Ek Ladki - 15 in Hindi Love Stories by Radha books and stories PDF | एक लड़की - 15

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एक लड़की - 15

पंछी खुशी ख़ुशी क्लास में जाती है। हर्ष सबसे लास्ट बैंच पर बैठा हुआ था पंछी स्माईली के पास से होकर निकलती हैं और स्माईली को इग्नोर करते हुए सीधा हर्ष के पास जाती है और उसके पास जाकर बैठ जाती है स्माईली पीछे देखकर पर से कहती हैं - अरे! पंछी, तुझे मैं नहीं दिखी क्या जो बिना कुछ बोले पीछे चली गई। पंछी कहती हैं - सॉरी, सॉरी मेरा ध्यान नहीं था।
स्माइली छेड़ते हुए कहती है - क्यों ? आज तेरा ध्यान कहा है ? अरे.... मैं तो भूल गयी थी तेरा ध्यान तो हर्ष पर था इसलिए हम तो दिखे ही नहीं।
पंछी - स्माईली, तू भी मेरी दीदी जैसी बाते कर रही हैं। और एक बात है जो मैं तुझे बाद में बताती हूँ हना ?
स्माईली - ठीक है , ठीक है , बता दें हर्ष को , मुझे बाद में बता देना।
फिर आगे देख कर फुसफुसाते हुए बोलती है - इसे पता नहीं क्या हो गया, धीरे धीरे भूलती ही जा रही हैं कि मैं भी उसकी दोस्त हुआ करती थी। हर्ष ये सब देख रहा था और इस पल की स्माईली और पंछी की नोकजोक के मज़े ले रहा था। स्माईली और पंछी की बात खत्म होने पर पंछी हर्ष की तरफ देख कर कहती है - हर्ष तुम्हें पता है आज क्या हुआ। आज ना.......।
इतने में टीचर आ जाते है और सब को ध्यान देने के लिए कहकर पढ़ाने लगते हैं और पंछी की बात वही अधुरी रह जाती हैं लेकिन वो तो इतनी खुश थी कि उसके पेट में तो बात पच ही नही रही थी वो एक नोटबुक निकालती है और उसमें कुछ लिख कर हर्ष की ओर खिसका देती है हर्ष उसमें देखता है उसमें लिखा हुआ था कि " अब हम ऐसे ही बात करेंगे" । हर्ष पंछी की हरकत पर मुस्कुरा देता है और बैग से पेन निकाल कर नोटबुक में ठीक है लिख कर वापिस पंछी को दे देता है पंछी उसमे दुबारा लिखती हैं- " मुझे कोई पसन्द है और वो मेरा दोस्त भी है " हर्ष जब उसे पढ़ता है तब उसे ऐसे लगता है कि पंछी ने उसके लिए लिखा है क्योंकि उसका दोस्त तो मैं ही हूं । फिर वो लिखता है -अच्छा तो कौन है तुम्हारा प्यार ?
पंछी - ऋषी.....।
ऋषि का नाम देख हर्ष उदास हो जाता हैं और उसके वो एक पल की ख़ुशी अचानक से गायब हो जाती है और आंखे भर आती है। पंछी ये देख लेती है और हर्ष से धीरे से पास आकर कहती है - क्या हुआ??? तुम्हारी आंखों में आंसू क्यों है। हर्ष पंछी की ओर देखता है और बस देखे ही जाता है जैसे आखरी बार देख रहा हो। हर्ष के आँसू देख पंछी का भी दिल बैठा जा रहा था और वो दुबारा पुछती है - क्या हुआ हर्ष ?? तुम्हारे आंसू क्यों आ रहे हैं हर्ष अपनी नज़रे चुराते हुए अपने दर्द को छुपाते हुए हंसते हुए कहता है - ये तो खुशी के आंसू है पागल, आज मेरी फ्रेंड को उसका पहला प्यार मिला है तो खुशी तो होगी ना । उसकी बात सुन पंछी कहती है - सच में यही बात है ना।
हर्ष - हां रे यही बात है ,ये सब छोड़ अब ये बता की कुछ हुआ है क्या ?बात आगे बढ़ी ?
पंछी नोटबुक लेती है और जंगल में और कॉलेज गेट पर जो हुआ सब लिखना स्टार्ट करती है वो अपनी फीलिंग भी लिखती हैं इसलिए बहुत टाइम लग रहा था। हर्ष देख रहा था कि पंछी तो लिखे ही जा रही हैं खत्म ही नहीं हो रहा है। फिर उसकी नज़र पंछी के चेहरे पर पड़ती है लिखते समय उसके चेहरे में एक अलग ही चमक थी और उसकी एक हल्की सी स्माइली जिस पर हर्ष फिदा हो गया और सब कुछ भूल कर उसे निहारने लग जाता है उसे ऐसे देखते समय हर्ष के चेहरे पर भी मुस्कान आ जाती है। थोड़ी देर बाद पंछी लिख कर हर्ष को देती हैं हर्ष का तो ध्यान उस पर ही था तो उसे पता ही नही चला कि पंछी ने नोटबुक दे दी है। पंछी हर्ष को चिमटी काटते हुए धीरे से कहती है - कहा खो गये फिर से , पढो न इसे। हर्ष हड़बताते हुए कहता है - हां हां , देखता हूँ। हर्ष पढ़ना स्टार्ट करता है और सब पढ़ लेता है फिर वो वापिस लिखता है - अच्छा तो मतलब वो भी तुम्हें पसन्द करता है ।
पंछी - हां।
हर्ष - तो फिर तुम भी जल्दी से उसे बता देना की तुम भी उसे पसन्द करती हो क्या पता बाद में क्या हो जाये।
पंछी - पर मुझे डर लग रहा है ऋषि को क्या बोलूंगी मैं ।
हर्ष - उसकी टेंशन मत लो वो मैं संभाल लूंगा , बस तुम ये बता दो की तुम ऋषि को प्रोपोज तो करना चाहती हो ना? और वो पंछी की और देखता है
पंछी कहती है- हां , बाद में देर ना हो जाये।
हर्ष ठीक है का इशारा करता है और फोन पर किसी को संदेश लिखता है
पंछी कहती है - तुम क्या कर रहे हो?
हर्ष - कुछ नहीं। और अपना मोबाइल छुपा देता है। थोड़ी देर बाद क्लास खत्म होती है। सभी स्टूडेंट्स बाहर चले आते हैं हर्ष और पंछी गार्डन में आते हैं और चेयर पर जाकर बैठ जाते है वहा ऋषि आता है उसके हाथ में गुलाब था पंछी हर्ष से बातें कर रही थी तभी ऋषि उसके सामने आता है उसके घुटनों के बल बैठ कर गुलाब को पंछी की तरफ बढ़ाता है और पंछी से कहता है - आई लव यू पंछी.....। पंछी मुस्कुरा देती है फिर उसे याद आता है कि ऋषि ने उससे झूठ बोला था इसलिए चुप चाप मुँह फुला कर खड़ी हो जाती है लेकिन अंदर ही अंदर खुश भी थी । ऋषि खड़ा होता है और आंखे मिला कर उससे कहता है - पंछी , मुझे माफ़ कर दो मेरा तुम्हे दुख पहुचने का कोई इरादा नहीं था। मुझे तुम्हे पहले ही बता देना चाहिए था कि मैं वहीं ऋषि हु जो बचपन में मिला था लेकिन पक्का आज के बाद में तुमसे कभी झूठ नही बोलूंगा सब पहले ही बता दूंगा लेकिन पंछी मैं तुम्हे खोना नहीं चाहता मैं अपनी लाइफ की हर खुशी तुम्हारे साथ शेयर करना चाहता हू अगर तुम मेरे साथ रहोगी तो मुझे कुछ नहीं चाहिए , तुम ही मेरी सब कुछ हो पंछी , मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता, क्या तुम मुझे एक्सेप्ट करोगी?? पंछी ऋषी की बातों में अपना गुस्सा भुल जाती है और मुस्कुराते हुए गुलाब ले लेती है ऋषि बहुत खुश होता है और पंछी से कहता है - थैंक यू पंछी.... मुझे लगा तुम मना कर दोगी तो मेरा क्या होगा थैंक यू पंछी और आई लव यू।
पंछी कहती है - आई लव यू टू । ये सुन ऋषि की आंखों भर आती है क्योंकि की आज उसे वो मिला था जिसके लिए वो बचपन से मिन्नते करता था आज उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसने सब कुछ हासिल कर लिया था । वहीं थोड़ी दूर खड़ा हर्ष ये सब देख रहा था और पंछी और ऋषि से बोलता है - मुबारक हो , तुम दोनों साथ हो। ऋषि कहता है - थैंक यू हर्ष। तुम नही होते तो ये मुमकिन ही नही होता।
हर्ष - ऐसी कोई बात नही है।
पंछी ये सुन कर कहती है - मतलब हर्ष को पहले ही सब पता था । पंछी की बात सुन हर्ष पंछी की तरफ देखता है और पंछी को छेड़ते हुए कहता है - पंछी, हां मुझे पता था और मैने तुम्हें नहीं बताया, और तुम कुछ कर भी कुछ नही सकती। पंछी भी मज़ाक में कहती है - बहुत इतरा रहे हो ,भूलो मत की मैं भी फ्रेंड हु तुम्हारी , बहुत कुछ बिगाड़ सकती हूं। पंछी की बात सुन हर्ष उसे देखते हुए सोचता है - पंछी तूमने पहले ही बहुत कुछ कर दिया है तूमने तो मुझे मुझसे ही दूर कर दिया मैं अपने आप को ही भूल चुका हूं बस तुम ही याद रहती हो तुम्हें हँसते मुस्कुराते हुए देख कर मैं अपने दर्द को भी भूल जाता हूँ , भूल जाता हूँ कि तुम मेरी नहीं हो सकती।अब इससे ज्यादा क्या बिगाड़ सकती हो पंछी लेकिन मैं बहुत खुश हूं कि मुझे तुमसे प्यार हुआ है भले तुम मुझे ना मिलो तुम्हारी खुशी के अलावा मुझे कुछ नही चाहिये। तभी पंछी कहती हैं - अब कहा खो गए ।
हर्ष - कही नहीं । इन दोनों की बातों में ऋषि कहता है तुम दोनों की नोकजोक तो कभी खत्म नही होगी।
पंछी - हां , ये बात तो है।
और दोनों बातें करने लगते हैं और वही खड़ा हर्ष उन दोनों को बाते करते देख वहां से चला जाता है थोड़ा दूर जाने पर उसकी आँखों में आंसू आ जाते हैं और पलट कर पंछी को देखता है पंछी को देख उसे ऐसा लगा जैसे वो पंछी से बहुत दूर जा रहा है पंछी को खो दिया है उसने । ऐसी फीलिंग के साथ उसके आँसू रुक ही नही रहे थे और वो वहा से चला जाता है।