Sate bank of India socialem(the socialization) - 26 in Hindi Fiction Stories by Nirav Vanshavalya books and stories PDF | स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 26

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 26

अदैन्य थोड़ा सा मुस्कुराए और पूछा और वह खाक में मिला देने वाली खाकी शब्द कहां से आया?

गौतम हंस पड़ा और बोला अरे नहीं नहीं सर ऐसा कुछ भी नहीं है, दरअसल, खाकी शब्द फर्शन (पर्सियन) शब्द खाक पर से आया है. प्रशियन में मिट्टी को खाक कहते हैं और मजेदार बात यह भी है की खोका (corrugated box) और खाकी इन दोनों शब्दों के उद्भव लगभग समकालीन है. और यह दोनों शब्द पर्सियन शब्द खाक पर से आए हैं .

अदैन्य प्ले तुरंत हंसना बंद किया और प्रांजल पर केंद्रित हुवे.

थोड़ी ही देर में प्रांजल ने चेयर से उठ कर अदैन्य का स्वागत किया और अदैन्य ने प्रांजल की चेयर को हाथ लगा कर उन्हें संन्मान पहुंचाया.

अदैन्य तुरंत बैठ गए और गौतम भी.

अदैन्य ने प्रांजल से कहा प्रांजल जी आपके गौतम सा'ब तो बड़े ज्ञानी है.

प्रांजल ने कहा बेशक, वे केवल ज्ञानी ही नहीं बल्कि मेरे सलाहकार भी है.

प्रेसिडेंट हाउस में प्रफुग का सबसे पहला नाम गौतम ने ही उच्चारा था.

अदैन्य ने गौतम की ओर देख कर कहा बहुत खूब.

ताज मैं बैरो की छड़ी लगने शुरू होती है, और अदैन्य थोड़ा सा अनकंफर्ट हो जाते हैं.

प्रांजल ने तुरंत ही मैनेजर को बुलाकर कहा सर्व अस एस नॉरमल, प्लीज.

मैनेजर ने कहा जी मैम जैसी आपकी मर्जी.

ताज कॉन्टिनेंट में यह न्यूज़ फैल जाती है कि यहां राष्ट्रपतिजी पधारे हैं तो थोड़ी थोड़ी देर में कुछ लोग ऑटोग्राफ लेने आ जाते. मगर यह सिलसिला मैनेजर ने बंद करवा दिया.
प्रांजल थोड़ी सी रिलैक्स हुई और अदैन्य के प्रति कंसंट्रेट भी. और उन्होंने पूछा मिस्टर रोए डोंट माइंड
मगर आपके ज़हन में कुछ तो है, आई मीन संविधान का कौन सा पद है आप चाहेंगे!
अदैन्य ने कहा अभी तो रफली मैंने सांसद का हीं सोचा है, बाद में देखते हैं क्या करना है.

प्रांजल ने पूछा ना कोई खास वजह?

अदैन्य ने कहा कुछ कानून है जो बदल ले जरूरी है और नए कानून भी करने हैं.

प्रांजल ने कहा मि रॉय जो भी कीजिए बहुत सोच समझकर कीजिएगा, क्योंकि यहां सुर्खियां सोने की नहीं होती.

आदि ने कहा मुझे सिर्फ वही करना है जो प्रफुग की आचार प्रणाली कहती है, अब शास्त्र के बाहर का तो मुझे कुछ करना नहीं है!!

प्रांजल ने कहा परसों प्रेस कॉन्फ्रेंस है तो सारी तैयारी हो गई है ना?

अदैन्य ने पूछा कितने लोग होंगे कॉन्फ्रेंस में.

प्रांजल कहां दो सो ढाई सौ तो रहेंगे ही.

अदैन्य ने कहा जी बिल्कुल, ठीक है मैं पहुंच जाऊंगा.

प्रांजल ने रॉय से पूछा वैसे, जान सकती हूं कि कौन से नए कानून है जो आप लाना चाहते हैं.!!

अदैन्य ने कहा प्राइवेट जस्टिस हाउस, इंफिनेट लिमिट फॉर बैंक डिपॉजिट. आई मिन evan, मोरधेन 5000000 करोड.
प्रांजल हंस पड़ी और कहां मिस्टर रोेेय बैंक में एक लाख से ज्यादा रकम डलवाने पर कुछ तो प्रूफ दिखाने पड़ेंगे ना आई मिन पान कार्ड या कुछ और.

रॉय ने कहा, यह कुछ और में ही कुछ डील विदाउट मे हो जाते हैं और इकोनामी रजिस्टर नहीं हो पाती. जिससे अतिफूग शुरू हो जाता है. आप पब्लिक को इतना परेशान क्यों करते हो, उन्हें जीतने पैसे बैंक में डालने हैं उन्हें डालने दो, रोको मत. अगर आपने बैंक का खाता खोलने वक्त पान कार्ड वगैरह ले लिया है तो फिर बार-बार इसकी डिमांड क्यों?