जवाब एक ही है कि पूरा देश एकजुट हो कर सारे भुगतान बैंक से ही करने शुरू कर दे. महंगाई ओके मापदंड चीज वस्तुओं की अछत नही है, बल्कि करंसी ओके अंडर पास को रखता है.
एक काना पैसा भी कैश पेमेंट नहीं होना चाहिए.
एक फूटी कौड़ी भी अंडरवर्ल्ड को नहीं जानी चाहिए. यदि ऐसा सिर्फ 1 साल होता है तो दूसरे वर्ष नतीजा आपके सामने होगा.
यानी कि महंगाई 5% से नीचे होगी.
एनीवे जो भी हो, अदैन्य ने पॉल को सारी बात समझा दी थी. और पॉल समझ भी गए थे.
दोस्तों, यहां मैं एक बात आप लोगों को बता देना चाहूंगा कि यदि इस्लामिक रिजर्व फंड इंडोनेशिया आता है तो वहां के रिजर्व बैंक सिर्फ और सिर्फ एक्सचेंज ही देगी. उसके सामने इंडोनेशियन सरकार से सोना नहीं मांगेगी.
क्योंकि रिजर्व बैंक सोना तभी मांगती है जब सरकार सीधे-सीधे रिजर्व बैंक से करंसी मांगती है जबकि बाहर से आता पैसा या किसी डोनेशन वगैरा में सोना गीरो नहीं होता.
यह सब तो ठीक है मगर मिस्टर पॉल ने अभी भी अदैन्य को बहुत कुछ समझाना बाकी है.
पोल ने रॉय को फोन करके बता दिया कि 25 करोड़ पाउंड इंडोनेशिया को ट्रांसफर कर दिये है.
अदैन्य ने कुछ उस सुर में धन्यवाद प्रकट किया मानो वोह अभी फोन रखने ही वाले हो.
पॉल ने अपना सुर बदला और कहां मिस्टर रॉय.
और अदैन्य समझ गये. अदैन्य ने रिसीवर को थोड़ा और हाथ में बांधा और बोला मिस्टर पॉल आपके इन पैंस( Pence) की जिम्मेदारी मेरी रहेगी.
पॉल ने कहा मिस्टर रोए इसके लिए तो पूरी ब्रिटिश लॉबी इंडोनेशिया में बैठी है. मगर जो पेन्स गल्फ एसोसिएशन से आएगा उसकी जिम्मेदारी आपके कंधों पर रहेगी. और यहां के हालात अभी करप्शन से भी बहुत ऊपर चल रहे हैं.
हो सकता है वह 200 करोड़ रुपया ( गल्फ रूपी) मिनिस्ट्री में ही वेपराइज हो जाए. तब आप उन्हें क्या जवाब देंगे?
मिस्टर रॉय इन लोगों ने आपको मामला सुलझाने के लिए नहीं बल्कि सिर्फ एक दिखावे के लिए बुलाया है और इनके हाथ इतना बड़ा बटेर लग गया है. हो सकता है शायद आगे उन्हें तुम्हारी जरूरत नहीं है.
मगर आगे चलकर जवाब तो हम आप ही से मांगेंगे.
मिस्टर रोए इकोनामी इस द प्रोफेशन ऑफ कॉन्स्टिट्यूशन. हम सब संविधान के लिए व्यापार करते हैं. अब हम मदद कर सकते हैं नुकसान तो नहीं ना!!
पैसे आपको आपके नाम पर मिले हैं. अगर यह नाम बदनाम होता है तो हो सकता है आने वाली पीढ़ी एंटीफंगस से वंचित रह जाए. इसीलिए जो भी करें बहुत सोच समझ कर करें. और पाई पाई खर्च करने की कोई जरूरत नहीं. जो भी कीजिए बस निवेश कीजिए. that's all Mr roy.
रॉय ने चिंतित स्वर में कहा जी हां और तुरंत फोन रख दिया.
पोल समझ गए और स्पेक्ट्स अपने हाथों में घुमाते रहे.
यहां इंडोनेशिया में कॉन्स्टिट्यूशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन होता है. जिसमें सभी सांसदों के अतिरिक्त कुछ विद्वान अर्थशास्त्री भी थे.
अदैन्य ने अपनी बात फाइल के स्वरूप में टेबल पर आगे की और एक सांसद ने फाइल पढ़ना शुरू किया.
थोड़ी ही देर में सभी ने अपनी संमत्ति के स्वरूप में टेबल पर अपने हाथ पछाडे और कहां जी ठीक है, मिस्टर रॉय. अगर मिस्टर पॉल ने आपकी बात को समझ ली है तो फिर हम कौन होते हैं मना करने वाले.