भाग 4
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आगे हमने देखा कि इं। मिश्रा होटल के दो बैरो से अमन सहगल के बारे में पूछताछ कर रहा था। अमन की कोई बात उन्हें मालूम हो तो।
अब आगे,
जिसने हां में जवाब दिया वह इं. मिश्रा से कहता है - साहब! एक बार वह आए थे तब गुस्से में थे। मै जब ऑर्डर लेने के लिए उनके पास गया तो वह किसी को फोन पे डांट रहे थे।
इं.- तुमने सुना कुछ क्या बोल रहे थे?
बैरा- जी साहब! वह किसी से कह रहे थे कि 'अभी तक कंसाईन्मेंट भेजा क्यों नहीं है। वो मेरा बाप मेरा भेजा उड़ा देगा।' फिर जैसे ही मुजे देखा वह तुरंत चुप हो गए और मुजे अपना ऑर्डर लिखवाकर चले जाने को बोला।
इं. मिश्रा - वह किस कंसाईन्मेंट की बात कर रहा था?
बैरा - साहब वो तो पता नही। फिर जब उनका ऑर्डर लेकर गया तब फोन में सामनेवाले से बोल रहे थे ' तुम आज के आज ही किसी भी तरह बंदोबस्त करो। मै कल तक का टाइम उनसे मांग लेता हुं। तुम जितना माल कम है उसकी पूर्ति करो कल रात तक। किसी भी हाल में कंसाईन्मेंट कल भेजना ही है।'
इं. मिश्रा - किस चीज की बात कर रहे थे वह नही सुना?
बैरा - नही साहब! उसके साथ एक लड़की भी थी जो पहले से ही टून हो कर आई थी।
इं. मिश्रा - टून होकर मतलब?
बैरा - पहले से ही दारू पीकर आई थी साहब। और सर ने उसके लिए दूसरा लार्ज पैग मंगवाया था। फिर तो वह जब यहां से जा रहे थे तब उस लड़की को तो होश ही नहीं था। हम ही उनकी कार तक अमन साहब के साथ उस लड़की को ले गए थे गाड़ी तक सहारा देकर।
इं. मिश्रा उस बैरे से बाकी की पूछताछ करके जाने के लिए कह देता है।
वह तावड़े से कहता है- यह अमन सहगल तो बिल्डर था। उसे किस कंसाईन्मेंट की बात कर रहा था? उसके मोबाईल की डिटेल्स जल्दी निकलवाओ। पता तो चले माजरा क्या है।
वह फिर अमन के पापा मि. सहगल को कॉल करता है। सामने से मि. सहगल ने कॉल रिसीव किया तो इं. मिश्रा ने पूछा - मि. सहगल मै इं. मिश्रा बोल रहा हुं। क्या आप बता सकते है की आपका बेटा किसी कंसाईन्मेंट को कही भेजने वाला था। वह किस चीज का कंसाईन्मेंट था?
मि. सहगल - नही सर! मुजे इस बारे में कुछ नही पता। हम तो ऐसा कुछ किसी को नहीं भेजते या मंगवाते। होगा तो कुछ बिल्डिंग मटिरियल मंगवाया होगा।
इं. मिश्रा कुछ सोचते है फिर मि. सहगल को कहते है - अच्छा कोई बात नही। फिर कुछ जरूरत पड़ी तो फोन करूंगा।
इं. मिश्रा सोचता है वह बैरा कह रहा था कि उसने कंसाईन्मेंट के बारे मे सुना और अगर कल तक नही भिजवाया तो वो मुश्किल में पड़ जायेगा। ये हो क्या सकता है। मटीरियल के लिए तो कोई किसी को नहीं मार सकता। तो फिर क्या होगा..?? वह तावड़े से कहते है ही मै अब घर जा रहा हुं। तुम पुलिस थाने में जाकर देख लेना अमन के मोबाईल की कॉल डिटेल्स आ गए क्या? और आ गए हो तो मुजे व्हाट्सएप पर उसकी फोटो निकाल कर फॉरवर्ड कर देना।
तावड़े - सर जी! आपकी भाभी जी का फोन आया था। उन्होंने आपको घर पे खाने के लिए बुलाया है।
इं. मिश्रा - अरे इसकी कोई जरूरत नहीं है। मै घर ही जा रहा हुं।
तावड़े - सर! आपकी भाभी ने आपको बिना बताए घर पे खाना बना भी दिया है। उसे पता था आप मना ही करेंगे इसलिए।
इं. मिश्रा - तावड़े तुम ना नही बोल सकते थे?
तावड़े - मुजे भी खाना बनाने के बाद ही बताया ताकि मैं भी मना ना कर सकू। वैसे बहुत दिन हो गए आपने हमारे घर खाना नही खाया। तो फिर चलिए...।
इं. मिश्रा - चलो फिर....।
दोनो तावड़े के घर पहुंचते है। तावड़े की बीवी आरती उन दोनो की ही रह देख रही थी। उसका घर पुलिस लाइन में था। आरती ने सलीके से घर को सजाया हुआ था। वह इं. मिश्रा को देखकर कहती है जी माफ करना बालाराम भाई साहब, आपको बिना बताए यहां खाना बना दिया। मुजे पता था आप अभी इस केस की भागा दौड़ी में खाना अच्छे से खायेंगे नही। इसीलिए...
इं. मिश्रा - कोई बात नही भाभीजी। आपके हाथ का खाना तो है ही जबरदस्त। आता क्यों नही? हां पहले थोड़ी आलस आ गई यहां आने के लिए पर जब तावड़े ने बताया खाना बन गया है तो मुजे आना ही पड़ा।
आरती - आप लोग पहले फ्रेश हो जाइए तबतक मै खाना गर्म कर देती हुं।
सबके खाना खाने के बाद तावड़े और इं. मिश्रा बैठकर केस के सिलसिले में बाते कर रहे थे। आरती अपना सारा काम जटपट से निपटकर उनकी बाते सुनने बैठ जाती है। जब अमन की बात हो रही थी तब वह बीच में बोल पड़ती है- अमन की गाड़ी का क्या हुआ? उसकी रिपोर्ट आप लोगो ने नही देखी?
इं. मिश्रा ने तावड़े से कहा - अरे! यार...। ये तो मैं भूल ही गया। डॉक्टर त्रिपाठी ने वो भिजवाई की नहीं? तीन तीन मर्डर एक ही दिन होने के कारण साला पता ही नही चलता कौनसा पहले देखू? भाभी अच्छा याद करवाया, अभी त्रिपाठी जी को फोन करता हुं।
तावड़े उन्हे रोकते हुए कहता है - सर! जरा रुकिए। मैने उसके बारे में पूछा था आज ही। गाड़ी को जो बंदा देख रहा था उसे न्यूमोनिया हो गया है तो तफ्तीश अधूरी रह गई। उसकी बनाई आधी रिपोर्ट के अनुसार कल दूसरे लोग चेक कर के बताएंगे हमे। कल शाम को रिपोर्ट दे देंगे हमें।
इं. मिश्रा - ऐसा था तो बताया नही तुमने? वैसे भाभी आप पुलिसवाले के साथ रह रहकर उनके जैसी बन ही गई।
आरती - मै इनके जैसी नही ये मेरे जैसे बन गए है। मैने भी अभी पुलिस भर्ती का फॉर्म सबमिट किया है पर अब नही जा पाऊंगी।
इं. मिश्रा - क्या बात है तावड़े! मेरी और भाभी की संगत से इतने होशियार बन गए तुम तो! पर भाभी आप क्यों नही जाना चाहती?
आरती शरमाते हुए तावड़े की तरफ देखकर अपने पेट पर हाथ रखकर कहती है - नन्हे तावड़े की वजह से।
यह सुनकर तावड़े और इं. मिश्रा दोनो ही उछलकर एक साथ चीख पड़े - क्या..??
तावड़े तो खुशी के मारे आरती को गोद में उठाकर नाचने लगता है। इं. मिश्रा तुरंत तावड़े को पकड़कर भाभी को नीचे उतरने के लिए कहता है और तावड़े को कहते है- बांवरा बन गया है क्या? गिरा वीरा देगा भाभी को।
तावड़े - सर मैं पापा बनने वाला हुं और आप चाचा।
इं. मिश्रा तावड़े और आरती को ढेर सारी बधाइयां देते है। और तावड़े को भाभी का अब खास खयाल रखने को कहते हुए अपने घर की ओर चल पड़ते है।
रात को ग्यारह बजे खबरी का फोन इं. मिश्रा पर आता है।
इं. मिश्रा सोने की तैयारी ही कर रहे थे। खबरी का फोन देखकर वह तुरंत ही कॉल रिसीव करते है। खबरी ने जो न्यूज दी उससे तो इं. मिश्रा के तो होश ही उड़ गए। वह खबरी को और खबर निकलवाने के लिए कहता है।
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दो दिन बीत गए पर अभी तक खबरी की दी हुई इनफॉर्मेशन के मुताबिक कुछ हुआ नहीं था। आज सुबह फिर खबरी का फ़ोन आया और पक्की खबर सुनाने लगा। इं. मिश्रा पुलिस थाने पहुंचकर अपनी ऑफिस में जाते है। कुछ ही देर में तावड़े भी आ गया।
इं.मिश्रा तावड़े को खबरी ने जो बताया वह सुना देता है। दोनो ही कुछ प्लान बनाते है। इस बीच कमिश्नर साहब का फोन भी आ गया। आज नया सब इंस्पेक्टर थाने में आने वाला था। वह केस की अब तक की जानकारी भी मांग रहे थे। इं. मिश्रा कमिश्नर साहब को अभी कुछ नही बताता। क्या पता कही बात लीक हो जाए और अपराधी चौकन्ना हो जाए। वह केस को छोटा समझ रहे थे, पर यहां तो माजरा ही कुछ और निकला।
तावड़े इं. मिश्रा से कहता है - सर! अमन सहगल के मोबाईल की डिटेल्स ले आया हुं। पर उसमे उसके काम के लोगो के सिवा कोई भी ऐसा नंबर नही मिला जिससे कुछ पता चले। और ये कार की एफएसएल की रिपोर्ट।
इं. मिश्रा रिपोर्ट देखकर तावड़े से कहते है - अरे यार ये अमन तो शराबी के साथ साथ नशेड़ी भी निकला। कार में ड्रग्स पाउडर के कुछ छींटे पिछली सीट पर पाए गए है। उसकी बॉडी में ड्रग्स की मात्रा थी पर काफी कम थी। और यहां कार की सीट में तो काफी सैंपल मिला।
इं. मिश्रा तावड़े से कहते है कि अमन के मोबाईल में कोई ऐसा नंबर नही मिला जिससे कुछ पता चले तो इसका मतलब ये है कि वह कोई ऐसा दूसरा नंबर भी रखता था जिसका किसी को पता ना हो? और वो.. जो बाल मिला था अमन की कार में उसका कुछ पता चला?
तावड़े - नही सर, अभी तक तो नही पता चला। और आपकी बात सही हो, शायद वह दूसरा नंबर रखा हो। क्या उस बैरे के कहे मुताबिक कंसाईन्मेंट ड्रग्स का तो नही होगा?
इं. मिश्रा सोचने लगते है की आगे क्या करना है? वे तावड़े को अमन सहगल की ऑफिस चलने के लिए कहते है। शायद वहां से कुछ हाथ लगे।
क्रमशः