Resume Vaali Shaadi - 4 in Hindi Fiction Stories by Daanu books and stories PDF | रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 4

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रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 4

"उम्मीद है कि 8 हफ्ते से ज्यादा लंबा नहीं होगा.. निलय निलय ये क्या बोल आया तू, ऐसे कौन बोलता है, ऐसे लग रहा है पता नहीं कितना डेसपरेट हूं मैं", अपनी हरकतों का विश्लेषण करते हुए निलय बोला।

आज पूरे 4 दिन हो गए थे निलय और अवनी की पहली डेट को, और अवनी का ना तो कोई मैसेज आया और ना ही कॉल। आजकल का ज़माना अजी बहुत खराब है, पहले जहां लोग एक जवाब के लिए चार-चार हफ्तों का इंतजार कर लेते थे, वहीं आजकल चार घन्टे में जवाब नहीं आया तो समझो ब्रेकअप हो गया और यहाँ तो इंतजार करते हुए तो 4 दिन हो गए थे।

"क्या सही में मेरा ब्रेकअप हो गया??", कुछ सोचता हूं निलय अचानक से ज़ोर से बोला।

"क्या बोल रहे हो निलय सुनाई नहीं दे रहा है", रसोई से माँ की आवाज़ आई जिससे निलय को अपनी आवाज़ का अहसास हुआ।

"माँ, निलय का ब्रेकअप हो गया अब वह तुम्हारी बताई हुई लड़की से शादी करलेगा", निलय की बहन मिनी बोली।

"मिनी की बच्ची, तू मार खाएगी मुझसे"

"माँ निलय मुझे मार रहा है।"

दोनों की आवाज सुनकर माँ रसोई से करछी हाथ में लेकर बाहर आई।

"माँ ये निलय पागल को देखो"

"मिनी!!"

"निलय भैया!! इनका ना ब्रेकअप हो गया"

"निलय!"

"माँ"

"जो भी है अगर अब सब ठीक है तो मेहरा जी से बात करूं क्या? माना कि उनकी लड़की की हाइट थोड़ी छोटी है, चश्मा भी लगाती है, और दिखने में भी ठीक-ठाक ही है पर लड़की तो अच्छी हैं, और सबसी अच्छी बात पता है ये हैं कि तुम दोनों एक जैसा सा काम करते हो, तो वो क्या कहते है, अंडरस्टैंडिंग अच्छी रहेगी तुम्हारी।"

"मेरी मीटिंग है, मैं बाद में बात करता हूँ", वापस से काम में लगे निलय ने जब माँ की बात पर फिर विचार किया तो मुस्करा दिया,"मैं अच्छे से उसे समझता हूँ, उसे फ्राइडे से पहले टाइम नहीं मिलने वाला अपने काम से"।

जैसे निलय ने सोचा था वैसे ही, फ्राइडे दोपहर को जब उसके फ़ोन की घंटी बजी तो स्क्रीन पर अवनी का नाम टीमटीमाया पहले तो उसने सोचा कि वो फ़ोन नहीं उठाएगा।

"नहीं,अवनी से पंगा लेना मेरी सेहत के लिए ठीक नहीं है", खुद से ये कहते वो जल्दी से फोन उठता है।

"कल 12:00 बजे की मूवी टिकट ले ली है मैंने, तैयार रहना"

"मूवी, पर कौन सी और कहाँ??"

"बाय! मेरा कॉल है"

"जानबूझकर जवाब नहीं दिया होगा उसने, पर ऐसे कौन करता है, इतनी सुबह की मूवी और वह भी पता नहीं कौन सी लड़कियों वाली मूवी दिखाने ले जाएगी और वो भी कहाँ", अवनी के फ़ोन काटते ही, निलय अपने आप से बड़बड़ाने लगता हैं।

क्योंकि किसी को पता ना लगे इसलिए मूवी देखने भी दूर जाना होगा इसका अंदाजा तो निलय को था, पर उसका भुगतान उसे सैटरडे को सुबह 8:00 बजे से आने वाले अवनी के परेशान कर देने वाले कॉलस से देना होगा ये वो नहीं सोच पाया था, "उठे या नहीं",ये कम से कम 6 बार, हर 5 मिनट मैं कॉल करके अवनी से पूछ चुकी है, और अवनी की सातवीं कॉल से पहले, निलय की नींद कुछ ऐसी टूटी, की वो उठा और भागने लगा, नहाने के लिए, कपड़े बदलने के लिए, नाश्ते के लिए, इतनी जल्दी तो निलय ने शायद किसी इंटरव्यू के लिए भी नहीं दिखाई होगी , जितनी आज दिखा रहा था।

"निलय कोई इंटरव्यू है क्या?"

" नहीं माँ पिक्चर देखने जा रहा हूं"

"कौन सी?", मिनी भौचक्की होकर पूछती है

"तुझे क्यों बताऊं?"

"बाय माँ ।"

यह बोलते ही निलय मेट्रो स्टेशन की ओर भागा और वह पहुँचा ही था कि अवनी का मैसेज आया की वो 15 मिनट लेट है,जिसपे निलय उसे फ़ोन करके बोला,

"क्या यार, अगर खुद लेट थी, तो मुझे सोने देती ना।"

"अरे ऐसे कैसे, तुम्हें बताना था ना, इंतजार करना किसे कहते है तो ये तो करना ही था।"

"अवनी मेहरा डोन्ट यू थिंक, की मेरे छोटे से मजाक का बड़ा सा 5 दिन का इंतजार तुम आलरेडी करा चुकी हो।"

"क्या?", फोन से हटकर ने निलय के सामने आती हुए अवनी बोली ।