अगली सुबह सभी ऑडिटोरियम में थे । सभी अपनी डांस प्रैक्टिस कर रहे थे और कायरा स्टेज से नीचे बैठी , चेयर पर कुछ सोच रही थी । जबकि आरव आज जब से कॉलेज आया था , तब से बिजनेस को लेकर लगातार किसी से बात कर रहा था । रेहान और मीशा का डांस आज भी नहीं जम रहा था । आरव ने बात खत्म करके कॉल कट किया और आदि को अपने पास बुलाया । आदि, सौम्या को आता हूं कह कर भागते हुए उसके पास आया । दोनों ने कुछ बातें की और आदित्य फिर से सौम्या के पास जाकर अपनी डांस प्रैक्टिस करने लगा।
यहां आरव, अपने मोबाइल को , अपनी जेब के हवाले कर , कायरा के पास आया और उसके बगल में खड़े होकर शांति से बोला ।
आरव - सॉरी कायरा !!!! वो बिजनेस से रिलेटेड कॉल था , इस लिए मुझे लेट हो गया । ( कायरा के आगे अपना दाहिना हाथ करते हुए बोला ) चलो , प्रैक्टिस स्टार्ट करते हैं ।
कायरा , आरव की आवाज़ सुन, आपनी सोच से बाहर निकली । और उसने एक नजर आरव को देखा , जो उसके सामने अपना हाथ आगे कर, स्टेज पर चलने के लिए कह रहा था । कायरा ने उसके हाथ को इग्नोर किया , और एटीट्यूड के साथ बोली । जैसे अगर वह नॉर्मल तरह से बोलेगी तो , उसकी कोई चोरी पकड़ी जायेगी ।
कायरा ( हाथो की घड़ी बनाते हुए ) - मैं आपके साथ डांस नहीं करना चाहती ।
आरव कायरा की इस बात पर हैरानी से उसे देखने लगा । उसने हैरानी से पूछा।
आरव - पर क्यों कही करना तुम्हें डांस ??? ( हल्के गुस्से से ) इस फंक्शन में पार्टिसिपेट करने के लिए तो तुम ही मरी जा रही थी । तुम्हें ही तो डांस करना था इसमें । फिर अब क्या हुआ ??? ( शांति से ) चलो, चलकर प्रैक्टिस करते हैं , वरना हमें लेट जाएगा । फिर हम प्रैक्टिस भी नहीं कर पायेंगे , या फिर ऑफिस लेट से पहुंचेंगे । दोनों ही कंडीशन पर नुकसान हमारा ही है ।
इतना कह कर , आरव कायरा का हाथ पकड़ कर , उसे स्टेज की ओर ले जाने लगा । वह दो कदम चला ही था , कि कायरा ने झटके से उसका झटका , और उसे गुस्से से बोली ।
कायरा - अगर मैंने एक बार आपसे कह दिया , मुझे डांस नहीं करना , इसका मतलब है...... नहीं करना । आप मुझे जबरदस्ती फोर्स नहीं कर सकते ।
आरव आवक सा, कायरा के इस व्यवहार को देखता रहा , उसने कुछ कहना चाहा , के तभी अंशिका की आवाज़ आयी, जो उन्ही की तरफ बढ़ी आ रही थी । उसने बड़ी ही शालीनता से कायरा के चेहरे पर नजर रखते हुए कहा ।
अंशिका - और आपको डांस क्यों नहीं करना है ????
अंशिका की बात सुन , कायरा और आरव दोनों हैरान हो गए । अंशिका ने जब दोनों के चेहरे पर हैरानी देखी , तो उसने कहा ।
अंशिका - मैं आप दोनों की हेल्प करने ही आज यहां पर आयी हूं , पर जब मैंने कायरा दी की बात सुनी , कि उन्हें आपके साथ डांस नहीं करना , तो मैं स्टेज पर ना जाकर आप दोनों के पास चली आयी । ( दोनों को घूरते हुए ) वैसे क्या मैं जान सकती हूं , कि आप दोनों ऐसे क्यों यहां पर खड़े हैं , और दी आप ऐसा क्यों कह रही है ??? आप दोनों के बीच झगड़ा हुआ है क्या ???
आरव ने उसकी बात सुनी तो घूरकर कायरा को देखा । कायर ने उसे अपनी ओर देखते पाया तो हड़बड़ा गई और मन ही मन खुद से कहा ।
कायरा - करना तो झगड़ा ही चाहती थी , पर पता नहीं भगवान को मुझसे क्या प्रॉब्लम है । प्यार करू तो, उसमें भी पाबंदीयों को दीवार बानाने में लगे हुए हैं , और जो अगर झगड़ू, तो ढंग से झगड़ने भी नहीं देते हैं ।
आरव ने जब कायरा को चुप देखा तो उसे घूरते हुए बोला ।
आरव - कायरा जवाब दो , अंशिका कुछ पूछ रही है ।
कायरा हैरानी से आरव को देखने लगी, और उसके कहने का अर्थ भी समझ गई, क्योंकि ये सारा काम किया तो उसी का गया था , तो नॉर्मल सी बात थी , जवाब भी उसी को ही देना पड़ेगा । जबकि अंशिका दोनों को देख कर माजरा समझने की कोशिश कर रही थी । कायरा ने तुरंत नॉर्मल बनते हुए अंशिका से कहा ।
कायरा ( जबरदस्ती मुस्कुराते हुए ) - नहीं ....., नहीं अंशिका । ऐसा कुछ भी नहीं है , ( आरव की तरफ देखते हुए ) मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी ।
अंशिका ( मुस्कुराते हुए ) - ओह ......, कोई बात नहीं । चलिए फिर , चलकर प्रैक्टिस कीजिए , मैं आप लोगों की हेल्प कर देती हूं ।
कायरा ने अंशिका की बात सुन , बेचारगी सा मुंह बना लिया । पर वह अंशिका के सामने मना नहीं करना चाहती थी । इस लिए अंशिका के पीछे - पीछे चल पड़ी । तभी आरव ने एक झटके से उसकी बांह पकड़ी और अपने थोड़ा नजदीक खीच कर , उसकी आंखों में गुस्से से देखते हुए कहा ।
आरव - अब तुम मुझे बताओ , कि ये सब क्या है ??? क्यों तुम मेरे साथ डांस नहीं करना चाहती ????
अंशिका आगे निकल चुकी थी , इस लिए उसे आरव की इस हरकत की खबर नहीं थी । कायरा ने, आंखों में गुस्सा लिए , आरव को एक नज़र घूरा और फिर अपना हाथ झटककर , बिना आरव को जवाब दिए , अंशिका के पास पहुंच गई । आरव को कायरा के, इस तरह से, उसे इग्नोर करने से, बहुत ज्यादा गुस्सा आया । पर आस - पास का माहौल देखकर, उसने कुछ नहीं कहा ।
यहां दोनों के पहुंचने पर , अंशिका ने एक बार उनकी पूरी डांस प्रैक्टिस देखी और फिर जो भी उसे स्टेप्स चेंज कराना था , वह कराए और फिर उहें एक बार फिर रिपीट करने को कहा। जबकि कायरा और आरव , अंशिका के कहे अनुसार ही अपने हाथ पैर चला रहे थे ।
तो वहीं अंशिका , आज उन दोनों के बीच एक खामोशी सी महसूस कर रही थी । ना ही उसे आज दोनों की आंखों में वो कशिश दिख रही थी, जो अक्सर बिना कहे ही उनकी आंखों के मिलने पर दिखती थी और ना ही आज उसे दोनों के बीच डेली वाली बॉन्डिंग दिख रही थी । अंशिका नोटिस कर रही थी , कि आरव जितना कायरा को कंफर्ट जोन में रखने की कोशिश कर रहा था , कायरा उससे उतना ही दूर भाग रही थी । अंशिका को उन्हें ऐसे देख कर , कुछ खटक सा रहा था , जैसे दोनों के बीच कुछ तो हुआ है , जिसे दोनों ही छुपा रहे हैं । वह कुछ और अंदाजा लगा पाती, कि उसकी नज़र रेहान और मीशा पर गई । जो कि अपने स्टेप्स में बुरी तरह से उलझे हुए थे । अंशिका आरव और कायरा को प्रैक्टिस करने का बोल , रेहान और मीशा के पास चली गई । उसने मीशा से पूछा ।
अंशिका - दी क्या हुआ ??? आप लोग इस तरह से बहस क्यों कर रहे हैं ???
मिशा - बहस न करें तो और क्या करें ??? इतने दिनों में हमारे एक भी स्टेप्स, क्लियर ही नहीं हो पाए हैं । ( रेहान की ओर हिराकत भरी , नज़रों से देखते हुए कहती है ) पता नहीं , कौन से मुहूर्त में मैंने इसके साथ पार्टिसिपेट करने का सोचा था ।
मिशा की बात रेहान के साथ - साथ अंशिका को भी लग गई । रेहान ने कुछ भी नहीं कहा और चुप - चाप जाने लगा , क्योंकि उसे शायद अब मीशा से बहस करने में इंट्रेस्ट नहीं था । अंशिका ने उसे जाते देखा तो , उसे बहुत बुरा लगा । उसने बिना वक्त गवाएं , जाते हुए रेहान का हाथ पकड़ा और कहा ।
अंशिका - रुकिए रेहान ......।
रेहान के तो बदन में, जैसे करंट सा दौड़ गया , अंशिका के उसके हाथ को स्पर्श करने से । और उस पर से, उसकी चाशनी से घुली हुई , मीठी सी आवाज़ से उसका नाम लेना , रेहान के कानों में जैसे किसी मधुर संगीत सा जान पड़ा । उसने अपने जज्बातों को काबू कर , पलट कर अंशिका की ओर नजर दौड़ाई , तो पाया कि , अंशिका उसे ही रिक्वेस्ट भरी निगाहों से देख रही थी । रेहान का तो दिल , उसे देखते ही पिघल गया । रेहान को रुका हुआ देख , अंशिका को खुशी हुई और उसने उससे कहा ।
अंशिका ( रेहान की आंखों को, अपनी समझ के अनुसार, पढ़ने की कोशिश करते हुए ) - रेहान !!!! आप शायद मीशा दी के साथ, डांस करने में कंफरटेबल नहीं है ना ????
रेहान आवाक सा अंशिका को देख सोचने लगा , कि इसे कैसे पता, मेरी प्रॉब्लम ??? अंशिका ने उसे मुस्कुराते हुए देखा और फिर उससे कहा ।
अंशिका - आप यही सोच रहे हैं ना , कि मुझे कैसे पता चला ??? ( रेहान ने हां में सिर हिला दिया , तो अंशिका ने अपने होठों की मुस्कान को बड़ी करते हुए कहा ) आपके चेहरे पर साफ लिखा है रेहान , कि आपको डांस करना बिल्कुल भी नहीं आता । ( मिशा की ओर देखते हुए ) आप सिर्फ दोस्तों के खातिर डांस कर रहे हैं। ( रेहान एक बार फिर आवाक सा, उसे बस देखता ही रह गया । अंशिका , उसका हाथ पकड़ कर उसे वहां लेकर आयी, जहां मीशा और रेहान प्रैक्टिस कर रहे थे , और उसका एक हाथ अपनी कमर पर हल्के से रख कर उसने कहा ) चलिए मैं आपको डांस करना सिखाऊंगी । इससे आपकी जिझक भी कम हो जाएगी और आप डांस में एक्सपर्ट भी हो जाएंगे ।
रेहान तो बस अंशिका के इस तरह से करीब आने से ही, एक अजीब सा सुकून महसूस कर रहा था । अपने हाथ को अंशिका के हाथ और कमर पर देख, उसके दिल की हालत क्या थी , यह तो शायद इस वक्त वही जान सकता था । जबकि अंशिका इन सबसे बेखबर , बस उसे स्टेप्स सिखाने की कोशिश कर रही थी । रेहान उसके कहे अनुसार , कभी दायां पैर , तो कभी बायां पैर , कभी हाथ, तो कभी अपने गर्दन कि मूवमेंट कर रहा था । उसे तो बस अंशिका और उसके कहे शब्द ही, इस वक्त सुनाई दे रहे थे । अंशिका के करीब होने का एहसास उसके दिल में एक, धुन सी उत्पन्न कर रहा था । साथ ही उस धुन ने धीरे - धीरे उसके दिल में अपना कब्जा कर , गाने का रूप ले लिया था। रेहान अंशिका को देखकर , उस गाने को, मन ही मन गुनगुनाने लगा । और उस गाने के शब्द, वह अपने और अंशिका के, एक - दूसरे के करीब के लम्हों के साथ जोड़ने लगा और उन प्यारे लम्हों को, खुद में महसूस करने लगा। जैसे वह अंशिका से अपने गाने की धुन को सुना कर , अपने दिल की बात कह रहा हो....... ।
सीधे सादे सारा सौदा सीधा सीधा होना जी
मैंने तुमको पाना है या तूने मेको खोना जी
आजा दिल की करे सौदेबाज़ी क्या नाराज़ी
अरे आ रे आ रे आ
सीधे सादे सारा सौदा सीधा सीधा होना जी
मैंने तुमको पाना है या तूने मेको खोना जी
आजा दिल की करे सौदेबाज़ी क्या नाराज़ी
अरे आ रे आ रे आ
सौदा है दिल का ये तू कर भी ले
मेरा जहाँ बाहों में तू भर भी ले
सौदे में दे कसम, कसम भी ले
आके तू निगाहों में संवर भी ले
सौदा उड़ानों का है या आसमानों का है
ले ले उड़ानें मेरी ले मेरे पर भी ले
सौदा उम्मीदों का है ख्वाबों का नींदों का है
ले ले तू नींदें मेरी नैनों में भर भी ले
सीधे सादे सारा सौदा सीधा सीधा होना जी
मैंने तुमको पाना है या तूने मेको खोना जी
आजा दिल की करे सौदेबाज़ी क्या नाराज़ी
अरे आ रे आ रे आ
दिल कहे तेरे मैं होंठों से बातों को चुपके से लूं उठा
उस जगह धीरे से हौले से गीतों को अपने मैं दूं बिठा.....,
दिल कहे तेरे मैं होंठों से बातों को चुपके से लूं उठा
उस जगह धीरे से हौले से गीतों को अपने मैं दूं बिठा
सौदा करारों का है दिल के फ़सानों का है
ले ले तराने मेरे होंठों पे धर भी ले
सौदा उजालों का है रोशन ख्यालों का है
ले ले उजाले मेरे आजा नज़र भी ले
सीधे सादे सारा सौदा सीधा सीधा होना जी
मैंने तुमको पाना है या तूने मेको खोना जी
आजा दिल की करे सौदेबाज़ी क्या नाराज़ी
अरे आ रे आ रे आ
मैं कभी भूलूँगा ना तुझे चाहे तू मुझको देना भुला
आदतों जैसी है तू मेरी आदतें कैसे भूलूँ भला....,
मैं कभी भूलूँगा ना तुझे चाहे तू मुझको देना भुला
आदतों जैसी है तू मेरी आदतें कैसे भूलूँ भला
सौदा ये वादों का हैप यादों इरादों का है
ले ले तू वादे चाहे तू तो मुकर भी ले
सौदा इशारों का है चाहत के मारों का है
ले ले इशारे मेरे इनका असर भी ले
सीधे सादे सारा सौदा सीधा सीधा होना जी
मैंने तुमको पाना है या तूने मेको खोना जी
आजा दिल की करे सौदेबाज़ी क्या नाराज़ी
अरे आ रे आ रे आ
रेहान अपनी संगीत मयी दुनिया में गुम था कि तभी अंशिका ने उसके हाथ से अपना हाथ अलग कर , मुस्कुराते हुए कहा ।
अंशिका - देखिए आप खुद को , कितना अच्छा डांस कर लेते हैं आप । ( मिशा की ओर इशारा कर ) अब आप मीशा दी के साथ डांस करिए और मैंने जो भी स्टेप्स सिखाए हैं , उन्हीं की, दी के साथ प्रैक्टिस कीजिए ।
रेहान का, अंशिका की आवाज़ सुन , संगीत से ध्यान भंग हुआ। पर उसका तो, अंशिका की अभी की कही हुई, बात सुन कर ही मुंह लटक गया । तभी उसके पास मीशा आयी और उसने रेहान का हाथ , डांस करने के लिए थामा और अपने पैर बढ़ाने लगी , पर रेहान का पैर ही उसके साथ नहीं बढ़ा। इस वजह से रेहान गिरने लगा , कि अंशिका ने समय रहते उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी ओर खींच लिया रेहान एक बार फिर उसकी खूबसूरती में गुम हो गया । पर वह और ज्यादा समय तक, अंशिका की खुबसूरती में खोता , कि तभी अंशिका और मीशा दोनों ने पूछा ।
मिशा और अंशिका - तुम / आप ठीक तो हो ????
रेहान का ध्यान भंग हुआ और उसने सही से खड़े होते हुए कहा ।
रेहान - मैं ठीक हूं ।
अंशिका ( रेहान के चेहरे की ओर देखते हुए बोली ) - लगता है , आप अब भी कंफरटेबल नहीं है ।
रेहान ने मुंह लटका लिया , तो अंशिका ने मुस्कुराते उससे कहा ।
अंशिका - एक तरीका है मेरे पास । ( दोनों अंशिका की ओर आस भरी नजरों से देखने लगे , तो अंशिका ने आगे कहा ) रेहान जी !!! आपके दिल के करीब जो भी हो , जिसके साथ आप डांस करने में कंफरटेबल फील करते हों, आप उन्हें मीशा दी में देखिए ...., ( दोनों नासमझ से अंशिका को देखने लगे तो, अंशिका ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा ) मेरे कहने का मतलब है , कि आप जिनके साथ भी डांस करने में कंफरटेबल फील करते हैं , उन्हें मीशा दी में इमेजिन कीजिए । ताकि आपको लगे, कि ये मीशा दी नहीं , बल्कि वह पर्सन है , जिहें आप अपने साथ डांस करते हुए देखना चाहते हैं या महसूस करना चाहते हैं।
अंशिका की बात से, रेहान और मीशा की आंखें चमक गई । दोनों ने डांस करने के लिए एक - दूसरे का हाथ पकड़ा और रेहान ने मीशा में अंशिका को इमेजिन किया । ऐसा करने से रिजल्ट ये हुआ, कि उसे सच में, मीशा की जगह अंशिका अपने साथ डांस करते हुए नजर आयी, उसके फलस्वरूप दोनों का डांस बेहतरीन होने लगा । अंशिका और मीशा, ये देख कर बहुत खुश हुईं । जबकि रेहान को उस समय दो - दो अंशिका नजर आ रही थी और वह दोनों अंशिका को मुस्कुराते हुए देख रहा था ।
इधर अंशिका के जाने के बाद , कायरा और आरव में एक बार फिर, एक चुप्पी सी बन गई थी । जहां आरव बार - बार कायरा से बात करने की कोशिश कर रहा था , तो वहीं कायरा उसे और उसकी कोशिशों को बार - बार इग्नोर कर रही थी । कुछ ही पल बाद , उनके एक क्लास मेट ने , आरव को बताया, कि उसे सीनियर्स बुला रहे हैं । उस क्लास मेट की बात सुन, आरव की रही - सही कोशिश भी मिट सी गई। आरव उसके कहने पर , कायरा को घूरते हुए चला गया । जबकि कायरा स्टेज के नीचे चेयर पर आकर बैठ गई । कुछ देर बाद, उसे भी संगीत के प्रोफेसर का बुलावा आ गया और वह रूही और अंशिका को बता कर , संगीत वाले प्रोफेसर के पास चली गई ।
यहां , डांस प्रैक्टिस करते हुए आदित्य ने , रेहान और मीशा को देख कर सौम्या से कहा ।
आदित्य - रेहान कितना अच्छा डांस कर रहा है ना , वो भी मीशा के साथ ।
सौम्या ( मुस्कुराते हुए रेहान को देख कर कहती है ) - सब अंशिका की मेहनत का असर है , जो रेहान ने एक ही दिन में , इतना अच्छा डांस करना सीख लिया ।
आदित्य - हम्मम , अच्छा ही है ना । ( सौम्या की ओर देख कर ) वैसे तुमने कहा था ना , कि रेहान और मीशा के लिए कोई सोल्यूशन निकालो । मैंने उसी सोल्यूशन के चलते , रेहान और मीशा के लिए कोरिॉग्राफर बुलवाया था । पर रेहान को मीशा के साथ, अच्छी तरह से डांस करते देख , मुझे लगता है , मुझे कोरिॉग्राफर को मना कर देना चाहिए । तुम्हारा क्या सजेशन है , इस मैटर में ???
सौम्या ( अंशिका की ओर देखते हुए ) - मुझे लगता है कि, अंशिका से अच्छा डांस रेहान को कोई नहीं सीखा सकता , ( रेहान की ओर इशारा कर ) तुम खुद ही देख लो ना , रेहान कितना अच्छा डांस कर रहा है ।
आदित्य - या ....., यू आर राइट । वैसे भी सिर्फ चार दिन ही बचे हैं , फंक्शन के लिए , उस बीच अगर कोरिॉग्राफर आएगा , तो रेहान को सीखने में शायद ज्यादा टाइम लगे । इस लिए मैं कोरिॉग्राफर को मना कर दूंगा , थोड़ी देर बाद । ( आदित्य , सौम्या की नज़रों में ध्यान से देखते हुए , जो उस वक्त रेहान को देख रही थी , कहता है ) वैसे मैं जान सकता हूं , के तुम क्या सोच रही हो ???
सौम्या ( रेहान को देखते हुए ) - मुझे ना , रेहान की नज़रों में कुछ तो ऐसा दिख रहा है , जो हमसे शायद वह छुपा रहा है, राहुल और रूही की तरह ।
आदित्य ( चिढ़ते हुए ) - ओह ...., स्टॉप इट यार सौम्या ...!!
तुम फिर से , उस दिन की तरह अपना अजीब सा, लोगों के आंखों को पढ़ने का, पुराण लेकर मत बैठ जाना । चिढ़ होती है मुझे, इन सबसे ।
सौम्या ( आदित्य की ओर देखते हुए ) - ओके ....., ओके ...
माय फ्यूचर हसबैंड । मैं ऐसा कुछ भी नहीं कहूंगी । ( शरारत से आदित्य को देखते हुए ) पर हां, आई लव यू तो कह सकती हूं ना , तुम्हें😉😍 ??!!
आदित्य सौम्या की बात सुन , मुस्कराए बिना नहीं रह सका , उसने मुस्कुराते हुए हां में सिर हिलाया और उसे उसके, आई लव यू का रिप्लाई भी बड़े ही रोमांटिक अंदाज में दिया। जिसे सिर्फ सौम्या ने ही देखा , बाकी सभी अपनी डांस प्रैक्टिस में बिज़ी थे ।
लगभग एक घंटे बाद , सभी कॉलेज कैंटीन में बैठे , आरव और कायरा का वेट कर रहे थे । जबकि इधर आरव को प्रिंसिपल ऑफिस में बुला लिया गया था । आरव प्रिंसिपल ऑफिस में किसी मुजरिम की तरह अपने दोनो हाथ बांधे खड़ा था , जैसे बस अभी ही सज़ा सुनाई जानी है , क्योंकि प्रिंसिपल सर का चेहरा देखकर, ये कतई नहीं लग रहा था , कि आरव को वहां आरती उतारने के लिए बुलाया गया होगा , मेरा मतलब कि तारीफ करने के लिए बुलाया गया होगा । इस लिए बेचारा आरव मुंह लटकाए खड़ा हुआ था । प्रिंसिपल सर ने अपना काम खत्म कर , आरव की ओर नजर डाली और हल्के गुस्से से उसे डांटते हुए कहा ।
प्रिंसिपल सर ( आरव को घूरते हुए ) - ये क्या है आरव ????
आरव ( असमंजस की स्थिति में कहता है ) - मींस ...........
?????? मैं कुछ समझा नहीं सर .....!!!!!
प्रिंसिपल सर ( गुस्से से ) - कॉलेज में इतना बड़ा फंक्शन हो रहा है और आपने उसमें अपने सीनियर्स की कितनी हेल्प करवाई है ??? कितनी जिम्मेदारियां आपने अपने जिम्मे ली है ????
आरव ( हकलाते हुए ) - वो ....., वो ..... सर ....., फंक्शन तो हमारे लिए ही ऑर्गनाइज हो रहा है , जिसकी जिम्मेदारी .......!!!!
प्रिंसिपल सर ( उसकी बात को बीच में काट कर, टेबल पर हाथ जोर से पटकते हुए कहते हैं ) - हमारे लिए हो रहा है, से क्या मतलब है आपका ???? आप शायद भूल रहे है आरव , कि जब से आप इस कॉलेज में आए है, हर एक फंक्शन आपकी मदद के बिना, सफल नहीं हुआ है । और ऐसा बिल्कुल भी नहीं है , कि इस कॉलेज में होनहार स्टूडेंट्स की कमी है । आप ही की तरह , ऐसे बहुत से अमीर घर के बच्चे , और होनहार स्टूडेंट्स इस कॉलेज में पढ़ते हैं, जो अपने - अपने लेवल पर , टॉप पर आते हैं । पर आप ये बखूबी जानते है, कि हमें आपके अलावा कुछ एक ही स्टूडेंट्स पर ट्रस्ट है । और ये सब जानते हुए भी , आप इतनी लापरवाही दिखा रहे हैं । ( चेयर से खड़े होकर , तेज़ आवाज़ में ) ये हमें हरगिज़ मंजूर नहीं है, आरव.......।
आरव ( अपनी बेबसी आजमाते हुए ) - स......, स......, सर !!!!! आप तो जानते हैं , इस समय मेरे कंधों पर , एक और नई रिस्पांसिबिलिटी , मेरी खुद की कंपनी के रूप में आ गई है । अगर मैं इन सबमें उलझा रहा , तो कंपनी की रिस्पांसिबिलिटीस को कैसे हैंडल करूंगा ????!!!!!
प्रिंसिपल सर ( गुस्से में ) - आप शायद भूल रहें , आरव शर्मा !!!! कि आप अभी भी एक स्टूडेंट हैं और जिस कंपनी की आप बात कर रहे हैं , उस कंपनी के नियम कानून के साथ, चेयर मैन बनने के लिए , आपको अभी भी , आपकी एमबीए की डिग्री की जरूरत है । और वो डिग्री आपको तब मिलेगी , जब आप इस कॉलेज के द्वारा , आपको सौंपी गई हर रिस्पांसिबिलिटी को , हमेशा की तरह , अच्छे से निभाएंगे । वरना शायद , खुद के बलबूते पर आप अपनी खुद की कंपनी खड़े करने का सपना भूल ही जाइए , मिस्टर आरव शर्मा ।
आरव ( प्रिंसिपल सर की ओर देखते हुए ) - पर सर...., मेरे कहने का सेंस, ये बिल्कुल भी नहीं था...। मैं तो बस......।
प्रिंसिपल सर ( उसकी बात को बीच में ही काटते हुए ) - तर्क दे रहे थे ......., ( आरव को घूरते हुए ) एम् आई राइट , मिस्टर आरव शर्मा !!!!!!! ( आरव ने कुछ नहीं कहा , और अपना सिर नीचे झुका लिया , प्रिंसिपल सर ने आगे कहा ) मुझे ना ही आपके किसी तर्क से मतलब है , और ना ही आपने, मेरे भरोसे पर अपनी कंपनी स्टार्ट की है । सो आरव !!!! हमेशा की तरह आप अपनी रिस्पांसिबिलिटीस संभालिए । और कंपनी की रिस्पांसिबिलिटीस आप कैसे संभालते हैं , ये मुझे जानने में कोई इंट्रेस्ट नहीं है । ( अपने गुस्से को साइड मे रख कर समझाते हुए ) पर हां ....., मुझे इतना जरूर आप पर भरोसा है , कि आप अपनी सभी रिस्पांसिबिलिटीस अच्छे से संभाल लेंगे , चाहे वह कॉलेज स्टूडेंट की हो , कंपनी के बॉस की या फिर एक अच्छे इन्सान की । ( अपनी चेयर पर वापस बैठते हुए ) आप, अपने सीनियर्स और प्रोफेसर्स से कंसल्ट करके , अपने काम पर लग जाइए । मैं आपसे , दो दिन बाद एक बार फिर , सारे अरेंजमेंट्स की जानकारी लूंगा । ( दरवाज़े की ओर इशारा कर ) मेरी बात खत्म हुई। दरवाज़ा वहां है, आप जा सकते हैं ।
आरव ने सर झुकाए हुए ही , तिरछी नजरों से एक नज़र प्रिंसिपल सर को देखा , कि अगर उसका बस चले तो वह उन्हें अभी ही खा जाए । पर फिर उसने मन में सोचा , कि मैं तो वेजिटेरियन हूं , इन्हें तो खा ही नहीं सकता । फिर अपना सा मुंह लेकर आरव , प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर आ गया ।
उसने मन ही मन खुद से कहा ।
आरव ( मन में , झल्लाते हुए ) - सच में , अगर आज मेरा बस चलता ना , तो मैं ये फंक्शन ही कैंसल करवा देता । जब सारे अरेंजमेंट्स मुझे ही करने हैं , तो फिर मुझे परमानेंट इसी जॉब में रख लो ना भाई..... । क्या जरूरत हैं , मुझे इतना पढ़ने की और डिग्री हासिल करने की । साथ ही अपने ऑफिस ( कंपनी ) की इतनी चिक - चिक बर्दास्त करने की । यहीं , परमानेंट बैठा दो मुझे..... । यही पर बैठे - बैठे, सारा ऑर्डर मार - मार कर काम करवा दूंगा । ( कुछ पल रुक कर चिढ़ते हुए, मन में कहता है ) प्रिंसिपल सर बोलते तो ऐसे हैं , जैसे मेरे हाथ लगाए बिना, इस कॉलेज में पत्ता तक ना हिलता हो । हुं...... हहहहहहह।
इतना कह कर वह कैंटीन की ओर जाने लगा । बेचारा आरव 🤦!!!!! इतनी सारी बातें , सिर्फ अपने मन में ही कह सकता था । क्योंकि प्रिंसिपल सर की वह इतनी इज्ज़त करता था , के उनके सामने अपना मुंह तक खोलने में उसे , झिझक महसूस होती थी । आज उसने इतना कुछ बोल दिया , यह सोच कर वह खुद आश्चर्य में था । पर कह किसी से नहीं सकता था । क्योंकि उसकी बातों पर कोई विश्वास ही नहीं करता। क्योंकि उसने प्रिंसिपल सर के सामने, उन्हें उनकी बातों का जवाब देने के अलावा, कभी मुंह ही नहीं खोला था । अब बचे उसके दोस्त , बेचारा अब उन्हीं के सामने सपना दुखड़ा रोने जा सकता था । जो कि वह करने ही जा रहा था , कि एक और महानुभाव आरव से टकरा गए । वे थे , आरव के सीनियर , रवि । रवि ने मुंह लटकाए हुए आरव को जाते हुए देखा, तो उसे रोकते हुए कहा ।
रवि ( आरव से ) - और भई फ्रेशर !!!! हो गई परफॉर्मेंस की तैयारी ??? हम तो भई तुम्हारे मुंह से गाना सुनेंगे । बताओ सुनाओगे ना ????
आरव को रवि का , उसको फ्रेशर कहना , गाली सा लग रहा था । क्योंकि फ्रेशर शब्द , आरव के जले में नमक छिड़कने के लिए काफी था । उसे गुस्सा तो बहुत आया , पर उसने चुप - चाप अपने गुस्से को पी कर , रवि से कहा ।
आरव - हम जैसे स्टूडेंट्स के लिए फ्रेशर शब्द बना ही नहीं है भैया । और रही परफॉर्मेंस की तैयारी , तो वो तो तब होगी ना , जब आप लोग इस फंक्शन को ग्रैंड बनाने में , अपना दिमाग और अपने हाथ पैर चलाओगे । अब जब सारी जिम्मेदारी मेरे हिस्से ही आनी है , तो कहां की परफॉर्मेंस की तैयारी और कहां का गाना ।
इतना कह कर , आरव पैर पटकते हुए वहां से चला गया । जबकि उसका सीनियर रवि , अपना सिर खुजलाते हुए , उसकी कही गई बात का अर्थ समझने की कोशिश करने लगा । क्योंकि उसे उसका कहने का मतलब , कुछ समझ ही नहीं आया था । और वह सोच रहा था , कि आरव ने ये गुस्से में कहा , कि बस ऐसे ही, नॉर्मली कह कर, वह चला गया ???!!!!
यहां आरव , सारे दोस्तों के पास कैंटीन में पहुंचा । उस वक्त अंशिका , अपने दोस्तों के साथ जा चुकी थी । आरव, अपना उतारा हुए चेहरा लिए , अपने दोस्तों के पास रखी हुई खाली चेयर पर बैठ गया । सभी दोस्तों ने उसका उतरा हुआ चेहरा देखा, तो उससे उसकी उदासी का कारण पूछा । आरव ने बुझी हुई सी आवाज़ में, अपनी नजरें नीचे किए हुए ही कहा ।
आरव - क्या बताऊं यार , दिमाग ही काम नहीं कर रहा है मेरा तो । पता नहीं आज सुबह से किसका चेहरा देख कर उठा था , जो सुबह से ही मेरा दिन आज खराब जा रहा है ।
तभी आरव को कायरा का खयाल आया , उसने अपनी नजरें ऊपर की , और सब तरफ देखने लगा , पर उसे कायरा कहीं नहीं दिखी । उसने सभी की तरफ, हैरानी से देखते हुए कहा ।
आरव - कायरा कहां है ???? नज़र नहीं आ रही !!! रूही , तुम्हें पता है कहां है कायरा ????
उसकी कायरा को लेकर चिंता देख , सारे दोस्त मुस्कुरा दिए । रूही ने मुस्कुराते हुए उससे कहा ।
रूही - डोंट वरी आरव !!!! कायरा को म्यूज़िक प्रोफेसर ने बुलाया है , वह उन्हीं के डिपार्टमेंट में गई है । आती ही होगी ।
आरव ( असमंजस की स्थिति में ) - म्यूज़िक प्रोफेसर !!!!! ( आदि से ) पर आदि , म्यूज़िक प्रोफेसर का तो ट्रांसफर हो गया है ना , दो महीने पहले ही ।
आदित्य - हां भाई , पर ये न्यू म्यूज़िक प्रोफेसर हैं , गौरव मिश्रा ।
आरव - ओह्!!!!!!
नील - तू बता, तू इतना परेशान क्यों है ????
रेहान - हां भाई , तुझे तो शायद सीनियर्स ने बुलाया था ना ।
आरव ( बेचारगी से ) - बुलाया तो सीनियर्स ने ही था , पर वहीं से प्रिंसिपल सर ने बुला कर , मेरी इज्जत की , मेरे बॉस गिरी की वाट लगा दी ।
सभी हैरानी से ( एक साथ ) - मतलब !!!!!!!
आरव - अरे मतलब क्या ??? इतना सुनाया...... , इतना सुनाया..... , इतना सुनाया ........।
नील ( झल्लाते हुए ) - अरे कितना सुनाया , बताएगा भी हमें ????
आरव ( रोनी सी सूरत बना कर ) - भाई , मैं खुद काउंट नहीं कर पा रहा हूं , कि उन्होंने मुझे कितना सुनाया☹️ !!!!!
उसकी बात सुन सारे दोस्त उसे हैरानी से देखने लगे , और फिर कुछ पल बाद , सारी गर्ल्स आरव के ऐसे बोलने के अंदाज को देख, हंसने लगीं । आरव ने जब उन्हें हंसते हुए देखा, तो खुद को नॉर्मल कर , घूर कर उन चारों गर्ल्स को देखा । आरव की नज़रों से , खुद को घूरता पाकर , चारों की हंसी अपने आप ही बंद हो गई । क्योंकि , आरव के गुस्से से सभी डरते थे और इस वक्त, वे चारों उसके गुस्से का शिकार नहीं होना चाहती थी । जबकि यहां आरव ने एक लम्बी सांस ली , और प्रिंसिपल सर के द्वारा कही गई सारी बातें अपने दोस्तों को बता दी । आरव ने अपनी बात खत्म की , कि तभी नील ने अगला सवाल दागा ।
नील - और सीनियर्स ने क्यों बुलाया था ।
आरव ( नील को घूरते हुए बोला ) - भाई!!!! सांस लेने देगा ???? ( फिर सभी की ओर देखते हुए बोला ) सीनियर्स ने सभी को .......।
वह अपनी बात कह पाता कि , तभी वहां पर कायरा भी आ गई , और आरव की तरह ही मुंह लटका कर , खाली पड़ी चेयर पर बैठ गई । अब सभी , कभी कायरा का उतरा हुआ चेहरा देखते , तो कभी आरव को देखते । क्योंकि सारे दोस्तों में , सिर्फ वही दोनों टेंस्ड थे .......।
क्रमशः