unknown connection - 50 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | अनजान रीश्ता - 50

Featured Books
Categories
Share

अनजान रीश्ता - 50

अविनाश अपने रूम में सो रहा था । की तभी उसका मैनेजर भागते हुए अविनाश के रूम की लाईट जलाते हुए अविनाश को उठाने की कोशिश करता है ।


विशी: अवि!! अवि!! वेक अप । यार जल्दी से उठो!!।


अविनाश: ( रोशनी की वजह से आंखे खोल नहीं पा रहा था !) यार क्या काम है और ये लाइट बंद करो इससे । कम से कम शांति से सोने दो !! ।


विशी: अरे!! नींद गई तेल लेने ! पहले न्यूज देखो!!। न्यूज वाले क्या अनपशनाप बके जा रहे है। यार!!?।


अविनाश: ( आंखे खोलते हुए टीवी चालू करता है ।) क्या यार कौन सा दुनिया फना हो रही है जो तुम सुबह तक का इंतजार नहीं कर सकते ।


विशी: पहले ये देखो फिर मुझे कहना !। ( न्यूज चैनल लगाते हुए ) ब्रेकिंग न्यूज .... देखिए सुपस्टार अविनाश की बचपन की तस्वीरे अपने परीवार के साथ ! जी हां आपके अपने सुपरस्टार की सबसे बड़ी मिस्ट्री !! सबके सवालों के जवाब आखिरकार मिल ही गया। और अपनी महबूबा के साथ की तस्वीरे भी । तो बने रहे हमारे साथ ।


अविनाश: ( अचानक से बेड पर से उठते हुए ) व्हाट द फ** ( गुस्से में ) इन लोगों को ये तस्वीरे...!।


विशी: किसने दी !!! यार ये इंपॉर्टेट नहीं है । अब पता नही क्या होगा ( सिर पकड़ते हुए ) । इतने सालो की मेहनत !! ।


अविनाश: ( शर्ट पहनते हुए ) होना क्या है !! तुम्हे लगता है की ये खबरे मेरा कुछ बिगाड़ पाएगी !।


विशी: अवि तुम समझ नही रहे हो अगर उन लोगों को पता चला की तुम पर !! ।


अविनाश: मर्डर का इल्जाम लगा था । हाहाहाहाहा यहीं ना ! कमोन विशी! तुम्हे लगता है में परवाह करता हूं कौन क्या सोचता है । ये सारा नाम मैने अपने बलबूते पर खड़ा किया है । और मैने किसी को भी हक नहीं दिया की मेरी मेहनत मिट्टी में मिलाए ।


विशी: पर अवि !! ।


अविनाश: ( विशी के कंधो को पकड़ते हुए ) नाउ लिस्टेन !! पहले इन न्यूज वालो को कॉन्टेक्ट करो और किसी भी तरह ये न्यूज रूकवाओ चाहे जो भी हो । कुछ भी फेक न्यूज भेजो उन्हे और दूसरी बात उस इंसान की सारी डिटेल्स मुझे चाहिए जिसने ये हरकत की है । बिलीव मि अगर उसे जहन्नम की याद ना दिलाई तो मेरा नाम अविनाश खन्ना नहीं ।


विशी: या यू आर राईट अभी भी टाईम है । बात संभल सकती है । ( दौड़ते हुए रूम से बहार जाते हुए ) ।


अविनाश टेबल पर से सिगरेट बॉक्स में से निकलता है और बालकनी की ओर जा रहा होता है । तभी उसकी नज़र चांद पर पड़ती है । आज चांद पूरी तरह से खिला हुआ था । आसपास सितारे भी चमक रहे थे । वह सिगरेट पीते हुए चांद की ओर देखे ही जा रहा था । कही ना कही ना चाहते हुए उसे अतीत की याद दिला रही थी ।


"गोलू गोलू कहां हो !!? ।


परी परी में छत पर हूं ऊपर आ जाओ "


गोलू ( अविनाश ) : बताओ इतनी रात को क्या कर रही हो यहां!?।
परी ( पारुल ) : क्यों भाई मै नही आ सकती क्या !?।


गोलू: अब मेरे कहने का यह मतलब तो नहीं था ।


परी: हिहिहिहि... अच्छा ये छोड़ो उधर देखो!! ( उंगली ऊपर आसमान की ऑर करते हुए ) ।


गोलू: कहां!! ( आसमां में इधर उधर देखते हुए ) ।


परी: अबे इडियट !! उधर आसमान में देखो चांद कितना खूबसूरत है ।


गोलू: सीरियसली कितनी फिल्मी बाते करती हो तुम!!।


परी: हां हां लेकिन एक दिन यन्ही फिल्मी बांते तुम्हे याद आयेगी देख लेना फिलहाल अभी चांद देखो ( अविनाश का सिर आसमान कि ऑर करते हुए ) ।


गोलू: ( चांद की ओर देखते हुए ) हमम.. क्या खास है इस चांद में ।


परी: ऑफ हो तुम बिल्कुल ही बोरियत से भरे हुए इंसान हो ।


गोलू: अच्छा यार ये तुम लड़कियों भी पता नहीं कितने नखरे है । अब बताओ सिंपल चांद है उसमे क्या खास बात है भला।


परी: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) देख लेना ये सारे नखरे एक दिन याद ना आए तो मेरा नाम भी पारुल नही । ( नाराज होते हुए सीढ़ियों से नीचे जा रही थी ) ।


गोलू: हाहाहाहाहा ..... अच्छा ये तो बताओ किस लिए आई थी । ओह हैलो परी की बच्ची ..!।


परी: ( चिल्लाते हुए ) मै जा रही हूं अपने घर अब नहीं बताऊंगी सड़े हुए इंसान कहीं के ।


गोलू: चल फिर ठीक है सुबह मिलते है स्कूल में। बाय।


गोलू ऐसे ही बस आसमान की देखकर मुस्कुरा रहा था । और चांद को निहार रहा था । सोच रहा था कितनी पागल है ये । बस यही सोचते हुए चांद की ओर देख रहा था ।


तभी फोन के बजने की आवाज सुनाई देती है । अविनाश ख्यालों में से बहार आता है । अविनाश बुझी हुई सिगारेट को पैर से कुचलते हुए अपने रूम में जाते हुए कॉल को उठाता है ।


अविनाश: बोलो ... विशी


विशी: अवि.. अवि थैंक गॉड तुम्हारा आइडिया काम कर गया । ओह मेन सब कुछ शॉर्ट आउट हो गया । पर..


अविनाश: पर क्या ...!।


विशी: जो तुमने डिटेल्स के लिए कहा था वो ...।


अविनाश: क्यो डिटेल्स नही मिली कोई वीआईपी नंबर है क्या !!? ।


विशी: नहीं डिटेल्स मिल तो गई पर .. तुम खुद ही देख लो !।


अविनाश: फाईन अभी मुझे भेजो सारी डिटेल्स !! ।


यह कहते ही अविनाश कॉल काट देता है और विशी के मेसेज का इंतजार कर रहा था की तभी उसके नंबर पर एक फाइल आती है वह जब फाइल खोल कर देखता है तो मानो उसके पैरो तले जमीन ही खिसक गई हो । अविनाश सोच रहा था मगर क्यो आखिर वह इस हद तक क्या अविनाश से नफरत करती है की वह उससे इस कदर चोट पहुंचाना चाहती है । अविनाश ने सपने में भी नही सोचा था की पारुल ऐसा कर सकती है । वह पारुल जिस पर वह जान छिड़कता था । वह डिटेल्स पढ़ ही रहा था की तभी उसकी नज़र पारुल के लास्ट मेसेज पर जाती है जो कोई आर है । और ज्यादातर इसी नंबर पर मेसेज भेजे गए है । वह मेसेज पढ़ ही रहा था की अविनाश को एहसास हो रहा था की मानो जैसे यह वह पारुल है ही नही जिससे वह जानता था । वह खुद के गुस्से को काबू में लाने की कोशिश करते हुए विशी को कॉल लगाते हुए कहता है " विशी चेंज द प्लान जैसा हो रहा था वैसा होने दो ! जो फाइल भेजी गई थी उसका ही टेलीकास्ट होगा ।" बस इतना कहकर अविनाश बिना कुछ सुने कॉल काट देता हैं । पारुल.... पारुल.... पारुल..... क्या करू मैं तुम्हारा शायद तुम मेरी मोहब्बत के लायक थी ही नहीं । पर... मेरी नफरत के लिए तुम बिल्कुल सही इंसान हो !! । चलो फिर तुमने अपनी चाल तो चल दी । अब मेरी बारी यानी की तुम्हारे गोलू सॉरी .... अविनाश खन्ना की बारी । बिलीव मि अब आगे वही होगा जो मै चाहूंगा । और बड़ा मजा आयेगा इस खेल में । आज रात चेन की नींद सो जाओ कल की सुबह बहुत कुछ नया लाएगी तुम्हारी जिंदगी में । इसी के साथ अविनाश भी सोने चले जाता है ।