Ahsaas pyar ka khubsurat sa - 28 in Hindi Fiction Stories by ARUANDHATEE GARG मीठी books and stories PDF | एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 28

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 28






कायरा परेशान सी रेडी होने के लिए जा ही रही थी , कि कहीं से घूमते - घामते अनय आ गया । उसने कायरा का उतरा हुआ सा चेहरा देखा तो कहा ।

अनय - क्या हुआ तुम्हारे चेहरे पर बारह क्यों बजे हुए हैं ???? टेंशन हो रही है क्या ??? इतने हैंडसम बंदे के साथ अच्छे से परफॉर्मेंस दे भी पाऊंगी कि नहीं , सोच कर!!???

कायरा ने अनय की बात सुनी तो घूरकर उसे देखा और गुस्से से कहा ।

कायरा - आप कभी नॉर्मली बात नहीं कर सकते ??? जरूरी है इन्सान के खराब दिमाग को और खराब करना की ???

अनय ( एटिट्यूड से मुस्कुराकर बोला ) - गॉड ने मुझे नॉर्मली बात करने के लिए बनाया ही नहीं है । तो भला मैं तुमसे नॉर्मली बात कैसे करूं!!!!! और सही कहा तुमने , तुम्हारा दिमाग तो पहले से ही खराब है , मैं तो बस तुम्हारे दिमाग को चैक कर रहा था ।

कायर ( गुस्से से ) - सुबह क्या कम पड़ गया था ??? मेरे दिमाग को चैक करना ??? जो अब यहां भी चले आए , मेरा भेजा खाने ????

अनय ( नौटंकी करते हुए बोला ) - अरे ....., अरे..., तुम ये क्या बोल रही हो ??? सुबह मैंने तुम्हारी हेल्प की थी , तुम्हारा भेजा नहीं खाया था ।

कायर ( मुंह बनाकर बोली ) - पता है मुझे , जितनी आपने मेरी हेल्प की है ।

अनय ( हल्के गुस्से से तनते हुए बोला ) - अजीब लड़की हो यार तुम !!! मतलब, बंदे ने तुम्हारी हेल्प की , और वो भी आज बस नहीं , बल्कि चार दिन से करता आ रहा हूं । और तुमने मुझे एक थैंक्यू तक नहीं कहा । ना ही आज के लिए , और ना ही इतने दिनों से की गई, मेरी हेल्प के लिए ...।

कायर - थैंक्यू और वो भी आपको !!! कभी नहीं , अरे थैंक्यू क्या, मैं तो उसका टी तक ना कहूं आपको ।

तभी सौम्या वहां आयी जिसे आरव ने भेजा था । उसने दोनों को लड़ते देखा तो कहा ।

सौम्या - क्या हुआ??? तुम दोनो ऐसे आपस में लड़ क्यों रहे हो ???

अनय ( सौम्या से ) - देखो ना सौम्या......।

कायरा ( अनय की बात काट कर बीच में ही सौम्या से मुस्कुराकर बोली ) - अरे कुछ नहीं सौम्या । हम लोग तो बस सिंगिंग को लेकर कुछ बात कर रहे थे ।

अनय ( आश्चर्य से कायरा को देख कर , मन ही मन बोला ) - बड़ी ही क्लेवर लड़की है । अपनी फ्रेंड को देखते ही बात बदल दी । और अभी मुझसे ऐसे लड़ रही थी , जैसे यही खड़े - खड़े ही मेरा खून कर देगी ।

सौम्या ( कायरा से ) - कायरा चलो जल्दी से रेडी हो जाओ, आरव ने तुम्हें और मुझे रेडी होने के लिए कहा है ।

अनय ( दोनों को आपस में बात करते देख उनसे बोल ) - मैं तुम लोगों से बाद में मिलता हूं , अभी मुझे कुछ काम है ।

इतना कह कर अनय चला गया । तो कायरा को अनय जैसे जोकर से छुटकारा मिला और उसने एक लम्बी सांस ली । और दोनों ही रेडी होने के लिए मेकअप रूम में आ गई । जहां पर बस कुछ ही लड़कियां थी ।

इधर परेशान सा राहुल, रूही को ढूंढते हुए, कॉलेज के टेरेस पर आया । क्योंकि वह लगभग रूही को कॉलेज में, सभी जगह ढूंढ चुका था । अब अगर कुछ बचा था, तो वो था टेरेस । राहुल ने रूही को टेरेस पर हर जगह देखा , पर रूही उसे कहीं नहीं दिखी । उसने परेशान होकर खुद से कहा ।

राहुल - कहां जा सकती है यार ये लड़की !!!! हर जगह ढूंढ लिया , पर इसका कुछ अता - पता नहीं है । ( हताश होकर अपने सिर पर हाथ रखकर कहता है ) कहां ढूंढूं अब मैं तुम्हें रूही ???? कहां हो तुम ??? प्लीज यार, जहां कहीं भी हो सामने आ जाओ । दम घुट रहा है मेरा , तुम्हें अपने सामने ना देखने पर ।

इतना कह कर राहुल शांत हो गया और उसकी पलकें भी भीग गई । आसमान में इस वक्त, हल्की सी बदली छाई हुई थी । इस लिए मौसम में थोड़ी गर्माहट कम थी ।तभी राहुल को किसी लड़की के रोने की आवाज़ सुनाई दी । राहुल ने खुद से कहा कि यहां कौन हो सकता है ??? वह उस आवाज़ की तरफ बढ़ा । तो उसे दीवाल के कोने से लगी रूही मिली । जो वहीं पर घुटनों पर बैठी, फूट - फूट कर रो रही थी । राहुल ने जब रूही को देखा तो तुरंत उसे अपने सीने से लगा लिया। इस वक्त उसे रूही को देख कर, एक सुकून सा मिला । उसने मन ही मन भगवान को धन्यवाद कहा और रूही को अपने सीने से चिपकाए रहा । पर रूही सिर्फ रोती ही रही , उसने ना ही राहुल की तरफ देखा और ना ही बदले में राहुल को उसने हाथ लगाया , गले लगाना तो दूर की बात थी । पर राहुल उसके मिल जाने से ही बेहद खुश हुआ।

इधर सौम्या ने कायरा का हल्का सा मेकअप किया और खुद का भी किया । और दोनों ही अपनी ड्रेस पहन कर रेडी हो गई । दोनों ही बेहद खूबसूरत लग रही थी । कायरा को इयररिंग पहनना था , तो वह बस वही कर रही थी । तभी सौम्या को शिवानी का कॉल आया । सौम्या ने कायरा से कहा ।

सौम्या - तुम एक काम करो कायरा !!!! तुम ना इयररिंग्स पहन लो, और पूरी कंप्लीट रेडी होकर बाहर आ जाना । मुझे शिवानी बुला रही है शायद उसे कुछ काम है । मैं तुम्हारा शिवानी के साथ ही बाहर वेट कर रही हूं , तुम जल्दी रेडी होकर आ जाना ।

कायरा - ओके .....!!! तुम जाओ मैं बस थोड़ी देर में आती हूं ।

सौम्या कायरा की बात सुन , उस रूम से बाहर चली गई । कायरा ने अपनी इयररिंग्स पहनी और एक नज़र अपने आपको आइने में देखा , तो वह अपने आपको आइने में देख मुस्कुरा दी, क्योंकि वह काफी खूबसूरत दिख रही थी । जब वह अपने लुक को देख संतुष्ट हो गई , तो उसने अपना और सौम्या का, सारा बिखरा हुआ सामान समेटा और अपना मोबाइल हाथ में लेकर कमरे से बाहर जाने को हुई , कि तभी उसकी ड्रेस सोल्डर से थोड़ी सी नीचे खिसकने लगी । कायरा ने उसे सही किया और फिर से आगे बढ़ी ही थी कि वापस से उसकी ड्रेस , दोनों सोल्डर से खिसक कर नीचे आने को हुई, कि कायरा ने झट से अपनी ड्रेस को सोल्डर से पकड़ लिया और उसने अपनी ड्रेस को देखा तो पाया कि उसकी ड्रेस की, दोनों सोल्डर्स पर सिलाई खुली हुई है । उसने खुद से कहा ।

कायरा - अरे ये कैसे हुआ??? मैंने तो रात में चेक किया था , मेरी ड्रेस तो बिल्कुल ठीक थी । पर अब ये कैसे खराब हो गई ???!!!!!

तभी कायरा को एहसास हुआ, कि उस रूम में कायरा के अलावा कोई नहीं है । वह अपनी ड्रेस को ठीक करने की कोशिश करने लगी , पर वह जैसे ही अपने हाथ , दोनों सोल्डर से हटाती , ड्रेस दुबारा से नीचे की ओर उतरने लगती । बार - बार ड्रेस के ऐसे उतरने से , और कायरा की कोशिशों के बाद भी ड्रेस के ठीक ना हो पाने से ,वह घबरा गई , और उसने खुद से सहमी और घबराई हुई सी आवाज़ में कहा ।

कायरा - यहां कोई भी नहीं है !!! अब मैं क्या करूं ??? कैसे मैं अपनी ड्रेस ठीक करूं ??? ऐसे मैं बाहर जा नहीं सकती , और अगर किसी को भी , फोन करने के लिए मोबाइल की तरफ हाथ बढ़ाती हूं , तो इस ड्रेस को नहीं संभाल पाऊंगी। क्या करूं मैं?? मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा ।

यही सब सोचते हुए वह खुद में ही टेंशन के साथ बड़बड़ाये जा रही थी । उसे कुछ भी नहीं सूझ रहा था , जिससे वह अपनी ड्रेस ठीक कर रूम से बाहर जा सके ।

इधर रूही वैसे ही काफी देर तक अपना सिर, राहुल के सीने से टिकाए रोती रही , और राहुल उसे अपने सीने से काफी देर तक लगाए रहा । कुछ देर बाद राहुल को एहसास हुआ, कि रूही काफी देर से रो रही है । तो उसने रूही को खुद से अलग किया और हैरानी से उसे देखते हुए कहा ।

राहुल - रूही !!!!! तुम इस तरह से रो क्यों रही हो??? क्या बात है ??? ( रूही ने राहुल की बात का कोई जवाब नहीं दिया , वह वैसे ही रोती रही , तो राहुल ने कहा ) क्या हुआ है रूही ??? तुम स्टेज से भी ऐसे ही चली आयी , और अब कुछ बोल नहीं रही हो !!!! ( रूही का चेहरा अपने हाथों में लेकर राहुल बोला ) आखिर बात क्या है रूही ???? तुम मुझे नहीं बताओगी ???

रूही ने एक नजर राहुल को देखा , और गुस्से से उसका हाथ झटक कर खड़ी हुई और उसने अपने आंखों में आंसू लिए गुस्से से कहा।

रूही - नहीं बताऊंगी मैं आपको ......।

राहुल ( उठते हुए ) - पर क्यों रूही ??? ( रूही के थोड़ा नजदीक जाकर ) क्यों नहीं बताओगी मुझे ??? जानना चाहता हूं मैं, कि आखिर ऐसा हुआ क्या है, जो तुम सीधे बीच स्टेज से आकर , यहां अकेली बैठी इस तरह से, रो रही हो ???!!!

रूही ( राहुल को पीछे की ओर धक्का देकर , उसकी तरफ पीठ कर खड़ी होकर कहती है ) - मेरी मर्ज़ी , मैं चाहे जहां बैठूं , रोऊ या हंसू, इससे आपको क्या ???

राहुल ( गुस्से से ) - आखिर तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है रूही ???? तुम जब देखो तब .......।

रूही ( राहुल की ओर पलट कर गुस्से में कहती है ) - आप ....., आप हैं मेरी प्रॉब्लम राहुल!!!!! मेरी सारी प्रॉब्लम की वजह आप हैं । आपके ही कारण मैं यहां पर अकेली बैठी रो रही हूं । ( रोते हुए ) वरना मैं जैसी भी थी , अपनी ज़िन्दगी में खुश थी । पर जब से आप आए हैं , हर पल , हर मिनट , हर घंटे और हर दिन मैं इसी तरह से अकेली बैठ कर रो रही हूं ।

राहुल ( आश्चर्य से , रूही को देखते हुए ) - पर मैंने किया क्या है ??? भला मैं तुम्हारी प्रॉब्लम्स की वजह कैसे हो सकता हूं ?? हमें मिले सिर्फ कुछ दिन ही हुए हैं रूही ....!!!! तो फिर तुम इस तरह से, मुझ पर ऐसे इल्जाम कैसे लगा सकती हो ?????

रूही ने राहुल की बात सुनकर उसे देखा और फिर उससे नजरें हटा कर, वहीं टेरेस की रेलिंग को हाथ से पकड़ कर फूट - फूट कर रो पड़ी ।

इधर आरव रेडी होकर आदित्य लोगों के पास आ ही रहा था , कि एक लड़की उसके पास आयी और उसने आरव से कहा ।

लड़की - आरव ....!!!!! आपको कायरा बुला रहीं हैं , गर्ल्स मेकअप रूम में ।

आरव ( हैरानी से ) - मुझे.....!!! कायरा ....., और वो भी गर्ल्स मेकअप रूम में????? आप ये क्या कह रही हैं , कायरा भला मुझे वहां क्यों बुलाएगी ?? और वैसे भी वहां बहुत सारी गर्ल्स होंगी , मेरा भला वहां क्या काम ???

लड़की - मुझे नहीं पता ....., कि आपका वहां क्या काम है और उन्होंने आपको वहां क्यों बुलाया है । मैं तो बस उनके कहने पर, आपको यहां बताने आयी हूं , वरना मुझे क्या लेना देना है, आपसे और कायरा से । और हां, वहां पर कायरा के अलावा कोई नहीं है , तो आप जाकर उनसे मिल सकते हैं।

इतना कह कर वह लड़की चली गई । और आरव सोच में पड़ गया । उसने मन ही मन खुद से कहा ।

आरव - कायरा ने मुझे वहां पर क्यों बुलाया होगा ??? शायद कुछ जरूरी बात करनी होगी , इसी लिए उसने मुझे बुलाया होगा । जा कर देखता हूं ।

आरव यही सब सोच कर , उस रूम की ओर बढ़ गया जहां पर कायरा थी ।

इधर रूही को रोते हुए देख कर राहुल हैरान था। उसने अपने दोनों हाथों से रूही की बाहें पकड़ी और गुस्से में कहा ।

राहुल - तुम कुछ कह क्यों नहीं रही हो रूही ???? यूं रो - रो कर तुम, अपनी सेहत बस खराब कर रही हो । क्या कारण है इन सबका ??? जवाब दो रूही !!!!! ( रूही की तरफ से एक बार फिर कोई भी जवाब ना पाकर , राहुल ने गुस्से से दांत पीसते हुए कहा ) क्या वजह है रूही ??? तुम जवाब क्यों नहीं देती , मेरे सवालों का ???

रूही ( सिसकते हुए , राहुल की आंखों में देख कर बोली ) - किस - किस का जवाब दूं राहुल आपको मैं??? अगर आपके एक सवाल का जवाब दूंगी , तो उसके पीछे से, एक और सवाल आप करेंगे , फिर उसका जवाब दूंगी , तो वापस आप अनगिनत सवाल मेरे सामने रख देंगे ??? किस - किस सवाल का जवाब दूंगी मैं आपको ???

राहुल ( गुस्से से , रूही की बाहों में अपने हाथों की पकड़ मजबूत करते हुए बोला ) - इस तरह से बातों को गोल - गोल घुमा कर तुम मेरे सवालों से बच नहीं सकती !!!! मुझे मेरे सवालों के जवाब अब किसी भी कीमत पर चाहिए है रूही । भले ही उसके बाद , कितने भी सवाल खड़े हों , पर मुझे हर एक सवाल का जवाब, तुम्हारे मुंह से सुनना है । आज मैं मेरे सवालों के जवाब लिए बिना , यहां से तुम्हें जाने नहीं दूंगा । चाहे तुम उसके लिए अनगिनत आंसू बहाओ या फिर जो भी प्रतिक्रिया दो । पर मुझे आज सिर्फ जवाब ही चाहिए है....., सिर्फ जवाब .....। ( गुस्से से तेज़ आवाज़ में चिल्लाते हुए ) दो जवाब रूही ....., जवाब दो तुम मेरे सवालों का ..., क्यों रो रही हो तुम इस तरह , क्या वजह है इन सब के पीछे ..??? बताओ मुझे ....।

रूही ( भीगी पलकों से राहुल को देख कर ) - वजह सिर्फ आप हैं राहुल ..., सिर्फ आप .....।

राहुल ( गुस्से से रूही की आंखों में देखते हुए ) - मैंने कहा था ना तुमसे , बात को घुमाओ मत....... ।

रूही ( राहुल की आंखों में देख कर ) - मैं बात को घुमा नहीं रही हूं राहुल !!! बस सच कह रही हूं ।

राहुल - कैसा सच ...?????

रूही - जिस तरह से आप, मुझसे प्यार करते है, ठीक उसी तरह मेरे दिल में भी आप बसे हैं । ( राहुल रूही को हैरानी से देखने लगा, तो रूही ने अपनी बात को फिर से कहा ) हां राहुल ...., आपकी ही तरह मुझे भी प्यार हो गया है और वो भी आपसे । प्यार करने लगी हूं , मैं आपसे राहुल । कब, किस तरह, किस मोड़ पर मुझे आपसे प्यार हुआ , ये मैं नहीं जानती । पर अब आप मेरे दिल में, मेरी धड़कन की तरह बस चुके हैं , जिसे मैं झुठला नहीं सकती ।

राहुल ने जब रूही का इजहार इस तरह से सुना , तो उसने एक दम से रूही का हाथ छोड़ दिया । वह हैरान था रूही की बात सुनकर । उसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था , कि वह इस वक्त कैसे रिएक्ट करे ??? उसे समझ नहीं आ रहा , कि अगर रूही उससे प्यार करती हैं, तो वह उस प्यार को प्रॉब्लम क्यों कह रही है ???? इस वक्त उसका दिल और दिमाग काम ही नहीं कर रहा था । दिल खुशी से उछल रहा था , रूही का इजहार सुन , पर दिमाग अनगिनत सवाल खड़े कर रहा था । सच कहा था रूही ने , कि उसके एक जवाब देने के बदले, अनगिनत सवाल खड़े होंगे । जो इस वक्त राहुल की दिलों - दिमाग में उमड़ रहे थे , और चीख - चीख कर अपने सवालों के जवाब रूही से मांगने की, उत्तेजना प्रकट कर रहे थे ।

इधर आरव वहां पहुंचा , जहां पर कायरा थी । उसने दरवाज़ा नोक किया , पर दरवाज़ा अपने आप ही खुल गया । क्योंकि शायद उसे किसी ने भी लॉक नहीं किया हुआ था । आरव रूम के अंदर आया , और उसे आइने के सामने बैठी हुई कायरा दिखी, वह उसकी ओर बढ़ा ।

तो वहीं कायरा, आरव के रूम में आने की बात से अनजान थी । उस वक्त कायरा को किसी के आने की आहट महसूस हुई । वह पलट कर परेशानी भरे शब्दों में बोली ।

कायरा - सौम्या तुम आ गई । मैं तुम्हारी ही राह देख रही थी ...........।

कायरा के शब्द उसके मुंह में ही अटक गए , क्योंकि उसे अब अपने सामने आरव खड़ा दिखा । वह आरव को अपने सामने देख, घबरा गई और तुरंत पलट गई। क्योंकि इस वक्त आरव का वहां आना , कायरा के लिए उसकी परेशानी को बढ़ाने के बराबर था ।

पर आरव समझ रहा था , कि कायरा ने सौम्या को बुलाया था और गलती से वह आ गया है । लेकिन कायरा ने तो किसी को भी नहीं बुलाया था , उसने तो किसी के आने की आहट जानकर , अंदाजा लगाया था , कि सौम्या ही उसके पास आयी है । आरव ने अपनी समझदारी के चलते, उलटे पैर जाना ही ठीक समझा , और वह बिना कायरा से कुछ कहे वापस पलट कर जाने लगा , और जैसे ही उसने दरवाज़े के हैंडल को पकड़ कर खोलना चाहा, तो वह खुला ही नहीं । उसने फिर से दरवाज़े को खोलने की कोशिश की , पर दरवाज़ा नहीं खुला , शायद किसी ने बाहर से लॉक कर दिया था ।अब आरव को खुद पर ही गुस्सा आने लगा , कि वह क्यों उस लड़की के कहने पर यहां आया !!! उसने पलट कर कायरा की तरफ देखा, तो पाया कि वह अभी भी उसी तरह, आरव की तरफ पीठ करके खड़ी थी । आरव कायरा की तरफ मुड़ा और उसके थोड़ा सा पास आकर बोला ।

आरव - सॉरी..... !!!! शायद मेरे आने से तुम कंफरटेबल नहीं हो । पर आई स्वेर....., मैं खुद से यहां नहीं आया हूं , मुझे बाहर एक लड़की ने तुम्हारे पास भेजा है, ये कह कर कि तुमने मुझे यहां पर बुलाया है ।

कायरा ( झल्लाकर ) - पर इस काम के लिए, मैं आपको भला क्यों बुलाऊंगी । ओह गॉड ..., अब मैं क्या करूं ??? मेरी ड्रेस अब कैसे ठीक होगी ????

आरव ( हैरानी से ) - क्या करूंगी मतलब ??? कोई प्रॉब्लम है क्या ??? बताओ मैं हेल्प कर देता हूं तुम्हारी , ( हिचकिचाते हुए ) अगर तुम्हें ठीक लगे तो !!!!

कायरा - बहुत बड़ी प्रॉब्लम है , पर आप ठीक नहीं कर सकते ।

आरव - क्यों ??? क्यों ठीक नहीं कर सकता मैं तुम्हारी प्रॉब्लम ??? तुम बताओ तो सही ...., मैं सब ठीक कर सकता हूं ।

कायरा ( चिढ़ते हुए ) - मेरी ड्रेस खराब हो चुकी है , उसे ठीक करना है । अब बताइए आप टेलर हैं या डिजाइनर हैं , जो मेरी ड्रेस ठीक करेंगे।

आरव अब सकपका गया , क्योंकि वह तो नॉर्मल सी किसी प्रॉब्लम को एक्सपेक्ट कर रहा था । पर ये तो बड़ी प्रॉब्लम थी , जिसे ठीक कर पाना आरव के लिए मुश्किल था । तब भी उसने कायरा के सामने हार ना मानते हुए , कॉफिडेंस के साथ कहा।

आरव - भले ही मैं , टेलर या डिजाइनर नहीं हूं । पर हां मेरे पास हर प्रॉब्लम का सोल्यूशन रहता है । ( कायरा के करीब आकर उससे कहता है ) तुम मुझे बताओ तो, कहां से ड्रेस खराब है , मैं ठीक कर दूंगा ।

इतना कह कर उसने कायरा को कंधो से पकड़ कर अपनी तरफ मोड़ा । आरव के अचानक इस तरह कायरा को मोड़ने से , कायरा हैरान हो गई । और उसका हाथ, ड्रेस से हट गया । आरव ने उसे अपनी तरफ किया , तो उसकी नजर कायरा के सोल्डर पर, फटी हुई ड्रेस पर गई । आरव थोड़ा सा हैरान और आश्चर्यचकित हो गया । तभी कायरा के द्वारा, ड्रेस के ना संभाले जाने से , वह ड्रेस कायरा के सोल्डर से नीचे उतरने लग गई । वह सोल्डर से नीचे उतरती, कि तभी आरव ने कायरा को गले लगा लिया । कायरा शायद आरव के इस हरकत के लिए तैयार नहीं थी , इस लिए वह हतप्रभ सी आरव को देखने लगी । और आरव भी अपनी इस हरकत से हैरान था , क्योंकि उसने भी ये एक्सपेक्ट नहीं किया था , कि ऐसी कोई प्रॉब्लम भी उसके सामने आयेगी और उसके चलते, वह इस तरह कायरा को अपने गले से लगाएगा । पर उस वक्त दोनों की सांसें बहुत तेज़ चलने लगी थी, साथ ही दोनों की सांसें ऊपर नीचे होने लगी थी । दोनों ही को, अपने बदन में एक करंट सा महसूस हुआ था , इस तरह एक दूसरे के गले लगने से ।

तभी आरव ने कायरा की ड्रेस को, दोनों सोल्डर से पकड़ा और कहा ।

आरव - यहां पर मेरे अलावा कोई नहीं है , इस लिए तुम्हारी हेल्प मुझे ही करनी पड़ेगी । पर प्लीज तुम मुझे गलत मत समझना , मैं बस तुम्हारी हेल्प ही करूंगा । उसके अलावा और कुछ नहीं । ( कायरा ने कुछ नहीं कहा तो , आरव ने उसे दोनों सोल्डर से ड्रेस पकड़ने का इशारा कर कहा ) इसे पकड़ो , और बताओ कि नीडल और थ्रेड कहां है ??? मैं तुम्हारी ड्रेस को ठीक कर देता हूं ।

कायरा ( अपनी ड्रेस को सोल्डर से संभलकर , हैरानी से आरव को देख कर बोली ) - आप मेरी ड्रेस ठीक करेंगे !!!???

आरव - और कोई दिख रहा है, इस वक्त तुम्हें यहां पर ??? ( कायरा ने पूरे रूम की ओर नजरें दौड़ाई , तो उसे कोई भी नहीं दिखा , तो उसने ना में सिर हिला दिया । तो आरव बोला ) तो फिर मैं ही करूंगा ना!!! अभी कुछ सेकंड्स पहले मैंने यही तो समझाया था ना तुम्हें , तब भी वही सवाल कर रही हो!!! खैर छोड़ो, और अब जल्दी से नीडल और थ्रेड बताओ, कि कहां रखे हैं ????

कायरा ने अपने बैग में रखे , एक बॉक्स की ओर इशारा किया, तो आरव ने बॉक्स में से सुई धागा निकाला और सुई में धागा डालते हुए कायरा से कहा ।

आरव - जब तुम्हारे पास नीडल और थ्रेड आॕलरेडी था , तो तुमने खुद से अपनी ड्रेस ठीक क्यों नहीं कर ली ???

कायरा ( गुस्से से उसे घूरते हुए बोली ) - अगर मुझसे ये ड्रेस ठीक करते बन जाती , तो मैं यहां फालतू चुप - चाप क्यों बैठती ??? बल्कि अभी मैं बाहर होती, सबके साथ । और आप अभी नीडल में थ्रेड नहीं डाल रहे होते , बल्कि आप भी बाहर सभी के साथ होते ।

आरव ( सुई में धागा डाल कर कहता है ) - ओके ...., ओके रिलेक्स । मैं समझ गया ....। तुम गुस्सा मत करो , और अपनी एक साइड से ड्रेस संभालो । मैं इस साइड की ड्रेस को तब तक ठीक करता हूं ।

इतना कह कर उसने कायरा के लेफ्ट साइड के सोल्डर की ड्रेस ठीक की । और कायरा ने अपनी राइट साइड की सोल्डर की ड्रेस संभाली हुई थी । आरव को अपने इतना करीब देख , कायरा की धड़कने बहुत तेज़ चल रही थी । और आरव का भी यही हाल था । वह कायरा की ड्रेस ठीक तो कर रहा था , पर उसके भी दिल में बेतहाशा बेचैनी थी , कायरा के इतने करीब आने के कारण । साथ ही उसके हाथ भी कांप रहे थे । जिसे कायरा भी महसूस कर रही थी , पर वह अपनी बढ़ी हुई धड़कनों के चलते, कुछ कह नहीं पा रही थी । उसके जबान पर तो जैसे, ताला सा लग गया था , आरव को अपने इतने नजदीक देख कर । तभी आरव ने एक साइड की ड्रेस ठीक कर दी थी , और वह धागे को काटने के के लिए , कैंची ढूंढ रहा था , पर उसे कैंची नहीं मिली तो उसने कायरा से पूछा।

आरव - सीजर कहां है ??? है भी या नहीं !!!!

कायरा ने ना में सिर हिला दिया , तो आरव के हाथ एक दम से रुक गए। उसने कायरा की ओर देखा , जो उसे ही देख रही थी । आरव ने उससे कुछ नहीं कहा , और आंखें बंद कर ली । कुछ ही पल बाद उसने अपनी आंखें खोली , और धीरे - धीरे कायरा के सोल्डर के करीब जाने लगा । कायरा आरव को अपने और करीब पाकर , अजीब सा महसूस कर रही थी । अब उसकी धड़कने इतनी तेज़ हो गई थी , कि वह आरव तक को सुनाई दे रही थी । साथ ही आरव की भी बढ़ी हुई धड़कने, कायरा को महसूस हो रही थी । आरव अब एक टक कायरा को देखता रहा और कायरा आरव को देख रही थी । आरव ने कायरा को देखते हुए ही , धागे को अपने दांतों से काटा और फिर वह कायरा से थोड़ा अलग हुआ । उसके बाद उसने, कायरा के राइट सोल्डर को अपनी तरफ किया और उस तरफ की ड्रेस को ठीक करने लगा । ड्रेस ठीक करते हुए ही , आरव की उंगलियां कायरा के कंधे से स्पर्श हो गई । कायरा ने आरव का स्पर्श अपने कंधे पर पाया, तो उसकी सासें तेज़ी से चलने लगी , और उसने अपनी आंखें बंद कर ली । उस वक्त आरव की उंगलियों के स्पर्श से , कायरा के बदन में एक सिहरन सी उत्पन्न हुई । जिससे वह थोड़ी सी असहज हुई , जिसे आरव ने महसूस किया । और उसने तुरंत ड्रेस ठीक की और धागे को एक बार फिर अपने दांतों से काटा है । और फिर कायरा से दूर हो गया । तभी कायरा ने अपनी आंखें खोली। साथ ही कायरा अब, आरव को एक टक देखने लगी । आरव ने जैसे ही सुई धागे को रख कर कायरा की ओर देखा , तो पाया कि कायरा एक टक बस उसे ही देख रही है । आरव अब अपनी आंखों को कायरा की आंखों से मिलने से नहीं रोक पाया , और वह भी एक टक कायरा को देखने लगा । जबकि कायरा आरव को एक टक देख कर , मन ही मन खुद से बातें कर रही थी ।

कायरा - आप हर बार कैसे मेरी सारी प्रॉब्लम्स का सोल्यूशन , मेरे बिना कहे ही ढूंढ लेते हैं ।

आरव ( भी मन ही मन खुद से बातें करने लगा ) - मैं तुम्हारी सारी समस्याओं का हल, आसानी से ढूढने को तैयार हूं , बस तुम एक बार मुझसे कहो तो सही ।

कायरा - आप क्यों इतने अच्छे हैं आरव ???? क्यों मेरे लिए इतना सब करते है , जबकि मैं तो आपसे हमेशा रुडली बिहेव करती हूं ।

आरव - तुम भले ही मुझसे रूडली बिहेव करो कायरा , भले ही मुझसे लड़ो , मुझ पर गुस्सा करो। पर तब भी मैं हमेशा तुम्हें ऐसे ही ट्रीट करता रहूंगा। हमेशा तुम्हें, तुम्हारी परेशानियों से निकालता रहूंगा । क्योंकि तुम बहुत अच्छी हो कायरा । इतनी......, कि जितनी शायद मैंने अपनी पूरी ज़िन्दगी में, तुम्हारे जैसी अच्छी लड़की नहीं देखी।

कायरा - क्या आप ये सब इस लिए कर रहे हैं , कि आप मुझसे प्यार करने लगे हैं । क्यों आरव , क्यों आप मुझसे इस तरह टूट कर प्यार करने लगे हैं , कि आपने मेरी हेल्प करने से पहले, यहां आने से पहले, एक बार भी इस बात की सुध नहीं ली , कि लोग क्या कहेंगे आपको मेरे साथ इस रूम में देख कर। आपकी नीयत पर सवाल भी खड़े हो सकते हैं आरव.....।

आरव - हां कायरा ...., मैंने ये सब इस लिए किया , क्योंकि मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूं । बेइंतहां मोहब्बत है मुझे तुमसे । क्योंकि अगर शायद कोई और लड़की होती , तो मैं उसे हाथ तक नहीं लगता । तुम थी , इस लिए मेरे दिल ने तुम्हें मुसीबत में देख कर , खुद ही तुम्हारी हेल्प करने की मंजूरी दी । और मुझे इस बात की बिल्कुल भी फिकर नहीं है , कि अगर लोग जानेंगे कि मैं तुम्हारे साथ इस रूम में अकेले हूं , तो सब क्या कहेंगे । मैं तो तुम्हारे लिए लोगों से भी लड़ने को तैयार हूं । तुम बस एक बार अपनी आंखों से कही गई बातें , अपनी जबान पर ला दो । आई स्वेर....., मैं पूरी दुनिया से , बेंवफाई कर लूंगा ।

कायरा - क्यों इतनी मोहब्बत आप अपने दिल में , मेरे लिए जगा रहे हैं आरव !!!! जबकि मैं आपको बदले में , कुछ भी नहीं दे सकती । आप जो मुझसे एक्सपेक्ट कर रहे होंगे , वो मैं पूरा नहीं कर सकती , बंधी हुई हूं मैं , अपनी मजबूरियों से । मैं आपसे अपने दिल की फीलिंग्स तक, शेयर नहीं कर सकती आरव.... । प्लीज आप मुझे इस तरह से टूट कर, प्यार करना बंद कीजिए । वरना शायद मेरे लिए , खुद को आपके प्यार से दूर रखना मुश्किल हो जाएगा । भगवान के लिए मेरी मुश्किलों को आप मत बढ़ाइए आरव ......, मत बढ़ाइए।

इतना खुद से कहते ही , कायर की आंखों में नमी तैर गई । और उसके आंखों से एक - एक कर आंसू बहने लगे । जबकि आरव कायरा के आंसू देख , अपने मन में चल रही बातों से बाहर आया , और हैरानी से उसे देखने लगा ।

इधर राहुल कुछ देर तक अपनी ही सोच में डूबा रहा । फिर उसने एक बार फिर रूही की बाहें पकड़ी , और गुस्से से उससे कहा ।

राहुल - जब तुम मुझसे प्यार करती हो , तो उस प्यार को , प्रॉब्लम की वजह का नाम क्यों दे रही हो । अगर मैं तुम्हारा प्यार हूं , तो मैं तुम्हारे लिए प्रॉब्लम कैसे हो गया ????

रूही ( चिल्लाकर कहती है ) - क्योंकि मैं ये नहीं चाहती थी , ( अपना हाथ झटके से, राहुल से छुड़ा कर कहती है ) मैं नहीं चाहती थी , कि मुझे आपसे प्यार हो । अरे आपसे क्या , दुनिया के किसी भी लड़के से प्यार करना , मेरे लिए परेशानियों को न्यौता देने के समान है ।

राहुल ( नासमझ सा बोला ) - मतलब !!! मैं समझा नहीं , कि तुम क्या कहना चाहती हो ।

रूही ( उदास सी रोते हुए बोली ) - समझी तो मैं खुद नहीं हूं राहुल , अपनी ज़िन्दगी की तरफ से, दी गई इन बेहिसाब परेशानियों को ।

राहुल ( गुस्से से ) - जो भी कहना है साफ - साफ कहो रूही ।

रूही ( चिल्लाकर कर ) - साफ - साफ ही तो कह रही हूं राहुल । मेरी ज़िन्दगी मेरे साथ खेल रचा रही है। जिसमें अब आप भी इस खेल के हिस्सेदार हो गए हैं ।( रोते हुए ) मैंने बहुत कोशिश की राहुल , आपको इस खेल से दूर रखने की । लेकिन देखिए मेरी किस्मत , मैं आपको इस खेल से दूर नहीं रख पाई । उल्टा आप मेरे और नजदीक आ गए ।

राहुल - कैसा खेल रूही ???? किस खेल की बात कर रही हो तुम ???

रूही - मेरी किस्मत का खेल राहुल , मेरे अपनो के द्वारा, मेरे ऊपर लगाई गई बंदिशों का खेल । ( राहुल के करीब आकर , उसकी शर्ट पकड़ कर कहती है ) राहुल आप पूछ रहे थे ना , बार - बार मुझसे , कि मैं इतनी उदास क्यों रहती हूं ??? मेरी आंखों में इतनी खामोशी क्यों रहती है । ( राहुल से अलग होकर उसकी आंखों में देखते हुए ) तो आज मैं आपको बताती हूं , कि मैं इतनी उदास क्यों रहती हूं .....।

क्रमशः