Me and chef in Hindi Drama by Veena books and stories PDF | मे और महाराज - (खोज_२) 24

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मे और महाराज - (खोज_२) 24

मौली ने बस कमरे के बाहर बस कदम ही रखा होगा तभी शायरा के कमरे से उसे एक चीख सुनाई दी।

" मौली.........। पानी तैयार करो। मुझसे बदबू आ रही है।"
मौली तुरंत कमरे की तरफ भागी। जब तक वो कमरे मे पोहची, समायरा पूरे कपड़े निकाल सिर्फ अपने अंदरुनी कपड़ों मे खड़ी थी।

" सैम, राजकुमारियां इस तरह अपने कमरे मे बिना कपड़ो के नही रहती। जल्दी इन्हे पहनो।" उसने उसे कपड़े ओढ़ाने की कोशिश की, लेकिन समायरा ने वो कपड़े फैंक दिए।

" छी.... दूर रखो उन कपड़ो को मुझसे । क्या राजकुमारियां ऐसे बदबू मे रहती है??? मुझे नहीं बनना राजकुमारी। जाओ पानी तैयार करो।" वो जाकर आयने के सामने बैठ उसी हालत मे अपने बाल संवारने लगी।

मौली ने उसके स्नान की तैयारिया कर उसे अच्छे से नए कपड़े पहनाकर तैयार भी कर दिया। उसके बाद भी मौली ने पूरे वक्त समायरा से बात नही की। समायरा की लगा शायद सुबह का गुस्सा कुछ ज्यादा ही हो गया। इसलिए वो मौली को ढूढने किचन मे गई।

" मौली"

" मौली"

वो एक मासूम पिल्ले की तरह हर जगह मौली का पीछा कर रही थी, पर फिर भी मौली ने उस से बात नही की। आखिरकार शाम को थक हार वो मौली को खींच उस के महल के पीछे वाले बगीचे मे ले गई।

" अब मुझे सच सच बताओ??? क्या बात है ? मुझे पूरा यकीन है, सुबहवाली बात पर तुम नाराज नहीं हो। बताओ ना, अगर तुम नही बताओगी तो मुझे कैसे पता चलेगा मेरी गलती क्या है ???" समायरा ने उसका हाथ सहलाते हुए कहा।

मौली उसे घुरे जा रही थी, कुछ भी हो लेकिन आखिर वो है तो उसकी राजकुमारी जैसी ही, सिर्फ अलग वक्त से होने की वजह से वो उन लोगो से ज्यादा अलग है।

मौली ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोडी। " क्यो करती हो ऐसा जिस से मेरी राजकुमारी को तकलीफ हो ??? क्या जरूरत थी ??? तुम्हे पता है ना मेरी राजकुमारी बड़े राजकुमार अमन से प्यार करती है ??? तुम्हे राजकुमार सिराज के साथ रात गुजारने की क्या जरूरत थी ??? जानती हो उन्होंने तुम्हारी वजह से एक बार फिर अपनी जान देने की कोशिश की।"

" क्या ???? उसने फिर आत्महत्या की कोशिश की। वो समझती क्या है खुद को ??? उन्हे मरना है तो मरे। मुझे जीने क्यो नही देती।" समायरा को अब गुस्सा आ रहा था।

" सैम । तुम्हारी गलती है। तुम्हे कोई हक नही है, उन्हे डाटने का। वो उस आदमी के साथ क्यों सोए जिस से वो प्यार नही करती।" मौली।

समायरा ने अपने सर पर हाथ मारा, " अच्छा वो बात है। प्यार नही करती तो शादी क्यों की ???। मेरी बात सुनो मैने उसे मना किया था। उसे समझाया भी, लेकिन उसने मुझे कहा की वो साथ सोने के बाद मुझे तलाक देगा। मुझे लगा तुम्हारी राजकुमारी भी तो यही चाहती है। उसे उस से अलग होना है ना ??? इसलिए मैने हा कहा। और दूसरी बात वो उसका पति है। वो अगर जबरदस्ती करता तो क्या कर लेती में ??? बताओ। उसका हक है उसकी पत्नी पर। इन सब बातो के बाद ये तुम लोगो का वक्त है, जहां औरतों के लिए अब तक कानून तक नही बने। खास कर पति पत्नी वाले मामले पर।" इतना सब सुनने के बाद भी मौली भ्रम मे थी ये देख समायरा ने अपनी बात जारी रखी। "उस के भी बाद अगर में राजकुमार पर इल्जाम लगा दू, तो उन इल्जामको सुनने वाले शासक भी तो वही है। क्या इल्जाम लगाऊं में उस पर के मेरे पति को मुझे छुने का हक नही है। क्योंकि में किसी औरसे प्यार करती हु ? बताओ मुझे क्या ये बात सही है ???"

" बस बस। में समझ गई तुमने ऐसा क्यों किया।" मौली ने अपना सर झुकाते हुए कहा।

" मेरी प्यारी मौली , मुझे सुबह के गुस्से के लिए माफ कर दो।" समायरा ने कान पकड़े हुए कहा।

" ठीक है, लेकिन तुम्हे मुझे वादा करना होगा। तुम वापस ऐसा नहीं करोगी। राजकुमार को अपने पास आने नही दोगी।" मौली ने उस से कहा।

" ये बार बार उस राजकुमार का नाम मत लो मेरे सामने।" समायरा ने दूसरी तरफ मुड़ गई।

" नही बिल्कुल नही। वादा करो। तुम्हारी यही हिचकिचाहट देख मुझे डर लगता हैं। कही तुम राजकुमार सिराज के प्यार मे तो नही पड़ गई सैम। मुझे चेहरा दिखाओ तुम अपना। दिखाओ।" मौली ने उसे अपनी तरफ घुमाने की कोशिश की लेकिन समायरा यहां वहा भागने लगी।

" मुझे पकड़ो मौली। पकड़ो मुझे पहले।" सैम।

" रुक जाओ। राजकुमारियां दौड़ती नही है सैम। रुक जाओ।" मौली।

" मौली। " समायरा ने एक जगह रुकते हुए कहा।

" हा ???" मौली ने एक अजीब नजर से उसे देखा।

" ये सुबह तुम्हारी राजकुमारी से इतनी बदबू क्यो आ रही थी ???" समायरा ने पूछा।

" वो राजकुमारी जी तुमसे नाराज है और वो तुम्हे अपने शरीर मे नही आने देना चाहती। इसीलिए उन्होंने तीन दिन से स्नान नही किया। ना ही वो ठीक से सो पाई। आज सुबह बस मैने कमरे से बाहर कदम ही रखा था के तुम वापस आ गई। तुम्हे इस बात का पता लगाना चाहिए, बिना सोए तुम लोग कैसे शरीर बदल रहे हो।" मौली ने बात बदलते हुए कहा।

" हा सही।" समायरा कुछ देर उसकी बातो मे आ ही गई थी।

" नही रुको। मतलब मुझे इस शरीर मे आने ना देने के लिए उन्होंने ऐसा किया। ठीक है। अब में भी उन्हे यहां नही आने दूंगी।"

" सैम.....वो....." मौली आगे कुछ कहे उस से पहले काले कपड़े और नकाब पहन कर एक आदमी दीवार फान कर अंदर आया।

वो जख्मी था, उस के पेट से खून आ रहा था।

" डाकू....... डाकू...... हेल्प। हेल्प।" समायरा उसे देख चिल्लाने लगी।

मौलीने उसका मुंह अपने हाथ से ढक लिया " पहले देख तो लो कौन है ? एक जख्मी डाकू भला यहां क्यों आएगा?"

" मौली उसे मत छुवो। जाओ राजकुमार को बुलाओ। वो मुझे मारने आए है।" समायरा ने डरते हुए कहा।

" ऐसी कोई बात नही है। वो बस एक जख्मी सिपाही है शायद।" मौली उसके पास गई।

समायरा मौली का खंदा पकड़े उसके पीछे खड़ी रही। जैसे ही मौली ने नकाब हटाया, दोनो ने चौंकते हुए एक दूसरे को देखा।

" राजकुमार सिराज????"