Ek Ladki - 5 in Hindi Love Stories by Radha books and stories PDF | एक लड़की - 5

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एक लड़की - 5

ऋषि कॉलेज से चला जाता हैं और हर्ष भी कॉलेज से निकल जाता हैं। पंछी ओर स्माइली रिक्शे से अपने अपने घर जा रही थी , रास्ते में स्माइली को गोलगप्पे दिखाई देते है , स्माईली जिद करने लगती हैं कि चलो ना ! गोलगप्पे खाएंगे ( मुँह बनाते हुए बोलती है ) । पंछी बोलती हैं -अभी नहीं ! मेरा मूड नहीं है तभी स्माईली फटाक से बोल उठी - ये हमारी नयी दोस्ती की पार्टी है और मूड का क्या है वो तो बन जायेगा । इतने में रिक्शा को रुकवाकर पंछी को बाहर निकाल कर रिक्शे वाले से कहती हैं भैया ! आप जाइये, हम आ जाएंगे ।फिर दोनों गोलगप्पे के ठेले पर जाती है स्माईली कहती है। भैया आप सदा ही बनना ज्यादा तीखा नही । तब पंछी बोलती है - भैया आप तीखा बनाना , जितना ही सके । स्माईली उसकी तरफ देख कर बोलती हैं - ओहो ! तुम्हें तो खाने ही नहीं थे ना , अब क्या हुआ, अचानक से तीखा !!!!!!!!!! गजब है। पंछी बोलती है - अब जब खा ही रहे है तो मजे ले कर खाए । और दोनों खाने लगते है उसी समय ऋषि भी उसी रास्ते से कार में अपने घर जा रहा था उसे रास्ते में पंछी दिखाई दी तो उसने साइड करके कार रोक ली और पंछी को देखने लगा पंछी को हँसता देख ऋषि भी मुस्कुराने लगा । उस समय ऋषि की आंखों में पंछी के लिये जो फीलिंग है वो साफ दिख रही थी अचानक से पंछी की नज़र कार पर पड़ती हैं और कहती हैं - वो ऋषि हैं क्या ? इतने में ऋषि चेहरा घुमा कर कार से निकल जाता है । स्माईली बोलती हैं - कहाँ है ऋषि ? कही नहीं है तुम्हे वहम हुआ है अभी गोलगप्पों में ध्यान दो । बहुत टेस्टी है । थोडी देर बाद पंछी अपने घर पहुँचती है दरवाजे पर ही झील उसका इंतेज़ार कर रही थी उसे रोकते हुए बोली - कहा जा रही हैं ? मेरे साथ चल । पंछी बोलती रह जाती हैं कि कहाँ ले जा रही हो ? मुझे मेरे बैग तो रखने दो ( लेकिन झील उसे हाथ से पकड़कर खीचते हुए ले जाती है । ) झील उसे एक पुल के किनारे पर ले जाती है और पुल के दूसरी ओर इशारा करते हुए बोलती है - वो जो लड़का दिख रहा है ना , जिस पर कुत्ता भोंक रहा है , वो ना !!!! वो ना किस्मत से मेरा बॉयफ्रेंड बनने वाला है । ये सुनते ही पंछी के होश उड़ गए और होश सम्भालते हुए बोली - दीदी !!!!! क्या वो लड़का ? जो ना तो दिखने में कुछ खास है, ना ही ड्रीसिंग सेंस है और उसके बाल तो देखो , ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने रोलर चला दी हो , गिनती के चार बाल हैं , होंगे भी क्यों नही अंकल जो लग रहा है, ये सब छोड़ो, इससे कोई फर्क नही पड़ता , लेकिन कोई कुत्ता भौके तो उसके बदले में वापिस कौन भोंकता है । इतने में झील बोलती हैं - इतनी भी बुराई मत कर ! दिल का साफ है किसी को तक़लीफ़ नही पहुँचता है मेरा बहुत ख्याल भी रखता है चलो एक बार मिलो तो सही ! पंछी सोचती रह जाती हैं कि ऐसा कब हो गया ? दीदी की पसन्द ओर ये ? फिर दोनों पुल पार करके उसके पास जाते है और झील पीछे से आवाज़ लगाती हैं - हेल्लो! जतन । जतन पिछे घूम कर ग़ुस्से में बोलता है - झील तुम इतना लेट कैसे आ सकती हो तुम्हें पता है ये कुत्ता कब से मुझ पर भोक रहा है तभी पंछी धीरे से फुसफुसाते हुए बोलती हैं कि ये तो हमें भी पता है कि कौन किस पर भोक रहा था। जतन ये बात सुन लेता है और पंछी को घुरते हुए बोलता है - क्या बोला ! तुम्हारा मतलब मैं भोंक रहा था ,कुत्ता समझ रखा है क्या मुझे । पंछी बोली मैने ऐसा कुछ नही बोला आपको गलतफहमी हुई हैं । जतन बोला - मैने सुना , तुमने क्या बोला जो। तभी पंछी फटाक से बोल पड़ी - तो क्या गलत बोला , कुत्ते के सामने कुत्ते की तरह कोई भोंकता है क्या भला? जतन तिलमिला उठा और झील की तरफ अँगुली करके बोला - ये कौन हैं बोलने की तमीज़ नही है इसमें । झील धीरे से बोली - ये मेरी छोटी बहन है। जतन बोला तो समझाओ इसे की बड़ो से कैसे बात करते हैं । झील बोली - हा समझा दूंगी ,अब चलते हैं । जतन जाने के लिए घूमने लगता है जितने में पीछे से कुत्ता दौड़ता हुआ आता है और जतन को काट लेता है , जतन चिल्लाते हुए दौड़ता है और नदी में जा गिरता है पंछी ओर झील भौचक्के से देखते ही रह जाते हैं और नदी के पास जाते है जतन सीढ़ियों से ऊपर आ रहा होता हैं जतन दोनों के पास जैसे तैसे करके लंगड़ाते हुए आता है ओर कुत्ते की तरफ़ अंगुली करके जोर से बोलता है - तूने सही नही किया , तूने झगड़ा बढ़ाया है । आज तो तूने मुझे काट लिया लेकिन देखना कल में तुझे उठा कर कचरे की तरह नदी में फेंक दूंगा। शायद ये बात कुत्ते को ज्यादा पसंद नहीं आयी वो उसकी तरफ गुस्से में घुरते हुए देख रहा था और अचानक से उस पर हमला कर देता है उसे आता देख जतन अचानक से गायब हो जाता हैं और झील और पंछी एक दूसरे को आश्चर्य से देखते रह जाते है इतने में पंछी अपना पेट पकड़ कर जोर जोर से हँसने लगती हैं। और हँसते हुए अटकते हुए बोलती है - दीदी ! आपको इसके अलावा और कोई नहीं मिला? ये अजूबा ही मिला? पंछी की हंसी कंटोल नही हो रही थी झील चिड़ते हुए बोलती है - वा रे यार! मजबूरी है इसलिये इसे झेल रही हु । और दोनों घर चले जाते है । अगले दिन पंछी कॉलेज के लिए तैयार हो रही थी वो थोड़ा डरी हुई थी कि वो पांचो फिर से ना मिल जाये, फिर सोचती हैं मिल जाएंगे तो उनकी तरफ बिना देखे निकल जाउंगी अब कुछ नहीं बोलूंगी , अगर ये बात पापा को पता चल जाएगी तो वो मुझे कॉलेज ही नही जाने देंगे। अब कुछ नहीं करूंगी मैं । ऐसा सोच कर वो कॉलेज चली जाती हैं। जैसे ही वो प्रवेश द्वार पर पहुँचती है वो देखती है कि सामने ही हर्ष पेड़ का सहारा लेकर खड़ा था वो उसे नजरअंदाज करके आगे निकल जाती है। हर्ष पीछे से उसे आवाज़ लगता है- पंछी ! रुको । पंछी घबरा जाती है कि उसने मुझे क्यों रोका। हर्ष उसके आगे आता है और वो थोड़ा सा नीचे झुक कर पंछी के बराबर आता है और बोलता है - सॉरी ! पंछी ।उस दिन जो भी हमने किया उसके लिए । हमे माफ कर दो ? पंछी ऊपर देखती है और धीरे से बोलती हैं - ठीक है, कोई बात नहीं । और वो चली जाती है जाते समय वो मुस्कुरा जाती है और सोचती है कि सब ठीक हो गया । फिर वो क्लास चली जाती है । क्लास खत्म होती हैं , स्माईली ओर पंछी क्लास से बाहर निकलते हैं ऋषि उनके पास आता है और बोलता है - पंछी सॉरी । हमारी वजह से तुम्हे समस्या हुई इसलिये। कसम से आज के बाद ऐसा कुछ नहीं होगा। पंछी बहुत खुश होती है और मुस्कुरा देती है पर उसे समझ नही आ रहा था कि ये सब हो क्या रहा है । फिर ऋषि पूछता है - तुम्हारा न्यू एडमिशन है ना ? , तुम्हे कोई काम हो या नोट्स चाहिए हो तो बता देना , मैं दे दूंगा । तभी स्माईली बोलती है - मेरे पास भी है , मैं दे दूंगी। ऋषि उसकी तरफ ग़ुस्से से देखता है स्माईली फिर से बोल उठती है - मेरे नोट्स पूरे नहीं है पंछी तुम ऋषि से ले लेना । ऋषि मुस्कुरा देता है और स्माईली चेन की सांस लेती है पंछी ऋषि की तरफ देख कर बोलती हैं - ठीक है , चाहिये होगी तब बता दूंगी। फिर दोनों वहाँ से चली जाती हैं और ऋषि वहाँ खड़ा मुस्कुराते हुए देखता रह जाता हैं। ऋषि के पीछे खड़ी गेरू और परी सब कुछ देख रही थी।