Ek Ladki - 8 in Hindi Love Stories by Radha books and stories PDF | एक लड़की - 8

The Author
Featured Books
Categories
Share

एक लड़की - 8

पंछी के ऐसे अचानक से प्रोपोज़ करने से ऋषि के होश उड़ गए थे और उसके पास ही खड़े उसके दोस्त हक्के बक्के रह गए थे और उन सब के पास थोड़ी दूर खड़ा निल ये बात सुन कर वहाँ से चला जाता है। पंछी देखती है कि निल चला गया है वो ऋषि की तरफ देखती हैं ऋषि को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब वो क्या करे ? इतने में पंछी बोल जाती है कि - ऋषि ! मेरा वो मतलब नहीं था मैं बोल रही थी कि क्या तुम किसी के सामने मेरा बॉयफ्रेंड बनने का नाटक कर सकते हो ?सच्ची में मैं तुम्हें बिल्कुल परेशान नहीं करूंगी बस किसी के सामने नाटक करना है तुम चाहो तो जब वो सामने ना हो तब तुम कुछ मत करना । प्लीज मान जाओ ? पंछी की ये बात सुन ऋषि को बहुत बुरा लगता है। पंछी एक बारओर पुछती है - ऋषि तुम मेरी मदद करोगे ना ? ऋषि गुस्से से मना करते हुए कहता है - नही ! मैं ऐसा कूछ नहीं करूँगा। और ऐसा बोल कर वो वहाँ से चला जाता हैं। हर्ष और राज भी ऋषि के साथ चले जाते हैं पंछी वहाँ खड़ी खड़ी सोचती है कि अब मैं क्या करूंगी । थोड़ी देर बाद वो क्लास चली जाती हैं आज ऋषि क्लास में नहीं आया था पंछी सोचती है कि कही मैने कोई गलती तो नहीं कर दी अचानक से जाकर बॉयफ्रेंड बनने के लिए पूछ लिया , मैं भी पागल हो गयीं थी। कॉलेज ख़त्म हो जाता है ऋषि कही नही दिखता है पँछी घर चली जाती हैं जाते ही वो सारी बातें झील को बताती है। झील को विश्वास नहीं होता कि पंछी ऐसा कुछ करने की हिम्मत भी कर सकती हैं। झील कहती हैं - पंछी ! तुम सच बोल रही हो ना , कही मुझसे मज़ाक तो नही कर रही। पंछी - नही.... दी ! सच में, मैने ऐसा ही किया है , पता नहीं वो मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा मुझे ऐसी वैसी लड़की तो नही समझा होगा ना ,ऐसी लड़की जो किसी को भी जाके प्रोपोज कर दे। झील कहती हैं - नही पागल ! तू ज्यादा ही सोच रही है , तूने सब बता दिया ना उसे , तो वो ऐसा कुछ नहीं सोचेगा । जो हुआ भूल जा उसे । कल की बात कल पर ही छोड़ दे जो होगा देखा जायेगा अभी आराम से रह। ओर सुन अभी श्याम को जतन आएगा हम नाईट वॉक करने चलेंगे। पंछी - ठीक है दी । तभी उसकी मम्मी आती हैं । उनके हाथ में काजू बादाम और कुछ सेहतमंद खाना था आते ही पंछी के पास बिस्तर पर ही रख देती है और कहती है - पंछी ! ये काजू बादाम तेरे लिए ही है रोज थोड़े थोड़े खाया कर ताकी तेरा दिमाग तेज हो सके और वैसे भी अभी तो तुझे अपनी लाइफ में बहुत कुछ करना है तो खाया कर । और अभी ये खाना खा ले तेरी चोट का अंदर का दर्द भी जल्दी ठीक हो जाएगा। पंछी - ठीक है मम्मी ! खा लूंगी । फिर उसकि मम्मी ठीक है बोलकर जाने लगती है तभी गेट पर से आवाज़ लगा कर कहती हैं - पंछी तू ही खाना , मेरे जाने के बाद झील को मत खिला देना। झील - ठीक है ना मम्मी, पंछी ही खायेगी मेरे लिए मैं ले लूंगी। मम्मी भी ठीक है बोल कर चली जाती हैं। श्याम होती है जतन आता है और तीनों नाईट वॉक के लिए पैदल चल पड़ते हैं। थोड़ी दूर जाने पर जतन धीरे से झील को एक तरफ करके पूछता है - हर बार पँछी को अपने साथ लाना जरूरी है क्या ? मुझे तुमसे बातें करनी होती हैं कैसे करूँगा ? ये बात आगे चल रही पंछी सुन जाती है वो बिना पीछे देखे ही जतन को चिड़ाते हुए बोल जाती है - जतन जी , आप बेफिक्र होकर बात कीजिये समझ लो कि मैं यहाँ हु ही नहीं।
जतन - तुम हमारी बाते सुन रही हो।
पंछी - नही तो , मैं तो बिल्कुल नहीं सुन रही आपकी बातें , बस आपकी आवाज थोड़ी तेज है तो वो अपने आप ही चलते हुए मेरे कानों तक आ गयी।
जतन - ठीक है , अब तो मै बिल्कुल धीरे बोलूंगा।
पँछी - देखते है ।
थोड़ी देर बाद रास्ते में वो ही कैफ़े आ जाता है जहाँ वो पिछली बार आये थे । उस कैफ़े के बाहर टॉमी ( कुत्ता ) बंधा हुआ था उसे बंधा हुआ देख जतन खुश होता हुआ उसके पास जाता है और पास ही खड़ा हो कर बोलता है - ओह... ये क्या हो गया आज तो इस कैफ का मालिक बाहर बंधा हुआ है सॉरी सॉरी ......तुम तो मालिक के कुत्ते हो मालिक थोड़ी हो , देखा तुम्हारी करतूतों की वजह से आज बाहर निकाल दिया ना । शायद आज भी टॉमी ( कुत्ते ) को जतन की ये बात पसन्द नहीं आयी वो फुर्ती से उठ कर कर भोंकता हुआ जतन को पड़कने उठता है जतन डर कर भागने लगता है जितने में उसे याद आता है कि वो तो बंधा हुआ है वो वही रुक जाता है फिर वापिस जतन उसे चिड़ाते हुए हँसने लगता है। हँसते हुए उसकी नज़र टॉमी की रस्सी पर पड़ती है वो बहुत लंबी थी रस्सी को देख कर वो टॉमी की तरफ देखता है टॉमी ऐसे देख रहा था जैसे कि कहना चाहता हो की अब तेरा क्या होगा जतन । जतन की हँसी एकाएक डर के कारण गायब हो गई और मम्मी मम्मी चिल्लाते हुए दौड़ने लगता है जितने में टॉमी उसकी जीन्स को खींच कर निचे गिरा देता है । और उसकी गर्दन पर पैर रख कर खड़ा हो जाता है जतन के तो एक ही पल में सारे चाँद सितारे नज़र आ जाते हैं फिर जैसे ही टॉमी उस पर भोंकता है उसे लगा जैसे आज तो वो गया । और डर के कारण जोर से चिल्लाता है। कैफ़े के अंदर से वेटर आता है टॉमी को दूर कर सॉरी बोलता है अब जतन कुछ बोलने की हालत में तो रहा नहीं। वो पँछी और झील के पास जाता है दोनों उसे समझाते हैं कि हमेसा उससे पन्गा क्यों लेते हो , हम भी डर गये थे तो कुछ कर भी नहीं पाए । दोनों की बात सुन कर जतन बोलता है - हम्म, आज के बाद इसके पास ही नहीं जाऊंगा, बोलूंगा भी नहीं। पंछी ओर झील उसकी आवाज़ सुन चौक जाते हैं । क्योंकि उसकी आवाज़ ही नही निकल रही थी सिर्फ होंठ हिल रहे थे। झील बोली - जतन तुम्हारी आवाज़ को क्या हुआ ये तो गायब ही हो गयी चलो हॉस्पिटल में चेक करवाते हैं। तीनो पास ही के हॉस्पिटल में जाते हैं जतन को चेक कर डॉक्टर कहते हैं कि ये बस डर की वजह से हुआ है फिर जतन को टेबलेट्स देते है टेबलेट्स लेने के थोड़ी देर बाद जतन डॉक्टर के केबिन से बाहर आता है झील कहती हैं - चलो अब चलते हैं जतन - हां चलते हैं। जतन की आवाज़ सुन तीनों चौक जाते हैं क्योंकि उसकी एक लड़की के जैसी आवाज आ रही थी तीनों दोड़ कर डॉक्टर के केबिन में जाते हैं डॉक्टर वहाँ काम कर रहे थे जाते ही जतन बोलता हैं - डॉक्टर , आज तो गजब हो गया मैं बोल तो बुलंद आवाज़ में रहा हु पर आवाज़ ऐसी आ रही है जैसे कोई अप्सरा स्वंय धरती पर उतर कर बोल रही हो। उसकी आवाज़ सुन डॉक्टर भी अपना काम छोड़ सिर उठा कर बोल पड़ते हैं - वाह! क्या आवाज़ है। गजब की आवाज़ दी है भगवान ने आपको। ये बात सुन जतन बोलता है - भगवान ने नहीं आपकी मेहरबानी से मिली है मुझे ये आवाज़। डॉक्टर भी उसकी आवाज़ सुन चौक जाते हैं और कहते हैं - रुको रुको गुस्सा मत करो , मैं तुम्हें दूसरी टेबलेट देता हूं कूछ दिनों में ठीक हो जाएगी आपकी आवाज़। जतन - कुछ दिन ? तब तक मैं ऐसे ही बोलूंगा । डॉक्टर - सॉरी लेकिन ठीक होने में समय लगेगा । झील - कोई नही डॉक्टर ! आप टेबलेट्स दे दीजिए। फिर जतन को बोलती है - अभी गुस्सा करने से कुछ नहीं होगा घर चलते हैं कूछ दिनों में ठीक हो जायेगा। जतन भी मान जाता है पूरे रास्ते बिना बोले वो दोनों को घर छोड़ कर अपनी कार में अपने घर चला जाता हैं। दोनों को जतन की चिन्ता भी होती है लेकिन आज की घटना याद करके वो दोनों रात भर बहुत हँसते हैं। अगले दिन पंछी तैयार होकर कॉलेज के लिए निकलती है मम्मी रोकते हुए उसे खाने के लिए कूछ बोर दे देती है और कहती हैं टाइम मिले तब खा लेना । पंछी भी मना नही करती है। और कॉलेज चली जाती हैं। आज स्माईली नही आती है तो आज वो कॉलेज में अकेली थी इसलिए वो क्लास ख़त्म होने के बाद गार्डन में जाकर बैठ जाती है उसके पास ही खेल का मैदान था जहाँ ऋषि हर्ष और राज बास्केट बॉल खेल रहे थे लेकिन थोड़ी देर रेस्ट करने के लिए बैंच पर बैठ जाते है हर्ष और राज गार्डन में बैठी हर्ष की एक्सगर्लफ्रेंड के बारे में बातें कर रहे थे राज कहता है - देखो तुम्हारी एक्सगर्लफ्रेंड आज किसी ओर के साथ हैं हर्ष - हां , पता है , रहने दो उसे , उसकी लाइफ है। राज - हा बात तो सही है । उसे देखते देखते हर्ष की नज़र पंछी पर पड़ती है और राज से कहता है - उसे छोड़ो उसके पास में ही थोडी दूर बैठी पंछी को देखो वो क्या कर रही हैं। राज नज़रे घुमा कर पंछी की तरफ देखता है । पंछी चेयर पर बैठी बैठी बोर खा रही थी ऐसे भी कह सकते है कि वो बोर चख रही थी वो एक बोर को थोड़ा सा खाती हैं और खट्टास की वजह से जोर से मुंह बिगाड़ देती फिर उसे फेक देती फिर दूसरा लेती ओर फिर चखती ओर फिर मुह बिगाड़ते हुए फेक देती उसने एक बार फिर एक बोर उठाया और फिर चखा वो कुछ ज्यादा ही खट्टा था जिससे वो मुँह बिगाड़ने के साथ साथ पूरी कांप उठी एक बार फिर उसने बोर उठाया और धीरे से चखा इस बार मीठा था तो वो बड़े चाव से खाने लगी। दूर बैठे हर्ष और राज उसकी मासूमियत को देख कर इस पल को एन्जॉय कर रहे थे फिर हर्ष को याद आता है कि ऋषि भी पास ही बेठा हैं वो उसे पंछी को दिखता है ऋषि उधर देखता है जितने में पंछी चली जाती हैं। वहाँ से पंछी क्लास चली जाती हैं वहाँ क्लास के बाहर निल खड़ा था उसे देख वो घबरा जाती है कि पता नहीं वो क्या करेगा ।