Ahsaas pyar ka khubsurat sa - 7 in Hindi Fiction Stories by ARUANDHATEE GARG मीठी books and stories PDF | एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 7

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 7

एहसास प्यार का खूबसूरत सा ( भाग - 7 )



पहले कायरा आरव को थोड़ी देर तक शांति से देखती रही फिर जब आरव चुप हो गया और थोड़ी देर तक कुछ नहीं बोला तो कायरा बहुत जोर से हंसने लगी । उसको हंसते हुए देख कर आरव ने अपनी गाड़ी साइड पर लगा दी और बड़ी - बड़ी आंखे कर कायरा को आश्चर्य से देखने लगा और फिर जब कायरा का हंसना बंद नहीं हुआ तो उसने कहा ।

आरव - मैंने कोई जोक्स मारे हैं? जो तुम इस तरह से हंस रही हो?

उसके इतना कहते ही कायरा अपना पेट पकड़ कर हंसने लगती है । अब आरव को थोड़ा गुस्सा आने लगता है ।

आरव ( मन में ) - मैं इससे कुछ पूंछ रहा हूं और ये फिर से हंसने लगी ( फिर अपनी ही कहीं बातों को याद करते हुए ) क्या सच में मैंने कोई जोक्स मारे थे ? नो नो नो मैंने तो दोस्ती के लिए ही पूछा था । इसमें हंसने जैसी तो कोई बात थी ही नहीं । क्या इसे मुझसे दोस्ती करना फनी लगता है ? अब तो मुझे पूछना ही होगा ( कायरा को गुस्से से घूरते हुए उससे कहता है ) अब तुम मुझे बताओगी के हुआ क्या है? या तुम पागल हो गई हो ? बताओगी कुछ ? के यूं पागलों की तरह क्यूं हंसे जा रही हो?

कायरा ने जब आरव को गुस्से में देखा तो वो चुप हो गई । आरव ने फिर से कायरा से पूछा ।

आरव - बताओगी के नहीं? क्यूं इस तरह से हंस रही थी?

कायरा उसके पूछते ही फिर से हंसने लगती है । आरव अब उसे बहुत ही ज्यादा गुस्से से घूरने लगता है जिससे कायरा को अब डर लगने लगता है के कहीं आरव का गुस्सा उसके ऊपर ही ना निकल जाए वो शांत होकर आरव से कहती है ।

कायरा ( अपने हाथों से आरव को रुकने का इशारा करते हुए और अपनी हंसी छुपाते हुए कहती है ) - बताती हूं , बताती हूं , आप पहले ऐसे गुस्से से मुझे घूरना बंद कीजिए । ( उसके कहते ही आरव नॉर्मल हो जाता है ) वो आप म दोस्ती करने के लिए मुझसे जो कह रहे थे उस पर हंसी आ रही थी मुझे ।

आरव ( टेंशन में आ जाता है और कहता है ) - देखो कायरा अगर मैंने कुछ गलत कह दिया हो तो प्लीज तुम माइंड मत करना ।

कायरा - अरे पर आप कुछ गलत बोलेंगे तब तो माइंड करूंगी ना मैं ।

आरव ( थोड़ा रिलेक्स हो कर कहता है ) - थैंक गॉड , ( फिर कायरा को देखते हुए उससे पूंछता है ) तो फिर तुम हंस क्यूं रही थी ?

कायरा ( फिर से हंसने लगती है और उसे बताती है ) - वो आप कर तो मुझसे रहे थे पर आपको पता है उसे बोलने में आपने कितना टाइम लगाया?( आरव नहीं में सिर हिला देता है ) पूरे 5 मिनट लगाए है आपने बोलने में और वो भी आपने इतने मतलब लगाए हैं उसमें, जैसे आप कोई गुनाह करने जा रहे हों और उसका आपको बहुत ज्यादा डर हो ।

कायरा फिर से हंसने लगती है । आरव भी उसे हंसते देख हंसने लगता है और कायरा की हंसी को बड़े ध्यान से देखने लगता है और मन ही मन एक शायरी कहता है ......

कमबख्त तुम्हारा हंसना भी इतना मासूम है
के हमें तो तुम्हारी हंसी से ही प्यार हो गया है।
अभी तो तुम्हारा हंसना ही हमें
जन्नत की सैर करा रहा है
जब तुम हमसे प्यार करोगी तो पता नहीं
तुम्हारा प्यार हमें कहां ले जायेगा???😍😍😍😍

फिर कायरा की तेज हंसी की आवाज़ से आरव अपने खयालों से बाहर आता है और फिर अपनी गाड़ी स्टार्ट कर ऑफिस की तरफ बढ़ता है और मुस्कुराते हुए कहता है ।

आरव - तो इसमें इतना हंसने की क्या बात है ?

कायरा - सीरियसली आरव, सीरियसली !!!! आई मीन आपने सिर्फ दोस्ती करने को पूछने के लिए इतने मतलब लगाए और वो भी इतना अटक - अटक कर । आपका ये दोस्ती करने का अंदाज़ देख कर तो मेरी हंसी ही नहीं रुक रही है । ( फिर अपने पेट पर हांथ रख कर जान बूझ कर एक्टिंग करते हुए ) हे भगवान ! मेरा तो हंस - हंस कर पेट दर्द होने लगा ।

आरव ( थोड़ा सा टेंशन लेते हुए कहता है ) - तो इतना क्यूं हंस रही हो ? तुम ठीक हो ना ? अगर सच में तुम्हे प्रॉब्लम हो तो हम यहीं पास के क्लीनिक चलते हैं ........

कायरा उसे इस तरह से टेंश देख कर फिर से हंसने लगती है और कहती है।

कायरा - सीरियसली आरव !!!! आपको तो मजाक और हकीकत में फर्क ही पता नहीं है । कितने भोले है आप ? अरे मैं तो मजाक कर रही थी ।

कायरा के कहने से आरव नॉर्मल हो जाता है फिर थोड़ा रुक कर कायरा से कहता है ।

आरव - अच्छा तुम्हारा हंसना और ये मजाक करना खत्म हो गया हो तो अब तो बता दो , दोस्ती करनी है या नहीं?

उसके इतना कहने से कायरा अब शांत हो जाती है और फिर आरव से कहती है ।

कायरा - वैसे एक बताऊं आपको?

आरव - हां बताओ ।

कायरा - सच कहूं तो मैं भी आपसे दोस्ती करना चाहती थी और वो भी आज ही । कल आपका व्यवहार देख कर मुझे लगा के शायद मैं गलत हूं इस लिए मैं भी आपकी दोस्त बनना चाहती थी ।

आरव - अच्छा मतलब मैंडम मेरे बारे में कुछ गलत राए लिए बैठी हैं। वैसे बताएंगी नहीं कि क्या सोचती थीं कल से पहले आप मेरे बारे में या अब भी सोचती हैं?

कायरा - वो मैं आपको फिर कभी बताऊंगी ।

आरव - अच्छा तो अब ये बता दीजिए के अब आप मेरी दोस्त बनेंगी के नहीं ?

कायरा - जी जरूर मैं आपकी दोस्त जरूर बनूंगी । ( थोड़े ऐटिट्यूड के साथ ) वैसे मैं हर किसी से फ्रेंडशिप तो नहीं करती पर आपसे तो अब रोज ही सामना होने वाला है तो आपको आखिर दोस्त बना ही लेती हूं । चलिए आप भी क्या याद रखेंगे कर ली हमने आप से दोस्ती जाइए एश कीजिए एश ।

आरव - अच्छा जी !!!???

कायरा ( फुल ऐटिट्यूड में ) - हां जी ।

तभी आरव अचानक से कार रोक देता है और कार के अचानक से रुक जाने पर कायरा थोड़ा आगे की तरफ गिरने लगती है जिससे उसे सामने के मियुज़िक सिस्टम से चोट लगते - लगते रह जाती है क्योंकि आरव सामने में अपना हाथ रख देता है इसलिए । आरव कहता है।

आरव - देख कर कायरा ।

कायरा ( सीधे बैठे हुए ) - अरे क्या देख कर ? अचानक से गाड़ी क्यूं रोक दी ?

आरव - ऑफिस आ गया है मैडम।

कायरा जब गाड़ी के शीशे से बाहर देखती है तो सच में उनका ऑफिस आ गया होता है वो अपना सीट बेल्ट निकालती है और आरव से कहती है ।

कायरा - अच्छा ठीक है आप चलिए मैं अपनी स्कूटी देख कर आती हूं और उसे बनवाने के लिए भी देना होगा । ( इतना कह कर कायरा गेट खोलने लगती है लेकिन आरव कार पार्किंग एरिया में ले जाने लगता है , कायरा कहती है ) अर..... रेे .... रे आप कहां ले जा रहे हैं? मुझे उतरने तो दीजिए । मुझे अपनी स्कूटी भी ठीक करानी है ।

आरव - स्कूटी के पास ही ले जा रहा हूं । ( फिर कार को पार्किंग एरिया में लगा देता है और सीट बेल्ट को खोल कर कहता है ) और स्कूटी की चिंता तुम मत करो उसे मैं ठीक करवा दूंगा ।

कायरा - पर आरव.... मैं ठीक करवा......

आरव ( बीच में ही ) - तुम अब से मेरी दोस्त हो ना और मेरे ऑफिस की एंप्लोइ भी । तो जैसा के कल मैंने कहा था के मेरे एम्प्लॉयज की प्रॉब्लम मेरी प्रॉब्लम है तो ये प्रॉब्लम भी मेरी ही हुई । और अब तो तुम दोस्त हो तो दोस्त की प्रॉब्लम भी मेरी ही हुई तो मैं स्कूटी ठीक करवा दूंगा तुम अपनी स्कूटी को देखना चाहो तो देख सकती हो ।

इतना कह कर आरव मुस्कुराते हुए अपनी कार का गेट खोल कर बाहर आता है । आरव को बाहर जाते देख कायरा भी जल्दी से गेट खोलती है और आरव के पास जा कर बोलती है ।

कायरा - पर......

आरव ( फिर से बीच में ही उसकी बात को काट कर ) - मैंने कह दिया तो कह दिया।

इतना कह कर आरव जाने लगता है कायरा उसे पीछे से आवाज़ देती है ।

कायरा - आरव रुकिए ( आरव चलते - चलते रुक जाता है और पीछे मुड़ता है। कायरा भी उसके पास आ जाती है और बोलती है ) थैंक्स आरव मेरी प्रॉब्लम सॉल्व करने के लिए ।

आरव - अरे मैडम आपको दोस्ती के रुल नहीं पता ?

कायरा ( सवालिया निगाहों से आरव को देखते हुए ) - कैसे रुल ?

आरव - अरे यही के दोस्ती में नो सॉरी और नो थैंक्यू ।

कायरा - सॉरी ।

आरव - फिर से !

कायरा ( मुस्कुराकर कहती है ) - अच्छा नहीं कहूंगी । अब खुश ?

आरव ( भी मुस्कुराकर कहता है ) - हां खुश ।

कायरा - अच्छा आप अंदर चलो मैं कल स्कूटी में कुछ सामान भूल गई थी उसे ले कर आती हूं ।

इतना कह कर कायरा अपनी स्कूटी की तरफ चली जाती है और आरव एक बार उसे जी भर के देखता है फिर अपने होठों पर बड़ी सी मुस्कान लिए ऑफिस की तरफ चला जाता है । वहां पहुंच कर आरव देखता है के उसके दोस्त पहले से ही पहुंच चुके हैं । वो सभी के गुड मॉर्निंग विश का रिप्लाई करता है और एक बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ अपने केबिन की ओर बढ़ जाता है । उसके पीछे से ही कायरा अपना समान हाथों में लिए ऑफिस में आती है और बिना किसी से कुछ कहे सीधे अपने केबिन में चली जाती है। वहीं नील , राहुल और आदित्या ये सब देख कर अटकलें लगाते हैं के आरव तो गुस्से में कॉलेज से गया था फिर अभी मुस्कुराते हुए क्यूं आ रहा है और कायरा के चेहरे पर तो कोई भाव ही नहीं है । यही सब जानने के लिए के आखिर माजरा क्या है, तीनों ही तेज क़दमों से आरव के पीछे उसके केबिन में चले जाते हैं । आरव केबिन में पहुंच कर अपनी चेयर पर बैठा ही होता है के तीनों दरवाज़ा खोलते है और सीधे आरव के पास आते हैं और कहते हैं ।

नील - अरे ....अरे..... आरव जी । हुआ क्या है ? आप इतने शांत कैसे हो गए ?

आरव ( मन में ) - लो आ गए , इन्हीं का तो जैसे मुझे इंतज़ार था । अब दो इन लोगो की बिना सिर पैर की बातों का जवाब । बुरे फंसे यार तुम तो आरव ।

आदित्या - हां आरव , तू तो कॉलेज से बड़े गुस्से से निकला था यार ।

राहुल - हां भाई , और यहां तो तू इतना शांत है जैसे कुछ हुआ ही ना हो । और साथ में ये लाखों की स्माइल अपने होठों पर लिए घूम रहा है जैसे कोई मनचाही मुराद पूरी हो गई हो ।

आरव - अरे कुछ नहीं हुआ है तुम लोग बस फालतू के वहम पाल रहे हो बस।

नील - अच्छा हम वहम पाल रहे है ? और ये जो पूरा का पूरा बदला हुआ पीस हमारे सामने बैठा है वो हमारा वहम है के कुछ और ये क्यों नहीं बताता है तू?

आदित्या - बता ना भाई ।

राहुल ( थोड़ा सा सख्त होकर ) - बता रहा है के नहीं?

आरव - नहीं , ऐसी कोई बात ही नहीं है यार ।

राहुल - लास्ट बार पूछ रहा हूं बता रहा है के नहीं ।

आरव ( अब चिढ़ने का नाटक करके ) - क्या यार राहुल , नहीं है ना कोई बात । प्लीज यार इरिटेट मत करो तुम लोग ।

राहुल ( धीरे - धीरे आरव के पास आकर और आदित्या व नील को इशारा कर आरव से कहता है ) - अच्छा जी , अब हम दोस्त तुझे इरिटेट कर रहे हैं?

इतना कह कर राहुल आरव को गुदगुदी करने लगता है साथ में आदित्या और नील भी आरव को गुदगुदी करने लगते है । आरव तो बेचारा हंस - हंस कर पागल हुआ जा रहा था ।

आरव - अरे नलायकों , छोड़ दो मुझे ।

नील - अरे ऐसे कैसे छोड़ दे तुझे ?

आदित्या - इतनी देर से पूछ रहे हैं, बताया तो है नहीं तूने। अब इतनी आसानी से कैसे छोड़ दे आरव मियां ।

आरव अब कुर्सी से फर्श पर गिर जाता है तब भी उसके दोस्त उसे गुदगुदी करना नहीं छोड़ते हैं । परेशान हो कर आरव फिर से मिन्नतें करता है अपने दोस्तों से।

आरव - प्लीज भाई लोग , बख्श दो यार मुझे ।

नील - नहीं , तू जब तक नहीं बताएगा तब तक ऐसा ही चलता रहेगा ।

आदित्या और राहुल ( एक साथ ) - हां , वी आर अग्री विथ नील।

आरव - अच्छा ठीक है भाई लोग , मैं बताता हूं । अब तो छोड़ दो ।

उसके इतना कहते ही तीनों उसे छोड़ देते हैं । आदित्या अपना एक हाथ दे कर आरव को फर्श से उठता है । और बेचारा थका हुआ आरव अपनी चेयर पर बैठता है । नील उसे पानी देता है । आरव उन लोगो की इतनी केयर देख कर कहता है ।

आरव - पहले तो तुम लोग इंसान को इस लायक बना देते हो के उससे उठा भी ना जाए फिर खुद ही सेवा करने लगते हो , अजीब दोस्त हैं यार मेरे तो ।

तीनों ही एक साथ - हम तो ऐसे ही हैं।

तीनों इतना कह कर ठहाका मार कर हंस देते हैं । आरव अब नॉर्मल होकर फाइल देखने लगता है । उसे फाइल देखता देख तीनों एक दूसरे का चेहरा देखने लगते हैं और वहीं पड़े सोफे पर जा कर बैठ जाते हैं फिर राहुल आरव से कहता है ।

राहुल - अबे , तू तो हमे बताने वाला था , पर तू तो फिर से फाइल खोल कर बैठ गया ।

आरव ( वैसे ही फाइल पढ़ते हुए बेल बाजा कर पियून को बुलाता है ) - अरे उसी की तो तैयारी कर रहा हूं ताकि मेरी बात खतम होने तक कोई भी हमें डिस्टर्ब ना करे ।

राहुल - ओह ।

तभी पियून अंदर आता है और आरव से जी सर कहता है । आरव उसे एक फाइल पकड़ा कर कहता है।

आरव - ये मिस्टर शेखावत की फाइल कायरा मैडम को जा कार दे दीजिए । और उनसे कहिएगा के इस फाइल को अच्छे से रीड करें और फिर उसके बाद मेरे केबिन में आएं। पियुन आरव को जी सर कह कार चला जाता है । आरव तीनों दोस्तों के पास आ कर बैठ जाता जो कि सोफे पर बैठे हुए थे ।

आरव - बोलो भई ! क्या बात हो गई ?

नील - यही तो हम तुझसे पूछ रहे है क्या बात हुई ?

आरव एक बार तीनों को मुस्कुरा कर देखता है फिर उन्हें आज कायरा से हुई दोस्ती की सारी बातें बता देता है । वो लोग भी आरव के बोलने के तरीके को सुन कर बहुत जोर - जोर से हंसते है । नील कहता है।

नील - सीरियसली आरव शर्मा ! द ग्रेट मिस्टर शर्मा का बेटा और अरनव शर्मा का भाई और खुद एक कंपनी का एमडी और सीईओ एक लड़की से दोस्ती करने के लिए इतना हकला रहा था और उसमें भी इतने मतलब लगाए । भाई इतने मतलब लगाएगा तो कहीं मतलब की बात ही ना हाथ से निकल जाए ।

सभी फिर से हंसने लगते हैं । आरव मासूम सा फेस बना कर कहता है ।

आरव - तो क्या करूं ? मैंने कभी किसी लड़की से खुद दोस्ती की ही नहीं । कभी जरूरत ही नहीं पड़ी । पर कायरा से तो दोस्ती किए बिना उसे अपने प्यार का अहसास कैसे करवाऊंगा ।

आदित्या - अरे तुम लोग इसे परेशान मत करो , क्योंकि बेचारे ने वैसे भी दोस्ती करने के लिए जाने कितने पापड़ बेले होंगे 😂😂😂😂😂।

इतना बोल कर आदित्या हंसने लगता और नील और राहुल भी हंसने लगते हैं । अब आरव आदित्या से कहता है ।

आरव - आदि तू भी इन सबके साथ मेरी टांग खींचने में लगा है ?

आदित्या - क्या करूं भाई , बहुत मुश्किल से ये मौका मिला है । इतना तो बनता है ।

आरव - बहुत हुआ । बंद करो अब तुम लोग अपना ये कॉमेडी शो । राहुल कॉफी मंगा , मुझे कॉफी पिनी है ।

राहुल हंसते हुए ही कॉफी मंगाता है । पियुन 4 कप कॉफी देकर चला जाता है। सभी कॉफी पीने लगते हैं । आरव तो आराम से कॉफी पीता है पर बाकी के तीनों दोस्त उसे देख कर हंसते हुए ही कॉफी पीते हैं । आरव अपनी कॉफी ख़तम कर सभी से कहता है ।

आरव - बस , अब बहुत हुआ । अब थोड़ा काम की बात हो जाए ( उसके इतना कहते ही तीनों कॉफी जल्दी से ख़तम कर सीरियस फाॕर्म में आ जाते हैं ) नील कल की जितनी भी मीटिंग है उस कंपनी के मालिकों को इनफॉर्म करो और उन्हीं के अनुसार मीटिंग सेट करो । और हां कल मिस्टर शेखावत के साथ मीटिंग हमारे ही ऑफिस में करने के लिए बोलो । राहुल कायरा के पास मिस्टर शेखावत की फाइल है उसके साथ मिल कर कल की मीटिंग की तैयारी करो । और बाकी की मीटिंग की भी तैयारी करो साथ में प्रेजेंटेशन भी रेडी करो ।

तीनों ही आरव के केबिन से बाहर जाने लगते हैं तो आरव आदित्या को आवाज़ देते हुए कहता ।

आरव - रुक आदि , अभी तुझे काम नहीं बताया मैंने , और तुझसे कुछ डिस्कस भी करना है ।

आदित्या - हां बोल ।

नील और राहुल केबिन से बाहर चले जाते हैं । वहीं आरव अपनी चेयर पर बैठ जाता है और आदित्या भी उसके सामने वाली चेयर पर बैठ जाता है । आरव आदित्या को एक फाइल देता है । आदित्या उस फाइल को रीड करता है और फिर कहता है।

आदित्या - तूने क्या सोचा है? क्या करना चाहता है तू?

आरव - मुझे फिरहाल तो कुछ समझ नहीं आ रहा है । कल ही मिस्टर तिवारी ने इस पार्टनर शिप को हमारी कंपनी के साथ करने के लिए कहा है।

आदित्या - तो प्रॉब्लम क्या इसमें? कर ले ना ये पार्टनर शिप।

आरव - यार तू नहीं समझ रहा है , आजकल राजवीर भी मिस्टर तिवारी के साथ उनका बिजनेस संभाल रहा है । और मिस्टर तिवारी को अपने बेटे पर पूरा विश्वास है के उनका बेटा कुछ भी गलत नहीं करेगा । पर हम राजवीर को अच्छे से जानते हैं । वो बिना किसी मकसद के कोई काम नहीं करता है । कॉलेज में साथ होने के बाद भी कभी ना मैं उसके रास्ते में आया हूं और ना ही वो कभी मेरे रास्ते में आया है । पर मैं उस जैसे इंसान के साथ बिजनेस नहीं करना चाहता । उसे मैं अपने ऑफिस में बर्दास्त ही नहीं कर सकता और उसका मेन रीज़न है उसकी लड़कियों के साथ बदसलूकी । इसी लिए मैंने तुझसे डिस्कस करना ठीक समझा।

आदित्या - तू जो बोल रहा है वो तो ठीक है पर ये मत भूल भाई के वो तेरी भाभी के मामा का लड़का है । इस नाते राजवीर खुशी भाभी का भाई हुआ । कहीं इस डील को रिजेक्ट करने से तुम लोगो की रिश्तेदारी पर ना बन आए ।

आरव - इसी लिए तो मैं कोई डिसीजन नहीं ले पा रहा हूं । हालाकि मिस्टर तिवारी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा पर राजवीर , उसका कोई भरोसा नहीं है ।

आदित्या - कह तो तू सही रहा है भाई ।

आरव थोड़ी देर अपनी आंखे बंद कर अपनी चेयर से सर पीछे की ओर टीका कर कुछ सोचने लगता है वहीं आदित्या उस फाइल को और अच्छे से रीड करके कोई सोल्यूशन निकालने की कोशिश करने लगता है । लगभग 5 मिनट तक सोचने के बाद आरव सीधे तरह से अपनी चेयर में बैठ जाता है और आदित्या से कहता है ।

आरव - आदि !

आदित्या उसकी आवाज़ सुन कर फाइल बंद करके टेबल पर रख देता है और उसकी तरफ देख कर बोलता है ।

आदित्या - हां बोल ।

आरव - मुझे लगता है के ये रिस्क हमें ले लेना चाहिए ।

आदित्या - लगता तो मुझे भी यही है । 15 % की पार्टनर शिप के लिए उन्होंने कहा है जो के ज्यादा तो नहीं है । उस हिसाब से हमें ये डील कर लेनी चाहिए ।

आरव ( एक गहरी सांस लेकर ) - ठीक है फिर, कर लेते हैं ये डील साइन । फिर आगे जो होगा देखा जायेगा । मैं आज ही उन्हें बता देता हूं । और परसों ही ये डील साइन कर लेता हूं।

आदित्या - ओके , जैसा तू ठीक समझे ।

आरव - एक बात और आदि ।

आदित्या - हां बोल ना ।

आरव - आदि तू फैक्ट्री जा कर देख लेगा क्या के हमारी कंपनी के ओपनिंग के दिन जितनी भी डील साइन हुई थी उसका समान अच्छे से रेडी हो गया है के नहीं ? मैं थोड़ा बिज़ी हूं इस लिए तुझे कह रहा हूं बाकी किसी पर भरोसा भी नहीं कर सकता मैं ।

आदित्या - अरे आरव ये भी मेरी ही कंपनी है । और तेरी प्रॉब्लम मेरी प्रॉब्लम ही है भाई तू टेंशन मत ले वहां से रिलेटेड और काम हो तो बता ।

आरव - उस दिन की प्रोजेक्ट को आज ही भिजवाना है। तो तू मिस्टर जयसवाल और बाकी के लोगो को कॉन्टैक्ट कर अच्छे से देख कर आज ही सारा सामान उनके कंपनी तक पहुंचा दे । और उसके बाद की डील के प्रोजेक्ट का काम भी देख लेना , साथ ही उसके नेक्स्ट दिन जिन कम्पनियों के साथ डील हुई थी उसके प्रोजेक्ट को भी कंप्लीट कर कल ही भिजवाना । वरना हमें बहुत बड़ा लॉस होगा ।

आदित्या - तू टेंशन मत ले मैं आज का प्रोजेक्ट भी भिजवा दूंगा और कल से ले कर अगले 5 दिन तक का प्रोजेक्ट भी देख लूंगा और सारी तैयारी करवा दूंगा ।

आरव - थैंक्यू आदि ।

आदित्या - अब तू मुझे थैंक्यू बोलेगा ?

आरव उसकी इस बात पर मुस्कुरा देता है । आदित्या भी केबिन से निकल जाता है और नील से पिछले सारे प्रोजेक्ट्स की फाइल ले कर फैक्ट्री की ओर निकल जाता है । आरव पियून को कायरा को बुलाने के लिए कहता है । वहीं कायरा अपने पहले के कामों में उलझी रहती है और फिर आरव की भिजवाई हुई फाइल को पढ़ती रहती है के तभी राहुल उसके केबिन में आता है और उसे आरव ने मीटिंग की तैयारी के बारे में जो कहा था वो बताता ।

कायरा ( मन ही मन ) - रास्ते भर तो जेंटल मेन की तरह बात करते हुए और हंसी मजाक करते हुए आए है और ऑफिस आने के बाद पता नहीं कौन सा भूत सवार हो गया है जो काम पर काम करवाए जा रहे हैं ।

राहुल ( कायरा को खुद में खोए हुए देख कर पूछता है ) - कायरा तुमने सुना मैंने क्या कहा ?

कायरा - हां राहुल मैंने सुना ना ।

राहुल - चलो फिर काम पर लग जाते हैं।

तभी पियुन आ कर कायरा को बताता है के आरव सर उसे बुला रहे हैं । कायरा राहुल को आगे का देखने का कह कर आरव के केबिन की ओर बढ़ जाती है .....।

क्रमशः