बैठेगा , कुछ न कुछ वो जरूर करेगा ।

नील - मुझे तो ये बात समझ नहीं आ रही , कि कायरा की किडनेपिंग जब उसने करवाई ही थी , तो वो बार - बार ये क्यों कह रहा था, कि उसने ऐसा नहीं करवाया । क्योंकि मटेरियल खराब होने की बात पर उसने इतनी बार शायद ये नहीं कहां, कि उसने ये नहीं किया है । पर किडनेपिंग की बात पर लगभग उसने हर बार ये कहा , कि वो किडनेपिंग के बारे में कुछ जानता ही नहीं है । ( राहुल की तरफ पलट कर ) तेरा क्या कहना है इस बारे में राहुल.....????

नील की बात पर रेहान और आदित्य एक दूसरे को देखने लगे । और इधर राहुल जो की सोफे पर बैठा था । उसकी नजरें इस वक्त सिर्फ और सिर्फ अपने सामने टेबल पर रखे मोबाइल फोन की स्क्रीन पर थी । क्योंकि उसने रूही को ऑफिस आने से पहले उसी रास्ते पर छोड़ा था , जहां उसकी मां सा ने उसे सुबह ड्रॉप किया था । एक घंटे बाद इसकी मां सा उसे लेने आने वाली थी, तब राहुल ने रूही को इनफॉर्म करने के लिए कहा था । तब से लेकर अब तक में लगभग दो से तीन घंटे बीत चुके थे । अभी तक न ही रूही का कोई मैसेज आया था और न ही कॉल । इसी लिए राहुल परेशान था , उसे न ही नील की बात सुनाई दी और न ही वहां पर चल रही कन्वर्सेशन पर राहुल का ध्यान था । तभी राहुल के फोन पर रूही का मैसेज आया , उसने तुरंत अपना फोन उठाया और रूही का मैसेज ओपन कर पढ़ने लगा । जिसमें रूही ने लिखा था, कि वो मां सा के साथ अभी - अभी घर पहुंची है । रूही का मैसेज पढ़ कर राहुल को अब ठीक लगा और उसकी रूही के लिए टेंशन भी खत्म हुई । तभी एक बार फिर नील ने कहा ।

नील ( राहुल के पास आकर ) - राहुल...!!! मैं तुझसे कुछ कह रहा हूं ....।

राहुल के कानों में जब नील की आवाज़ पड़ी तो उसे ध्यान आया , कि वहां पर बहुत इंपोर्टेंट डिस्कशन चल रही है । उसने तुरंत अपना फोन वापस टेबल पर रखा और कहा ।

राहुल - राजवीर का कोई भरोसा नहीं है नील ....। वो खुद को प्रोटेक्ट करने के किए झूठ भी बोल सकता है । जैसे कि उसने चंदन के सच बताने से पहले कहा था ।

आरव - राहुल ठीक कह रहा है । राजवीर ने झूठ ही कहा होगा । क्योंकि इस वक्त राजवीर के अलावा और कोई कायरा को मुझसे अलग नहीं करना चाहता ।

आरव की बात पर रेहान और आदित्य एक बार फिर एक दूसरे को खामोशी से देखने लगे । पर उन दोनों ने मिशा की सच्चाई उन तीनों के सामने नहीं आने दी ।

इधर आरव के केबिन से निकलकर कायरा रिसेप्शन पर आ गई और वहां रखी खाली चेयर पर बैठ गई । उसने बैठते ही मन ही मन खुद से कहा ।

कायरा - सॉरी आरव.....। आज फिर मैंने आप पर ऐसे इल्जाम लगाए , जो मुझे नहीं लगाने चाहिए थे । क्योंकि आज आपने मुझे बचाने के लिए वो किया , जो कि हर कोई नहीं कर सकता । आज आप राजवीर से फिर उलझ गए , जिसकी वजह से राजवीर और आपकी दुश्मनी में इजाफा हो गया है । और आज तो आपके पापा ने भी आपकी बात नहीं मानी । मैं ये बिल्कुल भी नहीं चाहती आरव , कि आप मेरी वजह से किसी भी परेशानी में फंसे । इसी लिए मैंने आज आपसे गलत तरह से बात की , ताकि आपको बुरा लगे और आप मुझे प्रोटेक्ट करना छोड़ दें , ताकि आपकी और राजवीर की दुश्मनी अब और न बढ़े । लेकिन आपने तो साफ - साफ मेरी परेशानियों को अपने सिरे लेने की बात मुझसे कह दी है । अब मैं आपको कैसे समझाऊं , कि मैं अपनी वजह से आपको मुसीबत में नहीं डाल सकती । आज राजवीर ने जो कुछ भी किया है , उसकी सज़ा उसे मिल गई है । पर अब वो मेरे साथ - साथ आपको भी नुकसान पहुंचाएगा , क्योंकि राजवीर एक ऐसा इन्सान है जो कि अपनी इंसल्ट से कुछ सीखेगा नहीं बल्कि उसे अपने दिमाग में बसाकर , इंसल्ट करने वाले से बदला जरूर लेगा । इस लिए आपको राजवीर से प्रोटेक्ट करने के लिए मुझे कुछ न कुछ तो करना ही होगा । लेकिन उसके लिए मुझे यहां से बाहर जाना होगा । पर कैसे जाऊं ....???? अगर आरव की बात न मानकर मैं यहां से चली भी गई , तो उन्हें बुरा लग जाएगा । ( कुछ पल रुककर दोबारा सोचते हुए ) मेरे जाने से आरव को बुरा लगेगा....., और वो मुझसे नफ़रत करने लगेंगे । हो सकता इसी वजह से वो मेरे लिए इतना सब सोचना बंद कर दें और साथ में मेरी मुसीबतों को अपने सिरे लेना भी बंद कर दें । ( आंखें चमकाते हुए खुद में बड़बड़ा कर कहती है ) हां....., ये बेस्ट रहेगा । अगर मैं आरव की बात नहीं मानूंगी , तो वो मुझसे गुस्सा होंगे और अपने - आप मुझसे दूरी बना लेंगे । इसी लिए मैं उन्हें बिना बताए घर चली जाती हूं और फिर सोचूंगी कि राजवीर से आरव को प्रोटेक्ट करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए ।

इतना कह कर कायरा ने अपना फोन अपने हाथ में लिया और सीधे ऑफिस से बाहर निकल गई । इधर आरव चारों दोस्तों से बात कर ही रहा था , कि उसे जय का कॉल आया । आरव के फोन रिसीव करते ही , जय ने तुरंत कहा ।

जय - सर, कायरा मैम कहीं जा रहीं है ।

आरव - क्या .....??? पर मैंने तो उसे मना किया था । ( दोस्तों से ) तुम लोग यहीं रुको , मैं अभी आता हूं.....।

आदित्य - पर आरव हुआ क्या है ..???

आरव ( दरवाज़े की ओर बढ़ते हुए ) - आकर बताता हूं ....। ( इतना कहकर वो ऑफिस से बाहर की ओर निकलते हुए जय से फोन पर बोला ) कहां जा रही है वो ...???

जय - सर, वो टैक्सी पर बैठ गई हैं और शायद अपने घर जा रही हैं ।

आरव - तुम कहां हो ..???

जय - आपके ऑफिस के सामने वाले रेस्टोरेंट में।

आरव - फटाफट पार्किंग एरिया में आकर मुझे मेरी कार की चाभी दो ।

इतना कह कर आरव ने कॉल कट कर दिया और वह भी पार्किंग की ओर बढ़ गया । जय आरव की बात सुनते ही एक मिनट में आरव के सामने हाजिर हो गया और उसकी ओर कार की चाभी बढ़ा दी । आरव ने उसे देख कर मुस्कुराते हुए कहा ।

आरव - हम्ममम, इंप्रेसिव.....।

जय उसकी बात पर मुस्कुरा दिया । आरव ने जय से टैक्सी का नंबर लेकर , तुरंत अपनी कार उस ओर बढ़ा दी, जिस ओर कायरा गई थी । इधर कायरा ने टैक्सी ड्राइवर को अपने घर का एड्रेस दे दिया था और अब वह खुद से मन ही मन कह रही थी ।

कायरा - एक बार फिर सॉरी आरव । मैं दोबारा से आपका दिल दुखा रही हूं, आपकी बात न मान कर । लेकिन मैं मजबूर हूं ....। अपनी जान की मुझे कोई फिकर नहीं है । राजवीर मेरे साथ जो करेगा, मुझे मंजूर है । मैं उसे हैंडल कर लूंगी । पर मेरी वजह से राजवीर आपको कोई नुक़सान पोहंचाए, ये मैं बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं कर पाऊंगी ।

कायरा ये सब सोच ही रही थी कि तभी टैक्सी ड्राइवर ने टैक्सी अचानक से रोक दी । तो अचानक से झटका लगने से कायरा अपनी सीट से थोड़ा आगे की ओर खिसक गई । उसने झल्लाते हुए ड्राइवर से कहा ।

कायरा - भैया , आराम से चलाइए न....। ऐसे अचानक से ब्रेक लगाएंगे , तो ऐक्सिडेंट हो जाएगा ।

ड्राइवर ( घबराते हुए ) - माफ करना मेम साहब ....। ( टैक्सी के बाहर की ओर इशारा कर ) वो सामने वाले साहब ने अचानक से गाड़ी सामने लाकर खड़ी कर दी , इस लिए मुझे इमिजियटली ब्रेक लगाना पड़ा ।

ड्राइवर की बात सुनकर कायरा ने सामने की ओर देखा , जहां आरव की कार टैक्सी का रास्ता रोके खड़ी थी, पर उसमें उसे आरव नहीं दिख रहा था। वो सोचने लगी कि आरव की कार यहां क्या कर रही है .....??? तभी उसे अपने सीट के एक साइड के डोर के शीशे पर कुछ आवाज़ आयी । कायरा ने तुरंत खिड़की की तरफ देखा , तो वो चौंक गई । कार के बाहर आरव खड़ा था , और वह कायरा के साइड वाले डोर की विंडो पर लगातार अपनी उंगलियों से खटखटाए जा रहा था। कायरा ने तुरंत दरवाज़ा ओपन किया और टैक्सी से बाहर आ गई । तो आरव ने बिना उसकी तरफ देखे , ड्राइवर को अपनी टैक्सी ले जाने के लिए कहा । टैक्सी ड्राइवर अपनी टैक्सी ले गया । तो कायरा ने हैरानी से आरव की ओर देखकर कहा ।

कायरा - ये क्या किया आपने ....???? मुझे घर जाना है । देखिए अंधेरा हो चुका है , शाम के आठ बज चुके हैं । और मैं सुबह से अपने घर से बाहर हूं.....।

कायरा इससे आगे कुछ कहती , उसके पहले ही आरव ने उसके मुंह पर अपना हाथ रख दिया और उसका एक हाथ पकड़ कर उसे अपनी कार के पास ले गया । उसने कायरा को अपने साथ बैठाया और ड्राइविंग सीट पर खुद बैठने के बाद , कार सड़क पर दौड़ा दी । कायरा ने गुस्से से उससे फिर कहा ।

कायरा - ये कैसी जबरदस्ती है आरव । जब मैं आलरेडी टैक्सी से घर जा रही थी , तो आपने टैक्सी रुकवाकर , टैक्सी ड्राइवर को वापस जाने के लिए क्यों कहा ....???

आरव ने उसकी बात पर कोई जवाब नहीं दिया । तो कायरा को थोड़ा अजीब लगा । कायरा ने फिर उससे कहा ।

कायरा - बताइए न आरव.....। आपने टैक्सी क्यों रुकवाई ...????

आरव ने अब भी कुछ नहीं कहा और शांति से गाड़ी ड्राइव करता रहा । तो कायरा को उस पर बहुत गुस्सा आया । उसने तेज़ आवाज़ में चिल्लाकर आरव से कहा ।

कायरा - मैं कुछ पूछ रही हूं , उसका जवाब क्यों नहीं दे रहे आप....????

आरव ( गुस्से में उसी की तरह ऊंची आवाज़ में बोला ) - चिल्लाओ मत कायरा......। चिल्लाना मुझे भी आता है , और मेरा गुस्सा तुम बहुत अच्छी तरह से जानती हो । ( कायरा ने उसकी ऊंची आवाज़ सुनी , तो वह शांत हो गई । तो आरव ने उसे घूरते हुए कहा ) जब मैंने मना किया था , अकेले ऑफिस से बाहर जाने के लिए , तो तुम क्यों गई ...??? ( कायरा ने कुछ नहीं कहा , तो आरव ने एक बार फिर गुस्से में कहा ) अब तुम्हारे पास जवाब है मेरी बात का ....???? कुछ बोलोगी.....????

कायरा ( धीमी सी आवाज़ में ) - वो मुझे लेट हो रहा था , घर जाने के लिए । इस लिए मैं चली आयी...।

आरव - बिना मुझे बताए.....।

कायरा ( थोड़ी हिम्मत करके , थोड़ी तेज़ आवाज़ में बोली ) - हां तो .....??? आप भी तो मुझे कुछ भी बताना जरूरी नहीं समझते । तो मैं आपको अपने हर एक पल का हिसाब क्यों दूं ....???

आरव ( इरिटेट होकर ) - यू नो व्हाट कायरा....., तुम्हारा न कुछ नहीं हो सकता । बेकार है तुमसे बात करना । हमेशा हर बात का गलत मतलब निकालती हो , और जो मन में आता है बोल देती हो । ये भी नहीं सोचती कि सामने वाले की दिल में इसका क्या असर होगा .....।

कायरा ( खिड़की की तरफ देख कर ) - आप भी तो बिना सोचे - समझे गुस्से में किसी को भी कुछ भी बोल देते हैं ।

आरव - देखो कायरा.....!!!! मैं जो भी बोलता हूं सही बोलता हूं.....। ( कायरा ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और वह खिड़की के बाहर देखने लगी । तो आरव ने उसे देख कर खुद से बड़बड़ाते हुए कहा ) मैं भी किससे बात कर रहा हूं....., जिसे मेरी बातों से कोई फर्क ही नहीं पड़ता।

कायरा ( उसी तरह खिड़की से बाहर देखते हुए ही कहती है ) - तो आपको बात करने के लिए कह ही कौन रहा है ।

आरव ने सुना तो उसे अब कायरा पर और गुस्सा आया । पर उसने उससे कुछ नहीं कहा और लगातार गाड़ी ड्राइव करता रहा । इधर राजवीर अपने घर में आते ही अपने रूम में चला गया और उसने अपने रूम का दरवाज़ा तेज़ आवाज़ के साथ बंद कर दिया । दरवाज़े की इतने जोर की आवाज़ जब मिसेज तिवारी के कानों में पड़ी , तो वे अपने रूम से निकल कर तुरंत हॉल में आयी । तभी मिस्टर तिवारी भी घर के अंदर आए । उन्होंने एक नजर मिसेज तिवारी को देखा और फिर उनसे बिना कुछ कहे अपने रूम की ओर बढ़ गए । तभी मिसेज तिवारी के कानों में तेज़ आवाज़ में कुछ टूटने की आवाज़ आयी, उन्होंने आवाज़ की तरफ ध्यान दिया , तो वो आवाज़ राजवीर के रूम से आ रही थी । वे राजवीर के रूम की तरफ बढ़ गई और उसके रूम का दरवाजा पीटने लगीं और उन्होने कहा ।

मिसेज तिवारी - दरवाज़ा खोल राजवीर.....। क्या कर रहा है तू.....??? ( तभी उनके कानो मे अंदर एक और सामान टूटने की आवाज़ आयी , उन्होंने घबराकर कहा ) राजवीर ...!!!!! तू क्या कर रहा है???? वहां हुआ क्या है ऐसा , जो तू आते ही अपने रूम के समान को तोड़ने लगा ।

राजवीर जो कि आरव के द्वारा उसके साथ किए गए व्यवहार को याद कर आगबबूला हो रहा था । अपनी मां की आवाज़ सुनकर उसके हाथ रुक गए और उसने बंद दरवाज़े से ही तेज़ आवाज़ में चिल्लाकर कर कहा ।

राजवीर - प्लीज आप जाइए मॉम....।

मिसेज तिवारी - लेकिन हुआ क्या है राजवीर...???

राजवीर - ये आप डैड से जाकर पूछिए । उन्होंने भी सबके सामने अपने बेटे का साथ नहीं दिया , बल्कि चुप रह कर मेरी बेज्जती का तमाशा देखते रहे ।

मिसेज तिवारी - तू दरवाज़ा खोल राजवीर , हम दोनों तेरे डैड से बात करेंगे , कि आखिर उन्होने ऐसा क्यों किया । इस तरह खुद को अपने रूम में बंद करके गुस्सा करने से , किसी भी बात का हल नहीं निकलेगा राजवीर...।

राजवीर ( फ्लॉवर पॉट को अपने ड्रेसिंग टेबल के शीशे की ओर फेंक कर ) - मुझे किसी से कोई बात नहीं करना मॉम, आप जाइए यहां से ।

तभी राजवीर के कमरे की ड्रेसिंग टेबल के कांच टूटने की आवाज़ मिसेज तिवारी के कानों में पड़ी । वे घबरा गई और उन्होंने राजवीर को दोबारा आवाज़ दी ।

मिसेज तिवारी - राजवीर....!!! खुद को चोट मत पहुंचाओ । दरवाज़ा खोलो.....।

राजवीर - प्लीज लीव मी अलोन मॉम....। प्लीज......।

मिसेज तिवारी ने राजवीर की आवाज़ सुनकर अपने कदम दरवाज़े से पीछे की ओर ले लिए । और वे तुरंत भागते हुए अपने कमरे में पहुंची । जहां मिस्टर तिवारी अपने सिर पर हाथ रखे , राजवीर की हरकतों के बारे में सोचकर टेंशन लिए बैठे थे । मिसेज तिवारी ने उन्हें जब ऐसे बैठे देखा , तो वे तुरंत उनके पास आयी और मिस्टर तिवारी का हाथ उनके सिर पर से हटा कर कहा ।

मिसेज तिवारी - क्या हुआ है तिवारी जी ....???? वहां राजवीर गुस्से में अपने रूम की सारी चीज़ें तोड़ने में लगा है और यहां आप इस तरह , टेंशन में बैठे हैं । आखिर हुआ क्या है वहां पर .....????

मिस्टर तिवारी ने मिसेज तिवारी के सवाल पर , उन्हें राजवीर की सारी हरकतें बता दीं, जो आरव ने सबके सामने दिखाई थी और बताई थी । सब कुछ सुनकर मिसेज तिवारी भी टेंशन में आ गई । उन्होने मिस्टर तिवारी से हैरान होकर कहा ।

मिसेज तिवारी - हमारा बेटा इतना कुछ कर सकता है, ये तो मैंने कभी सोचा भी नहीं था ....।

मिस्टर तिवारी ( गुस्से से ) - उसे हमारा बेटा मत कहो मेघा ( मिसेज तिवारी ) ......। वो अब हमारा बेटा कहलाने के लायक भी नहीं है । उसने अपने ही बहन के ससुराल वालों के साथ धोखा किया है और साथ में एक लड़की के साथ बत्तमीजी भी की है । इतना कुछ गलत करने वाला लड़का , हमारा बेटा कभी नहीं हो सकता .....।

मेघा जी ( मिस्टर तिवारी के कंधों पर हाथ रखकर ) - आप शांत हो जाइए तिवारी जी .....। मैं समझाऊंगी न राजवीर को ....। वो मेरी बात समझेगा और दोबारा ऐसी कोई हरकत नहीं करेगा , जिससे आपकी और हमारे खानदान की बदनामी हो । न ही अब वो दोबारा अपनी बहन के ससुराल वालों के साथ कोई धोखा करेगा ....।

मिस्टर तिवारी - समझने समझाने का वक्त खत्म हो चुका है मेघा । अब उसे सज़ा देने की जरूरत है । और उसकी सज़ा अब मैं निर्धारित करूंगा , वो भी बहुत जल्द .....।

मेघा जी - आप गुस्सा मत कीजिए तिवारी जी.....। मैं समझाऊंगी राजवीर को । आपको उसे सज़ा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी । पहली गलती है ये उसकी , पहली गलती समझ कर ही उसे माफ कर दीजिए ।

मिस्टर तिवारी - मेरा फैसला अब नहीं बदलेगा मेघा ....। पहली गलती में ही इन्सान को सही राह पर लाना जरूरी होता है । और यही इस वक्त राजवीर की हरकतों पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है ।

इतना कह कर वे वॉशरूम की ओर बढ़ गए । उनके जाते ही मिसेज तिवारी टेंशन में आ गईं और उन्होंने अपने सिर पर हाथ रख लिया और मिस्टर तिवारी राजवीर को क्या सज़ा देंगे , इसके बारे में सोचने लगीं.....।

क्रमशः