Me and chef - 22 in Hindi Drama by Veena books and stories PDF | मे और महाराज - ( सौदा) 22

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मे और महाराज - ( सौदा) 22

" ठीक है फिर। आप हमारे साथ सो कर हमे संतुष्ट कर दीजिए। हम तुरंत तलाक के कागज़ाद आपके हाथो मे रख देंगे।" सिराज ने अपनी नजरे बदलते हुए कहा।

" तुम। रास्कल। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई??? एक बार फिर कहना जो कहा।" समायरा।

" अपनी बातो को दोहराने की हमे आदत नही है। आपने अच्छे से सब सुन लिया है। हम बस तीन तक गिनेंगे। एक, दो......." सिराज अपनी जगह से उठा।

" में कैसे मान लूं की तुम बाद मे मुझे तलाक दे दोगे?" समायरा ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा।

" हम कभी अपनी जबान से पलटते नही। ये एक राजकुमार के शब्द है।" सिराज।

वैसे भी ये मेरा शरीर थोड़ी ही है। ये पति है इस लड़की का उसका हक भी है। बस एक बार तलाक हो जाए फिर में दोबारा अपने घर अपने वक्त मे लौट पावूंगी। मुझे माफ कर देना शायरा, पर हम दोनो के लिए ये जरूरी है। समायरा ने सोचा फिर वो अपनी जगह से उठी।
उसने सिराज को अपनी तरफ खींचा, और वो आगे कुछ कह पाए उस से पहले अपने होठ उसके होठों पर रख दिए। सिराज के चेहरे पर एक विजई मुस्कान थी। रात भर अपने शरीर की हर हवस पूरी करने के बाद, सुबह 5 बजे सिराज ने कपड़े पहने और कमरे से बाहर जाने लगा। अपने शरीर को चद्दर से ढकते हुए, समायरा उठी।

" इतने जल्दी कौन उठता है ??? अंधेरे मे कहा जा रहे हो तुम??????" समायरा।

" आप सो जाएं। हमारा रियाज का वक्त हो चुका है, इसीलिए हम अब जा रहे है।" सिराज।

" वो सब जाने दो। मेरे तलाक के कागज़।" समायरा ने एक हाथ से चद्दर पकड़े हुए दूसरा हाथ आगे बढाया।

सिराज उसकी तरह मुड़ा, घुटनो के बल बैठ उसने समायरा की आखों मे आंखे डाली और कहा " हम संतुष्ट नहीं है। आप को बोहोत कुछ सीखने की जरूरत है।"

" तुम ? धोखेबाज। U चीट।" समायरा आगे कुछ कहे उस से पहले सिराज ने उसके होठों को चूमा और आराम कीजिए कह कर बाहर जाने लगा।

सदमे से निकलते हुए समायरा ने तकिया सिराज की दिशा मे फेंका।" तुम्हे सीखने की जरूरत है। तुम मुझे संतुष्ट नहीं कर पाए। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?"

सिराज उसे एक मुस्कान दे कर कमरे से बाहर निकल गया।


एक तरफ जहा किसी के जीवन मे नए प्यार का रंग छाया था। वही दूसरी ओर कोई अपने प्यार के लिए तड़प रहा था।

" क्यों शायरा ?? क्यों ??? आपने हमे वैसे क्यो देखा????" अमन ने शराब की नई बोतल खोली। वो शाम से सिर्फ शराब पिए जा रहा था। " क्या गलत किया हमने ?? अगर हमारा हक चुना??? इस राजपाट को चुना??? आप के लिए हमने ये किया ??? आप समझती क्यो नही???? क्यों हर वक्त हमे गुनहगार महसूस करवाती है????? क्यों???"

तभी अंधेरे से दो आदमी बाहर आए।

" मात पर मात। हर चाल पलटती दिख रही है। ऐसा लगता है, जिस राज्य के लिए बड़े राजकुमार ने अपना प्यार तक कुर्बान कर दिया अब वो राज्य और उनका प्यार दोनो ही छोटा भाई ले जाएगा।" एक आदमी ने कहा।

" क्यों बार बार सामने आ रहे हो ??? मैने कहा ना मुझे तुम्हारी जरूरत नही है।" अमन।

" आपको सबसे ज्यादा हमारी ही जरूरत है। हमारे मालिक ने आप के लिए एक नया सौदा भेजा है। ध्यान से सुनिए गा। अभी जो राजकुमारी शायरा के शरीर मे है, वो २१ वि सदी की लड़की है। हमे राजकुमारी से कोई मतलब नहीं है। आप बस राजकुमार सिराज को उनके पास से हटाए, हम इस लड़की को राजकुमारी के शरीर से निकाल लेंगे। फिर राजकुमारी भी आपकी राज्य भी आपका। हमे तो बस वो लड़की और आत्म मणि चाहिए।"

" मुझे क्या करना होगा???" कुछ सोच अमन ने अपना होश संभालते हुए पूछा।

उन दो आदमियों के चेहरे पर एक विजई मुस्कान बिखर गई। " सिर्फ दो काम। राजकुमार सिराज से पिछा छुड़वाए और वजीर के पास से वो आत्म मणि हमे लाकर दीजिए। अंधेरे के मालिक खुद आपका काम करेंगे।"


एक रात दो अलग अलग सौदे, एक तरफ समायरा सिराज एक दूसरे से दिल का सौदा कर बैठे थे। दूसरी तरफ अपने आप को इस दिल के दर्द से बचाने के लिए राजकुमार अमन ने अपने प्यार का सौदा किया। क्या फिर इन सौदों के बीच किसी मासूम की बलि चढ़ेगी???? आप जिस से प्यार करे उसे पाने के लिए कितनी हदे पार कर सकते है??? १ शादी से पहले ही चार जिंदगिया या फिर ५ जिंदगिया बरबाद हो चुकी थी। अब ये नए सौदे कौनसा चक्रव्यू लायेंगे ???? जल्द देखेंगे हम।



" नहीं। आप ये क्या कर रही है।???? राजकुमारी।" मौली के हाथ से थाल छुट गया। उसने जाकर शायरा के पैर पकड़ लिए। " अभी नीचे उतरये राजकुमारी।"

" छोड़ दो हमे मौली हमारा मरना जरूरी है। अब हम ये नही सह सकते........"