Niyati - 7 in Hindi Fiction Stories by PRATIK PATHAK books and stories PDF | नियति ...can’t change by anybody - 7

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नियति ...can’t change by anybody - 7

सुबह कॉलेज में.........अमित मालिनी से कहता है चलो मालिनी माइकल के पास जाना है। पर क्यों सर? मालिनी ने पूंछा।
उसके पैसे वापस देने। अमितने कहा।
उस दिन की तरह आज भी दोनों की सिक्योरिटी चेकिंग की गई। माइकल आज स्विमिंग पुल के पास सफेद कलर का बाथ सूट में दो खूबसूरत लड्कीओ के साथ बैठा था और अमित को देखते ही बोला आओ आओ नायक साहब आप बड़ी जल्दी आ गए पैसे वैसे तो लाए हो या यूं ही आ गए हो। अरे माइकल भाई पूरे पैसे सूत समेत वापस लाया हूं अमित ने अपना लैपटॉप खोलकर माइकल के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए।
वाह वाह! मान गए आप को नायक साहब पैसे अकाउंटमे आतेही माइकल बोला।
पर माइकल थोड़े दिन रुक जाते तो तुम्हें ज्यादा पैसे मिल पाते पर तुमने तो मारने की धमकी दे दी मुझे।अमित बोला। “ज्यादा पैसे मतलब? मैं कुछ समझा नहीं। माइकलने देखो सीधी बात करता हूं मैंने टाइम मशीन बनाई है जिससे हम टाइम ट्रावेल यानी समय यात्रा कर सकते हैं-अमित बड़े शांति से बोला। क्या बात कर रहे हो तुम यह संभव है? माइकलने खड़े होकर आश्चर्य से पूछा। हा संभव है अगर यकीन ना आए तो मालिनी से पूछो, बताओ मालिनी तुमने की थी ना समय यात्रा?? अमितने कहा । हां माइकल सर सच कह रहे हैं यह संभव है मैंने कल का पूरा दिन एक बार फिर से देखा मालिनीने जवाब दिया।
पर एक दिक्कत आ गई है अमितने चिंतीत होकर कहा। क्या दिक्कत माइकल ने पूछा। मुझे दो हजार करोड़ चाहिए अमित ने जवाब दिया। “दो हजार करोड़ तुम क्या बोल रहे हो मालूम है पागल हो गए हो क्यों दो हजार करोड़ चाहिए,माइकल बोला ।“मैंने टाइम मशीन का सारा सामान रशिया के ग्रे मार्केट से खरीदा था और वहां पर किसी को पता चल गया है मुझे धमकियां मिल रही है कि तुम्हरी टाइम मशीन दो या उन लोगों को दो हजार करोड़ रुपए दो नहीं तो वह मुझे मार देंगे मैं तुम्हें उसके तीन गुना वापस करूंगा अगर मैं कल तुम मुझसे दो हजार करोड़ देते हो तो। अमित ने समजाया।वो लोग पैसे लेकर तुम्हें मार देंगे तो तुम मुझे मेरे पैसे कैसे वापस दोंगे और 3 गुने कैसे दोगे? माइकलने पूंछा। “मैं पहले मशीन के जरिये टाइम ट्रावेल करके वापस रशिया जाऊंगा और वह सामान एक जगह पर ना लेकर अलग-अलग जगहोंसे खरीदूंगा उसकी वजह से मेरे पर शक नहीं होगा। और रही बात तीन गुने पैसे वापस करने की तो दो दिनमें मैंने दोसों करोड़ रूपिये को तीनसौ करोड़ कर दिए तो कुछ बात तो होगी ना मेरे मशीन में।माईकल के चेहरे पर क्या करें क्या ना करें ऐसी हालत थी। ओके मुझे सोचने का समय दो, तुम यहां पर बैठो में थोड़ी देर में आता हूं मालिनी मेरे साथ चलो माइकल मालिनी को लेकर अंदर रूम में जाता है क्या करें मालिनी यकीन कर सकते हैं उस पर?? हां माइकल मैंने खुद देखा है वो मशीन काम करता है और यह दोसों करोड़ साले ने दो दिन में तीन सौ करोड़ कर दिए कुछ शेयर बाजार और क्रिकेट के सट्टे की बात कर रहा था और हमको क्या, पैसे वापस आते ही हमको तो उसे मारना ही है फिर मशीन हमारा ही होगा पर एक बार बॉस से बात कर लेते हैं,मालिनीने कहा। वो बॉस नहीं हमारा, इस काम में पार्टनर है हमारा माइकल ने गुस्से में और थोड़े चीडते हुए कहा। बाद मे उसे कहेंगे और साथ में ले भी चलेंगे अरे पर अभी इतने सारे पैसे कहां से लाएंगे मे वो सोच रहा हूं.... हा अभी मेरे पास दो मंत्रियों का हवाला पड़ा है एक महीने में उन दोनों को वापस देना है अभी अमितको वो पैसे देंगे बाद में मंत्रियो को वापस कर देंगे,माइकलने कहा। रूम से बाहर आते वक़्त दोनों के चेहरे पर खुशी दिखाई दे रही थी। ठीक है नायक साहब मे आपको पैसे दूंगा, पर 1 महीने के अंदर वापस चाहिए। और मैं आपके मशीन की जांच खुद करना चाहूंगा कि वाकई में काम करती है या नहीं, माइकल बोला।
अरे मशीन तुम्हारी समझो दो दिनो में तुम सबको समय यात्रा करवा लूंगा पर थोड़ा आखरी काम बाकी है एक कमी है सिर्फ दो दीनोमे वह कमी दूर कर दूंगा और तुम्हें मुझे पैसे अभी देने पड़ेंगे तो मेरी जान बच जाएंगी। आधे पैसे मेरे अकाउंट में और आधे नकद देना होगा, अमीत ने बताया। ठीक है पैसे तो अभी दे देता हूं तुम्हें पर मेरा एक पार्टनर भी हमारे साथ मशीन चेक करने के लिए साथ आएंगे,माइकलने कहा। कोई बात नहीं मैं कल मेरे रंगा सर को भी मैं बुला लूंगा कब से मुझे पागल पागल कह रहे थे। तो मिलते हैं दो दिन के बाद। बाहर निकलते अपने आपको अमित ने कहा आधा काम हो गया अब आधा काम ही बाकी है।
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मैं आई कम इन सर कॉलेज में अपनी केबिन में रंगा सर फोन पर किसी से बात कर रहे थे उसी वक्त अमित ने दरवाजा खटखटाते हुए कहा। यस कम इन अमित, मैं तुम्हें बाद में बात करता हूं करके रंगाने फोन काटा। “सर आज रात आपको मेरे साथ चलना है, आप यकीन नहीं करेंगे मैंने क्या बनाया है,” अमित मे कहा। “क्या अमित फिर से वह पागलपन चढ़ा है तुझे?? रंगा बोला। पर सर एक बार आप चलो मेरे साथ आज रात को मैं आपको लेने आऊंगा 11:00 बजे तैयार रहना। ठीक है तुम कहते हो तो चल कर देखते हैं,रंगा जाने को तैयार हुआ। अच्छा तैयार रहना मैं रात 11:00 बजे आऊंगा करके अमित वहां से निकला। रात को 11:00 बजे सबसे पहले अमितने मालिनी को पिक किया बाद में रंगा सर को और सबसे अंत में माइकल को लिया। रंगा अमित के बाजू वाली सीट पर बैठा था मालिनी और माइकल पीछे की सीट पर बैठे थे। यह मेरे कॉलेज के डीन रंगनाथ सर है और यह है माइकल मेरा नया दोस्त और मालिनी को तो आप जानते ही हैं रंगा और माइकल ने एक दूसरे से हाथ मिलाया। माईकल तुम्हारे पार्टनर आने वाले थे नहीं आए? अमित ने पूछा। “उनको कुछ जरूरी काम आगया है इसलिए शहर से बाहर गए हैं इसलिए नहीं आए। बातों बातों में वह सुनसान कच्ची सड़क आई और दूर से वह हवेली दिख रही थी। यह कहां लेकर आये हो अमित हमें?” रंगा ने पूछा “यह अमित सर की टॉप सीक्रेट लेब हौ। किसी को आने जाने का रास्ता नहीं मालूम मालिनी ने बीच में जवाब दिया। देखो हवेली आ गई और एक बात क्या खास है पता है या कोई नेटवर्क नहीं आता देखो मालिनी ने मोबाइल दिखाते हुए बोला। गाड़ी हवेली के दरवाजे के अंदर आ चुकी थी और अमित मन ही मन में मुस्कुरा रहा था मानो कोई बड़े काम को अंजाम देने जा रहा हो। अरे आ रहा है नेटवर्क रंगा ने कहा। वाह मेरे मोबाइल में भी पहली बार आया नेटवर्क मालिनी खुश होकर बोली। माइकल ने धीरे से मालिनी को कहा जल्दी से मोबाइल लोकेशन मेप ऑन करके किसी को लोकेशन मेंसेज कर दो वरना सुबह को यह जगह नहीं मिलेगी। अमित खुद ही चाहता था कि यह लोकेशन शेयर हो। आज उसने हर रोज की तरह अपने मोबाइल से अपना बनाया हुआ नेटवर्क जामर इस्तेमाल नहीं किया। जामर की वजह से ही हर रात मालिनी के मोबाइल में नेटवर्क नहीं आ रहा था। वाह अमित क्या शानदार हवेली है किसकी है रंगा ने पूछा। यह मेरी पुस्तेनि हवेली है सर। अरे उसे मत छूना एक राइफलको छूते हुए माइकल को अमित ने रोका। आप लोग कोई भी चीज को छू नहीं सकते सिर्फ देख सकते हो और यहां पर जो पीले पट्टे हैं उसके बीच में ही आपको चलना है बस यह मेरी शर्त समझो या बिनती अमित ने सब को कहा। सब लोग नीचे बड़े से हॉल में होकर ऊपर वाले अमित के लेब वाले कमरे में गए कमरे में प्रवेशते हुए रंगा और माइकल दंग रह गए अमित के कई सारे आविष्कार कमरे में चारों तरफ पड़े हुए थे और कमरे के बीच में एक ही जगह पर तीन मशीन आपस में जुड़े हुए थे और तीनों का एक कनेक्शन कंप्यूटर में लगा हुआ था। दो और मशीन देखकर मालिनी भी दंग रह गई और बोली यह दो मशीन आपने कब बनाई सर? आज सुबह मैंने दोनों को असेंबल किया, आज तुम तीनों को एक साथ में समय यात्रा करवाऊँगा। एक बार भूतकाल में और एक बाल भविष्य में तुमको लेकर जाऊंगा। प्लीज आप तीनों एक-एक कुर्सी बैठ जाओ। तीनों अपनी अपनी कुर्सी पर आराम से बैठ गए और अमितने तीनों के बदनपे सभी वायरको लगा दिया और ठीक 12:00 बजे कंप्यूटर में बटन दबाया और तीनों गहरी नींद चले गए 5 मिनट बाद अमित ने वापस बटन दबाया तीनों के बदन पूरे पसीने से भरे हुए थे। रंगा और मालिनी का चेहरा तो देखने लायक था। पानी, पानी दो मुझे रंगा ने कहा। पानी कार में है मैं लेकर आता हूं अमित ने कहा और पानी लेने गया। रंगा ने तेज साँसो मे कहा क्या तुम दोनों ने वही देखा जो मैंने देखा? हां 12 साल पहले का उसके पूरे परिवार का एक्सीडेंट माइकल ने कहा। “क्या उसने भी हमें देखा होगा” मालिनी ने पूछा। नहीं अगर उसने देखा होता तो हमें यहां थोड़ी बुलाता,उसने कबकी हमारी गेम बजा डाली होती माइकलने कहा। देखो अब जल्दी से भविष्य देखलो,अमित को खत्म करो और यहां से यह सब लेकर जल्दी से निकलो रंगा ने बोला। अमित पानी लेकर आया और कहा ऐसा क्या देख लिया सर आपने अपने अतीत में जो इतना डर गए थे? चलो कोई बात नहीं आओ आपको भविष्य दिखाता हूं अमित ने फिर से बटन दबाया और तीनों फिर से गहरी नींद में चले गए और 5 मिनट बाद वापस बटन दबाया। “यू आर जीनियस अमित यह सच में काम करता है”, रंगा ने कहा। थैंक यू सर अब तो मैं पागल नहीं हूं ना सर आज रात टाइम मशीन की खुशी में पार्टी होगी सब मेरे फ्लैट पर आना हम चारों पार्टी करेंगे,पर अपने सर भविष्य में क्या देखा अमितने खुश होकर कहां। मैंने देखा कि कुछ लोगोने तुम पर हमला किया है तुम्हारे पैर काम नहीं कर रहे हैं और तुम हॉस्पिटल में हो और हम भी हॉस्पिटल में तुम्हारी खैरियत पूछने आए थे रंगा ने बोला। अरे कोई बात नहीं सर मुझे कुछ नहीं होगा शायद वह रशिया वाले गुंडे होगे,अमित बिंदास होके बोला। पर तुम भविष्य में जा के देख लो ना अगर तुम उसे बदल सकते हो तो माइकल ने कहा। नहीं माइकल नियति को कोई नहीं बदल सकता मुझे पता है मेरे साथ क्या होने वाला है उसे मैं नहीं बल्कि कोई नहीं बदल शकता। तीनों के चेहरे पर थोड़ी खुशी दिखी मानो कुछ और ज्यादा दिखा हो चलो अब चलते हैं कल पूरा दिन आराम करते हैं और रातको पार्टी भी करनी हैं। तुम लोग आगे जाओ मैं सब बंद करके आता हूं। तीनों बाहर आते वक़्त बहुत खुश थे। चलो अब तो कल रात कोही मारेगेना अमित को? मालिनी ने पूछा। ठीक रात के 11:59 को ही मारेंगे जब वह अपने फ्लेट में हमारी पार्टी के लिए राह देखता होगा माइकल ने बड़े खुश हो कर कहां। तो फिर शाम को चलते हैं ना हॉस्पिटल उसको देखने, देखने के बाद रात को उसकी गेम खतम और हमारी पार्टी शुरू हाहाहा मुबारक हो हम जीत गए रंगा ने कहा। क्या जीत गए सर पीछे अमित ने बोला अरे अमित तुम जीत गए वाह क्या खोज की है तुमने रंगा ने बात बदलते हुए कहा। हां सर मैं जीत गया मैं जीत गया चलो अब आराम से सोना है फिर कल की तैयारी करनी है अमित ने बोला। चैन से सो जाओ सर मालिनी ने कहा (आखरी बार सोलो फिर हमेशा के लिए आपको सोना है।)
सब लोग अपने अपने घर पर गए अमित तो चैन से सो गया पर वह तीनों को कहां नींद आने वाली थी। मालिनी के मन में तो एक ही दृश्य दिखाई दे रहा था अमित नायक के फ्लेट में उसका दरवाजा ज़ोर से खोलें और सामने अमित व्हील चेर पर बैठा हो और बारिश की वजह से भीगी हुई मालिनी अपने पर्स में से बंदूक निकाल ले और दो गोली अमित के सीने में और एक गोली लोलक घड़ी पर मारे।
माइकलतो बस अभी से अपने पैसे गिन रहा है। रंगा तो इतिहास बनाने के सपने देख रहा पर नियति,नियति को कोई बदल नहीं सकता.....

क्या होगा अमितका? कैसे मारते है उसे उसके तीन दुश्मन ? नियति से जुड़े रहिये .......