Ahsaas pyar ka khubsurat sa - 15 in Hindi Fiction Stories by ARUANDHATEE GARG मीठी books and stories PDF | एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 15

Featured Books
Categories
Share

एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 15






आज आरव जल्दी ही कॉलेज पहुंच गया था या ये कहूं के पहुंचाया गया था। अब ये तो होना ही था। आखिर राहुल साहब को अपने प्यार का एहसास जो हो गया था। तो बस , अब राहुल को प्यार हुआ है, तो इतना तो तय था के उसके प्यार को उससे मिलाने के लिए पापड़ तो सभी दोस्तों को ही बेलने थे। इसी कारण आज सारे दोस्त कैंटीन में बैठ कर अपनी - अपनी वाली का इंतजार कर रहे थे । अब इन सब में बेचारा रेहान , गेहूं के साथ घुन की तरह पिस रहा था☹️😀😅😂 या ये कहना ग़लत नहीं होगा के बेचारा पीस बन रहा था, सभी दोस्तों के बीच😂😂😂😂।

तो हुआ यूं , के राहुल तो रात भर प्यार में खोए हुए रूही को याद करता रहा । अब बेचारा कॉल तो कर नहीं सकता था , क्योंकि रूही से सिर्फ नॉर्मली फ्रेंडशिप ही तो थी उसकी । तो इस लिए बेचारा उसे रात में फोन कर डिस्टर्ब नहीं कर सकता था और साथ ही , प्यार का इज़हार करने से पहले वो रूही की नज़रों में गलत भी नहीं बनना चाहता था । फिर क्या , रात तो जैसे तैसे निकाल दी । अब जब बजे चार , के राहुल की दिल की धड़कने हुईं जार - जार , अरे मतलब के राहुल के लिए रूही से मिलने का वेट करना मुश्किल होने लगा और उसकी दिल की धड़कने रूही को देखने के लिए बेताब होने लगीं । अब राहुल बेचारा आरव तो था नहीं , के अपने जज्बातों को कंट्रोल कर सके , तो बस चालू हुआ फिर दोस्तों को उठाओ अभियान , चार बजे से ही दोस्तों को उठाने लगा , हमारा बेचारा , बेसब्र राहुल । जब दोस्तों ने उसकी ये तड़प सुनी , तो एक - एक कर राहुल को बका और फिर अपना - अपना मोबाइल स्विचऑफ कर सो गए । उनका सोना हुआ के राहुल का आंधे घंटे में आरव के घर आगमन हुआ , आरव तो बेचारा न - नूकुर कर किसी तरह उठ ही गया , फिर दोनों आदित्य के यहां गए , आदित्य ने राहुल को तो सुनाया ही, साथ में आरव को भी धो डाला अपनी जुबान से , बेचारा आरव , अपने सिर पर हाथ रखे बिना गलती के मुंह बनाए सुने जा रहा था। फिर तीनों पहुंचे नील के घर , अभी तक जो हुआ था वो तो ट्रेलर था , पिक्चर तो अब शुरू होने वाली थी । फिर स्टार्ट हुआ नील जैसे कुंभकरण को जगाओ अभियान । आरव और आदित्य अपने किए पर पछता रहे थे और मन ही मन रो रहे थे , के क्यों इन्होंने राहुल को , उसके प्यार का एहसास करवाया । बेचारे दोनों की तो लगी पड़ी थी । ऊपर से नील , जो के उठने का नाम ही नहीं ले रहा था । जब तीनों ने तीन बाल्टी पानी लिया और अलग - अलग डायरेक्शन से खड़े होकर नील के ऊपर डाला , तब नील को होश आया , और बेचारे ने खुद को बिस्तर के साथ नहाया पाया। फिर तो जो सारे दोस्तों को उसने धोया के साबुन और पानी की भी जरूरत ना पड़ी उसे । उसके बाद सब जैसे - तैसे रेहान के घर पहुंचे , पर यहां तो सब उल्टा था । रेहान सो नहीं रहा था बल्कि अपनी बुक्स लिए पढ़ाई कर रहा था । रेहान तो बेचारा पूछता ही राह गया के हुआ क्या है , पर बाकी सारे दोस्तों ने उसकी बुक उससे छुड़ाकर उसे टिप - टॉप तरह से तैयार भी कर दिया । बेचारा बस पूछता ही रह गया के आखिर हुआ क्या है, और बाकी सब उसे लेकर कॉलेज भी पहुंच गए । तब शायद चपरासी कॉलेज का गेट ओपन कर रहा था । उसने इन सभी से पूछा तो रेहान ने कहा के मुझे खुद नहीं पता के हुआ क्या है , बाकी लोगो ने बहाना बना दिया । और चपरासी ने भी ध्यान नहीं दिया । तब घड़ी में भी सिर्फ सुबह के साढ़े सात बज रहे थे । जब लोग जॉगिंग करते हैं तब पांचों महाशय लड़कियों का वेट कर रहे थे । आठ - साढ़े आठ बजे से स्टूडेंट्स का कॉलेज आना भी चालू हो गया , कैंटीन भी खुल गया तो सभी कैंटीन में बैठ गए । वहां पहुंच कर रेहान को राम कथा सुनाई गई , उसे भी याद आया के राहुल ने फोन किया था बट उसने नींद में बिना सुने ही फोन कट कर दिया था ।

बेचारे चारों अपना सा मुंह लटकाए राहुल की, सुबह से की गई हरकतों के बारे में सोच रहे थे । जबकि राहुल तो बार - बार घड़ी ही देख रहा था और रूही के आने का बेसब्री से इंतेज़ार कर रहा था। लड़कियों के इंतजार में न जाने कितनी कॉफी भी गटक डाली थी पांचों ने । थोड़ी देर बाद सौम्या और शिवानी भी आ गए और पांचों को इतनी जल्दी देख कर पूछ भी लिया उनके इतनी जल्दी कॉलेज पधारने का कारण । आदित्य और नील ने उन्हें भी राम कथा सुना दी । दोनों ने राहुल को बधाई दी और साथ में हंसी भी उसकी हरकतों पर । नील तो इस लिए आश्चर्य चकित हुआ जा रहा था के शिवानी ने मुस्कुराते हुए राहुल को बधाई कैसे दे डाली , जबकि वो तो इन सब मामलों में सुनाए बिना नहीं रह पाती थी । उसके खयालों में ताला तब लगा जब मीशा भी उन लोगो के पास आयी । और सौम्या से लड़को के उतरे चेहरों का राज़ पूछा । सौम्या ने भी मीशा को वहीं राम कथा सुनाई जो थोड़ी देर पहले उसने आदित्य और नील से सुनी थी । मीशा को तो पहले हैरानी हुई फिर उसने राहुल से रूही की बुराई करते हुए कहा ।

मीशा - ये क्या है राहुल ? ( मीशा के इतना कहने पर सभी उसे हैरानी से देखने लगे ) देखो राहुल मुझे नहीं लगता के तुम्हें उस लड़की के लिए इतना परेशान होना चाहिए था। और सभी दोस्तों को परेशान करना चाहिए था । अरे वो तो हमारे स्टेटस की भी नहीं है , और हमारे स्टेटस की लड़कियां क्या मर गई थीं? जो तुम्हें वो मिडिल क्लास लड़की ही मिली प्यार करने के लिए । ना कोई क्लास , ना ही बात करने की तमीज , और अपने आपको किसी राजकुमारी से कम नहीं समझती है , जब देखो तब बहस करने को तैयार रहती है , तुम उस चीप लड़की के लिए अपना टाइम और दिमाग वेस्ट मत करो । अरे उससे अच्छी और टॉप क्लास की लड़कियों की लाइन लगा दूंगी मैं अपने बेस्ट फ्रैंड के लिए, बट उसे तुम भूल जाओ, तुम्हारे लिए अच्छा होगा ।

मीशा के रूही के लिए ऐसे शब्द सुनकर सभी के होश उड़े हुए थे और साथ में सभी गुस्से से भर गए । राहुल ने मीशा की बात खतम होते ही उससे तेज़ आवाज़ में उठते हुए कहा।

राहुल - खबर दार मीशा, जो आज के बाद रूही के लिए ऐसी चीप बातें मेरे सामने की और उसे बुरा भला कहा तो । रूही बहुत अच्छी लड़की है और तुम उसके जैसे कभी बन भी नहीं सकती, साथ ही कितनी भी लड़कियों की तुम लाइन ही क्यों ना लगा दो , रूही जैसी अच्छी लड़की न ही कहीं है और न कहीं मिलेगी । तुम्हारी लाई हुई लड़कियां रूही कभी नहीं बन सकती । समझी तुम.....।

मीशा ( खड़े होकर ) - राहुल मैं तुम्हारी दोस्त हूं , और तुम्हारे भले के लिए ही कह रही हूं, क्योंकि मैं अपने दोस्तों का भला ही चाहती हूं । रूही जैसी लड़कियां सिर्फ पैसों पर मरती हैं । और उसके साथ जो उसकी फ्रैंड हैं न, उसका भी वही हाल है , दो कौड़ी की मिडिल क्लास लड़कियां है दोनों ।

कायरा के लिए रूही के मुंह से गलत शब्द सुन , आरव को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा , साथ ही बाकी दोस्तों को भी मीशा पर बहुत गुस्सा आ रहा था । आरव ने गुस्से से उंगली दिखा कर मीशा से कहा ।

आरव - मीशा , अपनी हद में रहो , तुम हमारी दोस्त हो , इस लिए मैं तुम्हें और तुम्हारे शब्दों को बर्दास्त कर रहा हूं , तुम्हारी जगह कोई और होता तो शायद अब तक मैं उसका मुंह तोड़ चुका होता ।

सौम्या ( मीशा से ) - मिडिल क्लास होने से किसी के बिहेव और संस्कारों के बारे में पता नहीं चलता है मीशा , और साथ में उनके संस्कार इतने अच्छे हैं के उन जैसी लड़कियों को दोस्त बनाना हमारा ही सौभाग्य है । ( राहुल के कंधे पर हाथ रखते हुए ) और रही राहुल की रूही को पसंद करने की बात , तो मीशा अगर हम राहुल के लिए दिया ले कर भी कोई लड़की ढूंढ़ने जाते तब भी हमें रूही जैसी लड़की नहीं मिलती ।

मीशा ( चिढते हुए ) - ठीक है , करो तुम लोग जो करना है , पर मैं उन लड़कियों से कभी दोस्ती नहीं कर सकती और न ही अपने दोस्तों की लाइफ में उन्हें देख सकती हूं ।

शिवानी - ये तुम्हारी प्रॉब्लम है मीशा , उनके जैसी अच्छी दोस्त तो नसीब वालों को ही मिलती हैं ।

मीशा शिवानी की बात सुन कर और ज्यादा चिढ़ जाती है और कहती है ।

मीशा - जब वहीं लड़कियां तुम लोगो को बीच मझधार में छोड़ कर जायेंगी न , तब मेरे पास मत आना बताने तुम लोग ।

सौम्या - ये तो वक्त ही बताएगा मीशा , के बीच मझधार में कौन हम दोस्तों को छोड़ कर जायेगा ।

मीशा, सौम्या की बात सुनती है तो उसका मतलब समझ जाती है । वह अपना पैर पटकते हुए जाने लगती है के रेहान पीछे से चिल्लाते हुए कहता है ।

रेहान - अगर डांस परफॉर्मेंस देना हो स्टेज पर फंक्शन में , तो टाइम से प्रैक्टिस पर आ जाना । वरना मैं वेट नहीं करूंगा ।

मीशा ( गुस्से से पलट कर एक नजर रेहान को देखती है , और कहती है ) - डोंट वरी , मैं पहुंच जाउंगी ।

इतना कह कर मीशा कैंटीन से बाहर चली जाती है । रेहान भी सभी दोस्तों के साथ बैठ जाता है , और सभी दोस्त बैठ कर मीशा के इस बिहेव के बारे में डिस्कस कर रहे होते हैं। फिर जब उन्हें कोई सोल्यूशन नहीं मिलता तो वे सभी राहुल और रूही के मैटर को डिस्कस करने लगते हैं । अब राहुल और आरव दोनों ही बार - बार घड़ी देख रहे होते हैं और कायरा और रूही का बेसब्री से इंतेज़ार कर रहे होते हैं।

थोड़ी देर बाद कायरा और रूही एक - साथ कॉलेज पहुंचती हैं और पार्किंग से निकल कर कैंटीन में बैठे दोस्तों की ओर आती हैं । आरव और राहुल का इंतेज़ार तब ख़तम होता है, जब उन्हें दोनों ही लड़कियां आती हुई दिखाई देती हैं । दोनों ही जब कायरा और रूही को देखते हैं, तो पलकें झपकाना ही भूल जाते हैं। क्योंकि दोनों ही लड़कियां आज बेहद खूबसूरत लग रही होती हैं ।

कायरा ने नेवी ब्लू कलर का प्लेन फ्रांक सूट पहना हुआ था जिसकी लेस सफेद मोतियों से सजी हुई थी जो कि अंधेरी रात में टिमटिमाते तारों के जैसी प्रतीत हो रही थी । उसने दाहिने कंधे पर ओपन कर सूट से मैचिंग नेवी ब्लू कलर का ही दुपट्टा डाला था, जो जमीन को छू रहा था , साथ ही वह दुपट्टा कायरा की खूबसूरती को बढ़ाने का काम कर रहा था । एक तो कायरा दूध सी सफेद गोरी और उस पर नेवी ब्लु कलर , कायरा की खूबसूरती में चार - चांद लगा रहा था । कायरा ने कान में मैचिंग , छोटे - छोटे इयररिंग्स पहने हुए थे , आंखों में गहरा काजल लगाया हुआ था , होठों पर हल्के पिंक कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी, माथे पर मोती की छोटी सी बिंदी और उसी के नीचे नेवी ब्लू कलर की छोटी सी बिंदी लगाई हुई थी , साथ में रेड कलर का छोटा सा टीका भी लगा हुआ था , जो उसके भक्ति का प्रमाण दे रहा था और उसने बाएं कंधे पर अपना बैग लिया हुआ था, एक हाथ में घड़ी और दूसरे हाथ में मोतियों का सुंदर सा ब्रेसलेट पहना हुआ था, जो उसके कपड़ों से बखूबी मैच कर रहा था । उसने मेकअप के नाम पर बस काजल और लिपस्टिक ही लगाई हुई थी , पर तब भी वो उस सादगी में भी बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी , जिसके कारण आरव कायरा को एक - टक बस निहारे ही जा रहा था ।

तो वहीं रूही ने पीले रंग का पटियाला सूट पहना हुआ था और लाल रंग का दुपट्टा उसने दोनों कंधे पर डाला हुआ था । आंखों में गहरा काजल , होठों में हल्के रानी पिंक कलर की लिपस्टिक , माथे पर रेड कलर की बिंदी, और कानों में सूट से मैचिंग इयररिंग्स उसकी खूबसूरती की शोभा बढ़ा रहे थे । वो सूट उसके गोरे बदन पर हल्दी के समान खिल रहा था । राहुल तो सच में पलकें झपकाना ही भूल गया था साथ है मुंह फाड़े बस रूही को देखता ही रह गया । सच में आज दोनों ही लड़कियां बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थीं , एक तरह से दोनों ही आज गजब ढा रही थीं । सादगी में भी वे किसी परी से कम नहीं लग रही थीं ।

जब बहुत देर तक दोनों ने अपने दोस्तों के साइड नहीं देखा और कोई बात नहीं की, तब सभी दोस्तों ने उनके तरफ नजरें घुमाई और उन्हें इस तरह से खोया हुआ देखा , जिससे उन्हें थोड़ा आश्चर्य हुआ। तो वो लोग भी उसी डायरेक्शन में देखने लगे जिस तरफ दोनो महानुभाव देख रहे थे । जब उन लोगों ने उनकी डायरेक्शन में नजरें दौड़ाई तो उन्हें रूही और कायरा आते दिखे । सभी दोस्त मुस्कुरा दिए । तब तक दोनों ही लड़कियां उन सभी के पास आ गई । सौम्या ने उन दोनों से मुस्कुराते हुए कहा ।

सौम्या - सच में यार , आज तुम दोनों बहुत ही ज्यादा खूबसूरत और प्यारी लग रही हो ।

कायरा और रूही ( चेयर में बैठती हैं और सौम्या से मुस्कुराते हुए एक साथ कहती हैं ) - थैंक्यू सौम्या ।

शिवानी ( आरव और राहुल कि तरफ देखते हुए तपाक से कहती है ) - हां , दोनों ही आज हूर की परी लग रही हैं , तभी तो दोनों बंदर बिना पलकें झपकाए जाने कब से इन्हें ताड़ रहे हैं । एक का तो मुंह ही बंद नहीं हो रहा है ।

शिवानी के इतना कहते ही कायरा और रूही आरव और राहुल कि ओर देखते हैं , जो उन्हें ही देख रहे थे । दोनों ही लड़कियां शर्मा जाती हैं और अपनी नजरें नीची कर लेती हैं , अब ये क्यों किया उन्होंने, इसका उन्हें पता नहीं था ,पर दोनों की पलकें खुद ब खुद ही झुक गई थी । तो वहीं जब बाकी सब शिवानी की बात सुनते हैं, तो अपना सिर पीट लेते हैं । और सौम्या शिवानी का मुंह बंद करती है, तो आदित्य और रेहान, आरव के कंधे पर हाथ रख उसे हिलाते हैं और उसे होश में लाते हैं , तो वहीं नील राहुल का मुंह बंद ये कहते हुए करता है के, मुंह बंद कर ले वरना तेरे मुंह में मक्खी चली जायेगी। आरव और राहुल होश में आते हैं, साथ ही झेंप भी जाते हैं और इधर उधर देखने लगते हैं । कुछ पल बाद दोनों ही चोर निगाहों से दोनों लड़कियों को फिर से देख रहे होते हैं, तो लड़कियां भी कनखियों से दोनों लड़कों को देख रही होती हैं ।

राहुल को आज रूही को देख कर एक अलग ही एहसास हो रहा होता है , शायद ये उसका प्यार का अहसास था । आरव तो बस आज कायरा को अपनी नज़रों से दूर ही नहीं करना चाहता था । तो वहीं नील भी शिवानी को ताड़ रहा था । आदित्य और सौम्या सभी के लिए चाए और कॉफी ऑर्डर करते हैं और सभी अपने - अपने कप की कॉफी और चाए ख़तम कर ऑडिटोरियम की ओर चले जाते हैं ।

ऑडिटोरियम पहुंच कर सभी अपनी - अपनी प्रैक्टिस में बिज़ी हो जाते हैं । मीशा भी वहां आ जाती है और बिना किसी से कुछ कहे रेहान के साथ प्रैक्टिस करने लगती है ।
कायरा और रूही को मीशा के कुछ न बोलने के तेवर से थोड़ा अजीब तो लगता है , पर दोनों ही उसे इग्नोर कर अपनी प्रैक्टिस पर ध्यान देने लगती हैं ।

आरव और कायरा आगे के स्टेप्स डिसाइड करते हैं और फिर डांस स्टार्ट करते हैं , बाकी सब भी उन्हीं की तरह स्टेप्स डिसाइड कर डांस स्टार्ट करते हैं। डांस करते - करते फिर से तीनों जोड़ियां एक - दूसरे के आंखों में खोने लगती हैं । आरव कायरा की आंखों में खोए हुए ही कायरा से कहता है ।

आरव - आज तुम बहुत प्यारी लग रही हो❤️😍 ।

कायरा फिर से अपनी नजरें झुका लेती हैं , और झुकी हुई नज़रों से ही आरव से धीमी आवाज़ में कहती है।

कायरा - थैंक्यू 🥰।

आरव तो उसकी इस स्टाइल पर ही फिदा हो जाता है । और कायरा से नजरें ऊपर करने को कहता है । कायरा शरमाते हुए नजरें ऊपर करती है और दोनों फिर से एक - दूसरे के अनकहे एहसासों में खोने लगते हैं , साथ ही दोनों आंखों ही आंखों में एक दूसरे से बात कर रहे होते हैं।

कायरा ( मन में ) - आप की ओर मैं क्यों खींची जा रही हूं आरव ? आपका तारीफ करना , मेरे साथ डांस करना क्यों मुझे एक अलग ही एहसासों में जकड़ रहा है? क्यों आपके साथ होने से मुझे सुकून मिलता है, जो शायद कभी मुझे नहीं मिला , और आपके दूर होते ही वो एहसास कहीं गायब सा हो जाता है। आरव !!!! आप मेरे दिमाग में हल पल बसे रहते हो और दिल ..... , दिल तो आपको अपने आप से दूर करने की इजाजत ही नहीं देता । मेरी ये आंखें बस हर पल आपको ही निहारना चाहती हैं आरव । आखिर ऐसा क्यों हो रहा है आरव , मेरे ये अनकहे से एहसास आपके लिए क्यों जाग रहे हैं , जिनका मतलब भी मैं नहीं समझ पा रही हूं । आपकी ये आंखें मुझसे बहुत कुछ कह रही हैं आरव , पर पता नहीं क्यों मैं समझ नहीं पा रही हूं , पर एक चीज जरूर समझ रही हूं , जो मुझे बहुत दिनों से आपकी आंखों में दिखाई दे रहा है, और वो हैं अपना पन, जो कि मेरे लिए ही है । हां, शायद ये अपना पन ही तो है , तभी तो आप मुझ पर राजवीर की गलती के लिए गुस्सा हुए थे , वरना अनजानों से भला कौन गुस्सा होता है आरव । आपका ये साथ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है , क्यों अच्छा लग रहा है , ये तो मैं नहीं जानती और शायद जानना भी नहीं चाहती । पर हां , इस पल को मैं महसूस करना चाहती हूं, वो भी आपके साथ । इस पल को मैं कैद कर अपनी जिंदगी के खूबसूरत पलों में शामिल करना चाहती हूं आरव 😍 ।

आरव ( मन में ) - तुम्हारी इस खूबसूरती का कायल हो गया हूं मैं कायरा , दिल करता है हमेशा ही मैं तुम्हें अपने बाहों के घेरे में समेट कर रखूं । पता नहीं तुम्हें मेरे साथ डांस में पार्टिसिपेट करने का खयाल कहां से आया , पर तुम्हारा ये खयाल मुझे तुमसे जोड़े रखने का काम कर रहा है कायरा । पता नहीं वो दिन कब आएगा कायरा , जब मैं तुम्हें अपने दिल का हाल बताऊंगा और तुम उस पल में सबसे ज्यादा खुश होगी🤗 । तुम्हारे साथ होने पर मुझे बहुत ही सुकून मिलता है कायरा । तुम्हारी ये आंखें मुझसे, तुम्हारे दिल का हाल बयान करती हैं कायरा , पर मैं इन्हें इस लिए नहीं मानता, क्योंकि तुमने कभी ऐसा कोई साइन ही नहीं दिया हैं मुझे, कायरा । तुम्हारी आंखों में मेरे लिए बहुत कुछ जज्बात है कायरा , जिसे शायद तुम समझ नहीं पा रही हो , या फिर समझना नहीं चाह रही हो , पर तब भी मैं इसे प्यार नहीं समझूंगा , क्योंकि ये मेरा वहम भी तो हो सकता है न । इस लिए मैं अपने जज्बातों को तब तक तुम्हारे सामने व्यक्त नहीं करूंगा जब तक तुम्हारी आंखों में मेरे लिए पूर्णतः प्यार न झलके । पर तब तक मैं तुम्हारे साथ होने का एहसास पूरी तरह से महसूस करना चाहता हूं , साथ ही तुम्हें खुद से दूर नहीं करना चाहता हूं ।

दोनों ही अपने मन की भावनाओं को अपनी आंखों से व्यक्त कर रहे थे जिन्हें दोनों समझ कर भी या तो नासमझ बन रहे थे या फिर समझना ही नहीं चाहते थे , पर एक दूसरे का साथ दोनों ही नहीं छोड़ना चाहते थे ।

तो वहीं दूर से खड़ा राजवीर दोनों की करीबी , साथ ही दोनों के डांस को देखकर जल रहा था और अपने दिमाग में बहुत कुछ सोच भी रहा था । जब उससे दोनों की नजदीकियां नहीं देखी गईं तो वह गुस्से में ऑडिटोरियम से बाहर चला गया । मीशा, रेहान के साथ डांस तो कर रही थी पर उसका पूरा ध्यान कायरा और आरव पर था। राजवीर की तरह ही उसका भी दिल जल रहा था और हर बार की तरह इसका जिम्मेदार वो कायरा को ही मान रही थी ।

आज नील को शिवानी के तेवर थोड़े बदले से लग रहे थे । उसने पूछना भी चाहा पर शिवानी ने कोई आंसर नहीं दिया । शायद वो भी नील के लिए , अपने दिल के बदले जज्बातों को महसूस करना चाहती थी और इस पल को कैद करना चाहती थी । इसलिए खुद तो चुप - चाप नील की आंखों में देख तो रही ही थी, साथ ही नील को भी शांत रहने को कह रही थी । नील बस असमंजस की स्थिति में फंसा हुआ था , पर वो भी कहीं ना कहीं शिवानी के बदलते जज्बातों को महसूस कर रहा था ।

तो वहीं आदित्य और सौम्या खुद में खोए हुए डांस प्रैक्टिस कर रहे थे ,जिन्हें आज आस - पास के लोगों से कोई मतलब नहीं था , या ये कहें के कोई ताल्लुक रक्खे बिना ही दोनों आज एक दूसरे को क्वालिटी टाइम देना चाहते थे ।

राहुल की तो आज रूही से नजरें ही नहीं हट रही थीं । वो रूही की खूबसूरती को आज करीब से देख रहा था और महसूस भी कर रहा था । उसे आज खुद पर ही यकीन नहीं हो रहा था के उसने इतनी अच्छी और खूबसूरत लड़की से प्यार किया है, जो इतनी शांत है के समुद्र का पानी भी उसके सामने फीका पड़ जाए। क्योंकि समुद्र के पानी को सबसे ज्यादा शांत कहा जाता है , पर राहुल को आज रूही ही सबसे ज्यादा शांत लग रही थी । वो तो बस रूही की आंखों में खोए हुए ही डांस कर रहा था । तो वहीं रूही आज राहुल के शांत व्यवहार को महसूस कर रही थी, साथ हतप्रभ भी थी । वो भी राहुल के आंखों में झांकते हुए मन ही मन बहुत ही गहरी सोच में डूबी हुई थी ।

रूही ( मन में ) - मुझे आज राहुल के व्यवहार में इतना चेंज क्यों महसूस हो रहा है । ऐसा तो नहीं है के राहुल ने पहले मुझे कभी न देख हो । हम दोनों की ही आंखें बहुत बार एक दूसरे से टकराई हैं , पर जो चमक आज मुझे राहुल की आंखों में दिख रही है वो मैंने कभी इनकी आंखों में महसूस नहीं की । आज मुझे इनकी आंखों में प्यार दिख रहा है। ( राहुल की आंखों में गहराई से देखते हुए ) कहीं ये प्यार मेरे लिए तो नहीं है !!!??? ( अपनी नजरें राहुल से हटा कर नीचे कर लेती है और साथ में परेशान भी ही जाती है जिससे उसके माथे पर साफ - साफ परेशानी की लकीरें उभर आती हैं ) नहीं , ये नहीं हो सकता , अगर ऐसा हुआ तो ......., नहीं ....., कहीं इनकी आंखो में, जो मैं महसूस कर रही हूं , अगर वो सच हुआ तो बहुत कुछ तबाह हो जाएगा । कहीं न कहीं मैं भी इनके लिए झुकाव महसूस करती हूं, अगर वो प्यार में बदल गया तो ......., नहीं ...., नहीं मैं ऐसा नहीं होने दे सकती , अपने अंदर उठ रहे जज्बातों को मुझे रोकना होगा और साथ में राहुल जी से दूरी बनानी होगी , वरना..........।

यही सब सोचते - सोचते वो किसी गहरी सोच में डूब जाती है और परेशानी से उसका चेहरा भर जाता है । राहुल को जब समझ आता है के रूही बहुत देर से नीचे देख रही है , साथ ही उसके चेहरे पर टेंशन दिख रही है । तो वह डांस प्रैक्टिस को रोक देता है और रूही से कहता है ।

राहुल - आर यू ओके रूही???

रूही कोई जवाब नहीं देती तो राहुल उसके कंधे पर हाथ रखता है और फिर उससे पूछता है ।

राहुल - रूही आप ठीक हो है न ????

रूही नीचे देखते हुए ही हां में सिर हिला देती हैं। राहुल उससे कहता है।

राहुल - तो फिर आप इतनी परेशान क्यों हैं।

रूही उसके इस सवाल से हैरान हो राहुल को देखने लगती है और मन ही मन खुद से कहती है।

रूही - इन्हें तो मेरे कहे बिना ही मेरी परेशानी का भी भान हो गया । रूही कहीं ये सच में तो नहीं.......!!!!!

राहुल जब देखता है के रूही कोई उत्तर नहीं दे रही है तो वह उससे कहता है ।

राहुल - अच्छा आप एक काम करिए , चलिए थोड़ी देर रेस्ट कर लीजिए , हम थोड़ी देर ब्रेक ले लेते हैं।

रूही सिर्फ हां में सिर हिला देती है । और राहुल आगे - आगे चलता है, तो वहीं रूही राहुल को निहारते हुए उसके पीछे - पीछे चल देती है । राहुल स्टेज से नीचे आकर , साथ ही दोस्तों से थोड़ी दूरी में दो चेयर लगाता है और रूही को बैठने बोलता है । रूही बैठ जाती है, तो राहुल उसे पानी की बॉटल देता है पीने को, तो रूही एक सांस में ही आधी पानी की बॉटल ख़तम कर देती है । राहुल जब देखता है तो उससे कहता है ।

राहुल - क्या बात है , आप इतनी प्यासी थीं तो बता देना था , मैं थोड़ी देर पहले ही ब्रेक ले लेता डांस से ।

इतना कह राहुल पानी पीने लगता है , और रूही उसके बात का कोई प्रतिउत्तर नहीं देती है, वो सिर्फ बैठे हुए जमीन को ताक रही होती है । ऑडिटोरियम इतना बड़ा होता है के किसी को भी एक दूसरे की आवाज़ तब तक सुनाई नहीं देती थी , जब तक के कोई तेज़ आवाज़ में ना बोले । सिर्फ पास वाले लोगों को ही एक दूसरे की आवाज़ सुनाई देती थी । इसी लिए किसी भी दोस्त का ध्यान राहुल और रूही पर नहीं जाता , सभी अपने - अपने डांस में पूरी तरह से बिज़ी होते हैं। जब रूही कोई जवाब नहीं देती तो राहुल हाथ में ली हुई बॉटल को साइड में रखता है और रूही के सामने चेयर लगा कर बैठते हुए उससे कहता है ।

राहुल ( सीरियस आवाज़ में ) - कोई बात है क्या रूही , जो आप इतनी परेशान हैं ! आप मेरे साथ डांस करने में कंफरटेबल नहीं है क्या ? ( रूही कोई जवाब नहीं देती तो राहुल आगे बोलता है ) अगर ऐसा है तो हम ये डांस नहीं करते , कैंसल कर देते हैं पार्टिसिपेट करना ।

जब रूही राहुल के मुंह से डांस कैंसल करने का सुनती है तो वह तुरंत राहुल की आंखो में देखने लगती है और उससे तपाक से बोलती हैं ।

रूही - नहीं....., डांस कैंसल मत कीजिए ।

राहुल ( उसकी आंखों में झांकते हुए अपनी चेयर को उसके थोड़ा सा करीब कर उसमे बैठते हुए कहता है ) - अगर डांस कैंसल नहीं करना है , तो फिर नहीं करेंगे , पर ये तो बताइए के बात क्या है, रूही? आप इतनी ज्यादा परेशान क्यों हैं ?

रूही ( आंखें चुराते हुए उससे कहती है ) - अरे राहुल जी ...., कुछ खास नहीं..... , बस थोड़ा सा थक गई थी , इस लिए चेहरे पर थकान के भाव आ गए होंगे , और कुछ नहीं ।

राहुल ( रूही की आंखों में बराबर झांकते हुए कहता है ) - यही बात आप मेरी आंखों में देख कर बोलिए ।

रूही अब और परेशान हो जाती है , साथ ही असमंजस की स्तिथि में भी पड़ जाती है।

रूही ( मन में ) - क्या करूं , अगर उनकी आंखों में देख कर बोला, तो हो सकता है उन्हें समझ आ जाए , और अगर बिना आंखों में देखे बोला तो कहीं उन्हें मुझ पर शक ना हो जाए, के मैं इनसे कुछ छुपा रही हूं । रूही जो भी हो , तुझे उनकी आंखों में देख कर ही बोलना होगा । ( रूही आपनी आंखों में बेशुमार आत्विश्वाश भरते हुए राहुल की आंखों में देखती है और उससे कहती है ) मैं सच कह रही हूं राहुल जी , थकान की वजह से ही चेहरे पर ये भाव हैं ।

राहुल - मुझे ऐसा क्यों लगा रहा है, जैसे आप कुछ मुझसे छुपा रही हैं ।

रूही ( आत्मविश्वास के साथ राहुल की आंखो में देखते हुए ) - नहीं राहुल जी , मैं किसी से कुछ नहीं छुपा रही हूं , अगर ऐसा कुछ होता, तो मैं कायरा को पहले ही बता चुकी होती ।

राहुल - रूही आपके होंठों के शब्द, आपके चेहरे के भावों से मैच नहीं खा रहे हैं , और आप अपनी आंखों से जो मुझे दिखाना चाह रही हैं , वो भी आपके शब्दों का साथ नहीं दे रही हैं ।

रूही ( मन में ) - ये क्या हो रहा है रूही तेरे साथ ? राहुल जी तो सच में मेरी आंखों को बखूबी पढ़ने लगे है ( राहुल से ) राहुल जी ऐसी कोई बात नहीं है ।

राहुल ( रूही का हाथ पकड़ते हुए ) - आशा है , जो मैं देख पा रहा हूं , वो मेरी आंखों का वहम ही हो । पर रूही अगर सच में कोई बात होगी , तो मुझे आप जरूर बता दीजिएगा , या फिर कभी भी कोई बात हुई और आप मुझे नहीं बता पाई, तो अपनी दोस्त को जरूर बता दीजिएगा । आपके चेहरे पर परेशानी के भाव अच्छे नहीं लगते ।

रूही बदले में मुस्कुरा देती है और मन ही मन उदास होते हुए खुद से कहती है ।

रूही ( मन में ) - मैं आप सब से क्या बताऊं राहुल, के मैं क्या सोच रही हूं । ये जानते हुए भी, के इसका कोई सोल्यूशन नहीं है मेरी ज़िन्दगी में , मैं आप लोगो को बता कर आप सभी को परेशानी में नहीं डाल सकती । कायरा को तो खास कर मैं कुछ नहीं बता सकती , वो खुद ही अपनी ज़िन्दगी ने इतनी उलझी रहती है के उसे अपनी परेशानी बताना , मतलब उसे और परेशानी में डालने के बराबर हैं ।

तभी रेहान सभी को बताता है के टाइम हो चुका है । राहुल और रूही का ध्यान भी रेहान की बातों में चला जाता है और दोनों ही सारे दोस्तों के पास आ जाते हैं । सभी बिना न - नुकुर किए, खुद ही कैंटीन की ओर चले जाते हैं और फिर से कॉफी और कायरा के लिए चाय ऑर्डर करते हैं । सभी अपने - अपने डांस पार्टनर के अगल - बगल ही बैठे होते हैं। मीशा भी सभी के साथ ही कैंटीन आ जाती हैं । कोई भी उसे कुछ नहीं कहता । मीशा आरव के बगल में बैठने की कोशिश करती है, पर आरव और कायरा पहले ही एक - दूसरे के साथ बैठ जाते हैं और मीशा अपना सा मुंह लिए रेहान के बगल में बैठ जाती हैं ।

छोटू ( कैंटीन में काम करने वाला ) चाए और कॉफी ले कर आ जाता है । सभी आपस में बातें करते हुए अपनी - अपनी कॉफी इंजॉय कर रहे होते हैं । आरव बात तो कर रहा होता है पर उसका ध्यान पूरी तरह से कायरा पर होता है । कायरा रूही से बात कर रही होती है । आरव कायरा को देखते हुए मन ही मन सोचता है ।

आरव - ये लड़की हंसते हुए कितनी मासूम और प्यारी लगती है । इसे हंसते हुए देख ऐसा लगता है मानो मेघ खुद जमीन पर उतर कर, अठखेलियां कर रहे हों, ( तभी कायरा के बालों की एक लट बार - बार उसके आंखों के सामने आ रही होती है , और वो बार - बार अपनी उंगलियों से उन लटों को गालों से होते हुए कान के पीछे कर रही होती है, आरव उसे देख कहता है ) काश के मैं तुम्हारी इन बालों की लटों की तरह होता , बार - बार तुम्हारे खूबसूरत गालों में नाचता और तुम्हारी आंखों के साथ खेलता । और तुम्हारी ये मोम से मुलायम उंगलियां मुझे बार - बार अपने स्पर्श से, तुम्हारे कानों के पीछे जाने को बोलती। तुम्हारी ये बालों की लट ना तुम्हारे गोरे गालों में ऐसी प्रतीत हो रही हैं, जैसे - सूने आसमान पर एकदम से खूबसूरत घटाएं छा गई हों और उन घटाओं को देख मेरा तो मोर के समान नाचने का मन कर रहा है । सच में कायरा तुम्हारे जैसी खुबसूरती और प्यारी हंसी आज तक मैंने कहीं नहीं देखी ।

कायरा आरव के जज्बातों से बेखबर रूही से हंस कर बात कर रही होती है । तभी रूही कायरा को चाए पीने को बोलती है ताकि चाए कहीं ठंडी न हो जाए । कायरा एक घूंट चाए पी कर दोबारा टेबल पर रख देती हैं । आरव उसे देख रहा होता है, के कैसे कायरा का ध्यान चाए में कम और रूही से बात करने में ज्यादा है । तब तक आरव ने भी अपनी आधी कॉफी पी डाली होती है । आरव को पता नहीं क्या होता हैं । वो सभी दोस्तों को एक नजर देखता है , जो कि अपनी - अपनी बातों में बिज़ी होते हैं । आरव सभी से बचते हुए अपने और कायरा के कप को चेंज कर देता है । वो अपना कप कायरा के चाए के कप की जगह पर रख देता है और उसका चाए का कप खुद अपने हाथों में ले लेता है । उसे इस तरह कप एक्सचेंज करते हुए मीशा देख लेती है , उसे बहुत ज्यादा बुरा लगता है, पर वो उसे अपने अंदर ही रहने देती है और चुप - चाप अपनी कॉफी ख़तम करती है।

आरव पहले तो चाए के कप को बड़े प्यार से देखता है , फिर वो चाय को घूंट - घूंट कर आनंद लेते हुए पीता है, साथ में बहुत ही ज्यादा खुश भी होता है, शायद उसने पहली बार चाए पी थी और वो भी सिर्फ कायरा के एहसास को महसूस करने के लिए । कायरा भी बातें करते हुए टेबल पर रखा हुआ कप उठाती है , और उसमें से एक घूंट पीती है , उसे थोड़ा टेस्ट चेंज सा लगता है , पर अगले ही पल वो पूरा कप गटक जाती है जिसमें कॉफी होती है। मीशा लगातार आरव और कायरा को नोटिस कर रही होती है ।

अगले ही पल कायरा को थोड़ा अजीब सा लगता है , वो तुरंत उठ कर वॉशरूम की ओर भागती हैं । जब सारे दोस्त उसे इस तरह से भागते हुए देखते हैं तो हैरान हो जाते हैं । सौम्या कहती है ।

सौम्या - इसे क्या हुआ? ये इस तरह से क्यों भाग गई? रूही तुम्हें पता है क्या?

रूही ( न में सिर हिलाते हुए ) - नहीं , वो तो अभी मुझसे अच्छे से हंस - हंस कर बात कर रही थी । अचानक से पता नहीं क्या हुआ के वो उस तरफ भाग गई।

सौम्या - चलो रूही देखते हैं , क्या हुआ है उसे ।

रूही हम्मम कहती है , और रूही और सौम्या कायरा के पीछे भागती हैं। बाकी सभी कैंटीन में ही बैठे उनका वेट कर रहे होते हैं । आरव को बहुत ही ज्यादा बेचैनी हो रही होती है, साथ ही उसे कायरा को लेकर बहुत ही ज्यादा टेंशन होती है । वो वहां बैठे दोस्तों से कहता है ।

आरव ( परेशान होते हुए ) - मैं कायरा के पास जा रहा हूं , मुझे उसकी बहुत ही ज्यादा फ़िक्र हो रही है , पता नहीं क्या हो गया है उसे !!!???

आदित्य ( आरव को कुर्सी पर बैठाता है और पानी देता है, और उसके हाथ में अपना हाथ रख कहता है ) - आरव टेंशन मत ले , कुछ नहीं हुआ होगा , कायरा ठीक होगी । तू यही बैठ , सौम्या और रूही गए हैं न , वो लोग देख लेंगे । अगर कोई टेंशन की बात होगी तो बताएंगे न दोनों हमें ।

आरव कुछ नहीं कहता , बस तीनों के आने का वेट कर रहा होता है । तो वहीं जब रूही और सौम्या कायरा के पीछे जाते हैं तो देखते हैं के वो वॉशरूम की ओर गई है। वो दोनो गर्ल्स कॉमन रूम के वॉशरूम में उसके पीछे जाते है। रूही टेंशन में सौम्या से कहती है ।

रूही - पता नहीं क्या हुआ होगा ???

सौम्या - टेंशन मत लो रूही , कुछ भी नहीं हुआ होगा , तुम अंदर जाओ और देखो उसे ।

रूही सौम्या के कहने पर कायरा के पास जाती हैं । कायरा वाशबेसिन में खूब ही ज्यादा उल्टी कर रही होती है । रूही जब उसे इस तरह देखती हैं, तो उसके पास जाकर उसके पीठ पर हाथ फेरती है । फिर उसका मुंह धुला कर उसे बाहर रूम में लाती है और उसे वहीं रखी हुई बेंच पर बिठाती है । फिर अपने रुमाल से कायरा के मुंह का पानी साफ करती है । और उससे पूछती है ।

रूही - क्या हुआ तुझे कायरा ? यूं अचानक तेरी तबियत कैसे खराब हो गई ?

कायरा ( मरी हुई से आवाज़ में उससे कहती है ) - नहीं पता रूही , अचानक से क्या हो गया है मुझे ।

सौम्या - रूही चलो, अभी इसे बाहर ले कर चलते है , बाहर खुली हवा में इसे थोड़ा ठीक लगेगा और सारे दोस्त भी कायरा को लेकर परेशान होंगे ।

रूही - हां , चलो कायरा ।

कायरा उठने को होती है के लड़खड़ा जाती है , वो गिरती उससे पहले ही उसे रूही और सौम्या संभाल लेती हैं । और उसे पकड़ कर सहारा देकर कैंटीन में ले कर आती हैं, जहां सारे दोस्त उन्हीं का वेट कर रहे होते हैं । रूही और सौम्या कायरा को चेयर पर बैठाती हैं , और कायरा अपना सिर चेयर में पीछे टिका कर बैठ जाती है । कायरा की हालत देख सभी समझ जाते हैं, के कायरा की तबीयत बहुत ही ज्यादा खराब हो चुकी है । कायरा का चेहरा पूरी तरह से उतर चुका होता है । उसकी हालत देख आरव अंदर ही अंदर बहुत ही ज्यादा परेशान हो जाता है और वो कायरा का हाथ पकड़ उसके बगल वाली चेयर पर बैठ जाता है और रूही से पूछता है।

आरव - रूही इसे क्या हुआ है ? इसकी हालत इतनी खराब कैसे हो गई ?

रूही ( टेंशन के साथ चेयर पर बैठते हुए ) - नहीं पता आरव इसकी तबीयत इतनी खराब कैसे हो गई । जब हम दोनों कायरा के पास पहुंचे तो देखा के कायरा को बहुत ही ज्यादा उल्टियां हो रही थीं ।

राहुल - पर रूही , कायरा की इतनी तबीयत अचानक कैसे खराब हो गई ????

रूही - वहीं तो मुझे समझ नहीं आ रहा है , ये तो बताने की हालत में भी नहीं है । ( तभी रूही की नज़र कायरा के सामने रखे कॉफी के कप पर जाती है , वो हैरान होकर कायरा से पूछती है ) कायर तूने कॉफी पी है?

कायरा कुछ नहीं कहती , और बाकी सब दोस्त रूही को हैरानी के साथ देखते हैं और शिवानी उससे पूछती है ।

शिवानी - कॉफी पी है मतलब ?

रेहान - बताओ न रूही, कॉफी पीने से क्या हो गया?

आरव ( रूही को शांत देखता है तो तेज़ आवाज़ में उससे पूछता है ) - बताओ ना रूही , कॉफी पीने से क्या ?

रूही ( आरव की तरफ देखते हुए कहती है ) - आरव ....! कायरा को कॉफी से एलर्जी है , और उसके सामने कॉफी का कप रखा हुआ है , इससे साफ पता चल रहा है के कायरा ने गलती से कॉफी पी ली है ।

रूही की बात सुन आरव अपना सिर पीट लेता है, साथ ही बहुत ही ज्यादा उदास हो जाता है और खुद को कायरा की हालत का जिम्मेदार मानने लगता है । मीशा तुरंत कहती है ।

मीशा ( ताना मारते हुए ) - पर कॉफी पीने से भला किसे एलर्जी होती है ? ये तो मैं पहली बार सुन रही हूं के, कॉफी पीने से भी एलर्जी होती है ।

मीशा की बात सुन सभी उसे गुस्से भारी नज़रों से देखते हैं , जबकि आरव सिर्फ कायरा का हाथ पकड़े उसे निहार रहा होता है । रूही गुस्से से मीशा से कहती है ।

रूही - किसी को हो या न हो, पर कायर को कॉफी से एलर्जी है , और अगर कभी ना सुना हो तो अब सुन लो ।

मीशा कुछ नहीं कहती । नील रूही से कहता है ।

नील - पर रूही , इसका कोई सोल्यूशन तो होगा न???

रूही - स्कूल टाइम में टेंथ क्लास में, एक बार , हम सभी दोस्त एक फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में गए हुए थे । मेरा और कायरा का उस पार्टी में जाने का बिल्कुल भी मन नहीं था , पर हम सभी फ्रेंड्स के इन्सिस्ट करने पर गए हुए थे । वहां किसी ने गलती से कायरा को कॉफी दे दी थी । और कायरा ने पी ली , उसके बाद उसे इसी तरह से बहुत उल्टियां हुईं , और बुखार भी आ गया था । कायरा को घर लाए तब डॉक्टर ने उसे दवाई दी , तब कायरा दवाइयों के असर से सो गई , जब उठी तब उसे ठीक लगा । इसके अलावा आंटी ने डॉक्टर के आने से पहले बहुत से नुस्खे अपनाए थे, पर कायरा पर कोई असर नहीं हुआ था । घर आने के बाद भी उसकी उल्टियां बंद नहीं हुई थी । उसे सिर्फ डॉक्टर की दवाई से ही आराम मिला था । तब हमें पता चला था, के इसे कॉफी से एलर्जी है।

शिवानी - तभी कायरा कभी कॉफी नहीं पीती है , क्योंकि हमने सिर्फ उसे चाए पीते हुए ही देखा है ।

रूही - हां शिवानी ......।

मीशा ( तुरंत रूही की बात बीच में काटते हुए कहती है ) - पर इसे तो चाए दी गई थी न!!!??? चाए और कॉफी का टेस्ट अलग होता है , तो इसने जब पी होगी, तो इसे समझ तो आया ही होगा , के वो क्या पी रही है, वह चाय नहीं कॉफी है , इतना सेंस ऑफ ह्यूमर तो होगा ना कायरा में ।

रूही कुछ आगे कह के मीशा को जवाब देती के कायरा एक बार फिर से उठ कर वॉशरूम की ओर भागती है । कायरा को वॉशरूम की ओर भागा देख कर , आरव कायर के पीछे भागता है , उसे ये भी होश नहीं रहता के वो कहां जा रहा है । आरव को जाते देख रूही , सौम्या और शिवानी आरव के पीछे जाती हैं । रूही अंदर जाती है और आरव वहीं खड़ा हो जाता है, सौम्या उससे कहती है ।

सौम्या ( आरव की बेचैनी को समझते हुए ) - आरव टेंशन मत लो , कायरा ठीक हो जाएगी , तुम यहीं बाहर रहो , हम आते हैं , शिवानी तुम यहीं आरव के साथ रहो ।

शिवानी और आरव वहीं बाहर खड़े हो जाते हैं । सौम्या रूही और कायरा के पीछे चली जाती है । शिवानी अपने अगल - बगल देखती है , तो पाती है के सारी लड़कियां उन्हें ही देख रही हैं , फिर वो आरव की ओर देखती है । आरव की हालत देख उसे उससे कुछ कहने की हिम्मत नहीं होती । आरव बेचैनी से बाहर खड़ा होता है और अपनी गलती पर पछता रहा होता है । वो गुस्से से वहीं दीवाल पर अपना हाथ मुट्ठी बना कर मार देता है, जिससे उसके हाथ से हल्का सा खून निकलने लगता है । शिवानी जब देखती है तो उसे बहुत बुरा लगता है और वो आरव से कहती है ।

शिवानी ( आरव के चोट वाले हाथ को पकड़ कर देखते हुए ) - आरव ! ये क्या किया तुमने ? ( आरव अपना हाथ झटक देता है , तो शिवानी उसके कंधे पर हाथ रख उससे कहती है ) आरव , तुम टेंशन मत लो , कायरा ठीक हो जाएगी ।

आरव कुछ नहीं कहता , तब तक कायरा , रूही और सौम्या भी बाहर आ जाती हैं । कायरा अच्छे से चल नहीं पा रही थी , इस लिए सौम्या और रूही उसे सहारा देकर बाहर लाई थीं । आरव जब कायरा की हालत देखता है, तो वो रूही और सौम्या को साइड होने बोलता है । दोनों ही साइड हो जाती हैं , और आरव कायर को अपनी बाहों में उठा कर सीधे पार्किंग एरिया की ओर जाता है । बाकी दोस्त जब उसे कायर को ले जाते हुए देखते हैं, तो वो भी आरव के पास आ जाते हैं । आरव अपनी कार के पास पहुंचता है तो रूही आरव से कहती है।

रूही - आरव तुम कायर को कहां ले जा रहे हो?

आरव ( कायरा को पीछे की सीट पर लिटाते हुए कहता है ) - मैं इसे हॉस्पिटल लेकर जा रहा हूं ।

रूही - मैं भी जाऊंगी आरव तुम्हारे साथ ।

आरव ( बिना किसी भाव के ) - ठीक है चलो ।

रूही कायरा के साथ पीछे वाली सीट पर बैठ जाती है, राहुल और आदित्य भी आरव के साथ जाने को कहते हैं , तो आरव उन्हें ऑफिस संभालने को कहता है और जल्दी से अपनी गाड़ी स्टार्ट कर पास के हॉस्पिटल की ओर बढ़ा देता है .....।

क्रमशः