Unfortunate Love - 29 in Hindi Love Stories by Veena books and stories PDF | अनफॉरट्यूनेटली इन लव - ( ब्रेक उप_२) 29

The Author
Featured Books
Categories
Share

अनफॉरट्यूनेटली इन लव - ( ब्रेक उप_२) 29

" लेकिन में तुम्हारे साथ आना चाहती हू। तुम क्या करोगे? में हेल्प करना चाहती हू।" नियान की बाते सुन वो उसी जगह रुक उसे देखने लगा।

" अच्छा मतलब तुम मेरे साथ मेरे कमरे मे इस वक्त आना चाहती हो। में सोच रहा था, १० मिनिट शॉवर लूंगा, और बाद मे ५० मिनिट की नींद। क्या अब भी मदद करना चाहोगी???" गन के मुंह से ऐसी बात सुनते ही नियान का चेहरा शर्म से लाल हो गया। गन बस उसे घुरे जा रहा था, एक अनोखी मुस्कान ने उसके चेहरे पर अपनी जगह बनाए रखी। वो अक्सर अपने दोस्तो से मज़ाक करता था।पर ऐसा प्यार भरा मज़ाक उसने किसी के साथ नही किया। पर क्या ये सिर्फ मज़ाक था ??? क्या वो नियान को सिर्फ एक दोस्त की नजर से देख रहा था ??? उसकी कही बात से वही भ्रम मे पड गया। आज तक सिर्फ लड़कियों ने गन से ऐसी बाते कही थी, उसका ध्यान खींचने के लिए। क्या वो भी नियान को अपनी तरफ खींचना चाहता है ??? गन के चेहरे पर सवाल देख नियान ने उस कमरे मे बढ़ रही चुप्पी को तोड़ा।

" ठीक है। तुम अपना काम पूरा कर लो। में भी मेरा काम यही कर लेती हूं। एक घंटे मे मिलते है। ठीक है? शंग्यान???" नियान ने खामोश गन से पूछा। सिर्फ हा मे सर हिलाकर वो अपने कमरे मे चला गया।

एक घंटे बाद गन बीयर के ४ कैन लेकर कमरे मे आया। नियान एक खुर्सी पर बैठी थी। वो उसके पीछे खड़ा होकर उसके खंदे तक झुका। अजीब था, वो उसके इतना करीब था फिर भी नियान अपने काम मे व्यस्त थी। उसे चिढ़ाने के हिसाब से गन ने उसके कान मे फूंक मारी। एक सिरहन नियान के पूरे बदन मे दौड़ गई। उसने अपना सर उस दिशा मे घुमाया। उन दोनो के होठ एक दूसरे से सिर्फ कुछ इंच की दूरी पर थे।

नियान का दिल इतनी जोरों से धड़क रहा था मानो आखरी पल गिन रहा हो। उसने गन को इतने करीब सिर्फ अपने सपनो मे देखा था। क्या ये भी एक सपना है ???? उसने सोचा।

क्यो ना छू कर देखा जाए ??? उसने जैसे ही अपना हाथ उठाया। गन ने मानो उसका दिमाग पढ़ लिया। बिना देर किए गन ने पूछा, " क्या अब में गेम को देख सकता हू ??"

पल भर मे नियान अपने सपने से बाहर आ गई। शुक्रिया भगवान, उसने पहले ही बोल दिया। वो चुपचाप अपनी खुर्सी से उठी और पीछे के बेड पर बैठ गई।

" हा वहा पीने के लिए मैंने कुछ रखा है। तुम्हे प्यास लगी होगी ना ???" गन ने कहा।

" हा। लेकिन ये तो बीयर है।" नियान।

" मेरे पास यही है। यहां सब लड़के होने की वजह से ज्यूस से ज्यादा बीयर होती है। क्या तुम बीयर नही पी सकती ??? कितने साल की हो तुम ???" गन ने उसकी तरफ देखते हुए पूछा।

" में १९ की हु। लेकिन में बीयर पी सकती हू।" उसके सामने कुल दिखने के हिसाब से नियान ने कहा। फिर उसने कैन पर इंस्ट्रक्शन पढ़े। ९% एल्कोहोल। इससे कुछ नही होगा। अपने आप को झूठी तसल्ली देते हुए उसने कैन खोल कर बीयर पी।

"१०००/से इतना बुरा रिकॉर्ड तो सिर्फ तुम्हारा हो सकता है।" उसका मज़ाक बनाते हुए गन ने कहा। तब तक नियान एक कैन खत्म कर दूसरा खोल चुकी थी।

गन का पूरा ध्यान सिर्फ खेल पर था। स्क्रीन पर स्कोर आया १०२/से। गन आगे कुछ कहे उस से पहले एक प्यारा सा चेहरा उसके कंधे पर रुका।

" वाउ। तुम ना कमाल के हो। १०२ सीरियसली। वू बाई बेस्ट है फिर भी उसका स्कोर १०९ और १०७ है। तुम्हारा १०२ । यू आर बेस्टेस्ट शंग्यान।" गन ने उस के कंधे पर रखे हुए सर को देखा। उसका चेहरा लाल हो गया था। क्या ये लड़की एक कैन बीयर भी सह नहीं सकती ??? गन ने सोचा।

" ये तुम क्या कर रही हो ??? देखो अगर लड़के आ गए तो अच्छा नही लगेगा।" अपने गले को नियान के हाथो छुड़ाते हुए वो अपनी जगह से खड़ा हुवा।

" क्यो ? तुमने ही तो कहा था, में गर्लफ्रेंड हु तुम्हारी। यहां रहने का हक है मेरा।" नियान ने उस से गले लगते हुए कहा।

" हा। लेकिन ये क्लब है। यहां अच्छा नही लगेगा।" उसने अपने आप को नियान से छुड़ाने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब। ऐसा नहीं है के उसमे ताकद नही। पर कैसे भला कोई अपनी गर्लफ्रेंड को जबर्दस्ती अपने आप से छुड़ा कर अलग कर दे।

अपने सर पर हाथ मारते हुए, गन के दिमाग की बत्ती जली। " हे, नियान क्या तुम्हे तोहफा चाहिए ???"

उसकी बाहों मे सोएं हुए बच्चे ने आखिरकार अपना सर उठा कर उसे देखा। " तोहफा ???? मेरे लिए ??? तुम लाए हो ???"

" हा। नॉर्वे से। आखरीबार, बस तुम्हे देना रह गया था। अगर चाहिए तो चुपचाप यहां बैठो। " उसे बिस्तर पर बिठाते हुए गन ने बाहर जाने की कोशिश की लेकिन नियान ने उसका हाथ पकड़ कर खींचा। " बस ५ मिनट मे वापस आ रहा हूं।" उसने फिर से हाथ छुड़ाया, और वहा से भागा। जल्दी जल्दी मे उसका सर दीवार से टकरा गया, जिस मे से थोड़ा खून बहने लगा। वो अपने कमरे मे जाकर बाथरूम मे घाव देखने चला गया। तभी नशे मे धुत नियान ऊसके कमरे मे पोहची।

तोहफे को ढूंढते हुए, उसके हाथ हान शंग्यान की सौतेली मां ने मंगवाया हुवा नेकलेस लगा। उसने उसे खोला, उसे पहना। " मेरा तोहफा। पहला तोहफा।" फिर उसने वापस रख दिया। तभी गन बाथरूम से बाहर आया।

" अरे वो नही है।" गन दौड़ते हुए उस तक पोहचा। लेकिन फिर से नियान ने उसे गले लगा लिया।

" खूबसूरत है। शुक्रिया।" वो फिर से उसकी बाहों मे सो गई।

गन अब अजीब कशमकश मे फस गया था। आज के बाद वो कभी नियान को शराब छुने तक नही देगा। उसने अपने आप को कोसते हुए कहा। तभी उसके कम्प्यूटर स्क्रीन पर मेहमानो के कमरे वाली फुटेज शुरू हुई। सोते वक्त क्योंकि नियान उस कमरे मे थी, गन ने उस कमरे का सीसीटीवी माइक के साथ शुरू कर दिया था।

" बॉस। बॉस।" डेमो के साथ साथ ९७, वन और ग्रंट ने कमरे मे कदम रखा।

" भाभी। भाभी क्या आप यहां हो ??" ९७ ने पूछा।

" क्या झूठी अफवाएं फैलाते हो ??? कहा है बॉस और भाभी।" ग्रंट ने गुस्से मे कहा।

" नही। मैने और डेमो ने खुद दोनो को इस कमरे मे आते हुए देखा। दो घंटे हो गए दोनो बाहर नहीं आए इसलिए तुम लोगो को कॉल किया।" वन ने कहा।

" ये देखो भाभी का सामान। कंप्यूटर भी शुरू है।" डेमो ने नियान का बैग उठाया।

" यहां पे बीयर के कैन भी पड़े है। " ९७ ने एक अजीब हसी देते हुए ग्रंट से कहा।

" ओह.... मतलब दोनो ने साथ शराब पी है। मतलब इस वक्त भाभी बॉस के कमरे मे होंगी।" ग्रंट ने एक मतलबी हसी ९७ को देते हुए वन के हाथ पर ताली दी। उसके बाद तीनों ने एक राक्षसी हसी निकाली।

" चलो वहा जाकर मिलते है।" डेमो जैसे ही पीछे मुड़ा ग्रंट ने कॉलर पकड़ के उसे खींचा। " क्या ??" डेमो ने पूछा।

" चुप रहो। दोनो कुछ अकेला वक्त चाहते है। उन्हे जीने दो। इसी से तो बॉस को धरती पर स्वर्ग मिलेगा। चलो। चलते है।" डेमो को ग्रंट की कही बाते समझ तो नही आई पर उसने चुपचाप वहा से जाना ही सही समझा।

में जैसे ही इस समस्या से बाहर निकलूंगा सबसे पहले ये चारो मरेंगे मेरे हाथो। सीसीटीवी बंद करते हुए गन ने कहा। वो जैसे ही नियान से थोड़ा दूर हुवा। नियान की नींद खुल गई और उसने फिर से गन को बाहों मे पकड़ लिया। लेकिन इस बार ये सिर्फ मामूली पकड़ नही थी। वो उसके होठों को घुरे जा रही थी। फिर धीरे धीरे वो उसकी तरह आगे बढ़ी। गन ने शुरुवात मे काफी इन्कार किया। लेकिन उनके होठ एक दूसरे से १ इंच की दूरी पर थे। अब गन भी उस के साथ बहक गया था। एक प्यार भरा किस बस होने ही वाला था.......