अपने साथ हुऐ धोखे से जादुगरनी गजमोहीनी तिलमिला उठती है तब अपने बनाऐ छली सैनिक को चंद्रिका को कंकाली गुफा में लाने के लिए भेजती है आज्ञा पाकर ये सैनिक कंचनापुर पहुँचता है
उधर निलेश चंद्रिका को समझाता है कि वो यमार पहाड़ी से नीचे न जाऐ बस यही आसपास खेले
चंद्रिका खुशी खुशी मान जाती है आखिर उसे बाहर खेलने को जो मिल गया
एक दिन अचानक फागू भागता -भागता आता है निलेश उससे अचानक आने का कारण पूछता है फागू उसे बताता है
बड़े भैया आज चंद्रिका ने मुझे उठाके फैक दिया
सब जोर -जोर से हंसने लगते है कहते है
"तो क्या हुआ तुम हो ही बौने "
फागू उन्हे समझाता है
"नही भैय्या ऐसी बात नही है चंद्रिका ने कुछ मंत्र सा बोला और मुझे हवा उड़ा दिया था"
निलेश चंद्रिका से पुछता है कि ये सच है तब चंद्रिका हा कहकर बोलती है मैने मौहानी दिदि जैसा बोला और ये उड़ गया तब निलेश चंद्रिका को डांटता है तुम्हे इसकी नकल नही करनी चाहिए
मासूम चंद्रिका रोया सा मुहं लेकर गुस्से मे चली जाती है
मौहानी निलेश को समझाती है उसे चंद्रिका को इस तरह नही डांटना चाहिए था एक न एक दिन तो उसे अपनी शक्तियो के बार में पता चलेगा ही
निलेश कहता है "लेकिन अभी नही अभी वो नादान है जादुई शक्तियाँ नही संभाल पयेगी कही गजमोहीनी के जाल में न फंस जाऐ इसलिए समय आने दो सब बता दूंगा।
उधर गजमोहीनी का सैनिक वापस गुफा में लौटता है और बताता है कि वो
चंद्रिका को ढुंढने में असफल रहा उसने पूरा कंचनापुर छान लिया पर वो कही नही मिली ।
गुस्से से तिलमिलाई गजमोहीनी ने उस छली सैनिक को वही मिट्टी का ढेर बना दिया।
मन में विचार करती है आखिर एक ही दिन में वो कहाॅं गये जमीन निगल गयी या आसमान खा गया ।
जादूगरनी गजमोहीनी अपनी शक्तियो से उनका पता करती है पर उनके गुप्त स्थान का पता नहीं लगा पाती है और तिलमिला जाती है तब उसे ध्यान आता है कि इस काम में "मेरी मदद जादूगर गौन कर सकता है और वो ही बता सकता है वो सब कहाॅं छुपे है एक बार उनका पता चल जाऐ फिर बताती हूंँ आख़िर गजमोहीनी से बैर करना क्या होता है " जादूगरनी गजमोहीनी गौन कि छलावि गुफा में पहुंचती है और उससे मदद मांगती है ।
(जादूगर गौन के पास एक विशेष शक्ति थी जिससे वो किसी को भी खोज लेता था किंतु शापित होने कि वजह से किसी को खत्म नही कर सकता था)
गजमोहीनी को अपनी गुफा में आया देख खुश हो जाता है और कहता है
"आओ गजमोहीनी मेरी गुफा में कैसे आना हुआ"
गजमोहीनी कहती है
"गौन मुझे तुम्हारी मदद चाहिए मैं उस कंचना कि बेटी को खत्म करना चाहती हूँ पर वो न जाने कहाॅं छुपे बैठे हैं उनका पता बता दो इससे तुम्हारा भी बदला पूरा हो जाऐगा""
"हां !जरुर बताऊँगा आख़िर मुझे भी कंचना से अपना बदला लेना है"
जादूगर गौन चंद्रिका का पता बताता है ।
"ओह!तो वो यमार पहाड़ी पर छुपे है "
"क्या? तो वो वहां है आखिर कंचना अपनी बेटी को कबतक बचाएगी मैं यमार पहाड़ी नही जा सकती तो क्या हुआ मेरे सैनिक तो जा सकते है "
"तुम्हारा धन्यावाद"
अब चंद्रिका कैसे बचेगी