हमारी बात नॉर्मल हाल - चाल से ही शुरू हुई थी। वो आज दुखी था, घर में जो बीमार थे उनकी तबीयत को लेकर। मैं उसे समझाने की कौशिश कर रही थी, सब ठीक हो जाएगा। हिम्मत रखो। वहां से ध्यान हटाने के लिए और वो ज़्यादा ना सोचे, टेंशन ना ले इसके लिए हम नॉर्मल बात करने लगे। ना ही आज सोने की जल्दी थी और ना ही नींद आ रही थी।
कुछ देर बात होने के बाद वो कहने लगा, मुझे लगता था तुम्हारे अंदर बहुत ऐटिट्यूड है पर मैं गलत था। तुम तो बिल्कुल भी ऐसी नहीं हो।
मैंने भी पूछ लिया - पर तुम्हे ऐसा क्यूं लगता था?
तब उसने जवाब दिया - क्योंकि तुम ज़्यादा किसी से बात नहीं करती ना । इसलिए तुमसे बात करने में डर भी लगता था। तुम बहुत अट्रैक्टिव भी लगती थी शुरू से ही। पर कभी बात करने की हिम्मत नहीं हुई।
ये सोचकर मैंने कभी कुछ नहीं कहा।
मेरे पास इन बातो का कोई जवाब नहीं था।
मुझे नहीं समझ आ रहा था मैं क्या बोलूं।
मैंने उसका मैसेज देख तो लिया था पर कोई रिप्लाई नहीं किया था। कुछ देर बाद फिर उसका मैसेज आता - आई ऐम सॉरी ,, अगर मेरी कही कोई बात आपको बुरी लगी तो!
मैं बोली नहीं बात वो नहीं है पर मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या बोलूं।
कुछ देर इसी तरह चुप्पी बनी रही। हम दोनों ही शांत थे
थोड़ी देर बाद फिर उसका रिप्लाई आता - छोड़ो ये सब बाते
ये बताओ , आपको क्या पसंद है, क्या हॉबीज हैं आपकी?
मैंने बताया मुझे पढ़ना पसंद है...
उसका रिप्लाई आया - ये तो मैं पहले ही समझ गया था इसके अलावा भी तो कुछ पसंद होगा ना ..
मैं बोली हां मुझे घूमना बहुत पसन्द है।
ये सुनकर वो खुश हो गया और तुरंत बोलता ये हुई ना बात।
मैंने पूछा इसमें इतनी खुशी की क्या बात है? तब उसने बताया कि मुझे भी घूमना बहुत पसंद है।
तो बताओ फिर कहां घूमना पसंद करोगी।
कश्मीर... मैंने भी तुरंत रिप्लाई किया।
कश्मीर का नाम आते ही दिल खुश हो जाता है। ऐसी जगह जो सिर्फ मैंने फोटो में, इंटरनेट पर ही देखी है और मेरा बहुत मन है वहां जाने का, वहां घूमने का।
वो बोला हां चलेंगे कभी।
ये सुनकर मेरे चेहरे पर एक हल्की सी स्माइल आ गई।
अब उसकी बारी थी जवाब देने की,
मैंने उससे पूछा - आप बताओ , आपकी क्या होबिज हैं?
तब उसने बताया सबसे पहले मुझे घूमना बहुत ज़्यादा पसंद है जो तुम जान ही चुकी हो दूसरा मुझे गाना भी पसंद है।
ये सुनते ही मैंने उसे कुछ गाकर सुनाने को कहा ..
पर वो मना कर रहा था।
बार - बार बोलने के बाद आखिरकार वो राजी हुआ इस शर्त पर कि मैं गाना सुनने के बाद ना हसू।
मैंने भी हामी भर दी कि नहीं हसुंगी।
कुछ देर में उसने एक गाना रिकॉर्ड करके भेजा जो लगभग एक मिनट का था, गाना था - "गुलाबी आंखें जो तेरी देखी, शराबी ये दिल हो गया" ।
जैसे ही मैंने सुना ऐसा लगा जैसे घंटियां सी बजनी शुरू हो गई।
उस रात मैंने उस रिकॉर्डिंग को कम से कम भी पचास बार सुन लिया था।