Ahsaas pyar ka khubsurat sa - 46 in Hindi Fiction Stories by ARUANDHATEE GARG मीठी books and stories PDF | एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 46

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 46




जय सभी को लेकर , महज दस मिनट में ही ऑफिस पहुंच चुका था । आरव उसके इस कृत्य से काफी प्रभावित हुआ , पर उसने राजवीर के सामने होने की वजह से उससे कुछ नहीं कहा। आरव ने जय को कुछ इशारा किया और फिर वह राजवीर को लेकर ऑफिस के अंदर चला गया , उसके पीछे - पीछे कायर भी ऑफिस में आयी तब राजवीर को पता चला कि आरव के साथ कायरा भी थी । उन तीनो के जाने के बाद , जय ने कार के सारे शीशे लगाए और तुरंत अपना मास्क निकाल कर , कार पार्किंग में पार्क की , तब तक मिस्टर तिवारी, राहुल और रेहान भी आ गए थे । राहुल ने आते ही जय से आरव के बारे में पूछा , तो जय ने उसे आरव के ऑफिस में होने के बारे में बताया । राहुल मिस्टर तिवारी और रेहान के साथ ऑफिस में पहुंच गया । उनके जाते ही आदित्य और नील भी आ गए । उन दोनों ने विनय को अपनी कार से निकाला और उसे ऑफिस के अंदर ले गए । आरव कायरा और राजवीर के ऑफिस पहुंचते ही , मिस्टर शर्मा की नज़र उन पर पड़ी । आरव को देखते ही मिस्टर शर्मा उसके पास आए और गुस्से से उससे बोले ।

मिस्टर शर्मा - ये सब क्या है आरव ...??? मैंने तुम्हें कितने भरोसा के साथ ये कंपनी सौंपी थी और तुमने ....., तुमने अपनी कंपनी के मटेरियल के साथ , इतनी बड़ी लापरवाही की ..!!!! ( राजवीर की तरफ देख कर , जिसकी कॉलर अभी भी आरव ने पकड़ कर रखी थी ) और राजवीर......, राजवीर यहां क्या कर रहा है ? और तुमने उसकी कॉलर क्यों पकड़ कर रखी हुई है....???

आरव - क्योंकि अभी - अभी आपने जो मेरे ऊपर इल्जाम लगाया है , उसकी असली वजह मैं नहीं बल्कि राजवीर है .....।

तभी मिस्टर तिवारी आए और उन्होंने आते ही मिस्टर शर्मा से कहा ।

मिस्टर तिवारी - आखिर क्या गलती हो गई है हमसे मिस्टर शर्मा ....??? जो आपका बेटा , मेरे बेटे को मेरी ही नज़रों के सामने बेइज्जत कर , उसके गिरेबान को पकड़ कर यहां तक लाया है .....!!!!

मिस्टर शर्मा ( आरव की ओर एक बार फिर गुस्से से देखते हुए ) - ये क्या बत्तमीजी है आरव ....??? जवाब दो ...!!!! कोई अपने भाभी के भाई के साथ , ऐसा सलूक करता है क्या ...???

आरव ( बिना उनकी ओर देखे कहता है ) - मैं जो भी कर रहा हूं , सही कर रहा हूं पापा .....।

मिस्टर शर्मा - मैंने सिर्फ तुमसे जवाब मांगा है । तुम सही या ग़लत कर रहे हो या नहीं , ये हम बड़े डिसाइड करेंगे ......।

आरव - मैं सही हूं पापा । इसके लिए किसी को भी, कुछ भी डिसाइड करने की जरूरत नहीं है ।

मिस्टर शर्मा - तुम अपने ही पिता से ऐसे बात कर रहे हो ....!!! ( अरनव से ) अरनव , तुम अपने भाई को कुछ कह क्यों नहीं रहे हों, समझाओ इसे , के अपने ही घर के लोगों के साथ ऐसा सलूक नहीं किया जाता । राजवीर तुम्हारा साला है , कुछ तो रेस्पेक्ट करने के लिए कहो तुम अपने भाई से उसकी ....।

अरनव ( आरव की तरफ देखकर ) - पापा ......!!!! बिजनेस में रिश्तेदारी और अपना पराया नहीं देखा जाता । और मुझे अपने भाई पर पूरा विश्वास है , वो बिना किसी रीजन के किसी के साथ भी ऐसी हरकत नहीं करेगा , जो हमारी नज़रों में गलत हो । कुछ न कुछ वजह होगी , तभी आरव ने राजवीर के साथ ऐसा बिहेव किया है .....।

मिस्टर शर्मा - फाइन......। अगर ऐसा है , तो बताओ आरव....!!!! क्या किया है राजवीर ने , जो तुम उसे इस तरह से हम सभी के सामने बेज्जत करने से बाज नहीं आ रहे हो ।

इन सभी लोगों को बात चल रही थी , तब तक आदित्य नील और विनय भी आ चुके थे । मिस्टर शर्मा के कहने पर राहुल ने तुरंत उनसे कहा ।

राहुल - इसके लिए , आप सभी को हमारे साथ कॉन्फ्रेंस हॉल में चलना होगा । इसकी असलियत , बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सामने ही हम आपको बताना चाहते हैं ।

राहुल की बात सुनकर राजवीर हैरानी से उसे देखने कहा , जबकि बाकी सब कॉन्फ्रेंस हॉल की तरफ बढ़ गए । सारे दोस्त के साथ , राजवीर और विनय को भी वहां ले जाया गया । सभी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ मिस्टर शर्मा , अरनव और मिस्टर तिवारी भी बैठ गए। आरव ने आदित्य को इशारा किया , तो उसने अपने फोन से प्रोजेक्टर को कनेक्ट कर, एक वीडियो दिखाया । जिसमें राजवीर किन्हीं दो आदमियों से उस दिन बात कर रहा था , जब वह आरव के डोर के कांच को तोड़ने के बाद आरव से बहस करने के बाद , वापस ऑफिस से बाहर निकल गया था । बाहर निकलने के बाद , राजवीर पार्किंग एरिया में दो लोगों से बात कर रहा था । उस वीडियो में उन दोनों आदमियों में से एक आदमी को देखने के बाद , मिस्टर शर्मा और अरनव को थोड़ी हैरानी हुई । वो दोनो उस आदमी को देखने के बाद , एक दूसरे को देख रहे थे । तभी आदित्य ने दूसरा विडियो ओपन किया , जो कि राजवीर के केबिन का था । अपने केबिन का वीडियो देखकर राजवीर भौचक्का सा आरव को देखने लगा , जबकि आरव उसे देख कर बस शातिर मुस्कान दे रहा था । ये वीडियो कल का था , जब राजवीर अपने किसी आदमी से फोन पर फैक्ट्री के मटेरियल के बारे में डिसकशन कर रहा था । पिछले वीडियो और इस वीडियो में अंतर ये था , कि पिछले वीडियो में वॉइस नहीं थी , पर इस वीडियो में राजवीर ने फोन पर जो कुछ भी कहा , वो सब सुनाई दे रहा था । वो वीडियो देखने के बाद , सभी राजवीर की तरफ देखने लगे । और राजवीर सिर्फ उस वीडियो और आरव की तरफ देख रहा था । उस वीडियो के खत्म होने के बाद , आदित्य ने एक और विडियो प्ले किया , जिसमें वो दोनो आदमी जो पहले वीडियो में राजवीर से पार्किंग एरिया में बात कर रहे थे , उनके साथ और कुछ आदमी आरव की फेब्रिक फैक्ट्री के गोदाम में , कुछ कर रहे थे । आरव ने आदित्य को वीडियो जूम करने के लिए कहां, तो आदित्य ने वीडियो जूम कर दिया, जिससे ये साफ - साफ पता चलने लगा, कि वो सब उस गोदाम में क्या कर रहे थे । उन दोनों आदमियों ने बाकी आदमियों के साथ मिलकर , सारे पैक कार्टून्स से सारे डिज़ाइन किए हुए कपड़े निकाले और उसे अपने हाथों से , तो कभी कैंची से फाड़ने लगे । कुछ एक कपड़ों को उन्होंने इस तरह फाड़ा , कि वो चूहे के कुतरने कर जैसे दिख रहे थे । सारे कपडे ( फेब्रिक ) खराब करने के बाद , उन्होंने वापस से सारा खराब मटेरियल उठाया और वापस उन कार्टून्स में भर दिया । और उसमें कुछ अपने साथ लाए पत्थर भी भर दिए , जिससे कार्टून्स उठाने वालों को , ये सारे कार्टून्स भारी लगे । जिससे किसी को शक न हो कि कार्टून्स में क्या है , क्योंकि कपड़े को फाड़ने के बाद उसकी कतरन को किसी चीज़ में पैक किया जाता है , तो उस बॉक्स का वजन पहले की अपेक्षा थोड़ा सा कम हो जाता है । कार्टून्स पैक करने बाद उन्होंने राजवीर को कॉल किया और फिर वहां पर हुए सारे काम की रिपोर्ट दी और फिर शायद उन्हें किसी के आने की आहट हुई , इस लिए वे सभी जल्दी से वहां से भाग खड़े हुए । ये सारा काम , रात के दस बजे से लेकर रात के एक बजे के बीच हुआ , क्योंकि उस वीडियो क्लिप में टाइमिंग भी हॉल में बैठे सभी लोगों को शो हो रही थी । उस गोदाम में लगभग एक हजार करोड़ का मटेरियल था , जो कि सात कंपनी को डिलीवर होना था । और हुआ भी आज डिलीवर , पर इस तरह बर्बाद कर दिए जाने के बाद । वीडियो बंद हुआ और और उसे देखने के बाद सभी हैरान थे और राजवीर अब बस जमीन की ओर देख रहा था और सोच रहा था कि ये सब आरव ने किया कैसे , और राजवीर को पता कैसे नहीं चला इस बारे में । तभी मिस्टर तिवारी के पीए ने आरव से कहा ।

पीए - इसमें से जिन दो आदमियों से राजवीर सर बात कर रहे थे , उनमें से एक तो हमारी टेक्सटाइल कंपनी की फैक्ट्री में वर्कर है ।

आरव उनकी बात पर शातिर तरह से हंस दिया और राहुल ने नील से कहा ।

राहुल - जा भाई नील , ले आ उसे भी ।

नील ने सुना तो वह कॉन्फ्रेंस हॉल से बाहर निकल गया और अगले ही पल वह उसी आदमी के साथ वहां पर हाजिर हुआ , जिसका जिक्र अभी - अभी मिस्टर शर्मा के पीए ने आरव से किया था । राजवीर उसे वहां देख कर गुस्से से भर गया , और उसने उस आदमी को आंख दिखाई । तो उस आदमी ने बेचारगी सी सूरत बना ली । जिसे देख कर राजवीर को अब और गुस्सा आ रहा था । तभी आरव ने राजवीर से कहा ।

आरव - हां तो राजवीर ......!!!! कुछ कहना चाहोगे तुम अपनी सफाई में ।

राजवीर ( सीधा बनते हुए ) - मुझे क्या कहना है आरव !!!! जब मैंने कुछ किया ही नहीं है , तो मैं सफाई क्यों पेश करूं । और इस आदमी को मैं जानता जरूर हूं , पर मैंने इससे ऐसा कुछ करने के लिए कभी नहीं कहा है । और जो वीडियो तुमने मेरे केबिन से लिया है , और उसमें जो कुछ भी मेरी वॉइस में सुनाई दे रहा है , वो सब झूठ है , मैंने ऐसा कुछ बोला ही नहीं है । और वो किस दिन का वीडियो है , मुझे तो ये तक याद नहीं है । मुझे फंसाया जा रहा है , मैं तो आज के खराब मटेरियल का क्लाइंट के पास पहुंचने के बारे में जानता ही नहीं था , वो तो आरव जब मेरे घर आया तब मुझे उससे ये बात पता चली ।

डायरेक्टर मेम्बर्स में से एक आदमी राजवीर से बोला - अगर ऐसा है मिस्टर राजवीर तिवारी....., तो फिर आप इस आदमी के साथ , ऑफिस के बाहर क्या डिसकशन कर रहे थे ।

राजवीर ( सकपकाते हुए ) - वो ....., मैं इससे जेनेराली बात - चीत कर रहा था , इसके और इसके दोस्त के घर बार के बारे में....।

आरव - ओह ...., ऐसा है । ( राजवीर की तरफ मुड़ कर ) ठीक है फिर राजवीर , हम इस आदमी से ही पूछ लेते हैं । चलो बताओ चंदन ( राजवीर का आदमी ) , क्या बात कर रहे थे तुम और तुम्हारा दोस्त , राजवीर से .....।

राजवीर ने आरव की बात पर , चंदन को कुछ भी न बताने का इशारा किया , पर इस बार चंदन ने राजवीर को इग्नोर कर दिया । राजवीर उसे घूरने लगा , पर चंदन ने उसकी तरफ बिना देखे , अपना सिर नीचे की ओर झुकाए हुए सभी के सामने कहा ।

चंदन - उस दिन राजवीर साहब ने ही मुझे, मेरे दोस्त के साथ इस ऑफिस के बाहर बुलाया था । जब हम दोनों ऑफिस के बाहर आए तो राजवीर साहब हमें पार्किंग एरिया की तरफ ले गए । हमने इन्हें अर्जेंटली में यहां बुलाने का कारण पूछा , तो इन्होने हमें काम दिया । जिसमें हमें अपने कुछ आदमियों के साथ , शर्मा कंपनी की , फेब्रिक फैक्ट्री में जाकर , उनके सारे माल को खराब करना था और उसे दोबारा से पैक करने के बाद , वहीं पर काम करने वाले वर्करों के साथ शामिल होकर , सारा सामान ट्रकों में खुद डालना था । हमने सारा समान खराब कर दिया और राजवीर साहब को, काम पूरा हो जाने के बाद बता भी दिया । पर तभी हमें किसी के आने की आहट हुई , तो हम सभी वहां से भाग गए । उसके बाद उस गोदाम से बाहर निकलकर हम भी वहां के वर्करों में शामिल हो गए और सारा खराब माल ट्रकों में लोड किया ।

उसके बात खत्म करने के बाद कायरा उसे देख कर, मन ही मन खुद से कहने लगी ।

कायरा - इस आदमी की आवाज़ तो हूबहू उस रात उन आदमियों में से एक आदमी की आवाज़ से मिलती है , जिसने उस दिन अपने साथी से ये कहा था , कि वह शर्मा कंस्ट्रक्शन कि फैक्ट्री में काम करता है । कहीं ये आदमी सच में राजवीर का ही तो आदमी नहीं है ???? इसका मतलब जो कुछ भी वीडियो में दिखाया गया है वो सब सच है । ये सब राजवीर का ही किया धारा है । और आज की किडनेपिंग , पक्का वो भी राजवीर ने ही करवाई होगी । आज बहुत हुआ राजवीर , अब तो तुम लंबे जाओगे , वो भी मेरे हाथ से .....।

उस आदमी की आवाज़ सुनकर कायरा को , राजवीर के उस रात वाले अटैक की याद आ जाती है , जब राजवीर ने उस पर सिर्फ आरव और उसे डराने के किए अटैक करवाया था । और वह राजवीर को गुस्से से देख कर उबलने लगती है । चंदन की बात सुन मिस्टर तिवारी अपनी चेयर से खड़े हो गए और उन्होंने गुस्से से चंदन की ओर बढ़ते हुए कहा ।

मिस्टर तिवारी - हमारी ही कंपनी में काम करते हो , उसी से तुम्हारे घर के लोगों का पेट पलता और हमारी ही कंपनी के साथ धोखा करते हो । शर्म नहीं आयी तुम्हें , ये सब करते हुए ????

चंदन ( हाथ जोड़ कर मिस्टर तिवारी के पैर में गिरकर , गिड़गिड़ाते हुए कहता है ) - माफ कीजिए बड़े मालिक ..!!! ये सब मैंने अपनी मर्ज़ी से नहीं किया है । बल्कि ये सब इन राजवीर साहब ने हमें करेंगे के लिए कहा है ।

मिस्टर तिवारी ( गुस्से से भड़कते हुए ) - पर मेरा बेटा तुम्हें ऐसा करने के लिए क्यों कहेगा ...????

चंदन - ये तो मुझे नहीं पता साहब । पर मैं पिछले पांच सालों से , शर्मा कंपनी की फैक्ट्री में काम करने के अलावा , राजवीर सर का भी काम करता हूं । मैं इनका ही आदमी हूं , ये इस तरह के कामों के लिए मुझे पैसे देते हैं , जिससे मेरे घर के अलावा , मेरे रात के दारू पीने का इंतजाम होता है ।

मिस्टर तिवारी ने उसकी बातें सुनकर , आखें लाल करते हुए राजवीर की तरफ देखा , तो राजवीर चंदन की बात पर कुछ न बोल सका और उसने अपनी नज़रें नीची कर लीं । मिस्टर शर्मा ने चंदन से कहा ।

मिस्टर शर्मा - मेरे पैर छोड़ो चंदन ....। और अगर तुम्हें गलत तरह के काम करके ही , पैसे कमाने है , तो तुम मेरी तरफ से आजाद हो । आज के बाद से तुम मेरी कंपनी में काम नहीं करोगे । अपराधी का साथ देने वाला भी अपराधी होता है और तुमने तो राजवीर का साथ बस नहीं दिया , बल्कि उसके इस काम को तुमने ही अंजाम दिया है । इस लिए अपराधियों के लिए मेरी कंपनी में कोई जगह नहीं है ।

चंदन - नहीं साहब , ऐसा मत कीजिए । वरना मैं अपना घर का खर्चा कैसे चलाऊंगा । कैसे अपने बीवी बच्चो को पलूंगा ।

नील - वैसे ही , जैसे तुम आज तक राजवीर के पैसों से दारू पीते आए हो ।

नील की बात सुनकर चंदन चुप हो गया , तभी मिस्टर शर्मा ने उससे कहा ।

मिस्टर शर्मा - इससे पहले कि मैं तुम्हें पुलिस के हवाले करने का मन बनाऊं , उसके पहले ही निकल जाओ तुम मेरी नजरों के सामने से । और दोबारा कभी मेरी किसी भी कंपनी के आस - पास दिखना भी मत । गेट आउट.......।

मिस्टर शर्मा ने गुस्से से कहा , तो चंदन सर झुकाए वहां से चला गया । और वहीं खड़े एक डायरेक्टर मेंबर ने मिस्टर शर्मा से कहा ।

डायरेक्टर मेम्बर - उस आदमी को तो आपने नोकरी से निकाल दिया । जिसने मिस्टर राजवीर के कहने पर सब कुछ किया था । पर क्या मिस्टर राजवीर को कुछ नहीं कहेंगे आप , जबकि इस सब के मास्टर माइंड तो वहीं है ।

एक और डायरेक्टर मेम्बर - हां सर.....। उस गरीब को तो आपने अपनी कंपनी से बाहर कर दिया । पर क्या आप मिस्टर राजवीर के कारनामों पर चुप्पी साध लेंगे , सिर्फ इस लिए कि वो आपके रिश्तेदार है ...????

डायरेक्टर मेम्बर्स के इस तरह कहने पर , मिस्टर शर्मा और मिस्टर तिवारी ने एक दूसरे को देखा और फिर शर्म से दोनों ने ही अपनी नजरें झुका लीं । एक को अपने बेटे के कारनामों की वजह से शर्म आ रही थी और एक को इस लिए शर्म आ रही थी , कि उसकी कंपनी की वजह से मिस्टर तिवारी की बेज्जती हो रही थी । डायरेक्टर मेम्बर्स की बातें अरनव और आरव और आरव के दोस्तों को भी बर्दास्त नहीं हो रही थी । इस लिए अरनव अपनी सीट से उठा और उसने सभी से कहा ।

अरनव - हम प्रोफेशनल जगह पर खड़े हैं और पर्सनल रिश्ते प्रोफेशनल रिश्तों से काफी अलग होते हैं । इस लिए राजवीर ने जो किया है , इसके लिए हम इसे ऐसे ही जाने नहीं देंगे । इसे इसके गुनाहों कि सज़ा जरूर दी जाएगी । और इसे सज़ा इस कंपनी के चेयर मैन , मिस्टर राजेश शर्मा ही देंगे । ( मिस्टर शर्मा की तरफ देखकर ) मैं ठीक कह रहा हूं ना पापा.....!!!???

अरनव की बात पर , मिस्टर शर्मा उसकी ओर हैरानी से देखने लगे । तो अरनव ने अपना सिर झुका लिया । मिस्टर शर्मा समझ गए , कि अरनव राजवीर से बहुत नाराज़ है । और वह अब बिना राजवीर को सजा दिलवाए , मानेगा ही नहीं । उन्होंने ने एक नजर मिस्टर तिवारी की तरफ देखा , जो अभी भी नजरें झुकाए जमीन को ताक रहे थे । और फिर एक नजर मिस्टर शर्मा ने आरव की ओर देखा , तो आरव ने अपनी नजरें ही फेर ली । क्योंकि वो राजवीर की हरकतों के लिए उसे , कोई रियायत नहीं दे सकता था । मिस्टर शर्मा ने आखें बंद कर एक लम्बी गहरी सांस ली और सभी डायरेक्टर मेम्बर्स से कहा ।

मिस्टर शर्मा - मेरे बड़े बेटे अरनव ने सही कहा है । हम रिश्ते और ऑफिस , दोनों ही अलग - अलग रखते हैं । राजवीर ने जो भी किया , वो क्यों किया , इसकी क्या वजह थी ये मैं नहीं जानता और न ही जानना चाहता हूं । पर राजवीर के इस कारनामे की वजह से हमारी कंपनी को पूरे एक हजार करोड़ का नुकसान हुआ है , जिसकी कीमत हम जैसी बिजनेस कंपनी के लिए क्या होती है , ये आप सभी जानते हैं । इस लिए मैं राजवीर को अपने कंपनी से रेस्टीकेट करता हूं । आज के बाद से , राजवीर हमारी कंपनी में कभी भी कदम भी नहीं रखेगा ।

इतना कह कर मिस्टर शर्मा शांत हो गए और राजवीर को देखने लगे , जो सिर झुकाए बैठा हुआ था । तभी डायरेक्टर मेम्बर्स में से एक आदमी ने कहा ।

डायरेक्टर मेंबर - लेकिन राजवीर के इतने बड़े गुनाह के लिए , सिर्फ उसे ऑफिस से रेस्टीकेट कर देना , क्या काफी है मिस्टर शर्मा ....???

एक और डारेक्टर मेंबर - जी हां मिस्टर शर्मा ....., आप ही बताइए , इसकी वजह से हमारे कंपनी को कितना बड़ा नुकसान हुआ है , सारे क्लाइंट के फोन पर फोन आ रहे हैं । सब डैमेज मटेरियल पहुंचने से हमारी कंपनी से गुस्सा हैं । सभी हमारी कंपनी पर क्लैम करने की बात कर रहे हैं । कुछ ही घंटों में हमारी कंपनी की मार्केट में पोजिशन डाउन हो चुकी है, हमारी कंपनी के शेयर्स पर इन सब का असर पड़ रहा है और आप बस इसे ऐसे ही छोड़ रहे हैं । हम आपके इस फैसले से सहमत नहीं है मिस्टर शर्मा .....।

मिस्टर शर्मा ( नजरें झुकाकर ) - मुझे जो कहना था , मैं कह चुका हूं । लेकिन अगर आप लोग मेरी इस बात पर सहमत नहीं है , तो फिर आप सभी मिलकर ही डिसाइड कीजिए , कि हम अब आगे क्या करें......।

डायरेक्टर मेंबर - करना क्या मिस्टर शर्मा ......। मिस्टर तिवारी की कंपनी और हमारे कंपनी के बीच जो पार्टनर शिप है , उसे केंसल करिए । और इस राजवीर को जेल की सलाखों के पीछे , शर्मा कंपनी के साथ धोखा - धडी करने के जुल्म में अंदर करवाइए । तभी इसके जैसे लोगों को सबक मिलेगा । ताकि दोबारा फिर कोई भी ऐसी हरकत हमारी कंपनी के साथ न करने पाए ।

मिस्टर शर्मा - लेकिन मैं राजवीर को जेल नहीं भेजना चाहता । इससे हमारी कंपनी के साथ - साथ मिस्टर तिवारी के कंपनी की भी इमेज खराब होगी । और सवाल तो हम पर भी उठेंगे , कि हम मटेरियल खराब होने से बचा क्यों नहीं पाए ।

डायरेक्टर मेंबर - ठीक है फिर , इस कंपनी के सीईओ मिस्टर आरव शर्मा है , और यहां का सारा मैनेजमेंट भी वही देखते है । इस लिए मिस्टर आरव को ही डिसाइड करने दीजिए , कि राजवीर को क्या सज़ा देनी चाहिए ।

डायरेक्टर मेंबर की बात सुनकर , मिस्टर शर्मा आरव को देखने लगे । तो आरव ने कुछ पल सोचा और फिर कहा ।

आरव - मुझे लगता है कि पापा सही कह रहे हैं । आलरेडी ऑफिस के बाहर मीडिया का तांता लगा हुआ । और वो हमारी कंपनी के बारे में जाने क्या - क्या बातें बना रहे हैं । इस लिए अगर हमने पुलिस कंप्लेन की , तो रेपोटेशन दोनों कंपनी की खराब होगी । और वैसे भी , गुनाह राजवीर ने किया है , इस लिए सज़ा इसे है मिलनी चाहिए , इनकी कंपनी को नहीं ।

डायरेक्टर मेंबर - अगर आपका भी यही मत हैं, तो हम राजवीर को जेल नहीं भेजते । लेकिन इसकी कंपनी के साथ जो हमारी पार्टनरशिप है , उसे हम किसी भी हाल में अब कंटिन्यू नहीं कर सकते । वरना इसके जैसे लोगों को बढ़ावा मिलेगा , हमारे साथ दोबारा ऐसा खेल खेलने का ।

अरनव ( डायरेक्टर मेंबर से ) - आप ठीक कह रहे हैं । हम अभी इसी वक्त , ये पार्टनरशिप कैंसल करते हैं । और दोबारा हमारी कंपनी , तिवारी कंपनी के साथ कोई भी डील और न ही कोई पार्टनर शिप साइन करेगी ।

इतना कह कर अरनव चुप हो गया । पर मिस्टर तिवारी के मन में अब अपने बिजनेस को चौपट होने से बचाने का टेंशन पनपने लगा । सारे डायरेक्टर मेंबर अरनव की बात से सहमत हो गए और सभी वहां से चले । राजवीर भी अपनी चेयर से उठ कर बिना किसी से कुछ कहे जाने लगा । तो आरव ने बिना उसकी ओर देखे , उसे पीछे से ही टोकते हुए कहा ।

आरव - रुक जाओ राजवीर .....। अभी तुम्हारे गुनाहों की लिस्ट यहीं पर समाप्त नहीं हुई है । और वैसे भी , तुमने तो ये पूछा ही कि मैंने ये सारे रिकॉर्डिंग्स कैसे की और कब की ..!!!!! और अभी तो तुम्हारे लिए बहुत ही इंपोर्टेंट काम सोच कर रखा हुआ है मैंने , पहले उसे कर लो फिर चले जाना ।

आरव की बात सुनकर राजवीर के कदम रुक गए और वह आरव के पास आकर नफ़रत से बोला ।

राजवीर - इतनी बेजजती तो कर चुके हो तुम मेरी आरव । अब इसके अलावा और बचा ही क्या है ।

राहुल ( राजवीर से ) - तुम्हारी बेज्जती तुम्हारे कारनामों की वजह से हुई है राजवीर , इसमें आरव का कोई दोष नहीं है ।

आरव ( राहुल से ) - रहने दे भाई , इसे कुछ भी समझ नहीं आयेगा । ( राजवीर से ) लेकिन मैं तुम्हें आज इतनी आसानी से पल्ला झाड़ कर जाने नहीं दूंगा राजवीर । तुमने आज न सिर्फ मेरे बिजनेस को नुकसान पहुंचाया है बल्कि कायरा का किडनैप भी करवाया है ।

मिस्टर तिवारी ( हैरानी से ) - ये क्या कह रहे हैं आप आरव । राजवीर ने कायरा का किडनैप कब करवाया ...????

आरव - आज अंकल , जब हम सभी ऑफिस आ रहे थें, तब ही मुंबई पुणे हाईवे पर इसने ये हरकत करवायी ।

राजवीर - मैं तुम्हें कितनी बार बता चुका हूं आरव , मैंने कायरा का किडनैप नहीं करवाया है । कोई मेरी बात पर विश्वास क्यों नहीं कर रहा है ???

आदित्य - अगर ऐसा है राजवीर , तो फिर कल विनय, रेहान अंशिका सौम्या और शिवानी का पीछा करते हुए , उसी मॉल में क्यों गया , जहां ये चारों शॉपिंग करने गए थे ....???

राजवीर - मुझे नहीं पता , कि विनय वहां क्यों गया था । मैं तो ये जनता तक नहीं हूं कि विनय कल कहां था ...!!!!

नील - लेकिन हम सभी जानते हैं , कि विनय कल मॉल में रेहान लोगों पर नज़र रख रहा था । और उसे ऐसा करने के किए तुमने ही कहा था । ( विनय से ) क्यों विनय , ठीक कह रहा हूं ना मैं......????

नील के सवाल पर राजवीर ने विनय की ओर देखा , तो पहले तो विनय ने अपना सिर नीचे कर लिया पर कुछ सेकंड्स बाद उसने हां कहा । जिससे राजवीर शॉक्ड हो गया और वह विनय को गुस्सा में देखने लगा ........।

क्रमशः