Rambhala ka rahashy - 1 in Hindi Adventure Stories by Shakti Singh Negi books and stories PDF | रंभाला का रहस्य - भाग 1

Featured Books
  • Reborn to be Loved - 2

    Ch 2 - Psycho शीधांश पीछले भाग में आपने पढ़ा…ये है हमारे शीध...

  • बन्धन प्यार का - 27

    बहू बैठो।हिना बैठ गयी थी।सास अंदर किचन में चली गयी थी।तब नरे...

  • कुआँ

    धोखा तहुर बहुत खुश हुआ था अपने निकाह पर। उसने सुना था अपनी ब...

  • डॉक्टर ने दिया नया जीवन

    डॉक्टर ने दिया नया जीवनएक डॉक्टर बहुत ही होशियार थे ।उनके बा...

  • आई कैन सी यू - 34

    अब तक हम ने पढ़ा की लूसी और रोवन उनके पुराने घर गए थे। वहां...

Categories
Share

रंभाला का रहस्य - भाग 1

प्रताप अपनी स्टडी में बैठकर एक दुर्लभ पुस्तक का अध्ययन कर रहे थे। उनकी पत्नी उनके द्वारा कही गई बातों को कंप्यूटर पर माइक्रोसॉफ्ट वर्ड पर टाइप कर रही थी। अचानक उनके मोबाइल की घंटी बजने लगी। प्रताप ने फोन उठाया तो प्रिया की आवाज आई - प्रिय मित्र प्रताप को नमस्कार।


प्रताप - नमस्कार। कहिए प्रिया जी क्या हाल-चाल हैं।


प्रिया - हालचाल तो ठीक हैं जी। आप अपनी सुनाइए।


प्रताप - यहां भी सब ठीक - ठाक हाल हैं जी। मेरी इकलौती पुत्री रिषिका ने देश भर में नीट की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। और अब वह एक प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला ले चुकी है।

प्रिया - तब तो घर में आप मियां बीवी अकेले होंगे। आपका टाइम कटता कैसे होगा?

प्रताप - बीवी को मैंने अपने व्यवसाय से जोड़ लिया है। मैं बोलता रहता हूं और वह कंप्यूटर पर टाइप करती रहती है।


प्रिया - और खाना कौन बनाता है?


प्नताप - खाना भी हम मिलकर बना लेते हैं। बताइए कैसे याद किया?


प्रिया - आपके लिए एक काम है अफ्रीका में। वहां के एक वर्तमान राजा अपने वंश का इतिहास लिखाना चाहते हैं आपसे।


प्रताप - ठीक है उनका कांटेक्ट नंबर दीजिए।


प्रिया प्रताप को राजा का कांटेक्ट नंबर देती है। प्रताप राजा से बात करता है। राजा अंग्रेजी में बात करता है। राजा 2 करोड़ रुपये टिकट आदि के लिए प्रताप के खाते में ट्रांसफर कर देता है। 2 दिन बाद प्रताप अपने कुछ कपड़े और लेखन सामग्री अपने छोटे से बैग में डालता है और अपनी पत्नी से विदा लेकर एयरपोर्ट की तरफ चल पड़ता है। वहां से वह विमान द्वारा अफ़्रीका के पुलुपुलु शहर जा पहुंचता है। एयरपोर्ट से राजा द्वारा भेजी कार द्वारा वह राजा के महल पहुंच जाता है। अपने महल में राजा प्रताप का भव्य स्वागत करते हैं। राजा काले रंग के, सात फीट लंबे, बलिष्ठ शरीर के थे। राजा का नाम किंगालू था।


राजा ( अंग्रेजी में ) - आपका स्वागत है।


प्रताप -धन्यवाद श्रीमान।


किंगालू - आपको अपनी यात्रा में कोई कष्ट तो नहीं हुआ श्रीमान।


प्रताप - जी नहीं श्रीमान।

किंगालू - हमने आपको अपने पूर्वजों व अफ्रीका महाद्वीप का इतिहास लिखने के लिए बुलाया है श्रीमान।


प्रताप - धन्यवाद महाराज किंगालू।


किंगालू - हम आपको इसका मनचाहा पारिश्रमिक देंगे श्रीमान।

प्रताप - धन्यवाद श्रीमान।

किंगालू - हम आपको तो 2 अरब भारतीय रुपया देंगे। साथ में अफ्रीकन नस्ल का कुत्ता, एक महल, एक फाइव स्टार होटल, महंगी कार और 20 दास दासियां भी।


प्रताप - धन्यवाद। आप यह रकम मेरे खाते में डाल दीजिए और अन्य वस्तुएं भी मेरे सुपुर्द कर दें। यह मेरा खाता नंबर है। किंगालू खाते में रकम ट्रांसफर कर देता है और प्रताप के साथ एक महल में जाता है।


किंगालू - सामने खड़ा फाइव स्टार होटल आपका हुआ।ये रहे उनके कागजात। ये अन्य चीजें भी आपकी हुई।


प्रताप - धन्यवाद श्रीमान।


कुछ दिन तक प्रताप किंगालू के साथ उसके देश और पूरे अफ्रीका महाद्वीप की सैर करता है और अपनी डायरी में महत्वपूर्ण बातें नोट करता रहता है। अब तक प्रताप को अफ्रीका में छह माह हो गया है। इतने समय में वह अफ्रीका के महत्वपूर्ण इतिहास के बारे में काफी कुछ जान चुका है। उसका वफादार कुत्ता रैंबो व अंगरक्षक जावा उसी के साथ साए की तरह रहते हैं।


प्रताप को अपने होटल से प्रतिमाह दो करोड़ भारतीय रुपयों के बराबर आय हो रही है। वह अब होटल के कर्मचारियों की सैलरी बढ़ा देता है। कुछ नये कर्मचारी रख लेता है तथा कुछ पुराने खराब कर्मचारियों को हटा लेता है। वह काम के घंटे घटाकर 8 घंटे कर देता है। इससे उसके होटल की इनकम और बढ़ जाती है। कर्मचारी भी खुश हो जाते हैं।