Khat wala PYAAR - 3 in Hindi Short Stories by Ek_Gunjati_AAWAZ books and stories PDF | खत वाला PYAAR - 3

Featured Books
  • चाळीतले दिवस - भाग 6

    चाळीतले दिवस भाग 6   पुण्यात शिकायला येण्यापूर्वी गावाकडून म...

  • रहस्य - 2

    सकाळ होताच हरी त्याच्या सासू च्या घरी निघून गेला सोनू कडे, न...

  • नियती - भाग 27

    भाग 27️मोहित म्हणाला..."पण मालक....."त्याला बोलण्याच्या अगोद...

  • बॅडकमांड

    बॅड कमाण्ड

    कमांड-डॉसमध्ये काम करताना गोपूची नजर फिरून फिरून...

  • मुक्त व्हायचंय मला - भाग ११

    मुक्त व्हायचंय मला भाग ११वामागील भागावरून पुढे…मालतीचं बोलणं...

Categories
Share

खत वाला PYAAR - 3

खत वाली बात को लेकर 2 दिन हो गए थे और सब नॉर्मल हो चुका था और मुझे ऐसा लगने लगा था कि शायद किसी ने मेरे साथ मजाक ही किया होगा । पर 2 दिन के बाद ठीक उसी वक्त सुबह फिर से खत आया तो तब मैं हैरान रह गई और खत लेने बाहर आइ और फिर से खत वाले भैया के कागज पर मैंने साइन करके वह खत लेकर उसको मैंने रवाना किया और खत लेकर फिर से अपने ही कमरे में चली गई और उसमें लिखा था कि.........
अरे, मैंने तुमको खत लिखनेे को कहांं था पर तुम कैसे लिखती मैंनेे तुमको अपनेेे घर का पता भी तो नहीं दिया था कोई बात नहीं आज मैं तुमको अपने घर का पता लिखकर भेजूंगा और मूझे तुम्हारेे खत का इंतजार भी रहेगा । और लेटर को पलट कर देखा तो उसमे उस लड़के का घर का एड्रेस लिखा हुआ था ।
मैं आगे सोचने लगी कि,
क्या इसके साथ बात करना ठीक होगा
और एक सवाल अब भी मेरे मन में आ रहा था कि उस लडके ने पहले मेरे पापा के नाम से खत लिखा और अब वह मुझे भी जानता है पर,
कौन हो सकता है १
( अब आगे लड़की सोचती है कि, खत लिखू कि नहीं)
लड़की लिखती है कि,
तुम कौन हो १
कहां से हो १
क्या करतेे हो १
ना ही मैं तुम्हें जानती हूं और ना ही तुम मुझे जानते हो १ और यह बार-बार हमें खत भेज कर क्यों हमें परेशान कर रहे हो १ आखिर तुम हमसे चाहते क्या हो १ बस , इसका जवाब भेजीएगा । और मुझे अब आपके खत का इन्तजार रहेगा ।

लड़का लिखता है,
तुम्हारा खत मिला और अच्छा लगा । पर तुमने यह क्यों पूछा कि तुम कौन हो १
कहां से हो १
क्या करते हो१
यह सब जानकर तुम को क्या करना १ अगर मैं कहूं कि तुमने कभी भगवान को देखा है १
नहीं ना ! फिर भी पूंंजती हो ना पागलों की तरह..... अगर तुम भगवान पर भरोसा रख सकती हो तो क्या भगवान ने बनाए हुए इंसान पर भरोसा क्यों नहीं कर सकती १ चलो कोइ बात नहीं, बस इतना ही कहना था कि, मूझे तो ये भी पता नहीं था कि मैं किस पते पर खत लिख रहा हूँ बस, मेरे दिल को ठीक लगा उसी पते पर मेने खत लिख दिया । और नसीब तो देखो मेरा ...............
कोई बात नहीं वैसे मुझे भी बहुत अच्छा लगता है खत लिखना, पढ़ना और भेजना । पर अब मुझे सिर्फ इतना ही जानना है कि, तुम कैसे हो १
ठीक तो हो ना १
कोई परेशानी तो नहीं है ना १
अगर कोई परेशानीया है तो प्लीज मुझे तुम बता सकती हो .. तुम्हारा नाम क्या है १
तुम कौन हो १
कहां से हो१
तुम क्या करती हो यह सब जानना है और बहुत ढेर सारी बातें भी करनी है......
और एक बात बता दूं मैं तुम्हें कि प्लीज मुझे गलत भी मत समझना और अब मूझे बस तुम्हारे खत का इंतजार रहेगा.....

(क्या वह लड़की खत लिखेेगी की नहीं १)
अब आगे क्या होता है यह जानने के लिए मेरे साथ जुड़े रहे और सोचते रहिए.......