दोनों एक दूसरे की बाहों में खोए हुए थे और साथ में बहुत खुश भी थे । आंखों में बेतहाशा आंसू और खुशी के साथ - साथ चमक भी थी । तभी उनके कानों में नैन्सी की आवाज़ पड़ी ।
नैन्सी ( अपनी चेयर से उठकर , आखें फाड़े उन दोनों को देखते हुए ) - व्हाट अ फिल्मी पोज यार......।
उसकी आवाज़ सुनकर कायर और आरव को होश आया और उनकी नज़र सीधे नैन्सी पर गई , जो वहीं अपने छोटे से केबिन में खड़ी उन्हें ही देख रही थी । उसके साथ जान्हवी , मनीष और राकेश भी अपनी - अपनी चेयर से उठकर , उन्हें ही आखें फाड़े देख रहे थे । साथ ही ऑफिस के सभी लोग अपनी चेयर छोड़ कर, सिर्फ कायरा और आरव को ही अजीब सी नजरों से देख रहे थे । कायरा और आरव ने जब उन लोगों को ऐसे , खुद को देखते हुए देखा, तो उन्हें अजीब लगा । फिर उन दोनों ने एक दूसरे को देखा , जो अभी वैसे ही खड़े थे जैसे वे एक दूसरे से टकराने के बाद खड़े हुए थे। आरव ने देखा कि कायरा की जुल्फें वैसी ही हैं , उसके चेहरे पर बिखरी हुई । जिसे देख आरव को एहसास हुआ, कि वो अभी तक सिर्फ सपना ही देख रहा था, उसने ना ही कायर की जुल्फें उसके कान के पीछे की और ना ही उससे अपने प्यार का इज़हार किया । साथ ही उसे ये भी महसूस हुआ, कि दोनों ही ऐसे ही जाने कितनी देर से खड़े है । आरव ने एक दम से कायरा को खुद से दूर किया और उसे सीधा खड़ा किया । आरव के द्वारा कायरा को ऐसे सीधा खड़ा करते ही कायरा को होश आया , कि सच में वो भी एक हसीन सपना ही देख रही थी । पर हकीकत में वो आरव की बाहों से अलग हुई ही नहीं थी । कायरा ने खड़े होने के बाद अपने सिर के बाल कान के पीछे किए और नीचे पड़े फाइल के पेपर्स उठाने लगी । दूर खड़े आदि , नील और राहुल उन्हें देख कर मुस्कुरा रहे थे । और वहीं राजवीर अपने केबिन में बैठा , जल भुन रहा था । उसने आरव और कायरा को एक बार फिर इतने करीब देख लिया था और अब उसे फिर से बेहद गुस्सा आ रहा था । पर किसी तरह वह अपना गुस्सा कंट्रोल किए बैठा था , ताकि कल की तरह उसे फिर से चोट ना लग जाए । इधर आरव ने ऑफिस में खड़े , अपना काम छोड़ कर आरव और कायर को घूर रहे लोगों को एक नजर देखा और फिर , फर्श पर एक घुटने पर बैठ कर, कायरा के साथ पेपर्स समेटने में उसकी मदद करने लगा । दोनों ने सारे पेपर्स फाइल में दोबारा जमाए और खड़े हो गए । वहां उपस्थित लोग अभी भी उन्हें अजीब नजरों से घूर रहे थे । जिससे कायरा काफी असहज महसूस कर रही थी । वह वापस अपने केबिन में जाने लगी, तो आरव ने सभी लोगो की तरफ गुस्से से देखते हुए कायरा का हाथ पकड़ा , तो कायरा के कदम रुक गए और वह हैरानी से आरव को देखने लगी । तो आरव ने बिना उसकी ओर देखे , वहां उपस्थित सारे लोगों की तरफ गुस्से से देखते हुए कहा ।
आरव - मुझे घूरने की सैलरी ही देता हूं ना मैं , आप सभी को ??? ( सब ने जब आरव की बात सुनी , तो अपनी नजरें नीची कर लीं । आरव ने एक बार फिर गुस्से से कहा ) कोई काम नहीं है ना आप लोगों के पास ??? बस अब यही काम बचा है , कि अपने बॉस को और अपनी कलीग को घुरिए और अपने मन में हमें लेकर खयाली पुलाव पकाइए । फर्स्ट और लास्ट बार वॉर्न कर रहा हूं सभी को , आज के बाद ऐसा कभी नहीं होना चाहिए । वरना मैं एक सेकंड नहीं लगाऊंगा , सभी को इस कंपनी से फायर करने में ।
इतना कह कर उसने कायरा की तरफ रुख किया और उसका हाथ छोड़ कर उससे कहा ।
आरव - मेरे केबिन में आओ , अभी इसी वक्त ।
कायरा ने गुस्से से भरा हुआ आरव का चेहरा देखा, तो उसने घबराते हुए हां में सिर हिला दिया । आरव इतना कह कर अपने केबिन की ओर जाने लगा। कुछ कदम आगे बढ़कर, वह रुका और फिर नैन्सी की तरफ रुख कर कहा ।
आरव - यू....., मिस नैन्सी । तुम भी मेरे केबिन में आओ ... वो भी इसी वक्त ......।
इतना कह कर आरव अपने केबिन में चला गया और उसके पीछे - पीछे कायरा भी उसके केबिन में चली गई । आरव के पीछे चलते हुए , आरव को देख कर कायरा ने मन ही मन खुद से कहा ।
कायरा - काश कि जो सपना मैंने अभी - अभी कुछ पल पहले देखा , वो सच होता । काश कि आप सच में मुझसे अपने दिल की बात कहते । कई बार आपने अपने दिल की बात को , मेरे सामने अपनी जुबान पर आने से रोका है । और अभी कुछ देर पहले , जिस तरह से आपका रिएक्शन था । उसे देख कर साफ समझ आता है , कि जो मैंने सपना देखा और महसूस किया । वो आपने भी देखा है और महसूस किया है । हम बिना एक दूसरे को जताए , एक दूसरे के इतने करीब आ चुके हैं आरव , कि एक दूसरे को अब खुली आखों से ख्वाब में भी देखने लगे हैं , महसूस करने लगे हैं। ना चाहते हुए भी हमारे बीच ऐसा रिश्ता कायम हो रहा है , जिसकी कल्पना शायद मैंने कभी नहीं की थी । पर कैसी विडंबना है ना आरव , अगर आप मुझसे अपने दिल की बात कह भी देते हैं , तब भी मैं आपकी फ़िलिंग्स एक्सेप्ट नहीं कर पाऊंगी । मुझे आपको ये जताना होगा , कि मैं आपसे प्यार करती ही नहीं हूं । जबकि मैं जानती हूं , ये करना मेरे लिए कितना कठिन होगा । पता नहीं , मैं आपकी फीलिंग्स को, आपके सामने निगलेक्ट कर भी पाऊंगी या नहीं । अब सब तेरे हाथों में है भगवान .....। तू ही जाने , कि मुझे इस दुविधा से कैसे निकालेगा ।
यही सब सोचते हुए कायरा आरव के कदम से कदम मिलाकर , केबिन की ओर बढ़ने लगी । सभी अपने - अपने कामों में लग गए । पर नैन्सी ने जैसे ही आरव की बात सुनी , वह डर के मारे थरथर कांपने लगी । तभी मनीष जो कि उसके बगल में ही खड़ा था , उसने नैन्सी से कहा ।
मनीष - तुझे क्या जरूरत थी नैन्सी , अपने ही बॉस के ऊपर कमेंट पास करने की ??
नैन्सी ( जाते हुए आरव देखकर कहती है ) - यार....., मैंने जब उन्हें कायरा के साथ ऐसे देखा, तो मेरे मुंह से अपने आप ही निकल गया । मुझे क्या पता था, कि आरव सर इतनी छोटी सी बात पर, मुझसे इतना गुस्सा हो जाएंगे ।
मनीष - अब शेर के मुंह में हाथ डाला है , तो झेलना तो तुम्हें ही पड़ेगा ।
नैन्सी ( घबराते हुए मनीष की ओर देख कर ) - यार कहीं मेरी इस हरकत से , मेरी नौकरी ख़तरे में तो नहीं आ जाएगी । कहीं बॉस मुझे नौकरी से निकाल तो नहीं देंगे ।
मनीष - ये तो तुझे उनके केबिन में जाने के बाद ही पता चलेगा । तू फटाफट आरव सर के केबिन में जा , वरना टाइम पर ना पहुंचने पर , जो नहीं होना होगा, वो भी हो जाएगा ।
नैन्सी ने सुना तो फटाफट , अपनी डेस्क पर रखा पानी का गिलास उठाया और एक सांस में उसमें रखा सारा पानी गटक गई । और फिर फटाफट अपने माथे पर आए पसीने को पोंछते हुए , तेज़ क़दमों से आरव के केबिन की ओर बढ़ गई ।
इधर आरव और कायरा आरव के केबिन में आए । आरव ने कायरा को बैठने के लिए कहा और फिर अपनी सीट पर बैठ कर , अपनी वर्किंग डेस्क पर रखा फेब्रिक उठाया और कायरा के सामने रखा । आरव उस फेब्रिक को लेकर कायरा से कुछ डिस्कस करता उससे पहले ही नैन्सी दनदनाते हुए आरव के केबिन में आ गई । उसे देखते ही आरव की भौहें , एक बार फिर तन गई और उसने नैन्सी को घूरा । नैन्सी पहले से घबराई हुई थी और अब आरव का फिर से उसे घूरना , उसे दोबारा डराने के लिए काफी था । आरव ने घूरा और फिर गुस्से में कहा ।
आरव - अपने कंपनी के बॉस पर कमेन्ट पास करने के साथ - साथ, तुम ये भी भूल गई हो , कि बॉस के केबिन में बिना परमिशन नहीं आया जाता ।
नैन्सी ने जैसे ही सुना , वैसे ही उसे याद आया, कि वह डर के मारे आरव से उसके केबिन में आने के लिए परमिशन लेना भूल गई थी । उसने सॉरी कहा और बिना आरव और कायरा की तरफ देखे दोबारा दरवाज़े के पास गई और वहीं से केबिन में आने की परमिशन मांगी । आरव ने जब उसे केबिन में आने की परमिशन दे दी, तो वह केबिन के अंदर आयी और जब आरव ने उसे बैठने के लिए कहा, तब वह कायरा के बगल वाली चेयर में बैठ गई । कायरा को ये सब देखकर अच्छा नहीं लगा , कि इतनी छोटी सी बात के लिए आरव नैन्सी से इतना ज्यादा नाराज़ है, कि वह एक तरह से उसकी इंसल्ट किए जा रहा है । आरव ने एक नजर दोनों को देखा और फेब्रिक कायरा को दिखाते हुए बोला ।
आरव - क्लाइंट ने जो डिज़ाइन हमें बनाने के लिए दिए हैं , उसके लिए मैंने ये सिल्क का फेब्रिक सैंपल के लिए मंगाया है । डिजाइंस तुम्हें बनाना है, और ड्रेस भी तुम्हें ही सेट करनी है , इस लिए तुम एक बार इसे देख लो और सजेस्ट करो । अगर तुम्हें फेब्रिक ठीक लगता है तो मैं इसी टाइप का और फेब्रिक मंगवा लेता हूं ।
कायरा ने उस फेब्रिक को एक बार हाथ से छूकर देखा और फिर आरव से कहा ।
कायरा - सर.....!! मुझे लगता है कि हम उस डिजाइन में प्योर सिल्क की जगह पर , कॉटन सिल्क के फेब्रिक का यूज करेंगे तो ज्यादा बेनिफिशल होगा ।
आरव और नैन्सी एक साथ - कैसे.....???
कायरा ( एक नजर दोनों को देखकर, फेब्रिक हाथ में पकड़ते हुए कहती है ) - देखिए.... , ये सिल्क का फेब्रिक हाथ में पकड़ते ही फिसलने लगता है । और हमें जो ड्रेस बनानी है , उसके अकॉर्डिंग ये फेब्रिक सूट नहीं करेगा । क्योंकि उसमें हम ऐसी डिजाइन देंगे , जिसे किसी सहारे की..... मतलब कि , किसी सख्त कपड़े का बेस देने की जरूरत न हो । पर ये फेब्रिक लूज है , जो कि इस ड्रेस में सूट नहीं करेगा । और साथ ही, ये सिल्क बहुत ही ज्यादा शाइनिंग फुल है जिससे ये सीधे आंखों में चुभने लगता है। बट कॉटन सिल्क , शाइनिंग तो देता है, पर इतना नहीं कि वह आंखों में चुभने लगे । कॉटन सिल्क हाथों से फिसलता भी नहीं है और हमारी ड्रेस की डिजाइन के अकॉर्डिंग बिना किसी सख्त फेब्रिक के बेस दिए , उस फेब्रिक से ड्रेस बनाई जा सकती है । इस लिए मेरे हिसाब से , हमें प्योर सिल्क की जगह पर, कॉटन सिल्क यूज करना चाहिए । और आजकल ये ट्रेंड में भी है , पर सिर्फ साड़ी पर ....। इस फेब्रिक की ड्रेस अभी तक इंडिया में लॉन्च नहीं हुई है । तो एक तरह से , कॉटन सिल्क की बेहतरीन डिजाइन की ड्रेस बनाकर हम, मार्केट में लॉन्च भी कर सकते हैं । काफी पॉपुलैरिटी भी मिलेगी हमारी उस ड्रेस को....और साथ में हमारी कंपनी को भी ......। जिसके बदौलत हमारी कंपनी का नाम मुंबई के अलावा , बाकी के शहरों में भी जाना जायेगा ।
आरव ने कायरा की बात सुनी , तो काफी इंप्रेस हुआ । नैन्सी को भी कायरा का सजेशन बहुत अच्छा लगा । आरव ने मुस्कुराते हुए कायरा से कहा ।
आरव - वेरी इंप्रेसिव ......। तुमने फेब्रिक के साथ - साथ, कंपनी के प्रॉफिट की बात भी कह दी । ( सिल्क फेब्रिक साइड में रखकर कहता है ) तो फाइनल हुआ , हम कॉटन सिल्क का फेब्रिक ही यूज करेंगे । ( कुछ फाइल्स कायरा की ओर बढ़ाते हुए ) ये न्यू क्लाइंट की फाइल्स हैं , जिनकी प्रेजेंटेशन तुम्हें और नैन्सी को मिलकर रेडी करनी है । हेल्प के किए राहुल से कंसर्ट कर लेना ।
कायरा - ओके । अब क्या मैं जा सकती हूं ???
आरव ( दूसरी फाइल में नजरें गड़ाते हुए ) - हम्ममम ।
कायरा ने फाइल ली और फिर केबिन के दरवाज़े की ओर बढ़ गई । नैन्सी भी कायरा के साथ ही दरवाज़े की ओर बढ़ गई । नैन्सी शायद कुछ कदम ही चली होगी , कि आरव की आवाज़ उसके कानो में पड़ी ।
आरव ( फाइल में नजरें गड़ाते हुए ) - नैन्सी ....!!! तुम्हें जाने के लिए मैंने कब कहा ????
आरव की आवाज़ सुनकर नैन्सी रुक गई , और वहीं दरवाज़े के पास पहुंच चुकी कायरा के कदम भी , आरव की आवाज़ सुनकर थम गए । नैन्सी वापस आरव की डेस्क के पास आयी और वापस से उसी चेयर में बैठ गई , जिसमें वह अभी कुछ पल बैठी हुई थी । तो वहीं आरव ने दरवाज़े की ओर देखा , जहां कायरा अभी भी खड़ी थी । और आरव और नैन्सी को देख रही थी । आरव ने उसे घूरा , तो उसकी नज़रों से बचते हुए, कायरा ने फटाफट दरवाज़ा ओपन किया और वहां से अपने केबिन की ओर बढ़ गई । उसके जाते ही आरव ने हाथों में पकड़ी फाइल क्लोज की और नैन्सी की ओर रुख कर कहा ।
आरव ( गुस्से से तमतमाया हुआ चेहरा लेकर ) - बहुत ज्यादा तुम्हारा ध्यान , लोगों की फिल्मी पोज पर जाता है ना मिस नैन्सी ...!!!!!
नैन्सी ( घबराकर , अपनी नज़रों से जमीन को देखते हुए ) - सॉरी सर...., बाय मिस्टेक मुंह से निकल गया ।
आरव - कुछ ज्यादा ही मिस्टेक नहीं होने लगी हैं तुमसे ??? अभी परसों , तुम्हारी बनाई फाइल में मिस्टेक निकली थी । फिर उसके बाद तुम , रमेश से टकरा गई , जिससे सारी कॉफी फर्श पर फ़ैल गई , साथ ही रमेश का गर्म कॉफी की वजह से हाथ भी जल गया । और आज ये ..…, बिना सोचे समझे तुम्हारे मुंह से ये फिल्मी पोज वाली बात निकल गई.... ।
नैन्सी ने सुना तो , हैरानी से आखें फाड़े उसे देखने लगी और उसने लड़खड़ाती हुई जबान में कहा ।
नैन्सी - स.... सर....!!!! आज की बात तो आपने अपनी आंखों से देखी है । पर पिछली बातें ....., पि....पिछली बातें आपको कैसे पता चली ??? बल्कि जहां तक मैं जानती हूं , वो फाइल तो आप तक पहुंची भी नहीं है । और कॉफी ....., कॉफी तो आदित्य सर के लिए ले जाई जा रही थी । फिर आपको इन सबकी जानकारी कैसे है ???
आरव - बॉस हूं मैं यहां का मिस नैन्सी । यहां जो भी होता है , वो मेरी नजरों से छुप नहीं पाता । ध्यान रखना इस बात का .....।
नैन्सी ( साधी हुई आवाज़ में ) - ओके सर....। आज के बाद ये मिस्टेक्स , सेकंड टाइम मेरे द्वारा नहीं दोहराई जाएंगी ।
आरव - दोहराई जानी भी नहीं चाहिए । वरना अगली बार मैं तुम्हें तुम्हारी गलतियां गीनवाऊंगा नहीं , बल्कि तुम्हारी डेस्क पर सीधे रेजिग्नेशन लैटर होगा , जो मैं भिजवाऊंगा और वो भी बिना किसी नोटिस के । अंडरस्टैंड मिस नैन्सी .....!!!???
नैन्सी ने जैसे ही सुना , तो उसकी आंखों में आसूं भर आए और उसने सिर्फ हां में अपना सिर हिला दिया । तो आरव ने तुरंत कहा ।
आरव - आई थिंक यू बैटर अंडरस्टैंड .....। नाउ यू मे गो.....।
नैन्सी आरव के कहने पर खड़ी हुई और सीधे आरव के केबिन से बाहर निकल गई । उसे आज अपनी करनी पर बहुत बुरा लग रहा था । तो वहीं कायरा की नज़र अपने केबिन से बाहर खड़ी नैन्सी पर गई । उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर , कायरा को बुरा लग रहा था । उसने खुद से कहा ।
कायरा - आरव को ऐसा नहीं करना चाहिए था । इन्सान है , हो गई गलती नैन्सी से । आखिर इन्सानों से ही तो गलतियां होती है । और नैन्सी का चेहरा देखकर साफ समझ आ रहा है , कि आरव ने उसे कुछ ज्यादा ही सुना दिया है । इतनी भी बड़ी ग़लती नही की थी नैन्सी ने , कि आरव उसे इतना सुनाएं । मुझे उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर , अच्छा नहीं लग रहा है । पर अफसोस कि मैं उसके पास जा भी नहीं सकती , क्योंकि अगर मैं गई तो मेरा ये फाइल का काम अधूरा रह जाएगा । थोड़ी देर बाद, नैन्सी को ही अपने केबिन में बुला लूंगी , इससे काम भी हो जाएगा और उससे बात भी कर लूंगी ।
यही डिसाइड करते हुए कायरा अपने काम में लग गई । इधर मिशा ने अपने रूम में बैठकर , किसी को कॉल किया । दूसरी तरफ से यस मैम की आवाज़ आयी । इतना सुनते ही मिशा ने उस आदमी से फोन पर कहा ।
मिशा - वो पहुंच गया ???
दूसरी तरफ से आदमी फोन पर - जी मैम ....!!! वो पहुंच गया है और उन्हीं की तरफ जा रहा है ।
मिशा ( मुस्कुराते हुए ) - गुड.....। फोन लाइन पर रहने दो ।
दूसरी तरफ से आदमी - यस मैम .....।
इधर मॉल में शिवानी , सौम्या , अंशिका और रेहान शॉपिंग कर चुके थे । और अब उन्हें भूख लगी थी । तो रेहान सभी को , सेकंड फ्लोर पर बने रेस्टोरेंट में ले गया । वो चारों लिफ्ट से निकल कर रेस्टोरेंट की ओर बढ़ रहे थे । तभी रेहान से कोई आदमी टकरा गया । वह आदमी अपने चेहरे को अपने हाथ से कवर करने की नाकाम कोशिश कर रहा था । रेहान ने उसकी ओर देखा और कहा ।
रेहान - देख कर चलो भाई । अभी आपको या मुझे लग जाती तो......।
वह आदमी - सॉरी....., सॉरी भाई । गलती से हो गया ।
इतना कह कर वह बिना रेहान का रिप्लाई सुने , वहां से दूसरी ओर बढ़ गया । उसके जाते ही रेहान ने कहा ।
रेहान - बड़ा अजीब आदमी है यार , पूरी बात सुनी भी नहीं और चला गया ।
अंशिका - जाने दीजिए न रेहान । जल्दबाजी में था शायद , इस लिए गलती से टकरा गया होगा ।
रेहान ने अंशिका की बात सुनी , तो उसकी ओर बड़े प्यार से देखने लगा । तभी शिवानी ने कहा ।
शिवानी - चलो यार , भूख लगी है मुझे जोरों की ।
रेहान ( अंशिका से नजरें हटा कर कहता है ) - लगता है प्यार के साथ - साथ , आदतें भी लग गई हैं तुझे नील की । वो भी ऐसा ही भुक्कड़ है और तू भी उसी की तरह हरकतें कर रही है ।
शिवानी ने सुना तो शर्मा गई और चारों रेस्टोरेंट की ओर बढ़ गए । खाली टेबल पर चारों बैठे और वेटर को बुलाकर उसे अपना ऑर्डर लिखवाया । वेटर ऑर्डर लेकर चला गया । सौम्या जो बहुत देर से कुछ सोच रही थी उसने कहा ।
सौम्या - रेहान....!!! तुम्हें उस आदमी की आवाज़ जानी पहचानी सी नहीं लग रही थी । जैसे ये आवाज़ हमने पहले भी कहीं सुनी हो ।
रेहान ( थोड़ी देर पहले टकराए आदमी की आवाज़ को याद करते हुए कहता है ) - लग तो रही है । पर याद नहीं आ रहा, कि किसकी है ।
सौम्या ( कुछ याद करते हुए ) - रेहान ...., वो आवाज़ विनय की थी । याद है , जब मैं कायरा को राजवीर ......, ( अंशिका की ओर देख कर , बात को संभालते हुए ) आई मीन, उस दिन उस रूम में से आरव के कहने पर कायरा को बाहर लाने के लिए गई थी ( पार्ट न. - 09 ) । तब वहां विनय से मेरी थोड़ी बात चीत हुई थी । तब मैंने उसकी आवाज़ सुनी थी , और उसके बाद से मैंने आज उस आदमी के शब्दों से वो आवाज़ सुनी । हो ना हो वो विनय ही था ।
रेहान ( विनय की आवाज़ याद करते हुए कहता है ) - या राइट ....। वो विनय ही था ।
शिवानी - लेकिन विनय यहां क्या कर रहा है ??? कहीं ऐसा तो नहीं, कि वो भी हमारी तरह शॉपिंग करने आया हो और हम बेवजह इतना पैनिक कर रहे हों।
आशिक - आई थिंक, शिवानी दी ठीक कह रही हैं । मैं ये तो नहीं जानती, कि आप लोग किसके बारे में बात कर रहे हैं । पर हो सकता है, कि आप लोग ज्यादा सोच रहे हों । या फिर आप जिन्हें समझ रहे हैं , वह आदमी वो हो ही न । इस लिए मुझे लगता है, कि हमें सिर्फ हमारा लंच एन्जॉय करना चाहिए । और फिर कल की तैयारी भी तो करनी है ।
सौम्या - पर.....।
रेहान ( बीच में ही ) - अंशिका सही कह रही है । अभी हमें लंच एन्जॉय करना चाहिए । ( शिवानी की ओर इशारा कर ) वैसे भी इस भुक्कड़ को भूख बहुत तेज़ लगी है , अगर हमने इसकी भूख पर ध्यान नहीं दिया, तो कहीं ये यहीं पर हंगामा ना कर दे ।
इतना कह कर रेहान ने सौम्या को आंखों से शांत रहने का इशारा किया । तो सौम्या चुप हो गई । जबकि रेहान की बात सुनकर शिवानी का मुंह बन गया । पर जब अंशिका को हंसी आयी और उसे हंसते देख शिवानी भी हंसने लगी ।
इधर विनय उस आदमी के पास पहुंचा , जो मॉल में ही रेहान और बाकी तीनों को एक पिलर के पीछे छुप कर देख रहा था । विनय भी उसके पास पहुंचते ही हांफते हुए बोला ।
विनय - मिशा से बात करवाओ....। तुरंत .......।
वह आदमी , जो फोन पर मिशा के साथ लाइन पर था । उसने अपना फोन विनय की ओर बढ़ा दिया । तो विनय ने रेस्टोरेंट से बाहर रेहान लोगों से छुपते हुआ , मिशा से फोन पर कहा ।
विनय ( परेशानी के भाव लेकर मिशा से कहता है ) - मेरे साथ तुम ऐसा क्यों कर रही हो मिशा ...???? आखिर चाहती क्या हो तुम मुझसे ???
मिशा ( फोन की दूसरी तरफ से ) - मैं बस इतना चाहती हूं , कि तुम उन लोगों के आस - पास इस तरह बैठो, कि तुम्हें उनकी आवाज़ साफ - साफ सुनाई दे और समझ आए । ताकि मुझे पता चल सके , कि ये सब लोग बिना मुझे बताए आखिर जा कहां रहे हैं ।
विनय ( चिल्लाते हुए ) - अरे उनके जाने से तुम्हें क्या लेना देना है ???
मिशा ( गुस्से से ) - चिल्लाओ मत विनय ....। वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा । और मेरा उनके जाने से क्या लेना देना है और क्या नहीं , ये मैं तुम्हें बताना जरूरी नहीं समझती । तुम सिर्फ मेरा काम करो । एंड डोंट वरी, इसके लिए पैसे तुम्हें मिल जाएंगे ।
विनय - मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा , जिससे आगे चलकर मैं फसूं । अगर रेहान लोगों को , या फिर आरव को ये बात पता चल गई , कि मैं उनपर नज़र रख रहा हूं । तो वो लोग मुझे कहीं का नहीं छोड़ेगे । और जेल भेजेंगे वो अलग । मेरा कैरियर बर्बाद हो जाएगा , और मैं सड़क पर आ जाऊंगा । इस लिए मैं ये काम हरगिज़ नहीं करूंगा । राजवीर को भी इस बारे में कुछ पता नहीं है । उसे भी पता चला , तो वो मुझे मार डालेगा ।
मिशा - मारे तो तुम वैसे भी जाओगे । और अगर तुमने मेरा काम नहीं किया , तो मैं तुम्हें तुम्हारे पूरे खानदान के साथ सड़क पर लाकर रख दूंगी ।
विनय - तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी मिशा ।
मिशा - तुम्हारे घर वाले गोरे - गांव में रहते हैं न... ????
विनय ( परेशान होकर ) - हां.....।
मिशा ( टीवी में आ रही न्यूज को देखते हुए ) - सोचो अगर , उन पर अटैक हो जाए । या फिर आजकल , घर बहुत ज्यादा गिरने लगे हैं न , बिल्डिंग रेनोवेट न होने की वजह से । या यूं कहूं , कि बरसात के पानी के कारण, घरों में हो रही सीलिंग की वजह से । सोचो.…..., अगर उसी वजह से तुम्हारा घर गिर गया और तुम्हारा खानदान उसी में दब कर सत्यानाश हो गया, तो........!!! उम्हुं....., कितना बुरा होगा ना उनके साथ । वो तो बेचारे बिना मौत के मारे जाएंगे , बिना किसी जुर्म के । और वजह होगे , सिर्फ तुम... । और फिर उनकी मौत का सदमा तुम बर्दास्त नहीं कर पाओगे , और मुंबई के समुद्र के किनारे तुम्हारी लाश तैरती हुई मिलेगी । ( थोड़ा देर रुक कर ) बताओ विनय .....!!!! तुम्हारे परिवार के साथ ये हादसा हो जाने दूं , साथ में तुम्हारी भी चिता जलवा दूं......???? अपने खानदान के साथ सीधे स्वर्ग पहुंच जाना.....।
विनय ( घबराते हुए ) - नहीं ......, नहीं .....। तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी , मैं तैयार हूं । तुम जैसा कहोगी, मैं वैसा ही करूंगा ।
मिशा - गुड ब्वॉय....।
विनय ने मिशा की बात सुनकर , फोन उस आदमी को पकड़ा दिया । और वह आदमी भी उसकी बात सुनकर मुस्करा दिया । उसने मिशा से यस मैम कहा , तो मिशा ने तुरंत कहा ।
मिशा - नजर रखना उस पर , ताकि हमसे कोई चालाकी न कर पाए । और अगर उसने चालाकी करने की कोशिश की , तो सीधे मुझे कॉल करना । मैं आगे देख लूंगी ।
आदमी - यस मैम .....।
उसकी बात सुनकर मिशा ने तुंरत फोन कट कर दिया और फिर मुस्कुराने लगी । इधर विनय ने खुद का हुलिया ठीक किया और फिर रेस्टोरेंट के अंदर जाकर, रेहान के जस्ट पीछे वाली टेबल पर , उन चारों की ओर पीठ करके बैठ गया । जिससे उन चारों में से किसी को पता नहीं चला, कि विनय उनके ही पीछे बैठा हुआ है । तभी रेहान लोगों की टेबल पर उनका ऑर्डर आ गया । और वो लोग लंच करने लगे । तो अंशिका ने खाते हुए ही कहा ।
अंशिका - वैसे कायर दी ने , अच्छी जगह चुनी है घूमने के लिए । मैंने भी काफी कुछ सुना है माथेरान के बारे में । कल वहां घूमने में , बहुत मजा आने वाला है । काफी कुछ न्यू देखने को मिलेगा , वहां कल ।
विनय ने जैसे ही अंशिका के मुंह से , सभी के माथेरान जाने की बात सुनी , तो उसके होठों पर मुस्कुराहट आ गई । वह उठकर जाने लगा , कि तभी अंशिका ने कहा ।
अंशिका - वैसे मिशा दी भी जा रही हैं ना, कल हमारा साथ ???
मिशा का नाम सुनकर , विनय वापस अपनी सीट पर बैठ गया और अंशिका की बात पर , बाकी तीनों की प्रतिक्रियाओं को सुनने का वेट करने लगा । वहीं अंशिका के द्वारा , मिशा के बारे में पूछने से , तीनों ने एक दूसरे को देखा और फिर शिवानी ने तुरंत कहा ।
शिवानी - नहीं ....., वो हमारे साथ नहीं जा रही है ।
आंशिक - पर क्यों ....????
सौम्या ( तुरंत रिप्लाई करते हुए कहती है ) - वो अपनी फैमली के साथ आउट ऑफ़ सिटी गई हुई है ।
अंशिका - ओह......।
इतना कह कर अंशिका ने अपनी प्लेट पर , और नूडल्स लिए और बड़े चाव से खाने लगी । जबकि रेहान , शिवानी और सौम्या दोबारा अंशिका के मिशा के बारे में न पूछने से , खुद को रिलेक्स महसूस करवा रहे थे । तभी रेहान का फोन , जो कि उसी डाइनिंग टेबल पर , किनारे पर रखा था । शिवानी के हल्का सा हाथ लगने से गिर गया । तो शिवानी ने तुरंत कहा ।
शिवानी - सॉरी....., सॉरी रेहान । मैं उठा देती हूं ।
रेहान ( शिवानी को रोकते हुए ) - इट्स ओके....। मैं खुद उठा लेता हूं ।
इतना कहकर रेहान फर्श की ओर झुका और अपना फोन उठा लिया , तभी उसकी नज़र अपने पीछे बैठे विनय पर गई । उसे देख कर रेहान समझ गया , कि ये उनकी बातें सुनने के लिए ही उसके पीछे बैठा है । रेहान ने कुछ नहीं कहा और वापस चेयर पर सीधे होकर बैठ गया । रेहान के सीधे बैठते ही , विनय वहां से उठकर चला गया । रेहान बस उसे जाते हुए देखता रहा और कुछ सोचने लगा । जबकि सौम्या की नजर रेहान पर पड़ी, तो उसने भी रेहान की नज़रों का पीछा किया और विनय को रेस्टोरेंट से निकलते हुए देख लिया । उसने रेहान की ओर देखा , जो अब अपना फोन वापस टेबल पर रखकर , खाना खा रहा था । तभी रेहान ने नजरें उठाई , तो सौम्या ने उसे देखकर उससे विनय के आने का रीजन पूछा । तो रेहान ने इशारों में ही उसे , रिलेक्स रहने के लिए कहा और इस बारे में बाद में बात करने के लिए कहा । सौम्या ने कुछ नहीं कहा और खाना खाने लगी । पर इस वक्त उसके दिमाग में हजारों खयाल उमड़ने लगे । जिनमें से अधिकतर सवाल थे । उसने खुद को शांत किया और फिर खाना खाने लगी ।
इधर विनय वापस से उस आदमी के पास आया और मिशा को कॉल करने के लिए कहा । उस आदमी ने अपने फोन पर , मिशा का नम्बर डायल कर विनय को पकड़ा दिया । विनय ने फोन कान से लगाया । एक रिंग में ही मिशा ने कॉल अटेंड कर लिया और तुरंत बोली ।
मिशा - हम्मम...., बोलो विनय ।
विनय ( बिना समय गंवाए हुए , तुरंत बोला ) - वो लोग माथेरान जा रहे हैं । और जब अंशिका ने उनसे तुम्हारे बारे में पूछा , तो उन्होंने तुम्हारे लिए ये कहा, कि तुम शहर से बाहर हो , इस लिए उनके साथ नहीं जा रही हो ।
मिशा - तुम्हारे पैसे तुम्हारे अकाउंट में , अगले एक घंटे में पहुंच जाएंगे ।
विनय - दोबारा मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा मिशा और न ही तुम मुझे ऐसा कुछ करने के लिए फोर्स करोगी ।
मिशा - ओके.....।
इतना कह कर उसने तुरंत कॉल कट कर दिया और खुद से बोली ।
मिशा ( मुस्कुराते हुए ) - दोबारा शायद तुम कोई काम करने लायक ही ना बचो..... । ( कुछ पल विनय की बताई गई बातों के बाते सोचकर ) शायद इसी लिए , आरव ने मुझे अपने साथ जाने के लिए कॉल नहीं किया । क्योंकि बाकी के दोस्तों ने , शायद इन्हें यही बात बताई है , जो विनय ने उन्हें अंशिका से बताते हुए सुना है । बहुत ज्यादा चालक बनते हो ना तुम लोग , मझसे चालाकी कर रहे हो । ये चालाकी उस कायरा और रूही के साथ - साथ तुम सबको भी बहुत महंगी पड़ेगी । सो वेट एंड वॉच , फॉर माय नेक्स्ट अटैक ।
इतना कह कर , मिशा जोर से ठहाका मार कर हंसने लगी । और फिर किसी को कॉल करके, उसने उसे कुछ समझाया और उसका रेस्पॉन्स मिलते ही फोन कट कर दिया ।
इधर राजवीर ने आरव के ऑफिस में , अपने केबिन में बैठे हुए ही किसी को कॉल किया । और उस तरफ से यस बॉस की आवाज़ आते ही राजवीर ने तुरंत कहा ।
राजवीर - सारी तैयारी हो गई ???
फोन पर दूसरी तरफ से आदमी ने कहा - यस बॉस.....।
राजवीर - गुड.....। मैं चाहता हूं , कि ये काम आज रात ही हो । आरव की फैक्ट्री से क्लाइंट को जाने वाले माल को , आज ही तुम लोग नुकसान पहुंचाओ । क्योंकि आज रात ही , सारा माल ट्रकों में लोड होगा और कल सुबह तक फैक्ट्री से निकल कर , दोपहर तक डिलीवर भी हो जाएगा । और मुझे कल दो बजे से पहले ही रिजल्ट चाहिए । इस लिए तुम लोगों को आज रात में ही सारा काम खत्म करना होगा ।
दूसरी ओर से आदमी - जी बॉस ....। मैं आज रात ही अपने आदमियों को लेकर , वहां पहुंच जाऊंगा । और काम होते ही आपको , इनफॉर्म कर दूंगा ।
राजवीर ने उसकी बात सुनकर फोन काट दिया और फिर खुद से मुस्कुराते हुए कहा ।
राजवीर - बहुत शौक है ना तुम्हें , हर वक्त कायरा के करीब आने का । अब देखना , मैं तुझे बिजनेस की उलझनों में इतना उलझा दूंगा , कि तेरे पास कायरा की ओर देखने तक का समय नहीं रहेगा । और फिर मुझे कायरा को हासिल करने से कोई नहीं रोक पायेगा , खुद तू भी नहीं..... ।
इतना कह कर वह चालक मुस्कान , मुस्काने लगा और फिर कंप्यूटर में कुछ वर्क करने लगा......... ।
क्रमशः