एक सांसद अयूब हुसैन खड़े हुए और उन्होंने रॉय से कहां मिस्टर रोए कल पुलिस ने 200 करोड़ की जाली नोट पकड़ी है तो उसका क्या करना है?
रॉय ने कहा उसे इकोनॉमी में डाल दो.
अर्थशास्त्री जुनैद हंस पड़े और पूछा आप सीरियस तो है मिस्टर रोए!
यह नकली नोटस है उसे हम इकोनामी में कैसे डाल सकते हैं!!
रॉय ने कहा जी, यह नोट्स जला दीजिए और 200 करोड़ की नई नोटस छपवा दीजिए. धाट्स इट.
5 मिनट तक पूरे कॉन्फ्रेंस हॉल में सन्नाटा छाया रहा और 5 मिनट के बाद अदैन्य के बोले बिना ही सभी ने टेबल पर हाथ पसारना शुरू कर दिया.
अदैन्य खड़े हुए और बोले, अब इंडोनेशिया आप के हवाले.
और आखिरकार 1 दिन इंडोनेशिया में 30% प्रफुग की स्थापना हो गई.
30% चलन रजिस्टर्ड और रिकॉर्डेड हो गए जिन्हें अंडरवर्ल्ड छूना तो क्या, सुंघ भी नहीं सकता था.
और इसी के चलते इंडोनेशिया इंफ्रास्ट्रक्चर एफिशिएंट राष्ट्रो की सूची में आ गया.
कुछ वक्त तक इंडोनेशिया में इमपोर्ट के नाम पर इंटरनेशनल प्रवेश बंद हुआ और कॉन्टिनेंट प्रवेश चालू रहा. और जैसे ही उन 30% सेल्फ करेंसी ने बाकी की 70 प्रतिशत पारंपरिक करेंसी से उत्पन्न हुई महंगाई को सोखना शुरू किया इंडोनेशिया में फिर से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपना स्थान जमा दिया.
यहां भारत में भी अर्थ के आसार कुछ ठीक नहीं चल रहे थे. मगर भारत जर्मनी से बिल्कुल अलग सोच रहा था. बस वोह प्रफुग की कहीं ना कहीं से पहल देखना चाहता था. यदि ऐसा हो जाता है तो वह दिन दूर नहीं जब हिंदुस्तान एशिया की सबसे पहली इकोनामिक सुपर पावर बनेगा.
इंडोनेशिया में सोशलाइजेशन के इनीशिएटिव से भारत बहुत खुश हुआ और प्रफुग के सुस्वागतम में थनगनाने लगा.
यहां अदैन्य जर्मनी के अपने निवास पर बैठा है और झंखना का फोन आता है.
अदैन्य ने फोन का रिसीवर उठाकर बोला, ह बोलो.
जंखना कहा, क्यों इंडोनेशिया में कैसा रहा?
अदैन्य ने कहा हां, जैसे मेरी किसी ने सुन ली हो.
झंखना ने कहा इसका मतलब तो यही हुआ कि जब तक कोई पूरी तरह से खत्म नहीं होता तब तक वोह
एंटीफंगस को हाथ नहीं लगाएगा.
अदैन्य ने कहा, मुझे भी यह थोड़ा शोचनीय लगा. मगर जो भी हो एक शुरुआत तो हुई.
झंखना ने कहा, पता है!! दुनिया के कुछ अर्थशास्त्रीओ ने इंडोनेशिया के बारे में क्या कहा है!
अदैन्य ने कहा, जानता हूं, मगर 3 साल तक उन्हें लगातार प्रफुग को लगातार चलाना पड़ेगा. तब जाकर उन्हें नतीजे मिलेंगे.
झंखना ने कहा उन्होंने तो यहां तक कहां है कि अंडरवर्ल्ड ने तो अभी से इंडोनेशिया में से पलायन होना शुरू कर दिया है.
अदैन्य ने कहा ठीक है मगर उससे तुम्हें क्या फायदा!
झंखना शर्मा गई और उसने फोन रख दिया.
थोड़ी ही देर में अदैन्य के निवास के बाहर एक चमचमाती वॉक्सवैगन आकर खड़ी रहती है और झंखना उसमें से बाहर निकलती है.
दूसरे दिन सुबह अदैन्य तैयार हो रहा है और जंखना बिस्तर पर सो रही है.
अदैन्य ने गाड़ी की चाबी टेबल पर से उठाकर कहां झंखना दरवाजे को लॉक करना मत भूलना.
झंखना ने आंखें मलते कहा, तुमने तो रात को कुछ बताया ही नहीं कि सुबह जल्दी जाना है.
अदैन्य ने कहा वह सब ठीक है, मैंने जो कहा ऊतना ध्यान रखना.
झंखना ने कहा, ठीक है और फिर से सो गई.