STATE BANK OF INDIA socialem (the socialization) - 33 in Hindi Motivational Stories by Nirav Vanshavalya books and stories PDF | स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 33

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 33

वेद मार्ग में कहा बीओबी के मिस्टर शर्मा कुछ फीमेल करेंसी के बारे में कह रहे थे तो उसका क्या चैप्टर है.?

अदैन्य ने पूछा लास्ट जनरेशन कितने की थी करेंसी की!

वेद मरगी ने पहला पेपर हाथ में लेकर पढ़कर बताया लास्ट टाइम 25 00 करोड़ कि नई करेंसी रिजर्व बैंक से सरकार को मिली है.


अदैन्य ने पूछा इनमें फीमेल करेंसी कितने की थी.

वेद मर्जी ने सबके सामने देखकर कहां अब यह क्या नई मुसीबत है.?


रंगनाथन ने कहा यह सिक्कों की बात कर रहे हैं.

वेद मार्गी ने तुरंत पढ़कर कहां 60 करोड़.

अदैन्य कहां इनके काउंट बढाकर 200 करोड़ तक लिखना पड़ेगा और हो सके तो लॉस्ट फीमेल कों भी बनाना शुरू कर दीजिए.

सभी ने पूछा यु मिन 5paisa 10 पैसा!!

अदैन्य ने कहां जी बिल्कुल!

सब ने अपने मुंह पर हाथ फिराया और फिर थोड़ी आलस से कहा ठीक है हो जाएगा.

यह सभी महानुभव जानते हैं कि प्रफुग से दाम सस्ते होने वाले हैं और इसमें रुपयों के साथ-साथ पैसों के मूल्य बढ़ने ही वाला है.

यह सभी महानुभव चांस है कि अन्मेनसन यानी कि अनुललेख से छे परसेंट ब्लैक मनी यानी कि डेड करेंसी वापिस आने वाली है जिससे चीज वस्तुओं के दाम तल तक पहुंच जाएंगे. अब ऐसे में दो वस्तुएं संभव बन सकेगी, एक तो रुपया और पैसा दोनों के चलन समान रूप से बढ़ेंगे और दूसरा संभव है कि पैसा रुपाइया से ज्यादा चलित hona शुरू हो जाए.

मगर, अदैन्य या भारत सरकार चाहे कुछ भी कर वे अंतर्राष्ट्रीय ब्लैक मनी से खुद को अलग नहीं कर सकते थे. और इसी वजह से ऐसा रुपए से अधिक चलित शायद ना भी हो पाए. लेकिन फिर भी भारत में सब्सिडी के युग का आरंभ होने जा रहा है यानी कि अब तक शायद कुछ गिने-चुने सेक्टरों में सब्सिडी घोषित होती थी मगर संभव है आगे हर मेहंगी चीज़ को सब्सिडी से सस्ती कर दी जाए. मगर इसके लिए भी अदैन्य ने भारत सरकार को अभी बहुत कुछ समझाना बाकी है.

अनउल्लेख के प्रवचन के दौरान अदैन्य ने कहा था कि भारत में सामान्य रूप से थोड़े अन्य वगैरह में शादियों के पीछे ज्यादा खर्च होता है. बेशक यह सारा पैसा ब्लैक मनी ही होता है तो इस तरह से तो शादी ब्याह की खर्च की कोई वापसी नहीं होती मगर यही ब्लैक मनी सिक्स परसेंट तक व्यापार में लगाया जाए तो स्वयं को और देश दोनों को मुनाफे और कर का लाभ मिलेगा.

इस बात पर जोरदार तालियां भी बजी थी. मगर फिर भी अदैन्य अभी भी शंकासथ हैं कि लोग डर के मारे अन मेंशन निकालेंगे या नहीं. अब अदैन्य का डर वाजिब है या नावाजिब यह तो इस पाताल लोक से बाहर निकलने के बाद ही पता चलेगा.


लगभग 20 मिनट और लगातार बहस चलती है और आखिर में एक फैसला लिया जाता है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया self- करेंसी में इनीशिएट करेगी और एशिया के करेंसी कैंटोनमेंट की सर्वप्रथम दावेदार बनेगी.


स्टॉक एक्सचेंज के दो महारथी भी इस कांफ्रेंस में शामिल है, मगर अब तक उन्होंने सिर्फ सुनना ही पसंद किया जिनमें से एक का नाम है प्रभु आचार्य और दूसरे हैं यदु शेखर.


यह दोनों दलाल स्ट्रीट के मांधाता है और उनके नाम के परवाने वॉल स्ट्रीट तक उड़ते दिखाई देते हैं.