Ahsaas pyar ka khubsurat sa - 36 in Hindi Fiction Stories by ARUANDHATEE GARG मीठी books and stories PDF | एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 36

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 36




इधर नील ने रेहान को उसके घर से पिक किया और फिर रेहान के बैठते ही उसने अपनी कार, दोबारा ऑफिस की ओर बढ़ा दी , जिससे वह उसी रोड से आदित्य और राहुल का पीछा कर सके , जिस ओर से उसने उन दोनों को जाते हुए देखा था। रेहान ने नील से कहा ।

रेहान - हम कहां जा रहे हैं और तूने इतनी हड़बड़ाहाट में मुझे क्यों रेडी रहने के लिए कहा ???

नील ( स्टेयरिंग घुमाते हुए ) - नहीं पता यार ....., राहुल ने मुझे हड़बड़ी में कुछ कहा ....., और मुझे उसकी इस बात , कि तुझे लेकर कहीं पहुंचना है , के सिवा कुछ भी समझ नहीं आया । इस लिए मैं तुझे ले आया।

रेहान - मतलब तुझे ये नहीं पता है , कि हमें जाना कहां है ???

नील - नहीं पता है भाई.....। तू राहुल को कॉल करके पूछ ना ......, वो शायद लोकेशन सेंड करने वाला था । पर उसने अभी तक कोई भी लोकेशन सेंड नहीं की है ।

रेहान ( अपने फोन में राहुल का नंबर डायल करते हुए ) - डोंट वरी , मैं करता हूं उसे कॉल....।

इतना कह कर रेहान अपना फोन अपने कान से लगा लेता है । तो दूसरी साइड से राहुल फोन रिसीव करते हुए हैलो कहता है। रेहान उससे बोलता है ।

रेहान - राहुल ....., हमें कहां आना है ??? और ऐसा क्या हुआ है जो तू हमें ऐसे अर्गेंटली बुला रहा है , और तूने नील को भी कुछ नहीं बताया ।

राहुल रेहान की बात सुनकर उसे बताता है कि कायरा प्रॉब्लम में है , और वो लोग उसी के लिए आरव के पीछे गए हुए हैं । और राहुल उसके आगे कहता है ।

राहुल - मैं कब से दोनों की लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश कर रहा हूं , पर मेरे और आदित्य के फोन में नेटवर्क प्रॉब्लम के कारण , लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है।

रेहान - तू रुक ..., मैं दोनों की लोकेशन ट्रेस करता हूं । इस तरफ नेटवर्क ठीक है और मेरे पास आरव के साथ - साथ कायरा का भी नंबर है , जो मैंने उसी दिन ले लिया था , जिस दिन मिशा ने हंगामा किया था, मेरे, रूही और कायरा को लेकर ।

इतना कह कर रेहान राहुल का कॉल, होल्ड पर रखता है और अपने मोबाइल से कायरा की लोकेशन और नील के मोबाइल से आरव की लोकेशन ट्रेस करता है । उसे कुछ ही पलों में, दोनों की लोकेशन मिल जाती है। वह फोन पर राहुल से कहता है ।

रेहान - राहुल .....। कायरा की लोकेशन, आधे घंटे पहले की दिखाई दे रही है , जो आरव के ऑफिस से, पांच किलोमीटर दूर हाईवे की है । और आरव की लोकेशन भी इस वक्त, उसी हाईवे के आसपास की दिखाई दे रही है । शायद वह कुछ ही देर में, कायरा की लोकेशन के पास पहुंचने वाला है । तुम लोग उसी हाईवे के पास आओ , और हम लोग यहां से शॉर्ट कट लेते हैं , जिससे मैं और नील जल्दी पहुंच जाएंगे ।

राहुल - हम भी उस हाईवे के नजदिक ही हैं । जल्दी ही पहुंच जाएंगे ....।

इतना कह कर राहुल कॉल कट कर देता है। और यहां रेहान, नील को शॉर्ट कट रास्ते से चलने के लिए कहता है ।

इधर कायरा की हंसी उस नकाबपोश आदमी को बर्दास्त नहीं हो रही थी , इस लिए उसने कायरा की बांह पर जोर से चाकू गड़ाना शुरू कर दिया और फिर कायरा से ये कहा, कि तू हमें डराएगी , तुझे तो मैं ......। इतना कह कर उस आदमी ने गुस्से से कायरा के पेट पर चाकू से वार करना चाहा । पर वह कायरा की ओर चाकू चला पाता, उससे पहले ही आरव ने आकर, उसका हाथ रोक लिया और दूसरे हाथ से उस आदमी के चेहरे पर एक पंच मारा , जिससे वह आदमी अगले ही पर जमीन पर धूल चाटता हुआ नज़र आया । उसे देख कर जहां कायरा को एक तरफ खुशी भी हुई और दूसरी तरफ हैरानी भी । ये सोच कर, कि उसने तो आरव को कुछ भी नहीं बताया था इस बारे में , फिर आरव उस तक कैसे पहुंच गया ??? कायरा यही सब सोच रही थी । तो वहीं दूसरी तरफ बाकी के नकाब पोश आरव को देख कर डर गए थे । क्योंकि एक तो आरव इतना बड़ा और पैसे वाला आदमी , दूसरा उसका पंच इतना ज्यादा एनर्जेटिक था , कि चाकू वाला आदमी कुछ ही सेकंड में जमीन पर गिर गया और उसकी चाकू भी पता नहीं कहां जा कर गिरी थी , और वो आदमी जमीन में गिरते ही घायल होकर बेहोश हो गया । उनमें से एक आदमी ने आरव और कायरा को देख कर , अपने बगल में खड़े हुए आदमी से कानाफूसी करते हुए कहा ।

आदमी - ये लड़की क्या कम थी , जो अब ये भी प्रकट हो गया ??!!

दूसरा आदमी ( डरते हुए उस आदमी से धीमी आवाज़ में कहता है ) - अरे ....!!!! अगर मुझे पता होता, कि हमारा सामना इतने नामचीन व्यक्ति , शर्मा कंस्ट्रक्शन के मालिक के बेटे , आरव शर्मा से होने वाला है । तो मां कसम , मैं कभी भी बॉस की बात मानकर, यहां इस लड़की को, डराने - धमकाने नहीं आता । अरे भाई ......!!!! मैं तो इन्हीं की फैक्ट्री में काम करता हूं , और ये जो भी अभी कर रहा हूं , वो उपरी कमाई के लिए करता हूं , ताकि रात की दारू मिल सके । वरना मैं कभी भी इस धंधे में नहीं आता । अगर आरव शर्मा को पता चाल गया , कि तुम सबमें से एक मैं भी हूं , तो मेरा तो नौकरी से पत्ता कट ही समझो ।

पहला आदमी - हां भाई .....!!!! क्या करने यहां आए थे और क्या हो रहा है । चल भाग लेते हैं यहां से ।

दूसरा आदमी - नहीं ...., नहीं .....! अगर भागे , तो हमारा बॉस हमें मौत के घाट उतार देगा । इससे अच्छा है, शांति से खड़े रहो , और दो - चार घूंसा आरव से खा लो । कम से कम मरने से तो बच ही जायेंगे ।

पहला आदमी - हां भाई ....!!! तू सही कह रहा है ।

वो दोनो आपस में बातें कर रहे थे , जबकि आरव कायरा को पकड़े हुए नकाब पोशो को , एक - एक कर अपने पंच से मारता जा रहा था, और सभी को लहू - लुहान करता जा रहा था । उन दोनों आदमियों की बातें, कायरा को भी सुनाई दे रही थी , और वह उनकी बात बड़े ध्यान से सुन रही थी । कायरा ने उन दोनों की तरफ देखा , और फनी टाइप की मुस्कान के साथ उनसे कहा ।

कायरा - तुम्हारा बॉस तुम लोगों को मौत के घाट बाद में उतरेगा , उससे पहले मैं ही तुम दोनों का कचूमर बना दूंगी । जिससे तुम मौत को अपने सामने ही लाइव देखोगे।

पहला आदमी ( अकड़ कर ) - कैसे तुम हमारा कचूमर बनाओगी , हम सबने तो तुम्हें पकड़ कर रखा हुआ है । इतने सारे आदमियों को एक साथ कैसे मरोगी तुम ????

कायरा ने उसकी बात सुन कर, उसे अपने आस - पास देखने को कह कर, उससे कहा ।

कायरा - अपने अलग - बगल देखो , तुम्हारे और तुम्हारे इस साथी के अलावा कोई और तुम्हें दिख रहा है क्या ????

कायरा की बात सुनकर , उन दोनों आदमियों ने अपने आस - पास देखा , तो उन्हें अपने अलावा कोई भी नहीं दिखा । सभी आदमी आरव से लड़ रहे थे , और आरव सभी को धूल चटा रहा था । और यहां सिर्फ वो दोनो ही कायरा के हाथो को पकड़े खड़े थे । और अब उन्हें कायरा से डर लग रहा था । जब कायरा ने महसूस किया , कि दोनों की पकड़ उसके हाथ पर ढीली पड़ गई है , तो कायरा ने उनसे अपना हाथ छुड़ाया और दोनों के एक - एक हाथ को पकड़ कर , दोनों आदमियों को एक दूसरे से टकरा दिया । जिससे उन दोनों आदमियों का सिर चकरा गया और वो दोनों जमीन पर गिर गए । पर तब भी उनमें , अभी जान बाकी थी । यही सोच कर कायरा ने, दोनों को कॉलर से पकड़ कर उठाया , और एक हाथ से एक आदमी को और दूसरे हाथ से दूसरे आदमी को अपने मुट्ठी के पंचों से मारती गई । उसे देख कर ऐसा लग रहा था , जैसे उसके सामने वो लोग किसी दो पंचिंग बैग की तरह हो , और कायरा उन्हें एक हाथ से एक पंचिंग बैग को और दूसरे हाथ से दूसरे पंचिंग बैग को मार रही हो । फाइनली उन दोनों आदमियों की, कायरा से लड़ने की एनर्जी पूरी तरह खत्म हो चुकी थी, जिसके कारण वो दोनों जमीन पर गिर गए । उनके गिरते ही कायरा ने अपने हाथ झाड़े , और सामने की ओर बढ़ने लगी । उसने देखा कि आरव एक आदमी को बहुत बुरी तरह से मार रहा था । कायरा उसकी ओर बढ़ी। तभी उसकी नज़र , आरव के पीछे, कुछ दूरी पर खड़े आदमी पर गई । जिसकी ओर आरव की पीठ थी , और आरव का ध्यान सिर्फ और सिर्फ अपने सामने वाले आदमी को मारने में थे । कायरा ने उस आदमी की ओर अपनी नज़रे दौड़ाई तो देखा , कि वह आदमी अपने हाथ में गन लिए हुए है , और वह आरव की ओर निशाना लगाए , गन को अपने हाथों में लिए खड़ा हुआ है । कायरा को उसे ऐसे देख कर , कुछ समझ ही नहीं आया, कि वह इस वक्त क्या करे । उसने अपने आस - पास देखा , पर उसे उस आदमी को मारने लायक कुछ भी नहीं दिखा। तो वह बुरी तरह घबरा गई और अपना दिमाग चलाने लगी कि वह आरव को कैसे बचाए । तभी उस आदमी ने ट्रिगर कि ओर अपनी उंगली बढ़ाई , पर वह अपनी गन की ट्रिगर को दबा पाता , उससे पहले ही कायरा ने अपने दोनो हाथो को जोड़ कर, एक मुट्ठी बनाई और पीछे से उस आदमी के सिर पर दे मारा । कायरा का यह वार उस आदमी पर इतना भारी पड़ा , कि वह तुरंत ही जमीन पर गिर गया। और उसके हाथ से गन भी छूट गई । कायरा ने उस आदमी पर अपने पैरों से प्रहार करते हुए , गुस्से से भरकर कहा ।

कायरा - गन चलाओगे तुम...... , और वो भी आरव पर ....., मेरे आरव पर .......। अब तो मैं तुम्हें गन चलाने लायक भी नहीं छोडूंगी , मार डालूंगी मैं तुम्हें .....।

आरव ने जब कायरा की आवाज़ सुनी तो हैरान हो गया । और उसे कायरा और उस आदमी को देख कर माजरा समझ आ गया । वह बहुत खुश भी हुआ । एक तरफ ये देख कर , कि कायरा ने उसकी जान बचाई , और दूसरी तरफ ये देख कर, कि कायरा उसे अपना आरव कह रही है । आरव ने उस आदमी को छोड़ा जिसे वह मार रहा था । आरव के उसे छोड़ते ही, वह जमीन पर गिर कर बेहोश हो गया । और आरव कायरा के पास आया , और उसे पकड़ कर अपने सीने से लगा कर बोला ।

आरव - कायरा ......!!!! मर जायेगा वो ......। वैसे भी बेहोश हो चुका है ......, अब उसे और मारने की जरूरत नहीं है ....।

कायरा ( आरव की पकड़ से छूटने की कोशिश करते हुए ) - छोड़िए आप मुझे .....। इसने आप पर गन तानी । अगर मैं इस पर वार नहीं करती , तो ये आपको उस गन की बुलेट के सहारे , मार देता । इसकी इतनी हिम्मत भी कैसे हुई , के ये आपको मारे ....। इस तो मैं ही आज खत्म करूंगी ।

आरव ( कायरा को कस कर पकड़ते हुए ) - कायरा ......., बस ......। देखो मैं जिंदा हूं , मुझे कुछ नहीं हुआ है । आई एम फाइन कायरा । छोड़ दो उसे ...... ।

कायरा ने उसकी बात सुनी , तो आरव को एक नजर देखा और फिर उसके सीने से जा लगी । आरव ने मन ही मन कायरा के सिर को सहलाते हुए कहा ।

कशिश तो हमारी तरह तुममें भी है ,
और मोहब्बत तो तुम्हें हमसे भी है ,
फिर क्यों तुम दुनिया से ये कहते हो......,
कि तुम्हें मोहब्बत से बेइंतहां नफ़रत भी है ???

आरव खुद में ये शायरी बोल रहा था , जबकि कायरा उसकी शायरी से बेखबर, आरव को कस कर गले लगाए हुए थी । जैसे अगर वो उसे छोड़ देगी , तो आरव हमेशा - हमेशा के लिए उससे दूर हो जाएगा ।

जबकि उन्हें एक नकाब पोश आदमी, बड़े ही ध्यान से देख रहा था । उस आदमी ने जलती हुई आंखों से दोनों को देखा , और खुद को संभालते हुए उठा । उसके बाद वह अपनी कार के पास गया , जिससे वो और उसके आदमी आए थे । और उस आदमी ने अपनी कार से, एक हॉकी स्टिक निकाली और आरव और कायरा की ओर अपने कदम बढ़ा दिए । वह जस्ट कायरा के पीछे आया , और उसने अपनी हॉकी स्टिक से कायरा के सिर पर वार करने के लिए जैसे ही अपनी हॉकी उठाई और कायरा की ओर वार किया , वैसे ही आरव ने उसे देख लिया । और उस आदमी की हॉकी स्टिक पकड़ कर , कायरा को खुद से अलग किया , और उस आदमी को उसी हॉकी स्टिक से धो डाला । कायरा ये सब देख ही रही थी, कि तभी एक आदमी फिर से उसकी ओर , उसे मारने के लिए लपका , कि तभी कायरा ने उसे पलट कर वार किया , और वह आदमी भी घायल होकर वहीं जमीन पर गिर पड़ा । बाकी बचे हुए आदमियों को , जिनको - जिनको भी अब होश आ रहा था , सब अब अपनी कार की ओर भाग रहे थे , तो कई लोग कार की दूसरी ओर, ऐसे ही अपनी जान बचा कर भागने की कोशिश कर रहे थे । आरव जिस आदमी को मार रहा था , उस आदमी ने भी खुद को आरव से छुड़ाया और वह भी बाकी के आदमियों के साथ भागने लगा । आरव भी उसकी ओर भागा , और कुछ दूरी पर ही उसे पकड़ कर दबोच लिया । और उसकी गर्दन को अपने हाथों से कस कर पकड़ते हुए गुस्से से जलती हुई आंखों के साथ उस आदमी से पूछा ।

आरव - बताओ ...., किसने भेजा है तुम लोगों को ??? तुम लोगो ने कायरा पर हमला क्यों किया ??? क्या दुश्मनी है तुम लोगों की कायरा से । बताओ....., वरना आज मैं तुम्हारी जान ले लूंगा ।

आदमी - नहीं ......, मैं नहीं बताऊंगा .......। वरना मेरे बॉस मुझे मार डालेंगे ।

आरव ( उसकी गर्दन पर , अपनी बाहों की पकड़ मजबूत करते हुए ) - अगर तूने नहीं बताया ....., तो तेरे बॉस से पहले मैं तूझे मार डालूंगा ।

आदमी ( डरते हुए , हाथ जोड़ कर कहता है ) - नहीं ......, मत मारो मुझे , छोड़ दो .....।

आरव - अगर तू सच - सच बता देगा , कि कायरा पर हमला किसने करवाया है, तो मैं तुझे छोड़ दूंगा । क्योंकि , तुम लोग खुद से तो उस पर हमला करने से रहे । पक्का तुम लोगों को किसी ने ये हमला करने के लिए कहा है । बताओ उस शक्श का नाम , जिसने कायरा पर हमला कराने की साजिश रची है ....., बताओ .....।

आदमी - बताता हूं ....., बताता हूं .....। आपके सबसे बड़े दुश्मन राजवीर तिवारी ने , उस लड़की पर हमला करने के लिए हमसे कहा था ।

आरव ( गुस्से से लाल होते हुए ) - क्या ....., राजवीर ने ......!!!! राजवीर मैं तुझे बहुत बुरी तरह से अब तड़पाऊंगा .......।

आदमी - पर ....., पर उन्होंने ये हमला सिर्फ आपको और उस लड़की को डराने के लिए करवाया था । उसे जान से मारने के लिए नहीं कहा था उन्होंने .......।

जब आरव ने उसकी बात सुनी , तो दंग रह गया । जबकि राजवीर अपने घर में , अपने बेडरूम के , बेड पर बैठे, अपने मोबाइल की स्क्रीन पर, ये सब लाइव देख रहा था । और उसे ये सब देख कर , बेहद खुशी हो रही थी । उसने मोबाइल को बड़े ध्यान से देखते हुए, अपनी जहरीली नज़रों और अपनी जहरीली मुस्कान के साथ खुद से कहा ।

राजवीर - हो गया मेरा काम .......। ( मोबाइल स्क्रीन पर आरव का चेहरा देख , हंसते हुए ) हां आरव ......, मैंने ही तेरी कायर पर हमला करवाया । पर उसे मारने के लिए नहीं , बल्कि तुझे डराने के लिए । क्योंकि कायरा तो मेरा जुनून है , मेरी शामों को हसीन बनाने का जरिया है , मेरे इस बड़े से घर में सजाने के लिए, कायरा एक शो पीस है , जिसे मैं पाकर ही रहूंगा । कायरा को पाना और उसे अपना बनाना, मेरी ज़िन्दगी का वो मकसद है , जो मैं दिन - रात अपनी खुली आंखों से, उसे पूरा करने के ख्वाब देखता हूं । और मेरे उस खवाब को पूरा करने के बीच में तू आ रहा है , तू….....। वैसे अच्छा ही है , हर बार मैं अपनी ख्वाहिश की चीज़े , बड़ी ही आसानी से पा लेता था , और इसी लिए उनमें मुझे कोई खास मजा नहीं आता था और ना ही उनमें मेरा ज्यादा इंट्रेस्ट रहता था । पर इसमें ......, इस कायरा में तो मेरा इंटरेस्ट भी है और इसके लिए लड़ने वाला दुश्मन भी । जो कि तू है, आरव तू .......। बड़ा ही मजा आने वाला तुझसे दुश्मनी निभाकर । क्योंकि इस बार दुश्मन भी मेरी टक्कर का मिला है मुझे , और वो भी मेरी ही बहन का सो कोल्ड लाडला देवर । वाह......, क्या बात है । ये कायरा तो बहुत ही लक्की है, इसके ऊपर एक तो इस पूरे इंडिया का सबसे बड़ा बिजनेस मेन मिस्टर राजेश शर्मा का बेटा , आरव शर्मा फिदा है और दूसरा ......, राजेश शर्मा की बड़ी बहू का भाई भी कायरा को अपना बनाना चाहता है। पर एक कायरा है, जो मान ही नहीं रही । पर एक बात याद रखना कायरा , अगर तुम मेरी नहीं हुई, तो मैं तुम्हें किसी की भी नहीं होने दूंगा । और उस आरव की तो बिल्कुल भी नहीं..... । और हां आरव , पूछोगे नहीं….!!!!! कि मैं तुम्हें, कायरा को और तुम दोनों की इस बहादुरी को लाइव कैसे देख पा रहा हूं??? चलो तुम क्या पूछोगे , मैं ही तुम्हें बता देता हूं .…....।

तुमने क्या सोचा था , कि मैं तुम्हारी धमकी से , तुम्हारी मार से डर जाऊंगा । नहीं आरव ...., नहीं ......, मैं डरने वालों में से नहीं हूं , बल्कि अपने खेल को अंजाम देने वालो में से हूं ।तुमने जिस आदमी को पकड़ने के बाद ये सोच लिया है ना , कि तुम्हें मेरे प्लान के बारे में पता चल गया है । तो तुम गलत सोच रहे हो आरव , ये तुमने मेरे उस आदमी के मुंह से उगलवाया नहीं है , बल्कि उसने खुद उगला है , मेरे कहने पर । क्योंकि मेरा यही तो प्लान था , सिर्फ तुम्हें डरना और अपनी दुश्मनी का पहला दाव खेलना ....। तुम जिस आदमी को अपने हाथों से पकड़ कर , उसकी गर्दन दबोचने में लगे हो ना , असल में वही मुझे तुम्हारी अपडेट दे रहा है । पता है कैसे , उसके कानों में एक ईयर पिन है , जिसमें बहुत छोटू सा , ( अपनी उंगलियों से इशारा कर, स्क्रीन को दिखाते हुए ) इत्तू छोटू सा , मिनी कैमेरा लगा हुआ है । और साथ ही उस आदमी के दोनों कानों में ब्लूटूथ भी लगा है । जिससे मैं उस कैमरे के सहारे से तुम्हें देख भी सकता हूं और उस ब्लूटूथ के सहारे तुम्हारी आवाज़ भी सुन सकता हूं और उस आदमी को इंट्रक्शन भी दे सकता हूं । इंस्ट्रक्शन से याद आया , अभी थोड़ी देर पहले जो आदमी कायरा के ऊपर चाकू चला रहा था ना , उसे भी मैंने ही कायरा पर चाकू चलाने के लिए कहा था । क्योंकि मैंने तुम्हें देख लिया था और मैं जानता था कि तुम डरोगे और कायरा को जरूर बचाओगे । और कायरा तो वैसे भी ब्रेव है , तो उसका तो कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता , मेरे अलावा........। और एक बात बताऊं , कैमेरा सिर्फ एक के कान के ईयर पिन में है , पर ब्लूटूथ ........, ब्लूटूथ सभी के कानों में लगे हैं । मैं अपने बेडरूम में बैठा जरूर हूं , ताकि तुम्हारे उस दोस्त के आदमी मेरे घर से बाहर जाने से , मेरा प्लान ना जान लें । पर मैं यहां खाली नहीं बैठा हूं, बहुत कुछ चालें चल रहा हूं ......., सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे खिलाफ । तुम और तुम्हारे दोस्त समझ रहे हैं , कि मैं घर से बाहर जाऊंगा , तभी अपनी प्लानिंग को अंजाम दूंगा । बट आरव...... , तुम और तुम्हारे दोस्त, ये भूल गए हैं , कि मैं राजवीर तिवारी हूं । कहीं भी बैठ कर अपनी प्लानिंग को अंजाम तक पहुंचा सकता हूं। जैसे कि अभी मैंने पहुंचा दिया , तुम्हारी आंखों के सामने । एंड यू नो व्हाट आरव शर्मा ........, कायरा को तो यूं ......( अपने हाथों से चुटकी बजाते हुए ) यूं....., चुटकियों में पलक झपकते ही अपना बना सकता हूं । पर उसमें वो मजा कहां , जो इस तरह दांव - पेंच खेल कर उसे हासिल करने में है ........। तुम तो अभी ये भी नहीं समझ पा रहे होगे , कि मेरे आदमी ने जो अभी कहा , वह सच है या झूठ । तुम उस पर भरोसा करो भी या नहीं .......। पर इस आदमी के तुम्हें इतना बताने से , कि इन सब में मेरा हाथ है, ये जानकर मेरा काम बहुत आसान हो गया । अब तुम्हें पता चलेगा आरव शर्मा ......, कि राजवीर तिवारी क्या चीज है । जो कायरा पर हमला करवाकर , तुम्हें डरने पर मजबूर कर सकता है, वह तो फिर कुछ भी कर सकता है ........, कुछ भी ...........।

इतना कह कर राजवीर ने अपना फोन बिस्तर पर पटका , और जोर - जोर से ठहाका मार कर हंसने लगा ।

इधर आरव उस आदमी की बातें सुनने के बाद हैरान था । उसे विश्वास नहीं हो रहा था , कि राजवीर ऐसा कुछ भी कर सकता है । वह उस आदमी से और कुछ पूछ पाता , उससे पहले ही कुछ दूर खड़ी कायरा ने उसे आवाज दी , तो आरव उसकी आवाज़ सुनकर उसकी ओर पलटा । तभी वह नकाब पोश आदमी, ये देख कर कि आरव का ध्यान खुद पर से हटने से , उसने आरव की पकड़ से खुद को आजाद किया और फिर भाग गया । आरव उसे पकड़ पाता , उससे पहले ही आदित्य , राहुल , नील और रेहान आ गए । और वहां का नजारा देख कर हैरान रह गए । जगह - जगह खून के निशान , हॉकी स्टिक , गन और चाकू । ये सब वहां पर पड़े हुए थे । जिसे देख कर वे चारों आश्चर्य से कभी उस सड़क की जगह को , तो कभी आरव और कायरा को देख रहे थे । आरव नीचे जमीन से उठ कर, अब कायरा के पास आ गया , और बाकी चारों भी उन दोनों के पास आ गए । रेहान ने उनके पास आते ही, उन दोनों से सवाल किया ।

रेहान - क्या हुआ है यहां पर अभी ........., और तुम लोगों की ये हालत…..... । कपड़े बिखरे से , चेहरे से पसीना टपक रहा , सिर के बाल पूरे बिखरे हुए ......, ये क्या हालत बना रखी है तुम दोनो ने अपनी ???? तुम दोनो ठीक तो हो ना ......????

कायरा से इस वक्त कुछ भी बोला नहीं जा रहा था , क्योंकि अब वह थक चुकी थी , और बांह में चाकू के प्रहार से की गई चोट भी , अब उसे दर्द देने लगी थी । इस लिए उसने कुछ नहीं कहा । पर आरव ने अपने चेहरे को , अपनी कार में रखी हुई बॉटल के पानी से धोया और फिर उसमें से कुछ पानी पी कर कायरा की ओर बढ़ा दिया । कायरा आरव से पानी की बॉटल लेकर , सड़क किनारे आकर अपना चेहरा और अपनी चोट साफ करने लगी । उसके उनसे थोड़ा दूर जाते ही , आरव ने चारों दोस्तों को , वो सब बताया जो उसके आने के बाद हुआ । और उस आदमी की कही हुई बात भी बताई , जो उसने राजवीर के बारे में कही थी । उस आदमी की कही गई बात, कायरा को नहीं पता थी , कि राजवीर ने उसके ऊपर हमला करवाया था । इधर चारों दोस्त ने जब आरव की बात सुनी , तो दंग रह गए । आरव ने गुस्से से भौहें तानते हुए कहा ।

आरव - उस राजवीर को तो मैं छोडूंगा नहीं ......। उसने मेरी कायरा पर हमला करवाया और वो भी महज मुझे डराने के लिए । अगर इन सब में कायरा को कुछ हो जाता तो ......., किस वजह से डराता दोबारा, वो मुझे या कायरा को ...!!!???

राहुल ( गुस्से से अपनी मुट्ठी भींचते हुए ) - पागल हो गया है ये राजवीर .......। नामर्दों वाली हरकतें कर रहा है .....।

आरव - वो ऐसा ही है...., इस लिए ऐसी हरकतें कर रहा है । पर मैं भी आरव शर्मा हूं , डरना तो मैंने सीखा ही नहीं है । मेरे रहते वो कायरा का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता । और ना ही उसे अब दोबारा हाथ लगा सकता है , वरना इस बार मैं उसके हाथों को उसके शरीर से उखाड़ फेंकूगा। और आज की उसकी ये हरकत , उस पर बहुत भारी पड़ने वाली है ।

रेहान ( गुस्से से ) - हां आरव ....., उसे उसकी ये प्लानिंग बहुत महंगी पड़ेगी।

आरव ( अपनी कार की ओर कदम बढ़ाते हुए ) - इसी लिए मैं जा रहा हूं , उसे सबक सिखाने ......, और पुलिस कंप्लेन करने ।

आदित्य और रेहान एक साथ - पर आरव ......., तू जायेगा कहां ????

आरव - उसके घर......, वहीं छुपा बैठा है ना वो । तो मैं उसके बिल में ही जाकर , उसे खड़ेड़ते हुए बाहर निकालूंगा ।
इतना कहकर, वह अपनी कार की ओर बढ़ कर जैसे ही दरवाजा ओपन करने के लिए होता है, वैसे ही आदित्य और रेहान उसका हाथ पकड़ लेते है । और उस कार से दूर करते हैं और नील, कार का डोर वापस से बंद कर देता है । आदित्य आरव से कहता है ।

आदित्य - तू किस बेस पर उसके घर जा रहा है , उसके ऊपर इतना बड़ा इल्जाम लगाने???? और पुलिस सबूत मांगती है । बिना सबूत के पुलिस तेरी बात पर यकीन तो क्या , एक शब्द भी नहीं सुनेगी । क्योंकि पुलिस पूरी तरह राजवीर के कब्जे में है , तभी वह बड़े से बड़े गुनाह करके भी बच जाता है ।

रेहान - हां आरव ......, आदित्य इज राइट ....। बिना सबूत के पुलिस राजवीर को पकड़ने कभी नहीं जाएगी और ना ही तेरी बात पर यकीन करेगी ।

आरव - ऐसे कैसे नहीं करेगी ......???? आरव हूं मैं ....., राजेश शर्मा का बेटा .....। भला मेरी बात को कौन टाल सकता है ???

नील - तू कब से अपने पिता के नाम से रोब दिखाने लगा आरव ????

नील की बात सुनकर आरव सोच में पड़ गया । तभी राहुल ने कहा ।

राहुल - आरव ......., बिना सबूत के पुलिस तो क्या , तेरा खानदान भी तेरी बात पर विश्वास नहीं करेगा ।

आरव - पर......, पर मेरे पास सबूत है ।

आदित्य - कहां है ????

आरव ( उस ओर इशारा करता है , जिस ओर अभी कुछ देर पहले वो आदमी भागा था , और कहता है ) - वो ......, वो आदमी ....., वो आदमी गवाह के तौर पर सबूत है ।

आदित्य - पर वो आदमी भाग गया है आरव । तेरे कहे मुताबिक उसने अपने चेहरे पर नकाब पहना हुआ था । क्या तूने उसका नकाब हटा कर , उसका चेहरा देखा ??? ( आरव ने अपना सिर ना में हिला दिया , तो आदित्य ने कहा ) तो फिर तू उसे कैसे ढूंढेगा ???? कैसे सबूत पेश करेगा , पुलिस और अपने घर वालों के सामने ????

नील - देख भाई ......!!!! राजवीर सिर्फ तेरा दुश्मन ही नहीं , बल्कि तेरी इकलौती भाभी का भाई भी है । इस लिए तू बिना सबूत के अगर राजवीर पर इल्जाम लगाएगा , तो लोग तुझे ही गलत समझेंगे । प्लीज भाई ......, बात को समझ ......।

आरव ( गुस्से से इरिटेट होते हुए ) - ओके फाइन......। नहीं जा रहा मैं उसके घर । पर मैं चुप नहीं बैठूंगा । अब मैं उसके खिलाफ सबूत ढूढने के साथ ही , उसका वो हाल करूंगा , जो शायद किसी ने भी ना किया हो । बहुत जल्द ये राजवीर जेल के अंदर होगा ....., बहुत जल्द......।

कायरा ( उन लोगों के पास आते हुए ) - कौन बहुत जल्द जेल में होगा आरव ????

कायरा ने ये सवाल किया , तो नील ने उसके सवाल का जवाब देना चाहा । पर आरव ने उसे आंखों के इशारे से रोक दिया , और बाकी सबको भी इशारे से ही , कायरा को ये बात, न बताने के लिए कहा । असल में आरव ये बिल्कुल भी नहीं चाहता था , कि कायरा को ये पता चले, कि उस पर हमला राजवीर ने करवाया था और वह डर के कारण अपने घर में बैठे । और राजवीर की प्लानिंग सफल हो जाए । इस लिए उसने सभी से ये बात, कायरा से छुपाने के लिए कही ..........।

क्रमशः