Ahsaas pyar ka khubsurat sa - 20 in Hindi Fiction Stories by ARUANDHATEE GARG मीठी books and stories PDF | एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 20

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 20


दूसरे दिन सूरज निकल चुका था और सभी कॉलेज पहुंच चुके थे ।आज सभी कॉलेज टाइम पर आ गए थे । पर मीशा नहीं आई थी । शायद कल की बेज्जती का सदमा , मीशा को कुछ ज्यादा ही लग गया था ।

आते ही सभी ने अपनी - अपनी डांस प्रैक्टिस स्टार्ट कर दी सिर्फ रेहान को छोड़ कर क्योंकि मीशा आई नहीं थी । और कहीं न कहीं मीशा के कल के बिहवियर के बाद, वह उसके साथ डांस करना भी नहीं चाहता था ।

तभी वहां पर अंशिका आ गई अपने दोस्तों के साथ । उसने आरव और कायरा और बाकी सभी को देखा तो वह अपने दोस्तों को बाय बोलकर, उनके पास आ गई और सभी से बोली ।

अंशिका - हाय ........, एवरीवन...।

सभी ने डांस प्रैक्टिस करते हुए ही उसके हाय का जवाब हैलो में दिया और सभी प्रैक्टिस में लग गए । तभी अचानक से कायरा का पैर डांस प्रैक्टिस करते हुए, हल्का सा मुड़ गया । वह गिरने ही वाली थी, के आरव ने उसे संभाल लिया और दोनों ही एक दूसरे की आंखों में खोने लगे । वो दोनो एक - दूसरे के आंखों की गहराइयों में और ज्यादा खोते, के तभी अंशिका उनके पास आ गई और उसने मुस्कराते हुए खांसने की एक्टिंग की । उसकी आवाज़ से सुनते ही दोनों झेंप गए और दोनों ही ने एक - दूसरे से अपनी नजरें हटाई , नॉर्मली खड़े हो गए । आरव ने कायरा से पूछा ।

आरव - आर यू ओके ????

कायरा ( अपना सिर हां में हिलाते हुए ) - हम्ममम ।

आरव - पर तुम गिरी कैसे ? कहीं लगी तो नहीं तुम्हें ???

कायरा ( धीमी आवाज़ में ) - वो आपका पैर फिसल गया था और आप गिर गए ।

आरव ( हैरानी से ) - क्या .........😳😳😳????? मेरा पैर कब फिसला 🤔🤔🤔🤔???? मैं कब गिरा 🤨🤨🤨🤨🤨?????

अंशिका ( आश्चर्य से ) - कायरा दी..., भाई कब गिरे ??? ( हल्का सा हंसते हुए ) ओ.....हो......दी, भाई खुद की नहीं आपकी बात कर रहे हैं ।

कायरा ( सकपकाते हुए ) - वो ....., वो ....., गलती से बोल गई । वो ..... मेरा गलती से पैर फिसला गया , इसलिए मैं गिरने वाली थी ( आरव को देखते हुए ) के आपने बचा लिया । ( नीचे जमीन की ओर देखते हुए ) लेकिन मैं ठीक हूं , मुझे कहीं नहीं लगी है ।

आरव - फाइन, मैं तो डर गया था ।

अंशिका ( शक भरी नजरों से आरव को देखते हुए ) - आप
क्यों डर गए थे, भाई ?????

आरव ( झेंपते हुए ) - अरे ......, अरे ...., वो .....।

अंशिका ( उसे बीच मे ही टोकते हुए ) - क्या ..........???? बताइए न भाई !!!!! इस तरह अरे ..., वो ..... , का मतलब मैं क्या समझूं ???

आरव ( अपने आप को कवर करते हुए ) - अरे कुछ नहीं , मुझे लगा के कहीं मोच न आ गई हो , वरना फिर से हॉस्पिटल ले जाना पड़ता ।

आरव की बात पर कायरा हैरानी और गुस्से के मिले जुले भावों से आरव को घूरने लगती है और अंशिका अपने सिर को खुजलाते हुए असमंजस की स्थिति में कहती है ।

अंशिका - फिर से हॉस्पिटल ले जाना पड़ता मतलब !!!! आप दोनों कभी, एकसाथ हॉस्पिटल गए हो क्या ???

अंशिका की बात पर कायरा और तेज़ गुस्से से, आरव को देखने लगती है । जबकि आरव बेचारा बन कर कायरा को देख रहा होता है और मन ही मन सोच रहा होता है के .....।

आरव ( मन में ) - बुरे फंसे, एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई , क्या करूं कुछ समझ नहीं आ रहा ।

अंशिका ( फिर से ) - बताइए न भाई .......!

कायरा आरव को इशारे से आंखें दिखाते हुए कहती है ......।

कायरा ( इशारों में आरव से ) - बताइए अब .......।

आरव ( कायरा को देख सहम कर डरते हुए अंशिका से कहता है ) - अ.... अन......., शि....का...., अंशिका ! ( अंशिका की तरफ रुख कर ) वो मैं क्या कह रहा था .....।

अंशिका ( बीच में ही ) - क्या कह रहे थे आप भाई ????

आरव ( सोचते हुए ) - क्या कह रहा था......, क्या कह रहा था......!!!!

अंशिका ( मासूमियत से ) - वहीं तो पूंछ रही हूं भाई....! के आप क्या कह रहे थे ????

आरव ( एक नजर कायरा को देख बात घुमाते हुए ) - वो मैं ये कह रहा था ......., कि......... ( थोड़ी देर रुक कर ) कि तूने पार्टिसिपेट नहीं किया डांस में ????

अंशिका - अरे....., कल ही तो बताया था आपको भाई , जब हम सब फैमिली के साथ डिनर के टाइम, बातें कर रहे थे ।

आरव ( याद करते हुए ) - हां अअअअअअअअ.....। ( मन में ) लगता है आज मेरी बहन मुझे मरवा के ही छोड़ेगी ।

अंशिका ( हल्के गुस्से से ) - इतना लंबा , हां बोलने की क्या जरूरत है भाई ? ( आरव को उंगली दिखा के वॉर्न करते हुए ) देखो भाई ! अगर आप बात को घुमाने की कोशिश कर रहे हो , तो मैं आपको बता दूं , मैं अब आपकी छोटी वाली अंशिका नहीं हूं , बड़ी हो गई हूं , और आपके सारे ड्रामे समझती भी हूं । तो अब आप बिना किसी नाटक के सीधे - सीधे बताइए , के फिर से हॉस्पिटल जाने से कहने का मतलब क्या था आपका ????

आरव ( मन में ) - ( ऊपर सीलिंग की ओर देखते हुए ) हे भगवान , सारे जासूस मेरी ही कुंडली में बैठा के रखा है क्या, आपने ???? ( अंशिका से ) वो क्या है अंशिका ! कल ऑफिस के एक एम्प्लोई के पैर में चोट लग गई थी , और वह फीमेल एम्प्लोई थी , इस लिए मैं और कायरा उसे हॉस्पिटल ले कर गए थे, ड्रेसिंग करवाने । अभी कायरा की हल्की चीख सुनकर मुझे वही याद आ गया । ( कायरा की ओर देखते हुए ) इस.....लिए ही मैंने कहा , के फिर से ..... हॉस्पिटल न जाना पड़ जाए ।

आरव के इतना कहने पर, कायरा ने फिर से आरव को घूर कर देखा , जिससे आरव की सिट्टी - पिट्टी ही गुम हो जाने को थी । बेचारा मन ही मन इस घड़ी को कोस रहा था , क्योंकि कभी झूठ न बोलने वाले इंसान को फिर से झूठ बोलना पड़ा था और वो भी दोबारा कायरा के सामने । पिछले झूठ के बारे में तो कायरा को पता नहीं था , लेकिन अभी का झूठ तो उसे अच्छे से पता भी था, और वो उसे गुस्से से देख भी रही थी। बेचारा मन ही मन डर रहा था, के कहीं कायरा बुरा न मान जाए , और उसकी प्यार की रेलगाड़ी बीच पटरी पर ही न रुक जाए😢🥺🙄😒😧😰। पर अंशिका के रहते आरव ने खुद को संभाल लिया और चेहरे पर किसी भी प्रकार के भाव न आने दिए , इस डर से, के कहीं दोबारा सवालों की बौछार न लग जाए, अंशिका की। तभी अंशिका बोली .......।

अंशिका - अच्छा ...., तो ये बात है । ( दोनों से ) अच्छा चलो....... ,कायरा दी और भाई आप, आप दोनों अपना डांस दिखाओ । मैं भी तो देखूं के आप दोनों परफॉर्मेंस की प्रैक्टिस अच्छे से कर रहे हो के नहीं ।

इतना कह कर अंशिका हल्के से मुस्कुरा देती है । तो कायरा का गुस्सा अब , छूमंतर हो जाता है। और वह आरव की ओर देखती है, जो अब उसे ही हल्के मुस्कुराते हुए , देख रहा होता है । अंशिका दोनों को आमने - सामने खड़ा कर देती है । आरव कायरा की ओर अपना हाथ बढ़ाता है, तो कायरा उसका हाथ थाम लेती है। इस बार आरव कायरा का कस कर हाथ पकड़ता है , जिससे कायरा फिर से न गिरे । पर कायरा आंखें चुराते हुए , आरव से थोड़ी दूर - दूर ही डांस कर रही होती है । अंशिका बस उनका डांस देख रही होती है ।

तो वहीं कोई शक्स, जब से अंशिका आई थी तब से लगातार बस उसे ही देखे जा रहा था , और उसकी मासूमियत में ऐसे खोया हुआ था , जैसे चकोर पक्षी चंद्रमा की शीतलता में खोया रहता है । जबकि अंशिका के दिमाग में खुशी की कहीं हुई बातें चल रही थी । वह दोनों को देखकर पता लगाना चाहती थी , के उसका और खुशी का शक सही है या नहीं , और अगर सही है , तो वह आरव और कायरा को और नज़दीक लाने के ख्वाब देख रही थी । अंशिका के कहने पर आरव और कायरा डांस स्टेप्स स्टार्ट कर देते हैं । और अंशिका उन्हें जज कर रही होती है ।

तो वहीं स्टेज से थोड़ी दूर में खड़ी मीशा जाने कब से कायरा और आरव की नजदीकियां देख रही थी , साथ ही वहां खड़ी - खड़ी जलन की आग में कुढ़ रही थी । वह इस तरह से खड़ी हुई थी के वह तो सभी को देख सकती थी , पर उसे कोई नहीं देख सकता था। तभी वहां पर राजवीर आ गया , और मीशा के जस्ट पीछे खड़े होकर , धीरे से उसके कान में कहा ।

राजवीर ( तीखी नज़रों से कायरा और आरव को देखकर ) - इस तरह से यहां , जलन की आग में सुलग कर, खड़े रहकर उन्हें ताकने से, कुछ हाथ नहीं आएगा ।

राजवीर की आवाज़ से मीशा डर जाती है , और अचानक से पलटती है , और गिरने को होती है । तभी राजवीर उससे दूर होकर तीखी मुस्कान के साथ उसे देखता है । मीशा खुद को गिरने से संभाल लेती है । और राजवीर की ओर हैरानी से देखती है । राजवीर उससे कहता है ।

राजवीर ( उसी तीखी मुस्कान के साथ ) - ऐसे हैरान मत हो । मैंने तो तुम्हें यहां अकेले देखा, तो चला आया तुम्हारे पास।

मीशा ( गुस्से से ) - ये जो थोड़ी देर पहले तुमने हरकत की , उसे मैं क्या समझू??? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई , ऐसी बत्तमीजी करने की ???

राजवीर - ओ.... फ्फ्फ्फ्फ्फो....मीशा !!!!! मेरे सामने तो ये सती सावित्री बनने का नाटक, कम से कम तुम न ही करो, तो अच्छा होगा ।

मीशा ( तुनग कर ) - व्हाट डू यू मीन से बाय सती सावित्री??????

राजवीर ( मीशा के पास आकर अजीब ढंग से उसे घूरते हुए ) - जो लड़की खुद अनेकों के साथ रिलेशन रख चुकी हो , और अब फिर से किसी को पाने के सपने देख रही हो , जो उसे उस नजर से देखता तक नहीं है । वह लड़की सीधी तो हो ही नहीं सकती । है न मीशा .......!!!!????

मीशा गुस्से से मुंह फेर कर , एक बार फिर आरव और कायरा को देखने लगती है । जो इस वक्त एक दूसरे को निहारते हुए डांस कर रहे होते हैं । राजवीर अब उसके बगल मे आकर खड़ा हो जाता है , और वह भी आरव और कायरा को गुस्से में घूरते हुए मीशा से कहता है ।

राजवीर - वैसे ये कहना ग़लत नहीं होगा , कि हम दोनों एक ही कश्ती पर सवार है ।

मीशा ( नासमझी से ) - मतलब ????

राजवीर ( आरव और कायरा को घूरते हुए ) - जो तुम्हारी परेशानी के सबब बने हुए हैं , वहीं मेरी परेशानी का भी कारण है ।

मीशा ( राजवीर की ओर देख कर ) - मैं कुछ समझी नहीं ।

राजवीर ( मीशा की ओर रुख कर ) - मतलब ये डार्लिंग , के मुझे सब कुछ पता है , जो कल यहां हुआ , और जिस वजह से तुम उन सबसे अलग, अपनी डांस प्रैक्टिस छोड़ कर यहां खड़ी हो।

मीशा ( हैरानी से ) - पर तुम्हें कैसे पता ????

राजवीर ( तीखी मुस्कान के साथ ) - शायद तुम भूल रही हो जानेमन , के मैं राजवीर हूं , राजवीर तिवारी । जिसे अपने - आस पत्ता भी हिलता है , तो उसे खबर पहले लगती है । तुम तो बहुत अच्छे से जानती हो , के राजवीर तिवारी उड़ते हुए पन्क्षियों के भी पर गिन लेता है । फिर तुम और तुम्हारे दोस्त तो मात्र एक चलती - फिरती कठपुतलीयां है ।

मीशा ( फीकी मुस्कुराहट के साथ ) - हम्मम......, तुम अगर पन्क्षियों के पर गिन लेते हो , तो मैं भी तुम्हारी फितरत से अंजान नहीं हूं, मिस्टर राजवीर तिवारी ।

राजवीर ( अपने हाथों की घड़ी बनाते हुए ) - डेट्स ग्रेट!!! तब तो फिर तुम ये भी जानती होगी , कि मैं यहां तुम्हारे सामने क्यों खड़ा हूं ????

मीशा ( कायरा की तरफ देखते हुए ) - सुनी - सुनाई बातों पर यकीन करना मेरी फितरत नहीं है , राजवीर । ( राजवीर की ओर देखते हुए ) इतना तो तुम मेरे बारे में , पता करके आए ही होगे । अब अगर असली कारण खुद ही अपने मुंह से उगल दोगे , तो मुझे भी यकीन हो जाएगा ।

राजवीर ( घड़ी बने हुए हाथों को अलग कर , पैन्ट की जेब मे डालते हुए ) - नॉट बेड , काफी अच्छे से जानती हो तुम मेरी फितरत को ।

मीशा - तुम्हारी फितरत को हम दोस्तों में से कौन नहीं जानता, ( कायरा की ओर देखते हुए ) ईवन नए - नए परिंदों को भी तुम्हारे किए गए करतबों की खबर है।

राजवीर ( मीशा का इशारा समझते हुए ) - अच्छा ही है ना , दिखावे की जिंदगी जीना तो राजवीर तिवारी को वैसे भी रास नहीं आती ।

मीशा - दिखावे की ज़िन्दगी के बारे में तुम तो मुझे न ही बताओ तो अच्छा होगा । कुछ दिन पहले ही तुमने किसी को, अपने दिखावे से इंप्रेस करने की कोशिश की थी , मगर अफसोस , कामयाब नही हुए थे ।

राजवीर ( गुस्से से अपने दांत पीसते हुए ) - उसी का इल्म तो मुझे जीने नहीं दे रहा है । ( नॉर्मल बनते हुए ) वैसे ये सब छोड़ो , ये बताओ के तुम कैसे अपनी पुरानी ज़िन्दगी में वापस जाओगी ???

मीशा ( आरव की ओर देखते हुए ) - सोच तो बहुत कुछ रही हूं , पर कोई सटीक सोल्यूशन नहीं मिल रहा है ।

राजवीर - कहो तो मैं तुम्हारी हेल्प कर सकता हूं ।

मीशा ( राजवीर की ओर रुख कर ) - मेरे इतने भी खराब दिन नहीं आए हैं , के मैं तुमसे हेल्प लूं ।

राजवीर - वैसे एटीट्यूटेड होना अच्छी बात होती है , लेकिन ओवर एटीट्यूड इंसान को जमीन में लाकर पटक भी देता है । और अपने आस - पास तुम देख भी लो , भला कोई है, तुम्हारी हेल्प करने के लिए , मेरे अलावा ??? ( राजवीर के कहने पर मीशा अपने चारों ओर देखती है , पर उसे उम्मीद कहीं नजर नहीं आती , क्योंकि वह कितने भी दोस्त क्यों न बना ले , पर आरव और उसके दोस्त अगर उसके साथ न हों , तो उसकी उस कॉलेज में कचरे के बराबर भी वैल्यू नहीं है , ये उसे आज समझ आ रहा था ) जिन दोस्तों के बल - बूते पर , तुम मुझसे इस तरह बात कर रही हो , ( सारे दोस्तों की ओर अपने हाथों की उंगली से दिखाते हुए ) वे सब तो खुद तुमसे रूठे बैठे हैं । ( राजवीर की बात पर, मीशा कुछ नहीं कहती , बल्कि अपना सिर नीचे कर जमीन की ओर ताकने लगती है ) अब अगर कायरा और आरव के बीच बढ़ती नजदीकियों को कम करना है , तो तुम्हें मेरी एडवाइस लेनी ही होगी । इससे पहले के दोनों अपने प्यार का इज़हार एक - दूसरे को कर दें , तुम मेरी हेल्प से उन्हें एक - दूसरे से मीलों दूर कर सकती हो । अगर चाहो तो .......!!!!!!

इस बात पर मीशा आस भरी नजरों से राजवीर को देखती है , तो राजवीर तीखी मुस्कान हंस देता है और कहता है ।

राजवीर - राइट डिसीजन मीशा । पर मेरी एक शर्त है ।

मीशा ( बिना किसी भाव के ) - कैसी शर्त ????

मीशा जानती थी के राजवीर जैसा इंसान , बिना अपने मतलब के , किसी की भी हेल्प नहीं करता , इस लिए उसने बिना किसी भाव से उससे पूछ लिया । जबकि राजवीर कायरा की ओर देख कर मीशा से कहता है ।

राजवीर - अगर आरव तुम्हारा प्यार है ( मीशा अब हैरानी से राजवीर को देखने लगती है , क्योंकि वह आरव को पसंद करती है , ये बात तो उसने अपने दोस्तों को तक नहीं बताई थी । फिर राजवीर को कैसे पता चली , ये बात??? वह यही सोच रही होती है, के राजवीर आगे कहता है ) तो कायरा भी मेरी पसंद है । इस लिए कायरा को इसमें कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए ।

मीशा - पर तुम्हें कैसे पता के मेरा प्यार आरव है ?????

राजवीर ( एक बार फिर फीकी हंसी हंसते हुए ) - शायद तुमने थोड़ी देर पहले कहीं हुई मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया ।

मीशा को राजवीर की थोड़ी देर पहले कहीं हुए बातें याद आती है , जब उसने कहा था " फिर से किसी को पाने के सपने देख रही हो , जो उसे उस नजर से देखता तक नहीं " याद आता है । वह आश्चर्य से राजवीर से कहती है ।

मीशा - अगर मैंने किसी से कहा होता , के मैं आरव को पसंद करती हूं , तब तुम्हें पता होता , तो मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं थी । पर मैंने तो ये बात किसी से कहीं ही नहीं , तो फिर तुम्हें कैसे पता चला ?????

राजवीर - मैंने ऐसे ही नहीं कहा था , कि मैं उड़ते हुए पन्क्षियों के पर गिन लेता हूं । ( मीशा अब जान जाती है के राजवीर के कहने का क्या मतलब है , पर तब भी राजवीर उसे बताता है ) तुम्हारी आंखों में कायरा के लिए जलन दिखती है , जो सिर्फ आरव के नजदीक आने से ही होती है । इससे पहले तुम्हें कभी , किसी के लिए जलते नहीं देखा है ।

मीशा - हम्ममम,( राजवीर की अभी की क्षी हुई बातों को इग्नोर कर ) ठीक है , कायरा को कोई तकलीफ नहीं होगी , तुम बस तरीका बताओ ।

राजवीर पहले तो फीकी हंसी हंस कर मीशा को देखता है फिर , उसे कुछ बताता है । और दोनों उसी मैटर पर बात करने लगते है ।

इधर अंशिका आरव और कायरा से झल्ला कर कहती है ।

अंशिका - ये कैसा डांस कर रहे हो आप दोनों ??? ( अंशिका के कहने पर कायरा और आरव डांस करना बंद करके , एक - दूसरे को तो कभी अंशिका को देखने लगते हैं , अंशिका आदित्य और सौम्या की ओर इशारा कर कहती है ) देखिए, आदि भाई और सौम्या भाभी को । ( कायरा और आरव आदि और सौम्या को देखने लगते हैं ) दोनों कितने फील के साथ डांस कर रहे हैं ।

कायरा उन्हें देख थोड़ी सा सकपका जाती है, क्योंकि दोनों ही एक - दूसरे के नजदीक होकर, खुद में खोए हुए ही डांस कर रहे थे । जबकि आरव उन्हें देख कर मुस्कुरा देता है , क्योंकि दोनों ही बहुत ही प्यारे क्यूट कपल की तरह डांस कर रहे थे, साथ ही बड़े प्यारे भी लग रहे थे । आरव अंशिका की ओर रुख कर उससे कहता है ।

आरव - वो दोनो कपल है यार , तो उनमें ........, ( बाकी के शब्द वह अपने मुंह में ही चबा जाता है , क्योंकि कपल शब्द सुनकर कायरा फिर से आरव को गुस्से से घूरने लगती है , आरव अपनी बात को संभालते हुए ) मेरा मतलब था के ऐसे ही बढ़िया है न हमारा डांस , यही रहने दे न, अंशिका !!!

अंशिका - नहीं भाई , मेरे हिसाब से ये डांस परफेक्ट नहीं है ।

आरव - अब तेरे जैसी परफेक्ट और मंझी हुई डांसर के सामने हम कोई भी डांस करे , वह परफेक्ट कैसे हो सकता है भला ?????

कायरा ( हैरानी से ) - मंझी हुई डांसर से आपका मतलब क्या है, आरव ????

आरव ( मुस्कुराते हुए ) - हमारी अंशिका , पढ़ाई के साथ - साथ डांस में भी टॉपर है । इसने अपनी स्कूल लाइफ में , डांस कॉम्पिटिशन में कई ट्रॉफी जीती हैं । साथ ही इसे मुंबई के कई इवेंट्स से इन्विटेशन भी आया है , परफॉर्मेंस देने के लिए पर इसने कभी उनमें हिस्सा ही नहीं लिया ।

कायरा - पर अंशिका , तुमने क्यों इवेंट्स में हिस्सा नहीं लिया ???? जबकि यह तो बहुत बड़ी ऑपर्च्युनिटी थी , तुम्हारे कैरियर के लिए ।

अंशिका - पर मुझे ये ऑपर्च्युनिटी नहीं चाहिए थी दी ।

कायरा ( हैरानी से ) - पर क्यों अंशिका ?????

अंशिका ( मुस्कुराते हुए ) - क्योंकि मेरे लिए मेरा कैरियर , डॉक्टर बनने के सपने से शुरू होता है , और उसी पर खत्म । मैं उसके अलावा कोई और सपना नहीं देखती , क्योंकि मैं अपने बचपन के सपने के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहती । और रही बात डांस की , तो वह तो मैं सिर्फ इंटरटेनमेंट के लिए करती हूं , पर पता नहीं क्यों , भाई और बाकी सब उसे अच्छा कहते हैं , साथ ही जजेस पता नहीं क्यों मुझे ट्रॉफी दे देते हैं ।

इतना कहकर वह खिलखिलाकर हंस देती है । उसके हंसने से कायरा और आरव भी मुस्कुरा देते हैं । अंशिका फिर उन दोनों से कहती है ।

अंशिका - अच्छा चलिए , अब जैसे - जैसे मैं बताऊंगी वैसे - वैसे स्टेप्स करिएगा आप दोनों । ( कायरा और आरव एक - दूसरे को चोर नजरों से देखते हुए खड़े हो जाते हैं , अंशिका दोनों को आमने - सामने खड़ाकर, कायरा का एक हाथ पकड़ कर आरव को देते हुए कहती है ) लीजिए भाई , पकड़िए दी का हाथ ( आरव कायरा का हाथ पकड़ लेता है , फिर अंशिका कायरा का दूसरा हाथ , सीधे आरव के कंधे पर रखती है , जिससे कायरा और आरव हैरानी से उसे देखने लगते हैं । आरव का तो दिल जोरों से धड़कने लगता है। अंशिका उन पर बिना ध्यान दिए , आरव का दूसरा हाथ पकड़ कर कायरा की कमर पर रख देती है , जिससे कायरा और आरव दोनों को ही एक सिहरन सी होती है , कायरा अपनी आंखें बंद कर लेती है , जबकि आरव अपने ट्रेन से भी ज्यादा स्पीड से चल रहे धड़कते दिल को खुद में काबू करने की कोशिश कर रहा होता है । पर एक उसका दिल है , जो उसकी नहीं सुनता और अपनी गति और तेज कर लेता है , अंशिका दोनों को डांस की पोज में खड़े कर , उन्हें देख कहती है ) परफेक्ट....., अब ठीक लग रहा है ।( कायरा अंशिका की आवाज़ें सुन अपनी आंखें खोल लेती है और आरव भी अपनी दिल की धड़कनों से अपना ध्यान हटाकर अंशिका की बातों पर लगाने लगता है । अंशिका दोनों को और करीब ला कर कहती है ) अब आप दोनों को ऐसे ही डांस करना है , एक - दूसरे के करीब रह कर , साथ ही एक्सप्रेशन भी देना है, जो सॉन्ग के अकॉर्डिंग ही रहेंगे । और हां , एक - दूसरे की आंखों में आंखे डाल कर डांस करिएगा आप दोनों, जो इस डांस के और सॉन्ग के अकॉर्डिंग परफेक्टली मैच होगा ।

कायरा और आरव अंशिका की बात सुन , एक - दूसरे के आंखों में देखने लगते हैं । तभी अंशिका उन्हें स्टेप्स बताती है । जिसे वो दोनो फॉलो करने लगते हैं । तभी एक पल को फिर दोनों की आंखें एक - दूसरे से मिल जाती है । पर अब वे दोनों शिद्दत से एक - दूसरे को देखने से नहीं रोक पाते हैं । दोनों ही एक दूसरे की आंखों में ऐसे खोए रहते हैं , जैसे विष्णु, वृंदा को देख उसकी खूबसूरती में खो गए थे। दोनों एक दूसरे के इतने करीब थे , के दोनों ही एक दूसरे की बढ़ी हुई धड़कनों के गति को बखूबी महसूस कर पा रहे थे । कह एक दूसरे से कुछ नहीं रहे थे , पर उनकी जुबान की जगह आंखें एक दूसरे से बातें जरूर कर रही थी । अनगिनत , अनकही बातें , दोनों की आंखों की गहराइयों के बीच हो रही थी ।

कायरा - आरव , मैं आपकी ओर क्यों खींची चली जा रही हूं????

आरव - क्योंकि तुम्हारी आंखों को, मेरी नजरों से मोहब्बत हो गई है ।

कायरा - पर ये सच नहीं है , आरव !

आरव - यही सच है कायरा .....! तुम भले ही न मानो , पर तुम्हारी आंखें , बेतहाशा सच्चाई बयां कर रही हैं , जिसे तुम चाह कर भी झुठला नहीं सकती ।

कायरा - क्या सच में इसे ही प्यार कहते हैं आरव !!!???

आरव - हां कायरा , इसे ही प्यार कहते हैं ।

आंखों ही आंखों में हम एक दूजे की,
इस कदर जाने निसार हो गए.........,
के एक दूसरे से मोहब्बत का इज़हार करके भी,
हम एक दूजे की मोहब्बत से अंजान हो गए।।।।

दोनों को एक - दूसरे की आंखों में खोया हुआ देख , अंशिका मन ही मन सोचती है ।

अंशिका ( मुस्कुराते हुए मन में ) - खुशी भाभी , आज तो आपको खुश खबरी मैं देकर ही रहूंगी । दोनों को देखकर, ये तो क्लियर हो गया, के दोनों ही एक दूसरे के इश्क़ में खोए हुए हैं । पर इनके दोनों के बीच पसरी खामोशी , इस बात का सबूत है , के दोनों ही ने अभी तक अपने प्यार का इज़हार एक दूसरे से नहीं किया है । या शायद दोनों ही अभी अपनी फीलिंग्स के बारे में जानते ही न हो । मुझे इन दोनों को मिलाने के लिए कुछ नहीं , बल्कि बहुत कुछ करना होगा । क्योंकि दोनों ही एक दूसरे के साथ बहुत प्यारे लगते हैं । दोनों को देख कोई भी कह देगा , के ये दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं ।

अपनी मन की बातों को सोच कर अंशिका , के होठों पर मुस्कान बिखर जाती है । तो वहीं उसकी मुस्कान देख , किसी और के होठों पर भी मुस्कान आ जाती है , जो जाने जब से अपलक अंशिका को घूर रहा था।

मीशा राजवीर का प्लान सुन , उससे कहती है ।

मीशा - क्या तुम्हें लगता है ये वर्क करेगा !!!!???

राजवीर ( हल्की नशीली मुस्कान के साथ ) - ये वर्क भी करेगा , और हमारे आगे के प्लान को अंजाम भी देगा।

मीशा - देखो राजवीर , अगर कायरा तुम्हारे लिए इंपोर्टेंट है , तो आरव भी मेरे लिए इंपोर्टेंट है । इस लिए आरव को कुछ नहीं होना चाहिए ।

राजवीर - ये तभी पॉसिबल है, मीशा.….... , जब तुम मेरी शर्त पर टिकी रहो । और कायरा को एक खरोंच भी तुम्हारी वजह से न आए ।

मीशा - मैं तुम्हारी शर्त को हमेशा याद रखूंगी ।

राजवीर - सिर्फ याद नहीं , बल्कि अपने माइंड में ये बात फिट कर लो , के तुम्हें कायरा को कोई नुक़सान नहीं पहुंचाना है । तुम्हारी एक गलती आरव के लिए परेशानियों का पहाड़ खड़ा कर सकती है , जिसमें उसके साथ - साथ तुम और तुम दोनों की जान भी दाव पर लग सकती है ।

मीशा ( घबराते हुए ) - नहीं .... , नहीं राजवीर , तुम ऐसा कुछ नहीं करोगे । मैं आरव से प्यार करती हूं , उसकी जान मेरे लिए बहुत कीमती है , और खुद की जान भी मेरे लिए कीमती है । प्लीज तुम ऐसा कुछ मत करना , मैं तुम्हारी सारी बातें मानूंगी ।

राजवीर ( हंसते हुए ) - गुड , यही उम्मीद थी मुझे तुमसे ।

इतना कह राजवीर आरव और कायरा को घूरते हुए ऑडिटोरियम के बाहर निकल जाता है । जबकि मीशा राजवीर को देख कर बस रह जाती है । और वह भी आरव और कायरा को एक नजर देखती है , जो उस वक्त एक - दूसरे की आंखों में खोए हुए , मन ही मन एक दूसरे के सवालों का जवाब दे रहे थे । मीशा उन्हें गुस्से से देखते हुए ऑडिटोरियम के बाहर चली जाती है ।

कायरा और आरव एक - दूसरे की आंखों में ही खोए हुए थे । उन्हें इतना भी होश नहीं था, के उन्हें अंशिका के कहे अनुसार डांस स्टेप्स करने थे । जबकि अंशिका जाने कितनी देर से उन्हें आवाज़ें दिए जा रही थी और डांस स्टेप्स समझा रही थी । पर उन दोनों के कानों में तो बस एक - दूसरे की दिल की बातें गूंज रही थी ।

तभी ऑडिटोरियम की खिड़की से तेज़ हवा का झोंका आया , जिससे कायरा के लंबे बाल उड़ने के कारण , उसकी आंखों में आ गए और उसकी आंखों में चुभ गए । जिससे दोनों का ध्यान भंग हो गया और कायरा की हल्की सी आह भी निकल गईं । अंशिका ने खिड़की के बाहर देखा , जहां बहुत तेज़ हवाएं चल रही थी , और शायद किसी बड़ी आंधी का आगाज़ दे रहीं थीं , जिसकी वजह से शायद बहुत बड़ा तूफान आने वाला था , जो कहीं न कहीं बहुत कुछ बिखेरने भी वाला था ।

आरव, कायरा का हाथ छोड़ कर , उसकी आंखों से बाल हटाने की कोशिश करने लगता है , और अंशिका स्टेज के पास वाली सारी खिड़कयां बंद कर देती है । और साथ में स्टेज के पास की सारी लाइट्स भी ऑन कर देती है । आरव कायरा की आंखों से बाल हटा कर , उसका चेहरा अपने हाथों में लेकर , उसकी आंखों में हल्की सी फूंक मार कर कहता है ।

आरव - अब ठीक है ????

कायरा - हम्मम, ठीक है ।

तभी कायरा को अपनी आंखों में ईचिंग होने लगती है , और वह अपनी आंखों को रगड़ने लगती है । आरव जब कायरा को ऐसे देखता है तो कहता है ।

आरव - क्या हुआ ??? तुम दोबारा आंखों को क्यों मसलने लगी ???

कायरा - वो , मेरी आंखों में ईचिंग हो रही है , शायद बालों के रिएक्शन कि वजह से हो रही है।

आरव ( कायरा की आंखों को देखते हुए ) - रुको , ( कायरा का हाथ उसकी आंखों से हटा कर ) मुझे देखने दो । ( कायरा अपनी आंखें नहीं खोल पा रही थी , तो आरव धीर से उसकी आंखों को अपनी उंगलियों से खोलता है , तो पाता है, के कायर की आंखें एक - दम लाल हो चुकी है ) तुम्हारी आंखें तो लाल हो चुकी है , तुम एक काम करो नीचे चल कर बैठो , मैं तुम्हारी आंखों को धोने के लिए कैंटीन से पानी लाता हूं ।

कायरा - उसकी जरूरत नहीं है , ऐसे ही ठीक हो जाएंगी मेरी आंखें ।

आरव ( कायरा को स्टेज से नीचे ले जाकर , चेयर पर बैठाते हुए ) - किसकी कितनी जरूरत है , ये मुझे पता है । अगर अभी पानी से आंखों को साफ नहीं किया गया , तो ये किसी बड़े इन्फेक्शन का शिकार हो सकती हैं। तुम यहां बैठो मैं पानी ले कर आता हूं ।

इतना कह कर आरव कैंटीन की ओर चला जाता है , और कायरा उसे अपनी पलकों को जबरदस्ती खोलते हुए बड़े ही प्यार से देखती है और सोचती है।

कायरा - आपको मेरी कितनी चिंता है, आरव । और एक मैं हूं , जो हमेशा आपको या तो गुस्सा दिलाती रहती हूं , या फिर झूठ बोलती हूं । आप बहुत अच्छे हैं आरव । इतने अच्छे हैं आप, के जी करता है आपको अपनी आंखों के सामने बैठा कर रखूं , कहीं जाने न दूं आपको.....।

वह इतना सोच ही रही होती है , और सोच - सोच कर मन ही मन मुस्करा रही होती है, के पीछे से रूही उसकी ओर आते हुए उससे कहती है ।

रूही - प्यार करती हो न उससे !!!!??? उसी के बारे में सोच रही हो न ????

इतना कह रूही कायरा के नजदीक आ जाती है । जबकि कायरा रूही को हैरानी से अपनी आंखें बड़ी - बड़ी कर देख रही होती है ......।

क्रमशः