राज एक बिलकुल आवारा लड़का था उसे पढ़ाई से कोई मतलब नहीं था इसी साल वह फाइनल ईयर में फेल हुआ था और अपने कॉलेज में एक्स स्टूडेंट के रूप में जाता था वह बहुत लापरवाह है था और कभी किसी की बातें नहीं सुनता था उसे बस मस्ती से ही मतलब था ।
एक दिन राज के पापा को हार्ड अटैक आया राज के भैया और राज मिलकर पापा को हॉस्पिटल ले गए डॉक्टर ने कहा कि उनके पापा कोई हार्ट का फर्स्ट अटैक आया है इसलिए आप आगे से हमेशा ध्यान रखेंगे कि इनको गुस्सा नहीं आए और जहां तक हो उनके सामने वही करें जो यह चाहते हैं और उनको एडमिट कर लिया गया था।
राज रात को घर पर आया और उसके भैया ने कहा कि वही पापा के पास रहेंगे आप घर जाकर सो जाना अगली सुबह जब राज उनके लिए चाय नाश्ता लेकर गया तो राज ने भैया और पापा के बीच होने वाली बातचीत को सुना राज के पापा कह रहे थे यार मोहित तुम तो सेटल हो गए हो अच्छी जॉब भी है लेकिन मुझे राज की हमेशा ही परेशानी होती है जब भी मैं उसकी ओर देखता हूं वह बिल्कुल समझना ही नहीं चाहता पूरे दिन आवारागर्दी करता है पढ़ाई की और बिल्कुल भी ध्यान ही नहीं देता अगर मुझे कुछ हो जाए तो राज का क्या होगा और यह बोलते बोलते उनकी आंखों में आंसू आने लग गए थे।
मोहित ने कहा नहीं पापा ऐसा मत कहो राज अभी बच्चा है धीरे-धीरे समझ ही जाएगा उसके पापा ने कहा यार मोहित तुम उसके बड़े भाई हो तो उसे समझाना चाहिए उसे थोड़ा पढ़ाई की तरफ ध्यान देने के लिए कहना चाहिए मोहित ने कहा मैं उसका बड़ा भाई हूं इसलिए तो वह मेरे सामने बिल्कुल बच्चा है और मैं चाहता हूं कि उसका बचपन ऐसे ही चलता रहे क्या होगा अगर वह एक बार और फेल हो जाएगा मैं हूं ना मैं उसका पूरा ध्यान रखूंगा आप चिंता क्यों करते हो।
अपने लिए राज ऐसी प्रेम भरी बातें सुनकर के उसकी भी आंखें नम हो गई थी और सोचने लगा था कि उसके भैया और पापा उससे कितना प्यार करते हैं और एक वह है जो उन दोनों की कोई परवाह ही नहीं करता है लेकिन आज से मैं बदलूंगा मैं वह सब करूंगा जो भैया और पापा चाहते हैं और यह सोचते हुए वह अंदर गया और उसके पापा और भैया के लिए चाय और नाश्ता सजा कर दिया आज उसने पहली बार सुबह सुबह पापा को प्रणाम किया और भैया को भी दोनों ही बहुत खुश हुए ।
आज राज मन में यह सोच कर आया था कि आज वह कॉलेज जाएगा तो जरूर पढेगा और उसे पता था कि उसे क्लास में पढ़ने नहीं देंगे इसलिए लाइब्रेरी ही सबसे सही जगह थी ।
जैसे ही कॉलेज में गया उसके आवारा दोस्तों उसे पुकारने लगे राज ने मना किया और कहा कि नहीं वह आज के बाद सिर्फ पढेगा क्योंकि भैया और पापा के सपने को से पूरा करना है वह नहीं चाहता कि उसकी वजह से भैया और पापा की आंखों में आंसू आए।
सभी दोस्तों उसे चिढ़ाने लगे कि यह देखो नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली अबे तू डेढ़ साल में पास पास नहीं हुआ अब क्या पढ़ लेगा तू अब तो वैसे भी 2 महीने बचे हैं दिसंबर चल रहा है फरवरी-मार्च में एग्जाम होता है ।राज बोला कुछ भी हो यार कल से मैंने डिसीजन लिया में जरूर पढ़ूंगा और चल पड़ा उसके पीछे दोस्त उसे आवाज देते ही रह गए।
आज पहली बार राज लाइब्रेरी में इंटर हुआ था जो ही एंट्री हुआ सामने से लाइब्रेरियन सर उसके पास उठ कर आ गए और कहा कि और आज आज यहां किसको मारने आए हो मेरी लाइब्रेरी में बदमाशी नहीं करनी चलो बाहर।
राज ने कहा नहीं सर मैं पढ़ने के लिए आया हूं आज के बाद मैं हमेशा आऊंगा और पढ़ूगा उसकी यह बात सुनते ही लाइब्रेरी में बैठे सभी लड़के लड़कियों उसे आश्चर्य से देखने लगे उन्हें लगने लगा कि जैसे उन्होंने धरती का आठवां अजूबा देख लिया।
राज ने उन सभी को दरकिनार करते हुए सर से कहा कि प्लीज सर मुझे आने दीजिए मैं आज से आऊंगा और हमेशा पढ़ूगा लेकिन मुझे पढ़ना क्या है यह नहीं समझ में आ रहा
सर ने कहा कि आप को पढ़ना है तो पढ़ो कोई भी किताब ले लो अब राज वहां पर बहुत सारी किताबें थी उसको समझ में नहीं आ रहा था कौन सी पढ़े और कैसे पढ़ें उसने वहीं खड़े होकर कहा कि क्या कोई मेरी हेल्प कर सकता है कोई बता सकता है मुझे कौन सी किताब पढ़नी चाहिए और किस प्रकार करनी चाहिए ।
तभी सिया उठी और राज के पास आकर कहा अच्छा तुम पढ़ोगे उससे पहले भी एक बार राज और सिया का झगड़ा हो चुका था क्योंकि राज अपने दोस्त के साथ मारपीट करते हुए क्लास में आ गया था और सर पढ़ा रहे थे इसलिए सिया ने राज को बुरा भला कहा था और राज ने भी उसके बात को अनसुनी कर दिया था ।
राज ने कहा कि हां क्या तुम मुझे बता सकती हो मुझे कैसे पढ़ना चाहिए सिया ने मन ही मन सोचते हुए कहा कि आज उससे बदला लेती हूं इसे बताऊंगी कि कैसे पढ़ा जाता है और उसने जो सबसे हार्ड सब्जेक्ट था उसकी सबसे हार्ड किताब उसके हाथ में दे दी और कहा कि राज इसे पढ़ो इसे अगर तुम सात दिन में पढ़ पाए तो यकीन मानो तुम जरूर पास हो जाओगे और मन ही मन मुस्कुराने लगी।
राज ने जैसे ही किताब को लिया काफी बड़ी और भारी थी और उसे देखते ही उसे चक्कर आने लगे लेकिन फिर उसके पापा और भैया का चेहरा उसके सामने आया राज ने किताब को धीरे धीरे पढ़ना शुरू किया वह अपने साथ एक नोटबुक लाता था और पूरी गहराई से उसे पढ़ने की कोशिश करता था उसे बहुत मुश्किल लग रहा था कई बार गुस्से में हो किताब को बंद कर देता लेकिन फिर से अपने पापा का चेहरा याद आ जाता और फिर से पढ़ने लग जाता था ।
दूसरी और सिया उसे देख कर मुस्कुराती थी और मन ही मन सोचती थी कि सबसे हार्ड किताब दी है देखती हूं बच्चे तू तो ऐसे 7 दिन में पूरा कर नहीं पाएगा और फिर हम सब तेरे मजे लेंगे।
लेकिन राज ने कुछ पक्का ही निश्चित कर लिया था इसलिए वह लगातार उस किताब को पढ़ता रहा और अपनी नोटबुक में मोस्ट चीजें लिखने लगा ऐसा करते करते 7 दिन होने को आए लेकिन उसकी किताब पूरी नहीं हुई थी सिया ने उसका मजाक बनाते हुए कहा कि देखा कुछ नहीं पढ़ पाया ना मैंने पहले ही कहा था तुम्हारे बस की चीज नहीं है पढ़ाई जाओ लड़ो करो गुंडागर्दी और अपने पापा के सामने फिर सर झुका कर खड़े हो जाओ कि कहना एक बार फिर फेल हो गया।
राज को एक बार गुस्सा तो बहुत आया कि वह बोल दे लेकिन फिर चुप चाप रहा और उसने कहा कि सिया में पूरी किताब में लगभग टॉपिक पढ़ चुका हूं सिर्फ लास्ट के दो टॉपिक बाकी है उसके बाद तुम चाहो तो मुझसे मेरा एक टेस्ट ले सकती हो सिया को मौका अच्छा लगा कि एक बार फिर से इसकी बेज्जती करती हूं राज ने 1 दिन और मांगा और उसके अगले दिन टेस्ट तैयार था उसने कहा हां मैंने पढ़ लिया है अब तुम चाहो तो मुझसे कुछ भी पूछ सकती हो क्योंकि तुम पिछले साल की कॉलेज टॉपर थी इसलिए मैं तुम्हारी हर बात को मानता हूं और मुझे कैसे भी करके पास होना है।
सिया ने जानबूझकर उससे हार्ड क्वेश्चन पूछे क्योंकि उसे पता था यह राज को नहीं आएंगे और राज की बेज्जती होगी लेकिन राज लगभग के उत्तर देता रहा यह देखकर सिया उससे इंप्रेस्ड हुई- और खुद पर ग्लानी भी हुई सिया ने कहा कि मुझे माफ करना राज दरअसल यह सबसे हार्ड किताब थी और मैंने तुम्हें यह कह कर दी कि यह सबसे इजी किताब है अगर तुम इसे पूरा नहीं कर सके तो मैं तुम्हारा मजाक बनाऊंगी ।
और तुमने इस किताब को अगर 8 दिन में पूरा कर लिया तो यकीन मानो आगे की सभी किताबें तुम आराम से पूरी कर सकते हो एम सॉरी राज ।
राज ने कहा कि कोई बात नहीं यार लेकिन हां जैसा तुम बताओगे वैसे पढ़ूगा मुझे सिर्फ पास होना है मुझे अपने पापा की आंखों में आंसू नहीं देखना है अब राज और सिया आपस में हर टॉपिक को डिस्कस करते हुए घर जाते थे क्योंकि दोनों का घर एक ही गली में था और सुबह दोनों साथ ही जाते थे और पूरे दिन लाइब्रेरी में बैठे रहते हैं जब तक कि लाइब्रेरियन सर यह नहीं कहते कि खड़े हो लाइब्रेरी बंद करने का टाइम आ गया है तब तक वह पढ़ते रहते थे।
राज ने सिया का नंबर भी ले लिया था रात को वह घर पर भी पढ़ता था और जब उसे कोई प्रॉब्लम आती है तो वह सिया से डिस्कस कर लेता था ऐसा करते-करते एग्जाम टाइम आ गया ।
और राज एग्जाम के पहले दिन डरा हुआ महसूस कर रहा था उसे लग रहा था कि उसने किताबे तो पढ़ी है पर पता नहीं क्वेश्चन कैसे आएंगे क्योंकि इससे पहले भी राज को लगता था कि वो किताबें एक बार एक दो रात जरूर पढ़ता था लेकिन उससे कुछ पता नहीं चलता था ।
आज राज डरते हुए पेपर दे रहा था जैसे ही उसने पेपर को देखा राज काफी खुश हुआ क्योंकि उसमें जो क्वेश्चन थे वह सारे ही राज को आ रहे थे आज पहली बार राज को लगा कि हां पढ़ने से पेपर अच्छा होता है और पेपर देने के बाद उसने सिया को थैंक्स कहा कि आपकी वजह से मेरा पेपर इतना अच्छा हुआ है और दोनों पेपर को डिस्कस करते हुए घर तक आए अब हमेशा उनका यही रूटीन था वह डिस्कस करते हुए जाते थे और डिस्कस करते हुए आते थे ऐसे ही चलते चलते एग्जाम खत्म हो गई थी ।
अब राज अपने घर पर था इस बार राज के भैया पापा और मम्मी सभी खुश थे कि हां राज ईश बार पास हो जाएगा और उसके पापा ने राज से कहा भी था कि बेटा अब चाहे रिजल्ट कुछ भी आए लेकिन तू पढ़ाई की ओर बढ़ रहा है तो पढ़ने लगा है यही बहुत है मेरे लिए तू जिम्मेदारियां समझने लगा है तो घर का काम भी कर देता है वरना पहले मुझे या तेरे भैया को ही सारा काम करना पड़ता था अच्छी बात है बेटा ऐसे ही चलता रहे ।
आज राज खुश भी था क्योंकि उसके पापा ने उसे शाबाश कहा था लेकिन अब राज का मन नहीं लग रहा था क्योंकि एग्जाम होने के कारण कॉलेज बंद हो चुके थे लाइब्रेरी वह जा नहीं सकता था और ना ही सिया से बात कर पाता था क्योंकि उसे लगता था कि शिया उससे केवल प्रॉब्लम डिस्कस करने के लिए ही कॉल उठाती थी राज का मन कई बार करता था कि वह कॉल करें सिया से बात करें लेकिन फिर डर जाता था कि कहीं सिया उसे गलत ना समझ ले राज मन ही मन सिया को प्यार करने लगा था ।
दूसरी और सिया भी राज के पढ़ाई और मेहनत से इंप्रेस हुई थी और उसे लगने लगा कि राज अब एक जिम्मेदार लड़का हो गया है वह चाहती थी कि राज उससे बात करें वह हमेशा राज का स्टेटस देखती थी और यह भी देखती थी कि वह कब कब ऑनलाइन होता है इसी प्रकार राज भी सिया के बारे में देख लेता था कि वह कब कब ऑनलाइन होती है लेकिन दोनों ही एक दूसरे से बात नहीं कर पा रहे थे
1 दिन राज ने हिम्मत करके गुड मॉर्निंग का मैसेज भेज दिया सामने से सिया ने भी गुड मॉर्निंग भेज दिया अब दोनों की आदत हो गई थी दोनों एक दूसरे को गुड मॉर्निंग भेज देते थे लेकिन आगे कोई बात करने की हिम्मत नहीं कर रहा था।
कुछ दिन ऐसे ही चलते रहें और 1 दिन आया जब उनका रिजल्ट आने वाला था राज रिजल्ट वाले दिन से ही घबरा रहा था उसे लग रहा था कि इस बार भी अगर फेल हो गया तो क्या होगा हालांकि पापा ने कह दिया था कि उसे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन फिर भी राज यही चाहता था कि वह पास हो जाए उसके पेपर सभी अच्छे थे गए थे लेकिन फिर भी उसके मन में एक डर था रिजल्ट आ चुका था लेकिन राज अपने नंबर देखने से डर रहा था उसे लग रहा था अगर नहीं मिले तो ?
तभी उसका फोन बज उठा उसने फोन देखा सिया का फोन था राज ने फोन उठाया सामने से सिया बोली हेलो राज! राज ने कहा यस बोलो सिया!
सिया ने कहा अरे राज तू पास हो गया साले वह भी फर्स्ट डिवीजन से 68% आए हैं तेरे राज बहुत खुश था उसने कहा थैंक्स यार सिया तेरी वजह से ही आज मैं यहां पास हो पाया और उसमे सारा योगदान तेरा ही है सिया ने कहा कि नहीं रे मैंने तो सिर्फ तुझे एक गाइड किया था चलना तेरे पर था मेहनत तेरी थी और आज मै अपने 82 परसेंट से ज्यादा इस बात पर खुश हूं कि तेरे 68% आ गए तू सच में मेहनती है।
राज ने कहा एक बात बोलूं सिया अगर तुम उस दिन लाइब्रेरी में मेरी हेल्प नहीं करती मेरा साथ नहीं देती तो आज मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता तुम मेरे लिए एक दोस्त हो मेरे लिए सब कुछ हो अगर तुम इसी प्रकार मेरा साथ दोगी तो मेरी जिंदगी बहुत ही अच्छी हो जाएगी और मैं ऐसे ही आगे बढ़ता रहूंगा क्या आप मेरा जिंदगी भर मेरा साथ दोगी ? क्या आप मेरी जीवन संगिनी बनोगी ? सिया ने कहा कि मैं कुछ सोचती हूं हम मिलेंगे तब बात करेंगे ।
राज आज बहुत खुश था और उसने अपना रिजल्ट अपने लैपटॉप में देख कर पापा को दिखाया और पूरे 68% आए थे उसके पापा की आंखों में खुशियों के आंसू थे और मां की भी आंखों में थे भैया को भी फोन करके बता दिया गया था सभी बहुत खुश थे।
अब राज सिया से मिलने चला गया था राज जब सिया से मिला तो सिया ने कहा कि हां राज मैं तुम्हारी जीवन संगिनी बनने को तैयार हूं लेकिन तुम्हें इसी प्रकार से आगे बढ़ना होगा और अगर तुम किसी भी एक परीक्षा में पास हो जाते हो सरकारी नौकरी की तो मैं तुम्हारा साथ देने के लिए तैयार हूं राज ने कहा कि हम दोनों मिलकर एक साथ तैयारी करेंगे और अगर दोनों का सलेक्शन होता है तो क्या तुम मुझसे शादी करोगी ?
सिया ने का हां बिल्कुल मैं तैयार हूं और मैं अपने घर वालों से भी बात करूंगी तुम भी कर लेना राज ने कहा उसके बाद दोनों ग्रेजुएशन कंप्लीट होने के बाद वह लगातार तैयारी करने लगे इसी बीच राज के भैया की शादी भी हो गई थी अब राज के लिए लड़की देखी जा रही थी तो राज ने घरवालों से कह दिया कि मैं और सिया एक साथ ही तैयारी कर रहे हैं हम लाइब्रेरी में जाते हैं पढ़ते हैं और अगर हम दोनों का सिलेक्शन हुआ तो हम दोनों शादी कर लेंगे और अगर नहीं हुआ तो दूसरा उससे कुछ भी नहीं पूछेगा ।
कुछ समय बाद उनकी एग्जाम हो गई और रिजल्ट आया तब दोनों का ही सलेक्शन हो चुका था अब राज के भी घर वाले खुश थे और सिया के भी और उन दोनों की शादी हो गई थी राज और सिया का प्यार लाइब्रेरी से शुरू हुआ था लाइब्रेरी में ही बढ़ता रहा और अंत में दोनों शादी तक पहुंचे तो य थी लव इन लाइब्रेरी।