Ahsaas pyar ka khubsurat sa - 8 in Hindi Fiction Stories by ARUANDHATEE GARG मीठी books and stories PDF | एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 8

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 8

एहसास प्यार का खूबसूरत सा ( भाग - 8 )



कायरा आरव के केबिन में पहुंचती है और बाहर से ही नोक करती है और कहती है ।

कायरा - मे आई कम इन !

आरव अपने काम में इतना बिज़ी रहता है के उसे कुछ सुनाई ही नहीं देता है । क्योंकि वो हर हाल में जल्दी से जल्दी अपना ऑफिस का काम ख़तम करना चाहता था । जब आरव कायरा के पूछने पर कोई रिप्लाई नहीं करता तो कायर तेज़ आवाज़ में वहीं दरवाज़े पर खड़ी हो कर कहती है ।

कायरा - में आई कम इन सर........।

अब आरव का ध्यान जाता है के कोई बाहर से नोक कर रहा है तो वो बिना किसी भाव के ही कम इन कहता है । उसका अभी भी ध्यान नहीं जाता के नोक करने वाला कोई और नहीं कायरा है । कायरा केबिन के अंदर आ जाती है । और आरव से कहती है ।

कायरा - आपने बुलाया था .... ?

आरव को अब ध्यान आता है के नोक करने वाला कोई और नहीं कायरा ही है लेकिन वो जान - बूझ कर कायरा को परेशान करने के लिए उसके तरफ नहीं देखता और लैपटॉप पर ही आंखे गड़ाए हुए कहता है ।

आरव - वो जो मिस्टर शेखावत की फाइल भेजी थी वो आपने रीड कर ली ?

कायरा - जी , मैंने रीड कर ली है । ( मन ही मन खुद से ) हे भगवान आपने तो झूठ बोलना भी सीखा दिया है , अभी तो मैंने वो फाइल सिर्फ आधी पढ़ी है , अगर इन्होंने उससे रिलेटेड कुछ पूछ लिया तो फिर तुझे कोई नहीं बचा सकता कायरा क्योंकि तू सही - सही जवाब नहीं दे पायेगी । प्लीज़ भगवान बचा लेना ।

आरव - गुड , उस फाइल पर क्या काम करना है वो आपको राहुल समझा देगा , उसे पता है । उसके अलावा ये कुछ और फाइल्स हैं इन्हे भी रीड करके राहुल के साथ मिलकर बाकी की मीटिंग्स की भी तैयारी कीजिए । बाकी की मीटिंग्स कहां होनी है ये आपको नील बता देगा । बट सारा काम जल्दी ही कंप्लीट होना चाहिए । अगर सारे काम आज ही कंप्लीट नहीं हुए तो आपको आज हमारे साथ लेट तक काम करना होगा , जब तक वर्क कंप्लीट नहीं होता तब तक आप घर नहीं जायेंगी , गॉट इट ...!?

कायरा ( मन में ) - एक से निकालते हो तो दूसरे में फसां देते हो भगवान , इतना सारा काम और वो भी आज ही चाहिए । कैसा दोस्त है ये ? और मैंने इसे अपना दोस्त बना कैसे लिया ? अब आप ही बचाव यार भगवान । ऑफिस आ कर तो पूरा खडूस बॉस बन जाता है ।

आरव को जब कोई जवाब नहीं मिलता तो वो फिर से कहता है - गॉट इट मिस?

कायरा ( हड़बड़ाते हुए ) - जी ।

आरव टेबल में पड़ी कुछ फाइल्स की ओर काम करते हुए ही अपने हाथों से इशारा करता है । कायरा भी बिना कुछ बोले फाइल ले कर जल्दी से केबिन से बाहर निकलती है और राहुल के साथ मिलकर काम ख़तम करने की जल्दी से जल्दी कोशिश करती है । उसके जाने के बाद आरव हल्का सा मुस्कुराता है और अपने काम में लग जाता है । आरव ने भी कायरा की स्कूटी को सुधरवाने के लिए भेज दिया था और शाम तक उसकी स्कूटी रिपेयर होकर पार्किंग एरिया में आ चुकी थी । दिनभर के बिज़ी सेड्यूल के बाद आखिर शाम हो ही चुकी थी । शाम के 7 आखिर बज ही चुके थे पर राहुल , कायरा और नील का काम अभी तक ख़तम नहीं हुआ था । बाकी एम्प्लॉयज अपने - अपने घर निकलने को तैयार थे और कुछ लोग जा चुके थे । आरव ने पियुन से कायरा के बारे में पूछा तो पता चला के वो राहुल और नील के साथ अभी - भी काम में लगी है । आरव बिना अपना समय गंवाए कायरा के केबिन में चला जाता है जहां राहुल और नील पहले से ही थे ।

आरव ( केबिन के अंदर एंटर करते हुए ) - क्या हुआ , तुम लोगों का काम अभी तक फिनिश नहीं हुआ ?

राहुल ( लैपटॉप पर उंगलियां चलाते हुए ) - हां यार , अभी तक फिनिश नहीं हुआ है , और इसे आज ही कंप्लीट करना होगा , कल मीटिंग है वरना कल आकर कर लेते , बट कल की अरेंजमेंट आज तो करनी ही होगी वरना तू मीटिंग के लिए कैसे जायेगा ?

आरव भी उन्हीं के साथ बैठ जाता है और बोलता है - डोंट वरी , मैं तुम लोगों की हेल्प करा देता हूं , काम जल्दी फिनिश हो जायेगा ।

चारो जल्दी - जल्दी काम फिनिश करते है । और लगभग एक घंटे में काम ख़तम भी हो जाता है । कायरा अपनी हाथ की घड़ी देखती है तो उसकी आंखे हैरानी से फैल जाती हैं । वो चिल्लाते हुए कहती है।

कायरा - ओह शिट , आठ बज गए 😳।

नील ( बेफिक्री से ) - तो क्या हुआ , इसमें इतना तेज़ आवाज़ में चिल्लाने की क्या जरूरत है मेरी मां ? हम लोग तो रात के 10 बजे तक यहां पिछले एक हफ्ते से काम कर रहे हैं ।

कायरा ( अपनी गलती पर माफी मांगते हुए ) - आई एम सॉरी , ( आरव से ) सर क्या अब मैं घर जा सकती हूं ? अब तो काम भी ख़तम हो गया है , और आपको तो पता है कल भी मैं लेट हो गई थी ।

आरव समझ जाता है के कायरा के लिए लेट हो गया है तो वो कहता है।

आरव - ओके , मिस कायरा आप जाइए, आपकी स्कूटी भी रिपेयर हो कर पार्किंग में आपका वेट कर रही है।

कायरा ( कृतज्ञता से ) - थैंक्यू वेरी मच सर , मैं निकलती हूं ।

राहुल और नील - बाय कायरा ।

कायरा ( अपना सामान समेट कर लगभग भागते हुए ) - बाय।

आरव ( पीछे से आवाज़ देते हुए ) - आराम से मिस कायरा , कहीं आप गिर गईं तो चोट लग सकती है आपको ।

कायरा हां बोलकर जल्दी से भागती है और अपना सारा सामान रख कर स्कूटी स्टार्ट कर सीधे घर की ओर बढ़ा देती है , उसके चेहरे में टेंशन साफ दिख रही थी पर क्या करती बेचारी लेट तो हो ही चुकी थी । वहीं आरव राहुल और नील उसे इस तरह भागते देख हंसते है और आरव मन ही मन कहता है।

आरव ( खुद से मुस्कुराते हुए मन ही मन ) - पागल लड़की😇 ।

वो तीनों भी अपना सामान समेट कर एक - दूसरे को बाय बोल कर घर के लिए निकलते हैं । आरव तो आज बहुत खुश था क्योंकि उसकी दोस्ती जो आज कायरा से हो गई थी । वहीं बेचारी कायरा टेंशन में थी के आज घर पहुंच कर फिर से सुनना होगा । कायरा घर पहुंचती है अपनी स्कूटी को पार्क कर घर के अंदर डरते - डरते जाती है । तो देखती है के दादी तो आज हॉल में हैं ही नहीं । वो जल्दी से किचेन में जाती है और मालती जी से बोलती है जो कि किचेन में खाना बना रही थी।

कायरा - मम्मा , दादी कहां हैं ?

मालती जी - अरे आ गई बेटा तू ? इतनी लेट क्यूं हो गई ?

कायरा ( हाथ धो कर फ्रिज से पानी निकाल कर पीते हुए ) - वो मैं आपको बताती हूं पर पहले आप बताओ दादी कहां हैं ?

मालती जी - तेरी दादी अपने कमरे में टीवी में भागवत सुन रही हैं।

कायरा - थैंक गॉड , अच्छा हुआ मुझे उन्होंने आते हुए नहीं देखा ।

मालती जी - चिंता मत कर बेटा वो शाम के 6 बजे से भागवत सुन रही हैं । तब से वो अपने कमरे से बाहर नहीं आई हैं , तो उन्हें पता भी नहीं चलेगा के तू कब आई । और मैं बोल दूंगी के तू साढ़े सात बजे घर आ गई थी । अब खुश ?

कायरा - थैंक्यू मां , आज वर्क लोड बहुत ज्यादा था इस लिए मेरे साथ - साथ मेरे बॉस, राहुल और नील भी रुके हुए थे । उन लोगों ने ही मेरा काम जल्दी खतम करवाया वरना मैं तो अभी तक घर नहीं आ पाती ।

मालती जी ( कायरा के सर पर हांथ फेर कर ) - कोई बात नहीं बेटा , जॉब में ये सब होता ही रहता है ।

कायरा - हम्म , मम्मा मेरा सर दर्द कर रहा है इस लिए आप अदरक वाली चाए बना दोगी क्या ? मैं तब तक कपड़े चेंज करके आती हूं ।

मालती जी - जा बेटा , तू फ्रेश हो कर आ तब तक मैं चाए बना देती हूं।

कायरा - जी।

कायरा अपना सामान ले - कर किचेन से बाहर आती है और सीधे अपने रूम में जाती है । वहीं आरव अपने घर शर्मा मेंशन पहुंचता है । आज तो उसके चेहरे से मुस्कुराहट जाने का नाम ही नहीं ले रही थी । आरव अपने ही खयालों में खोया हुआ और अपने चेहरे पर लाखों की मुस्कुराहट लिए अपने रूम में जाने लगता है । वहीं हॉल में अंशिका सीढ़ियों से उतर कर खुशी के पास आती है जो कि वहीं हॉल में सोफे पर बैठी हुई थी । अंशिका आरव को इस तरह से खुद में खोए हुए देखती है तो झट से खुशी से कहती है ।

अंशिका - भाभी , आपने देखा , आज भाई कुछ बदले - बदले से लग रहे हैं ।

खुशी ( आरव की ओर देखते हुए ) - हां , लग तो मुझे भी रहा है , देवर जी के तेवर आज सच में बदले हुए से हैं । पर ऐसा क्यूं है तुझे पता है ?

अंशिका ( कंधे उचकाते हुए ) - मुझे तो नहीं पता भाभी , ( एक्साइटमेंट के साथ ) आप ही बुला कर पूछो ना । आखिर पता तो चले बात क्या है ।

खुशी ( आरव को आवाज़ देते हुए ) - देवर जी , जरा हमारे साथ भी बैठ लीजिए , जब देखो तब काम में ही उलझे रहते हैं आप आजकल।

खुशी की आवाज़ सुन आरव रुक जाता है और पलट कर खुशी के पास आता है ।

आरव ( मुस्कुराते हुए ) - क्या करूं भाभी, काम ही इतना बढ़ गया है।

खुशी - जरा हमारे हाथ बैठ तो लीजिए ।

आरव ( सोफे पर बैठ जाता है और कहता है ) - भाभी कुछ काम है क्या आपको ?

खुशी - क्यूं देवर जी बिना काम के बात नहीं कर सकते क्या हम लोग आपसे ? ( और वो अंशिका को एक आंख मारती है )

अंशिका ( खुशी का साथ देते हुए ) - हां भाई , आप ऐसे ही हमारे साथ नहीं बैठ सकते हो क्या ? जब देखो बस काम ही काम सूझता है आपको तो ।

आरव ( सोफे पर आराम से बैठते हुए ) - अरे ऐसा नहीं है ।

खुशी ( आरव को छेड़ते हुए ) - वैसे क्या बात है देवर जी ? आज तो आपके चेहरे की स्माइल जा ही नहीं रही है । लॉटरी वगेरह लग गई है क्या ?

आरव ( मुस्कुराते हुए ) - हां भाभी समझ लीजिए आज लॉटरी ही लग गई है । ( और फिर से कायरा के खयालों में खो जाता है )

अंशिका ( उछलते हुए ) - वाओ , हमे भी दिखाइए ना भाई ।

आरव तो अपने खयालों में खोया था तो उसे तो अंशिका ने क्या कहा वो सुनाई ही नहीं दिया । वो अभी भी मुस्कुरा रहा था । खुशी उसे इस तरह से खोए हुए देख बोलती है ।

खुशी - किसके खयालों में खोए हैं देवर जी ।

आरव ( अपने ही अंदाज में खोए हुए कहता है ) - उसी के , जिसकी वजह से लॉटरी लगी है ।

खुशी - अच्छा ....!!!!!!!

खुशी इतना तेज़ आवाज़ में अच्छा बोलती है के आरव अपने ख़यालो से बाहर आ जाता है और उसने जो अभी कहा था उसे सोच कर खुशी और अंशिका से नजरें चुराने लगता है ।

आरव ( लगभग शरमाते हुए )- भाभी मैं चेंज करके आता हूं फिर बात करते हैं ।

और जल्दी से बिना अंशिका और खुशी का रिप्लाई सुने आरव तेज़ क़दमों से अपने रूम की तरफ चला जाता है । खुशी और अंशिका उसकी इस हरकत पर हंस देती है । अंशिका खुशी से कहती है।

अंशिका - आपको क्या लगता है भाभी इस स्माइल की वजह क्या हो सकती है ।

खुशी ( कुछ सोचते हुए ) - मुझे तो दाल में कुछ काला लग रहा है ।

अंशिका ( कुछ याद करते हुए ) - मुझे तो पूरी की पूरी दाल ही काली लग रही है भाभी ।

खुशी - कहीं तुम्हारी और मेरी इमेजिनेशन एक ही तो नहीं है के देवर जी किसी के प्यार में हैं क्योंकि उनके बदले तेवर इस बात की गवाही दे रहे हैं ।

अंशिका - हां भाभी , मुझे भी ऐसा ही लग रहा है ( फिर अंशिका एडमिशन के दिन हुए आरव और कायरा के टकराव और ऑफिस में कायरा के काम करने की बात बताती है जो कि उसे नील ने बातों ही बातों में बतायी था ) उस दिन भाभी कार चलाते वक़्त भाई इसी तरह से मुस्कुरा रहे थे और आज भी वही मुस्कान है । कहीं इसकी वजह वो हिं तो नहीं है ।

खुशी - हो सकता है । तुम और पता लगाओ और कन्फर्म करो के जो हम सोच रहे हैं वो सच है या झूठ ।

अंशिका - भाभी मैं तो 101 % स्योर हूं । पर तब भी मैं एक बार अच्छे से कन्फर्म करके आपको बताऊंगी ।

अंशिका अपना दिमाग घुमाने लगती है वहीं खुशी आरव के बारे में सोच कर खुश होती है और भगवान से प्रार्थना करती है के ये बात सच हो । सभी डिनर कर अपने - अपने रूम में चले जातें हैं आरव तो बेचारा रोज़ की तरह आज भी कायरा के खयालों में खोया हुआ ही सो जाता है । वहीं कायरा के घर में भी डिनर कर सभी सो जाते हैं । कायरा तो बेचारी आज इतनी थक चुकी थी के उसे तो बिस्तर में लेटते ही नींद आ गई थी । सुबह फिर सभी अपने - अपने कामों में लग जाते हैं । और कायरा और आरव अपने सभी दोस्तों के साथ कैंटीन में बैठे फंक्शन की तैयारियों के बारे में बात कर रहे होते हैं । सभी गाने डिसाइड कर रहे थे के कौन किस सॉन्ग पर डांस करेगा .......।

क्रमशः