सत्य प्रकाश जी ने कहा इसका मतलब यही है कि जब तक काला धन वापस नहीं आता, चीज वस्तुएं सस्ती नहीं होगी.
अदैन्य ने कहा जी बिल्कुल.
डिनर के अंत के पश्चात अदैन्य सौंप का एक हल्का फाका मारा और सोफे पर जाकर बैठे.
सत्य प्रकाश जी बी सोफे पर जाकर बैठे और थोड़ी देर के बाद अदैन्य ने अनुमति ली.
अदैन्य को पीछे से जाते हुए द्विवेदी जी ने देखा और कुछ पल के लिए मानो वह किसी ब्रह्म में खो गए हो.
अदैन्य ने अपनी वॉक्सवैगन को सेल दिया और चल पड़े.
कुछ दिन अदैन्य ने कोलकाता दर्शन के लिए चुने और गौतम को फोन पर बता दिया कि मैं 2 दिन कोलकाता जा रहा हूं. कुछ जरूरी काम से.
गौतम ने कहा जी ठीक है मैं आपके रहने और खाने पीने का बंदोबस्त कर देता हूं.
रोय कहां नहीं चलेगा आई विल मैनेज.
कोलकाता में अदैन्य ने टैक्सी हायर की. और ड्राइवर से कहा गाड़ी चलाते रहो जब तक मैं ना बोलु तब तक.
ड्राइवर कुछ कुछ समझ गया और उसने अदैन्य का उपहास टाला.
अदैन्य टैक्सी की खिड़की से बाहर देखी रहा है मगर, कुछ मध्ययुग कुछ इतिहास और कुछ वर्तमान इन तीनों ने मिलकर अदैन्य के दिमाग पर एक शक की छाप छोड़ रखी थी, बैंगोल के कुछ दूषणों के बारे में. मगर फिर भी अदैन्य कुछ बातों को अपने अंतरात्मा के तराजू पर अवश्य तोलता है. उतने में ही कुछ वास्तविकता होने वेदना का स्वरूप धारण करके अदैन्य के स्फटिक समान अंतर आत्मा को घेर लिया.
अदैन्य ने एक रुप जीवनी को सामने से आते देखा और दूसरे ही पल अदैन्य नेत्रों से भीग गए.
ध्यान रहे दोस्तों, की संसार के वह सारे वाद जिनके छत्र तले रह कर हम एक बौद्धिक बन कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं, वह सभी वादों में करता कोई न कोई निश्छल रहदय या मानवी ही रहा होगा. जब तक अंतरात्मा विशुद्ध नहीं हो जाता तब तक लोक कल्याण संभव नहीं बनता.
ड्राइवर ने अदैन्य को पूरी तरह समझ लिया और उसने कहा सर गाड़ी एयरपोर्ट ले लु ?
अदैन्य ने कहा हां, वही ठीक रहेगा.
दूसरे दिन अदैन्य थोड़े से खुश नजर आ रहे हैं, क्योंकि झंखना ने उसी दिन एयरपोर्ट पर अदैन्य से बात कर ली थी, और उनका अकेलापन दूर हो गया था.
अदैन्य आज थोड़ी सी मूड में भी है. क्योंकि आज भारतवर्ष के सर्वोच्च पद आसीन राष्ट्रपति प्रांजल शाह अदैन्य को पार्टी देने वाली है. वह भी ताज इंटरनेशनल में.
प्रांजल पहले से ही ताझ इंटरनेशनल के टेबल पर बैठी थी और अदैन्य की प्रतीक्षा कर रही थी.
प्रांजल ने गौतम से कहा गौतम तुम जरा नीचे जाओ और देखो मिस्टर रोए को कोई परेशानी तो नहीं.
गौतम ने कहा जी ठीक है मैंम. और गौतम नीचे की ओर चल दिए.
गौतम के नीचे पहुंचते ही अदैन्य ने अपना ब्राउन गोगल उतारा और जेब में रखा.
अदैन्य दूर से कहां हेलो गौतम जी?
गौतम कहा हेलो सर! आइए हम ऊपर की ओर जाएंगे.
अदैन्य ने कहा जी ठीक है.
चलती राह रॉय ने गौतम से पूछा, गौतम जी आज सुबह में टीवी देख रहा था, हिंदी मूवी जिसमें कोयले की दलाली जैसा सुन लिया था तो क्या मैं आपसे पूछ सकता हूं की यह कोयला क्या होता है?
गौतम ने कहा कोयला यानी चारकोल.
ओहो रोए बोले यस आई सी.
गौतम ने कहा, सर यह कोयला शब्द दरअसल, पक्षियों की रानी कोयल पर से आया है.
रॉय बोले यू मीन वह ब्लैकबर्ड cuckoo?
गौतम ने कहा जी बिल्कुल ठीक.