राजवीर का कायरा से इस तरह से बात करना , उसे गंदी नज़रों से देखना और उसके करीब आना, आरव के लिए बर्दास्त के बाहर था । राजवीर की हरकतें आरव और आदित्य बहुत ही ध्यान से देख रहे थे । जब राजवीर कायरा से अपनी बात कह कर ख़तम करता है तो आरव बहुत ज्यादा गुस्से में आ जाता है ।
आरव गुस्से में अपने हाथों की मुट्ठी को टाइटली बांध लेता है और राजवीर की ओर उसे मारने के लिए कदम बढ़ाता ही है के आदित्य उसका हाथ पकड़ लेता है । आरव का हाथ आदित्य के पकड़ने से आरव अपने कदम रोक लेता है और अपनी आंखें आदित्य की ओर कर गुस्से और सवालिया निगाहों के मिले जुले भाव से उसे देखता है । आदित्य उससे अपनी आवाज़ धीमी करते हुए कहता है ।
आदित्य - रिलेक्स आरव ...।
आरव अब भी उसे सवालिया निगाहों से देखता है तो आदित्य फिर उससे कहता है ।
आदित्य - रिलेक्स ब्रो ।।।।
आरव ( गुस्से के साथ ) - आदि !!!! तू मुझे रिलेक्स होने के लिए कह रहा है !!!??? मैं विश्वास नहीं कर पा रहा हूं।।। वहां वो तमाशा कर रहा है और मैं रिलेक्स हो जाऊं ???? ( आदित्य से अपना हाथ छुड़ाते हुए, गुस्से में ) छोड़ आदि मेरा हाथ , अभी बताता हूं मैं इसे , इसकी इतनी हिम्मत के इसने मेरी कायरा को छुआ !!!???
आदित्य ( उसे धीमे बोलने का इशारा करते हुए ) - आरव .......! धीरे बोल ।
आरव ( गुस्से से आदित्य से फुफुसाते हुए कहता है ) - आदि ! तू मुझे धीरे बोलने कर लिए बोल रहा है ? पागल हो गया है क्या? ( अपने हाथ की उंगली से राजवीर की ओर इशारा करते हुए ) वो वहां कितनी गंदी निगाहों से कायरा को देख रहा है और तू मुझसे ये एक्सपेक्ट कर रहा है के मैं रिलेक्स रहूं । अरे उसके कायरा के साथ कुछ करने का वेट करूं मैं तुम्हारे साथ यहां खड़े हो कर??? खुद तो कुछ कर नहीं रहा और मुझे भी नहीं जाने दे रहा है । ( अपना हाथ छुड़ाते हुए ) कैसा दोस्त है आदि तू ??? तेरा खून नहीं खौल रहा उसकी इस हरकत पर ????
आदित्य ( आरव के कंधे पर हाथ रख शांत भाव से उसे समझाते हुए कहता है ) - आरव ! खून मेरा भी खौल रहा है । पर तू कायरा पर ट्रस्ट रख , वो खुद संभाल लेगी । इसी लिए मैं तुम्हें कब से रिलेक्स रहने के लिए बोल रहा हूं । शांत हो जा आरव .....! इतना गुस्सा ठीक नहीं है । कहीं तेरे गुस्से की वजह से कुछ गलत ना हो जाए और भुगतना कायरा को पड़े । और हम तो यहीं हैं ना! कहीं जा तो रहे नहीं हैं । अगर कायरा जवाब नहीं दे पाई तो हम देंगे अच्छे से जवाब उस राजवीर को । ( अन्तिम शब्द बोलते हुए आदित्य गुस्से से अपने दांत पीस लेता है और आरव भी तीखी नज़रों से राजवीर को देखता है , आदित्य उससे कहता है ) अभी तू शांत हो जा , और बस देख के आगे क्या होता है । एंड बिलीभ ऑन कायरा , शी इज स्ट्रॉन्ग , एंड शी विल हैंडल हिम वेल ।
आरव ( कायरा की तरफ देखते हुए ) - वहीं तो कुछ कर नहीं रही है , देख ना उसे सिर्फ घूर रही है ये नहीं के दे एक तमाचा उसके गाल पर जोरदार तरीके से , ताकि उस राजवीर की अक्ल ठिकाने पर आ जाए ।
आदित्य - भाई , हेव पैसेंस ।।।।
आरव कुछ नहीं कहता और फिर कायरा को देखते हुए दीवाल से टिक कर खड़ा हो जाता है और अंदर ही अंदर गुस्से कि आग में राजवीर के लिए जल रहा होता है ।
कायरा थोड़ी देर तक तो राजवीर को गुस्से में देखती है फिर उसके एक दम नज़दीक जाती है जिससे वहां खड़े सभी उसे हैरानी से उसे देखते हैं। कायरा राजवीर के पास जा कर उससे मुस्कुराते हुए कहती है ।
कायरा - अच्छा राजवीर बताइए मेरी कितनी सैलरी है यहां पर ????
राजवीर ( हल्की मुस्कुराहट और अपनी चाल के सफल होने की खुशी के साथ उससे कहता है ) - यही कोई , तीस से पैंतीस हजार के आस - पास ।
कायरा ( राजवीर को हल्की तीखी निगाहों से देखते हुए ) - और आप मुझे कितनी सैलरी देंगे, अगर मैं आपके ऑफर को एक्सेप्ट कर लेती हूं तो????
उसकी इस बात से राजवीर बहुत ही ज्यादा खुश हो जाता है तो वहीं आरव और आदित्य हैरानी से उसे देखते हैं ।
आरव ( गुस्से से आदित्य से कहता है ) - ये लड़की कर क्या रही है ।
आदित्य - पता नहीं भाई , ( आरव का हाथ पकड़ते हुए ) पर तू अभी शांत ही रह और देख के, कायरा क्यों ऐसा कह रही है ।
आरव एक बार फिर चुप - चाप सामने देखने लगता है तो वहीं राजवीर खुश होते हुए कहता है ।
राजवीर - जितने का मैंने अभी तुमसे कहा है , तुम्हारी यहां पर मिली सैलरी का तीन गुना । ( फिर कायरा के कंधे पर हाथ रखते हुए ) तुम कहो तो इससे ज्यादा भी बढ़ा सकता हूं ।
कायरा दो कदम पीछे हो जाती है जिससे राजवीर का हाथ उसके कंधे से हट जाता है । कायरा बिना किसी भाव के राजवीर से आंख से आंख मिलाते हुए कहती है ।
कायरा - अच्छा !!! ( अपने हाथों की घड़ी बनाते हुए ) तो बताइए ! कितनी सैलरी बढ़ाएंगे आप ????
राजवीर ( तपाक से ) - चार गुना ।।।
कायरा ( चेयर पर बैठते हुए ) - बस...... !!!!!?????
राजवीर - पांच गुना ।
कायरा - बस......!!!!
राजवीर ( कॉन्फिडेंस के साथ ) - छ: गुना ।
कायरा ( वही बात कहती है ) - बस...... !!!!
आरव और आदित्य अभी भी कायरा को हैरानी से देख रहे होते हैं । राजवीर फिर से कहता है ।
राजवीर ( अपनी टाई को ठीक करते हुए ) - सात गुना ।।।
कायरा ( तीखी हंसी हंसते हुए ) - बस राजवीर, इतना ही !!!???
अब राजवीर भौचक्का हो कायरा को देखता है और फिर अपनी हैरानी छुपाते हुए कहता है ।
राजवीर - दस गुना ।
कायरा ( चेयर से उठ कर उसके करीब आकर तीखी नज़रों से उसे देखते हुए ) - जितनी होशियारी और कॉन्फिडेंस दिखाते हुए तुमने मुझसे दस गुना कहा है , क्या ये जानते हो के मेरी सैलरी का दस गुना कितना होता है?????
राजवीर ( अपने अंदर भरपूर कॉन्फिडेंस दिखाते हुए ) - अगर तीस हजार सैलरी है तो तीन लाख और अगर पैंतीस हजार सैलरी है तो तीन लाख पचास हजार ।
कायरा ( फिर से अपने हाथ की घड़ी बना कर राजवीर के अगल - बगल अपनी सैंडल की टिक - टिक कर घूमते हुए कहती है ) - सो सॉरी राजवीर !!! पर मैं इतने से संतुष्ट नहीं हूं ।
राजवीर के साथ - साथ आरव और आदित्य भी एक बार फिर से उसे हैरानी से देखते हैं । राजवीर अपनी टाई, जो उसने कुछ पल पहले कसी थी, उसे ढीली करते हुए कायरा से कहता है।
राजवीर - तुम ही बता दो , तुम्हें कितनी सैलरी चाहिए , तुम्हारे लिए तो मैं जितना तुम चाहो उतनी सैलरी देने को तैयार हूं ।
कायरा ( राजवीर के इतना बोलते ही राजवीर के चक्कर लगाते - लगते रुक जाती है और उसके सामने खड़े हो उससे कहती है ) - एक करोड़ ....। एक करोड़ सैलरी चाहिए मुझे । ( राजवीर की आंखों को घूरते हुए ) दे पाओगे इतनी सैलरी ????
कायरा के इतना कहते ही आरव और आदित्य को पूरा मैटर समझ आ जाता है के वो ऐसा क्यों कर रही है । आदित्य मुस्कुराने लगता है तो आरव नफ़रत भरी निगाहों से राजवीर को देखता है, जिसके कायरा के इस अंदाज में इतनी बड़ी रकम के लिए कहते ही हाथ - पैर फूल रहे होते हैं । राजवीर हैरानी के साथ कायरा से कहता है ।
राजवीर ( अपने माथे से पसीना पोछते हुए कहता है ) - ये तुम क्या कह रही हो???? एक करोड़ ......, इतना पैसा तो मैं भी नहीं उड़ाता और ना ही बिना अपने डैड की इजाजत के इतने पैसे कभी मैंने ऑफिस के कामों में भी नहीं लगाए हैं ।
कायरा ( उसे गुस्से से उंगली दिखाते हुए ) - आ गए ना अपने पर !!! जब तुम्हारी इतनी औकात ही नहीं है के तुम इतने पैसे मुझे दे सको तो फिर तुमने कैसे सोच लिया के मैं ये जॉब छोड़ कर तुम्हारे जैसे इंसान के पास जो मुझे ये समझता है के मैं पैसों में बिक जाऊंगी और अपनी इज्जत दाव पर लगा दूंगी, उसके यहां मैं नौकरी कर सकती हूं??? ( राजवीर की नज़रों में गुस्से से झांकते हुए ) जवाब दो राजवीर तिवारी !!!!! है कोई जवाब तुम्हारे पास?????
राजवीर समझ जाता है के कायरा अभी तक उसे सिर्फ अपनी बातों में उलझा रही थी। वो कायरा का हाथ पकड़ कर गुस्से से अपनी ओर खींचता ही है के कायरा अपना हाथ राजवीर से छुड़ा कर जोर - दार थप्पड़ राजवीर के गालों पर रसीद कर देती है जिससे राजवीर अपने गालों पर हाथ रखे हैरानी और गुस्से से कायरा को देखता है तो वहीं आरव और आदित्य कायरा के राजवीर से इस तरह के बर्ताव से बड़े ही खुश होते हैं । आदित्य आरव को आंखों से इशारा कर कहता है के देख ले मैंने तुझसे कहा था ना । आरव बदले में हल्का सा मुस्कुरा देता है । कायरा एक बार फिर राजवीर की तरफ उंगली दिखाते हुए उससे कहती है ।
कायरा ( गुस्से के साथ ) - डोंट यू डेयर , मिस्टर राजवीर तिवारी । ( राजवीर आगबबूला हो उसे देखने लगता है ) ऐसे क्या देख रहे हो? आज के बाद मुझे हाथ लगाने की कोशिश भी की ना ..... तो इससे भी बुरा हाल होगा तुम्हारे मेरे द्वारा । ( अपने हाथों कि घड़ी बनाते हुए ) वैसे तुम क्या कह रहे थे इस कंपनी के बारे में??? हां याद आया .... , तुम कह रहे थे के ये दो कौड़ी की कंपनी ....., नो ... नो ... नो....
दो कौड़ी का ऑफिस कहा था तुमने , ( अपने हाथों की उंगलियों से चुटकी बजाते हुए ) राइट......? ( अपने लिप्स के नीचे टोढ़ी पर अपनी उंगलियां रखते हुए ) तो फिर तुम ये बताओ, के तुम यहां क्या कर रहे हो 🤔????? आई थिंक तुम यहां पर डील साइन करने आए हो !! एम् आई राइट राजवीर !!!! ( राजवीर गुस्से से तिलमिलाता हुआ उसे देखता है ) तो चली अब मैं ही तुम्हें बता देती हूं , तुम और तुम्हारे डैड यहां हमारी कंपनी के साथ डील साइन करने आए थे । क्यों??? पता है तुम्हें ...??!!! चलो मैं ही बता देती हूं , ( ऐटिट्यूड के साथ ) तुम जिस कंपनी के बारे में बुरा - भला बोल रहे थे ना, ये वही कंपनी है जिसने अपने ओपन होने के पंद्रह दिन के अंदर ही पूरे मार्केट में तहलका मचा दिया है । जिससे तुम्हारे जैसी कंपनी भी पार्टनरशिप कर अपनी कंपनी की मार्केट वैल्यू बढ़ाना चाहती है। तो तुम बताओ राजवीर , फिर ये कंपनी और ये ऑफिस जहां तुमने अभी - अभी डील और पार्टनरशिप के पेपर्स साइन किए हैं वो दो कौड़ी की कैसे हो सकती है??? और रही बात सैलरी की , तो मैं तुम्हें अच्छे से बता दूं , पैसों में बिकने वाली मैं हूं नहीं । और हां तुम क्या कह रहे थे के तुम्हारी पारखी नजर है , मुझ जैसा हीरा तुम्हारे यहां होना चाहिए , मेरी यहां तुम्हें कोई वैल्यू नहीं दिखती , ( राजवीर को आंखें दिखाते हुए ) तो जान लो राजवीर तिवारी !!!! यहां पर आया हर एक डीलर और बड़ी से बड़ी कंपनी का चेयर मैन, मेरी तारीफ करके जाता है। इस लिए नहीं के मैं मिस्टर शर्मा के बेटे आरव शर्मा के यहां काम करती हूं , बल्कि इस लिए के मेरे बनाए डिजाइंस सभी को पसंद आते हैं और उनकी तारीफ इस ऑफिस में काम कर रहे हर एक मेंबर के द्वारा होती है चाहे वह ऊंची पोस्ट पर हो या नीची पोस्ट पर । और जितनी सैलरी मुझे मिलती है, उतने में मेरा खर्च और मेरे परिवार का खर्च आसानी से चल जाता है । ( एक बार फिर से राजवीर को उंगली दिखाते हुए ) तो लिसेन टू मी मिस्टर राजवीर तिवारी ! आज के बाद मुझसे ऐसी बेहूदी बातें कभी मत करना और साथ में अपने इस सो कॉल्ड ऑफर को किसी ऐसे इंसान को जा कर देना जो तुम्हारे पैसों पर बिक जाए और अपना ईमान बेंच दे। ( अपने हाथों कि घड़ी एक बार फिर बनाते हुए ) क्योंकि कायरा गर्ग को अपना ईमान और स्वाभिमान पैसों से भी ज्यादा प्रिय है ।
इतना कह कर कायरा अपना सामान उठा जाने लगती है के राजवीर एक बार फिर कायरा का हाथ पकड़ने की कोशिश करता है , कायरा इस बात को भांप लेती है और राजवीर के छूने से पहले ही तुरंत मुड़ कर उसे वॉर्न करते हुए कहती है ।
कायरा - मैंने कहा था ना , कोशिश भी मत करना । राजवीर तिवारी! मैं कोई बर्फ नहीं, आग हूं आग । अगर तुम जैसा इंसान मुझे छूने की कोशिश करेगा ना, तो मेरी आग से वहीं भस्म हो जाएगा । इस लिए दोबारा कह रही हूं के मेरे पास आने की या मुझे छूने की कोशिश भी मत करना ।
इतना कह कायरा दरवाज़े की ओर मुड़ जाती है जहां पर आरव और आदित्य हल्की मुस्कुराहट के साथ उसे देख रहे होते हैं । वो समझ जाती है के इन दोनों ने थोड़ी देर पहले जो भी तमाशा हुआ उसे देख भी लिया है और बखूबी सुन भी किया है । वो बिना कुछ कहे और बिना किसी भाव से सीधे हॉल से बाहर निकल जाती है और अपने केबिन में चली जाती है । तब तक राजवीर भी आरव और आदित्य को देख लेता है, वो भी समझ जाता है के इन दोनों ने सब कुछ सुन लिया है । वो उनसे कुछ नहीं कहता बस उनके रिएक्ट करने का वेट कर रहा होता है । कायरा के जाने के बाद आरव अपनी मुट्ठी बांधे राजवीर की ओर देखता है और आदित्य भी राजवीर को देखता है । आरव राजवीर का मुंह तोड़ने उसके पास जाने को होता है के एक बार फिर आदित्य उसका हाथ पकड़ लेता है और आरव से कहता है ।
आदित्य ( राजवीर को तीखी नज़रों से देखते हुए ) - इसे इसका जवाब मिल चुका है आरव , अब इससे उलझना अपना टाइम वेस्ट करने के बराबर है । तू चल , मुझे कुछ इंपोर्टेंट पेपर पर साइन चाहिए हैं तेरे ।
आरव अपने - आप को आदित्य के कहने पर रोक लेता और आदित्य आरव को हॉल से बाहर ले कर जाता है । आरव जाते - जाते राजवीर को गुस्से की नज़रों से घूरते हुए जा रहा होता है । आदित्य उसे उसके केबिन में ले कर जाता है और पानी पिलाता है ।
तो वहीं राजवीर अपने गालों पर हाथ रख हविषी मुस्कान के साथ कायरा के साथ हुए थोड़ी देर पहले की बात - चीत को याद कर खुद से कहता है ।
राजवीर - हाय .....! कितनी तेज तर्रार है , बिल्कुल शेरनी जैसी । इससे उलझने में तो बहुत मजा आने वाला है । पर एक बात जान लो मिस कायरा गर्ग ! तुम मेरे सिवा किसी और की हो ही नहीं सकती और मैं तुम्हें किसी और की होने भी नहीं दूंगा ( अपने दांत पीसते हुए ) उस आरव की भी नहीं होने दूंगा मैं तुम्हें । देखा है मैंने उसकी आंखों में तुम्हारे लिए फ़िक्र और प्यार । पर मैं ....., मैं तुम्हें उसका कभी नहीं होने दूंगा । मेरे होते हुए तुम्हें मेरा होने से कोई रोक भी नहीं सकता । और पता है कायरा, जब मैं तुम्हें अपना बना लूंगा ना, तब इस थप्पड़ का बदला भी सूत - समेत तुमसे वापिस लूंगा ।
इतना कह कर वो भी हॉल से बाहर निकल जाता है और फिर ऑफिस से बाहर निकल अपनी गाड़ी ले कर अपने ऑफिस की ओर निकल जाता है ।
कायरा के दिमाग में अभी भी यही चल रहा होता है के राजवीर को यहां किसने बुलाया था और इस डील के बारे में किसी ने उसे कुछ बताया क्यों नहीं था । वो यही सोचते हुए अपनी चेयर पर बैठ जाती है । तो वहीं आरव रिलेक्स हो कर अपने डेस्क पर रखे पेपर वेट को घुमा - घुमा कर कायरा के बारे में सोच रहा होता है । आदित्य बहुत देर से उसे इस तरह खुद में खोया हुआ देख रहा होता है , जब बहुत देर तक आरव कुछ नहीं कहता तो आदित्य ही उससे कहता है ।
आदित्य - आरव ! तू इतनी देर से क्या सोच रहा है???
आरव ( आदित्य से ) - आदि ! मैं कायरा के बारे में सोच रहा हूं के कैसे उसने आज राजवीर को करारा जवाब दिया ।
आदित्य ( हल्की मुस्कुराहट के साथ ) - ओहहहहहो !!!! तो ये बात है । ( इससे आरव झेंप जाता है और पेपर वेट को डेस्क पर रख फाइलें देखने लगता है । ) अब तू फाइलें क्यों देख रहा है , सोच......, सोच .... कायरा के बारे में । ( थोड़ा गंभीर हो कर ) वैसे आरव मैंने तुझसे कहा था ना के कायरा अच्छे से हैंडल कर लेगी राजवीर को । ( आरव फाइलों को रख अपना सिर हां में हिला देता है ) उसने बहुत अच्छा जवाब दिया है राजवीर को । पर आरव तुझे क्या लगता है , राजवीर पर कोई असर हुआ होगा ???
आरव ( गहन सोच में डूबे हुए ) - लगता तो नहीं है, के उसके ऊपर कोई असर हुआ है, कायरा के जवाब का । क्योंकि वो एक नंबर का कामीना इंसान है । इतनी आसानी से मानने वालों में से नहीं है । पर हां इस बात से मैं बेफिक्र हूं के कायरा समय - समय पर उसकी हरकतों का जवाब उसे देती रहेगी और वो भी सूत - समेत ।
आदित्य - ये तो सही बात है , आज के कायरा के बिहेव को देख कर मैं भी इस बात से निश्चिंत और संतुष्ट हो गया हूं ।
आदित्य की बातों के बदले में आरव मुस्कुरा देता है । आदित्य फाइल में आरव के साइन ले कर बाहर आ जाता है और कायरा के केबिन में किसी काम से जाता है । कायरा दरवाज़े पर आदित्य को आया हुआ देख बहुत खुश होती है जैसे वो उसी का इंतजार कर रही थी । वो आदित्य को बैठने बोलती है और साथ में कॉफी और चाए अपने केबिन में मंगाती है । कुछ ही सेकंड में पियून कॉफी और चाए रख कर चला जाता है। उसके जाते ही कायरा आदित्य से सवालों के अंबार लगा उससे पूछती है।
कायरा - आदि , अब मुझे बताओ , के उस राजवीर को यहां किसने बुलाया था और उसकी कंपनी के साथ डील हो रही है इस बारे में मुझे किसी से बताया क्यों नहीं और पार्टनर शिप भी कर डाली तुम लोगों ने उनकी कंपनी के साथ ।
आदित्य ( कॉफी का कप उठाते हुए ) - रिलेक्स कायरा ! बीते कुछ समय में इतना कुछ हुआ के हममें से कोई भी तुम्हें इस बारे में बताना ही भूल गया ।
कायरा ( हल्के गुस्से के साथ ) - तो मुझे ये बताओ के उनकी कंपनी से डील या पार्टनर शिप इतनी जरूरी थी के उस जैसे आदमी को हमारे ऑफिस में कदम रखना पड़ा? और मुझे उसकी चीप हरकतें बर्दास्त करनी पड़ी !!!
आदित्य ( कॉफी का कप डेस्क पर रखते हुए ) - वी आर वेरी सॉरी फॉर राजवीरस् बिहेवियर । कायरा हमारे लिए ये डील इतनी भी जरूरी नहीं थी और खास कर के आरव के लिए तो बिल्कुल भी नहीं और ना ही ये पार्टनरशिप जरूरी थी हमारी कंपनी के लिए । पर कायरा आरव की मजबूरी है, ये डील और पार्टनरशिप एक्सेप्ट करना । और साथ में राजवीर को अपनी आंखों के सामने बर्दास्त करना । और खास करके तब जब एक दिन पहले ही राजवीर ने तुम्हारे साथ बत्तमिजी करने की कोशिश की थी।
कायरा ( बिगड़ते हुए ) - तो फिर क्या जरूरत थी पार्टनरशिप और डील की ? और ऐसी क्या मजबूरी है आरव की , के उन्हें ना चाहते हुए भी ये सब करना पड़ा ।
आदित्य ( एक लम्बी सांस लेते हुए ) - राजवीर आरव का रिश्तेदार है ।
कायरा ( हैरानी से ) - मतलब !!!!!
आदित्य - मतलब ये कायरा , के राजवीर आरव के भाभी के मामा का बेटा है , और खुशी भाभी जो आरव की भाभी हैं , वे अपने मामा से और अपने भाई राजवीर से बेहद प्यार करती हैं, क्योंकि उनका कोई सगा भाई नहीं है । इस लिए वे राजवीर को सगे भाई से भी बढ़ कर मानती हैं । और राजवीर भी उन्हें उतनी ही इज्जत देता है। और दूसरी बात ये कायरा के मिस्टर तिवारी, मतलब के राजवीर के पिता जी को राजवीर के काले कारनामों के बारे में कोई जानकारी नहीं है । तुमने देखा नहीं मिस्टर तिवारी राजवीर की कितनी तारीफ कर रहे थे । वे बेचारे राजवीर की हरकतों से अंजान हैं और उनकी नज़रों में राजवीर ने अपने - आपको बहुत अच्छा बना कर रखा है। अगर आरव पार्टनरशिप के लिए नहीं मानता तो कहीं न कहीं मिस्टर तिवारी को बुरा लग जाता और उन्हें बुरा ना लगे साथ ही रिश्तेदारी में कोई प्रॉब्लम ना आए सोच कर ही, आरव इस पार्टनरशिप के लिए माना है । वरना वो राजवीर जैसे इंसान को कभी भी अपने नज़रों के सामने नहीं झेलता । और राजवीर ने आज जो कुछ भी किया तुम्हारे साथ , उसका गवाह मैं हूं , मैं जानता हूं के मैंने आरव को कितनी मुश्किल से रोका हुआ था, उसके गुस्से को राजवीर के ऊपर उतारने से । वरना आज राजवीर जिंदा इस ऑफिस से बाहर नहीं जा पाता। ( कायरा को समझाते हुए ) कायरा ! हो सकता है के राजवीर कल से डेली ऑफिस आए, क्योंकि वो अपने डैड के साथ उसके बिजनेस में हेल्प करता है और हमें ना चाहते हुए भी उसके लिए केबिन बनवाना होगा । इस लिए तुम थोड़ा उससे संभलकर रहना और उससे कम ही उलझना। बाकी हम सब तो रहेंगे ही इस ऑफिस में । वैसे आज का तुम्हारा ऐटिट्यूड देख कर हम थोड़ा सा निश्चिंत तो हो गए हैं पर तब भी अगर कोई भी प्रॉब्लम हो तो हमे बता देना , हमसे छुपाना मत । हम राजवीर को अच्छे से सबक सिखायेंगे और उसकी हरकतें, उसके बाप के और दुनिया के सामने भी लायेंगे ।
कायरा बस हां में सिर हिला देती है । अपनी चाए ख़तम कर वो आदित्य के साथ आगे की प्रेजेंटेशन पर काम करने लगती है।
सभी को काम करते हुए शाम हो जाती है । कायरा घड़ी की ओर देखती है तो उसमें छ: बज चुके होते हैं । कायरा और आदित्य का काम भी ख़तम हो जाता है तो आदित्य अपने केबिन में चला जाता है । कायरा अपना काम समेटती है और अपना मोबाइल देखती है जिसमें मालती जी ने समान की लिस्ट भेज दी थी । वो अपना मोबाइल हाथ में पकड़ कर आरव के केबिन में जाती है और उससे जल्दी जाने को कहती है । आरव भी काम ना होने की वजह से उसे जाने के लिए मना नहीं करता और परमिशन दे देता है । कायरा अपने केबिन में आकर, अपना बैग उठा कर ऑफिस से बाहर चली जाती और पार्किंग से अपनी स्कूटी निकाल कर मार्केट की ओर बढ़ जाती है । तो वहीं ऑफिस का वर्क जल्दी ख़तम हो जाने पर आरव और बाकी सभी बॉयज दोस्त अपने फेवरेट रेस्टोरेंट में जाने का मन बनाते हैं । वो लोग रेहान को उसके घर से पिक कर रेस्टोरेंट के लिए निकल जाते हैं ।
कायरा को मार्केट पहुंचते - पहुंचते अंधेरा हो जाता है। पहले वो राशन का सामान लेने का सोचती है, फिर बाकी का सामान लेने का मन बनाती है । वो किराने की दुकान में जा कर राशन का सामान दुकानदार को बताने लगती है । तो वहीं राहुल खुद में खोया हुआ सा सभी से कहता है ।
राहुल - गाइस! हम पहले अपनी फेवरेट जगह जुहू बीच चलें , मेरा मन कर रहा है वहां जाने का ।
सभी एक साथ - बिल्कुल ।
सभी हंसते खिलखिलाते हुए जुहू बीच की ओर गाड़ी मोड़ देते हैं। उन सभी को भी जुहू बीच पहुंचते हुए अंधेरा हो जाता है और गाड़ी आरव ड्राइव कर रहा होता है । वहीं राहुल अपने में ही खोया हुआ सा सोचता रहता है ।
सभी दोस्त जुहू बीच पहुंच जाते हैं । सभी वहां की समुद्र की लहरों को खूब एन्जॉय कर रहे होते हैं, तो राहुल एक पत्थर पर बैठा हुआ रूही के बारे में सोच रहा होता है। जब बहुत देर तक सभी के बुलाने पर भी राहुल उनके पास नहीं आता, तो वे सभी राहुल के पास आ जाते हैं और उसके इर्द - गिर्द बैठ जाते हैं। रेहान राहुल से कहता है ।
रेहान - राहुल क्या हुआ , तू हमारे साथ क्यों नहीं आया मस्ती करने , देख हम सबको , समुद्र की लहरों के साथ हमने कितनी मस्ती की है ।
राहुल ( बिना की भाव के नीचे पड़ी रेत को देखते हुए कहता है ) - कुछ नहीं हुआ है यार , बस मेरा मन नहीं था इस लिए नहीं आया ।
नील ( हैरानी से ) - तेरा मन नहीं था !!!! तू तो मस्ती में सबसे आगे रहता है, फिर तुझे आज क्या हुआ ?
राहुल ( चिढ़ते हुए ) - बताया ना यार कुछ नहीं हुआ है ।
उसके इस तरह से बात करने से सभी दोस्त समझ जाते हैं के राहुल के दिमाग में कुछ तो चल रहा है, वरना वो इस तरह का बिहेव नहीं करता । आरव और आदित्य राहुल के कंधे पर हाथ रखते हैं और आदित्य राहुल से कहता है ।
आदित्य - बात क्या है राहुल बता ना , हमसे कुछ भी मत छुपा भाई , तू बता देगा तो तुझे भी अच्छा लगेगा।
राहुल कुछ नहीं कहता तो आरव राहुल से कहता है ।
आरव - देख राहुल , कोई तो बात है जो तू हमसे छुपा रहा है , अगर तू बता देगा तो तुझे ठीक लगेगा और हो सकता है,l हम कोई सोल्यूशन भी निकाल सकें । तू हम पर इतना तो भरोसा करता है ना ।
राहुल ( आरव के हाथ पर हाथ रखते हुए ) - तुम दोस्तों पर तो मैं खुद से भी ज्यादा भरोसा करता हूं ।
आदित्य - तो बात क्या है भाई ?? बता ना ।
राहुल एक गहरी सांस लेता है और फिर सभी से कहता है - भाई मुझे ना आजकल पता नहीं क्या हो गया है , दिनभर मेरे ख़यालो में बस वो ही छाई रहती है , दिल कहीं लगता नहीं है और दिमाग उसके सिवा कुछ सोचता नहीं है । मुझे हर जगह बस वही नजर आती है और हर वक़्त बस मैं उसके बारे में ही सोचता रहता हूं । पहले ऐसा कभी मेरे साथ नहीं हुआ है, पर अभी कुछ दिनों से पता नहीं ऐसा क्यों हो रहा है । आरव तुझे याद है ना, कल हम मीटिंग के लिए गए हुए थे, पर मेरा ध्यान मीटिंग में नहीं था, इसीलिए मुझसे बार - बार मिस्टेक्स हो रही थी । ( आरव अपना सिर हां में हिला देता है ) ऑफिस आ कर भी मुझे चैन नहीं मिला था , मैं काम में कॉन्संट्रेट ही नहीं कर पा रहा था । और जबसे उसके साथ डांस किया है खास कर आज....., ( उसके इतना कहते ही आदित्य को सौम्या की बात याद आ जाती है, जो उसने राहुल और रूही को ले कर कहीं थी ) आज तो पता नहीं मुझे क्या हो गया था ? मेरी नजरें तो उससे हट ही नहीं रही थी । आज भी दिनभर मैं अपने काम में मन नहीं लगा पाया । हर वक़्त उसका ही चेहरा मेरे सामने आ रहा था । ( हताश होते हुए ) मैं क्या करूं यार तुम लोग ही मुझे बताओ । मेरे दिन का सुख - चैन सब कहीं गुम सा हो गया है । दिमाग और दिल आपस में उलझ से गए हैं । मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है, के मैं इस प्रॉब्लम से कैसे बाहर निकलूं???
आदित्य राहुल के कहे हुए शब्दों से जान जाता है, के राहुल किसके लिए ये सब फील कर रहा है तो वहीं बाकी दोस्त आधी बात समझते हैं, तो आधी बात से अभी भी कन्फ्यूज़न में रहते हैं । तभी नील राहुल से कहता है ।
नील ( राहुल के चेहरे पर नज़रें गड़ाए हुए ) - और वो कौन है ????
राहुल ( तपाक से ) - रूही...., रूही के कारण ही ये सब हो रहा है , उसका ही ख्याल मेरे दिलों - दिमाग में छाया रहता है ।
सभी उसके जवाब से मुस्कुरा कर उसे देखते हैं । आदित्य राहुल से कहता है ।
आदित्य - तुझे नहीं पता तुझे क्या हुआ है , क्यों तेरे साथ ऐसा हो रहा है ???
राहुल ( उदास होते हुए ) - नहीं यार , वही तो पता करने की कोशिश कर रहा हूं।
आरव , नील और रेहान ( एक साथ ) - सच में ! तुझे नहीं पता ????
राहुल ना में सिर हिला देता है और फिर कहता है - अगर तुम लोगों को पता हो तो बता दो ।
नील ( उसके कंधे को पकड़ उसे जोर से हिलाते हुए ) - अबे ...., मेरे भाई , मेरे प्रा , मेरे जिगर के टुकड़े !!!! तुझे प्यार हो गया है ।
इतना कह नील राहुल से अलग हो जाता है और बाकी दोस्त मुस्कुरा कर राहुल को देख रहे होते हैं। राहुल आश्चर्य के साथ नील को देखता है, जैसे उसे कुछ समझ ना आया हो या फिर उसने कुछ गलत सुन लिया हो । वो फिर से नील से कहता है।
राहुल - तूने क्या कहा , जरा फिर से कहना तो।
रेहान ( मुस्कुराते हुए ) - उसने यही कहा!!! के तुझे प्यार हो गया है ।
आदित्य ( हंसते हुए ) - और वो भी किससे !!???
राहुल को छोड़ बाकी दोस्त एक साथ - रूही से ।
राहुल सभी की बात सुन खुश हो जाता है और अपनी बाहें फैला सभी से कहता है ।
राहुल - मुझे प्यार हो गया है .... , मुझे ..... , मुझे प्यार हो गया है , ( फिर हाथ फैलाकर लहरों की ओर जाते हुए और सामने देख कर मुस्कुराते हुए खुशी के साथ चिल्ला कर कहता है ) सुना तुमने लहरों , मुझे ...., राहुल को प्यार हो गया है । ( फिर सभी दोस्तों के पास आ कर ) आई एम् इन लव , आरव । आदि , नील, रेहान , आई एम् इन लव और वो भी रूही से ।
आरव ( मुस्कुरा कर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए ) - हां भाई तुझे रूही से प्यार हो गया है । पर राहुल , तुझे अपने प्यार का एहसास कैसे नहीं हुआ , जबकि मुझे मेरे प्यार का एहसास तो तूने ही कायरा था ना ।
राहुल ( रूही के खयालों में खोए हुए ) - सच कहते हैं लोग , जब खुद पर प्यार की खुमारी चढ़ती है, तो खुद को पता नहीं चलता के हमारे साथ आखिर हो क्या रहा है ।
उसकी इस बात पर सभी हंस देते हैं, तभी नील उछलते हुए कहता है ।
नील - जब आरव को अपने प्यार का एहसास हुआ था, तब इसने ट्रीट दी थी । अब बारी तेरी है राहुल , तू बता कब हमें ट्रीट देगा ???
राहुल ( हंसते हुए ) - भाई , हम अभी रेस्टोरेंट तो जा ही रहे हैं डिनर के लिए , तो आज का डिनर मेरी तरफ से ।
सभी मुस्कुरा देते हैं और गाड़ी की ओर बढ़ जाते हैं । आरव फिर से ड्राइविंग सीट पर आ कर स्टीयरिंग संभाल लेता है तो वहीं राहुल उसके बगल वाली सीट पर बैठ जाता है । आदित्य और रेहान बीच वाली सीट में बैठ जाते हैं और नील लास्ट वाली सीट में बैठ जाता है । आरव गाड़ी स्टार्ट कर रेस्टोरेंट की ओर बढ़ जाता है और कायरा के खयालों में खोया हुआ सा गाड़ी चला रहा होता है तो वहीं राहुल रूही के बारे में , आदित्य सौम्या के बारे में , नील शिवानी के बारे में और रेहान अपने में खोया हुआ रहता है और सभी शांति से बैठे रहते हैं । तभी राहुल रूही के खयालों में खोया हुआ ही गाना गुनगुनाने लगता है । उसे गाना गुनगुनाते देख आदित्य उससे कहता है ।
आदित्य - अपने में क्या गुनगुना रहा है , जरा तेज़ आवाज़ में गा , ताकि हम भी सुने ।
राहुल पलट कर पहले तो आदित्य को मुस्कुराते हुए देखता है और फिर सामने की ओर मुड़ जाता है और खिड़की से बाहर झांकते हुए गाना गाने लगता है या यूं कहें अपने दिल के हाल को बयान कर रहा होता है ।
राहुल ( रूही के बारे में सोचते हुए कार की खिड़की के बाहर की हवा को महसूस करते हुए ) -
क्यूँ आजकल नींद कम
ख़्वाब ज़्यादा है
लगता खुदा का कोई नेक इरादा है
राहुल के गाना स्टार्ट करते ही सभी गाने को एन्जॉय करने लगते हैं और खुद भी गाना गाने लगते हैं ।
आरव ( कायरा के खयालों में खोए हुए ) -
कल था फकीर आज दिल शहज़ादा है
लगता खुदा का कोई नेक इरादा है
राहुल - क्या मुझे प्यार है, हे या....
कैसा खुमार है, हे या.....
आरव - क्या मुझे प्यार है , हे या.....
नील ( शिवानी की आंखों को याद करते हुए ) -
कैसा खुमार है , हे या......
राहुल ( रोड की तरफ देखते हुए ) -
पत्थर के इन रस्तों पे
फूलों की इक चादर है
आदित्य ( सौम्या के बारे में सोचते हुए ) -
जबसे मिले हो हमको
बदला हर इक मंज़र है
आरव (आसमान की ओर देखते हुए ) -
देखो जहां में नीले-नीले आसमां तले
रंग नये-नये हैं जैसे घुलते हुए
नील ( अपने हाथो को ऊपर कर हिलाते हुए ) -
सोए से ख्वाब मेरे जागे तेरे वास्ते
तेरे ख़यालों से हैं भीगे मेरे रास्ते
राहुल , नील , आदित्य और आरव ( एक साथ गाते हुए और एक दूसरे को मुस्कुराकर कर ताली देते हुए ) -
क्या मुझे प्यार है........ हे या.....
कैसा खुमार है ........ हे या .......
रेहान ( खिड़की से बाहर देख कर कहीं खोया हुआ सा गाता है ) -
तुम क्यों चले आते हो
हर रोज इन ख्वाबों में
चुपके से आ भी जाओ
रेहान के गाते ही आदित्य उसे अपने हाथ का अंगूठा दिखा, इशारों में गुड जॉब कहता है जिससे रेहान मुस्करा देता है ।
नील - इक दिन मेरी बाहों में
आरव - तेरे ही सपने अंधेरों में, उजालों में
राहुल - कोई नशा है तेरी आँखों के प्यालों में
रेहान - तू मेरे ख्वाबों में, जवाबों में, सवालों में
आदित्य - हर दिन चुरा तुम्हें मैं लाता हूँ ख़यालों में
पांचों एक साथ - क्या मुझे प्यार है......... हे या....
कैसा खुमार है....... हे या.....
सारे दोस्त गाना ख़तम होने पर एक - दूसरे को हंसते हुए ताली देते हैं, तभी उनकी मंजिल, उनका रेस्टोरेंट भी आ जाता है। सभी कार से नीचे उतरते हैं और फिर रेस्टोरेंट का एक वर्कर आरव से गाड़ी की चाभी ले, कार पार्किंग एरिया में पार्क कर चाभी आरव को दे जाता है । तभी आदित्य रेहान से कहता है ।
आदित्य - आज तो तूने बहुत अच्छा गाया भाई ।
नील ( उसकी हां में हां मिलाते हुए ) - हां , भाई रेहान , तू तो छुपा रुस्तम निकला ।
राहुल - हां भाई ! अगर तू आज नहीं गाता तो हमें पता ही नहीं चलता के तू भी इतना अच्छा गाता है , हम सभी ने तो पहली बार तेरी आवाज़ सुनी है ।
रेहान ( मुस्कुराते हुए ) - बस भाई, ऐसे ही मन किया तो आज गा लिया , वरना मैं तो कभी नहीं गाता, वरना तुम लोगो को तो पता ही रहता ।
आदित्य ( रेहान की चुटकी लेते हुए ) - वैसे रेहान आज ऐसा क्या खास है, जो तूने हमारे साथ गाना गाया और तेरा आज पहली बार मन कैसे हो गया ( फिर हल्की शरारती निगाहों से रेहान को देखते हुए ) कहीं तुझे भी राहुल की तरह कोई नशा तो नहीं चढ़ गया है ।
आदित्य के कहने से सभी सोच में पड़ जाते हैं और फिर रेहान को सवालिया निगाहों से देखने लगते हैं आरव उससे कहता है ।
आरव - हां रेहान, कहीं आदि सही तो नहीं कह रहा है।
आरव के पूछने पर रेहान एक पल को आरव को देखता है फिर सभी की ओर बराबर दृष्टि डाल उनसे कहता है।
रेहान - मेरे महानुभाव मित्रों ! ऐसा कुछ नहीं है , अगर ऐसा कुछ होता, तो मैं तुम लोगो से छुपाता क्या ???
आदित्य - क्या पता , तू शायद सच में कुछ छुपा रहा हो , ( रेहान की नज़रों में झांकते हुए ) क्योंकि तेरी आंखें कुछ और, और जुबान कुछ और ही कह रही है ।
रेहान एक बार को सकपका जाता है और बाकी दोस्त आदित्य की हरकतों को देख हंस रहे होते हैं । रेहान सभी से आंखें चुराते हुए कहता है ।
रेहान - ऐसा कुछ नहीं है , तुम लोग ज्यादा ही कुछ सोच रहे हो ।
रेहान को सकपकाते हुए देख सारे दोस्त हंस देते हैं, तभी आरव रेहान के पास आता है उससे कहता है ।
आरव ( रेहान के कंधे पर हाथ रखते हुए ) - रिलेक्स रेहान ! आदि तो तुझे बस छेड़ रहा है ।
रेहान ( आदित्य को घूरते हुए ) - मैं कोई खूबसूरत लड़की हूं क्या? जो ये मुझे छेड़ रहा है ।
उसकी इस बात पर जोर का ठहाका मार कर सारे दोस्त हंस देते हैं । खुद रेहान को भी अपनी कहीं हुई बात को यादकर हंसी आ जाती है , आरव उससे कहता है ।
आरव - तू लड़की नहीं पर हां , मासूम जरूरत हैं । कुछ बोलता ही नहीं है, इसीलिए ये सब तुझसे मजाक करते हैं।
तभी नील बीच में बात को काटते हुए कहता है - अरे तुम लोगो को भूख नहीं लगती है क्या ??? ( अपने पेट पर हाथ घुमाते हुए ) मुझे तो बहुत तेज़ भूख लगी है , पेट में चूहे कूद रहे हैं ।
बाकी के सारे दोस्त ( हंसते हुए एक साथ कहते हैं ) - चल , भुक्खड़ कहीं का ।
सभी मुस्कुराते हुए रेसोरेंट के अंदर चले जाते हैं । उस रेस्टोरेंट के सामने ही, राखियों की दुकान लगी होती है । कायरा वहीं पर सारा सामान लेने के बाद राखियां ले रही होती है। सारे दोस्त रेस्टोरेंट के अंदर चले जाते हैं, पर कायरा के ऊपर उनकी नज़र नहीं जाती, तो वहीं कायरा राखियों में इतनी उलझी रहती है के वो पीछे मुड़ कर नहीं देख पाती, इस लिए उसे आरव और उसके दोस्त नहीं दिखते ।
कायरा राखी ले घर की ओर निकल जाती है और बाकी के बॉयज भी दस बजे तक अपने - अपने घर पहुंच जाते हैं । कायरा घर के अंदर सारा सामन ले कर कदम रखती है के उसे घर के सभी लोगों के साथ दादी भी चेयर पर बैठी दिखती हैं । कायरा घड़ी की ओर देखती है तो पाती हैं के उसे आज फिर लेट हो गया था , क्योंकि घड़ी में साढ़े नौ बज गए थे । कायरा दादी की तरफ डरते हुए देखने लगती है । दादी जब कायरा को देखती है तो कुछ कहने ही वाली होती है के उनके बोलने से पहले ही मालती जी राधा जी से कहती हैं ।
मालती जी - मां जी ! मैंने ही कायरा को आज रक्षाबंधन का सामान और घर का बाकी का सामान लाने को कहा था । कायरा ऑफिस से जल्दी निकली थी, पर शायद इसे मार्केट में लेट हो गया होगा ।
राधा जी बस इतना ही कह पाती हैं - ठीक है , आगे से ध्यान रखने बोलना ।
इतना बोल वे रात के खाने के इंतजार में डायनिंग टेबल पर बैठ जाती हैं । कायरा रिलेक्स हो मालती जी के पीछे - पीछे किचेन में जाती है और मालती जी को थैंक्यू बोलती है बदले में मालती जी उसे मुस्कुराकर गले लगा लेती हैं । कायरा सारा सामान किचेन में रख कर अपने रूम में चली जाती है और थोड़ी देर में आकर खाना खा कर जल्दी ही सोने चली जाती है । थकावट की वजह से उसे जल्दी नींद आ जाती है । तो वहीं आरव आज कायरा के खयालों में फिर से गुम उसके सपने देखते हुए सो जाता है । पर आज आरव के अलावा और भी कई लोग किसी ना किसी के सपने देख रहे होते हैं । और वो राहुल , नील , शिवानी होते हैं । राहुल रूही के सपने देखता है, तो नील और शिवानी एक - दूसरे के और आदित्य राहुल के बारे में सौम्या को फोन पर बताता है और बात करते - करते ही दोनों सो जाते है ......।
क्रमशः