अभीरी ने जरूरत का सामान लिया और अदिति के रूम की तरफ आने लगी ,,,,तभी उसे सामने से सौरभ आता हुआ दिखाई दिया,,,,,।
सौरभ :-भाभी माँ आप गई नही,,,?
अभीरी :-हाँ वो अबीर को कुछ कम याद आ गया था। इसलिए वो बाहर गया है। बस जा ही रही हूं
सौरभ :-ओह्ह,,,,
सौरभ एक कदम आगे बढ़ा ही था कि अचानक वह रुक गया।
सौरभ :-भाभी माँ चॉकलेट्स कहां है,,,,,??
,,,,अभीरी को याद आया कि चॉकलेट्स तो उसने किचन में ही छोड़ दी।
सौरभ ने देखा कि अभीरी कोई जवाब नही दे रही है
सौरभ,,,भाभी माँ...
अभीरी : -हाँ सरु,,वो,,वो,चॉकलेट्स तो मैं किचन में ही भूल आई,,,,,मैं अभी लाती हूँ।
सौरभ :-भाभी माँ आप रुको मैं लेकर आता हूँ,,,,।
,,,,,सौरभ किचन में चला गया,,।
यहाँ अभीरी को समझ नहीँ आ रहा था कि वो सौरभ से झूठ कैसे बोले,,।
सौरभ चॉकलेट्स ले आया :- भाभी माँ इसमे सब के लिए 5-5 चॉकलेट्स है, और हाँ इसमे कुछ सुगर फ्री केंडी भी है परी के लिए तो वो उसे दे देना।
अभीरी ने हां में सर हिला दिया,,,,तभी सौरभ को कॉल आया उसने देखा तो अर्जुन का कॉल था,,,,,।
सौरभ :-ओके भाभी माँ सम्भालकर जाना और सबको मेरी तरफ से बहुत प्यार देना,,,,.।मुझे एक इम्पोर्टेट कॉल लेना है।
इतना कहकर सौरभ कॉल अटेंड करते हुए अपने रूम में चला गया।
अभीरी :- आई एम सॉरी सरु,,,आज एक बीवी के सामने एक माँ हार गई,,,,आई एम सॉरी ।
तभी पीछे से आवाज आई :- अभीरी...
,,,,,,अभीरी ने देखा तो अबीर खड़ा हुआ था।
अबीर :- अभीरी वो रोन तुम्हारा बाहर वेट कर रहा है,,,,,।
अभीरी :-हाँ आई..
अभीरी ने पलट कर सौरभ के रूम की तरफ देखा और बाहर आ गई जहां रौन उसका एम्बुलेंस के साथ वेट कर रहा था।
सौरभ का रूम
सौरभ :- मुझे सारी डिटेल्स शाम तक चाहिए हर हाल में,,,।
,,,,कॉल की दूसरी तरफ से,,,,
अर्जुन :- बट सर अगर मैं अबीर सर का एकाउंट हैक करूंगा तो मेरी जॉब चली जाएगी,,,,,।
सौरभ :- तुम्हारी जॉब नही जाएगी इसकी गारंटी मैं लेता हूँ,,,।
बट आई वांट ऑल डिटेल्स राइट नॉव,,,,,,।
अर्जुन :-ओके सर,,,,,,।
,,,कॉल कट हो गई,,,,
सौरभ मन में :- बस शाम तक फिर मुझे पता होगा कि वडी मुझसे क्या छिपा रहा है,,,,,।
--सिटी हॉस्पिटल
अभीरी :- डॉक्टर वो मेरी बहन है,,,,।
,,,,वो मैं किसी काम के सिलसिले में बाहर गई हुई थी लौटकर आई तो इसकी ये हालत थी,,,,।
डॉक्टर :- इसे कोई बेहोशी की दवाई दी गई है जिससे इसे ऐलर्जी थी,,,,,।
ये कहीं बाहर गई थी क्या,,,???
अभीरी :- सॉरी डॉक्टर लेकिन मुझे इस बारे में कोई नॉलेज नही है,,,,,।
,,,,,,,ठीक है कुछ घंटे हम उन्हें अंडर ऑब्जरवेशन रखेंगे ,,,,,,।
जिससे ये क्लियर हो सके कि उस दवा ने इनकी बॉडी को कितना हार्म किया है।
डॉक्टर :- आपके हिसाब से ये कितने टाइम से बेहोश है,,,,।
अभीरी :- वो ,,,,वो तीन दिन से हमारा कोई कॉन्टेक्ट नही है,,,,,।
डॉक्टर :- ओके आप वेट कीजिये,,,हम कुछ घंटों बाद ही बता पाएंगे कि उनकी हालत क्या है,,,।
,,,,,,अभीरी वापस वेटिंग एरिया में आ गई जहाँ अबीर ओर रौन बैठे हुए थे,,,,,।
अबीर :- क्या कहा डॉक्टर ने,,??
अभीरी :- वो उसे कुछ घंटे अंडर ऑब्जरवेशन में रखेंगे तभी कुछ कह सकते है,,,।
,,,,अभीरी वही बैठ गई ,,,,।
अबीर ने उसे देखा उसे देखकर साफ समझ आ रहा था कि वो कुछ सोच में डूबी है,,,,
अबीर उसकी तरफ देखते हुए :- अभीरी,,,,क्या सोच रही हो,,,,??
अभीरी एक टक जमीन को देखते हुए,, :- पता है अबीर मेरे आश्रम में दो भाई बहन रहते थे अब वे कहीं और चले गए है,,,,वो लड़की और उसका छोटा भाई ,,,वो भाई बहुत शैतान था रोज कोई न कोई नुक्सान करता था,,,,।
लेकिन उसकी बहन हमेशा उसके किये को अपने ऊपर ले लेती थी,,,,,।
हम सब जानते थे कि वो सब वो नही उसका भाई करता था लेकिन वो कभी उसे डाँट नही पड़ने देती थी,,,,,,में उसे हमेशा समझाती थी कि तुम उसका इल्जाम खुद क्यों ले लेती हो।
मैंने उसे कई बार समझाया कि वो उसकी गलतियों को बढ़ावा न दे,,,,लेकिन वो कभी मानती ही नही थी,,,,,।
एक दिन उसके कारण एक लड़के के हाथ में बहुत चोट लग गई,,,,,।
फिर उस लड़की ने वही किया,,,,लेकिन उस टाइम मुझे उस लड़के से ज्यादा उसकी बहन पर गुस्सा आ रहा था।
मैंने उसे समझाया कि वो गलत कर रही है अगर उसे सजा नही मिली तो वो बिगड़ जाएगा,,,।
उसने मुझसे कहा था कि मेरा कोई अपना नही है इसलिए में अपनों की अहमियत नही समझती ये बात मुझे उसदिन समझ आएगी जब मेरा भी कोई अपना होगा। और ये जानते हुए भी की वो गलत है मैं उसका साथ दूंगी,,,,,।
ओर मैं सोचती थी कि चाहे मेरा कोई कितना भी अपना हो मैं गलत का साथ कभी नही दूंगी।
लेकिन आज समझ आ रहा है कि वो सही थी ओर मैं गलत,,,,,आज ये जानते हुए भी की जो तुम कर रहे हो वो गलत है फिर भी मैं तुम्हारा साथ दे रही हूँ,,,,,,।
,,,,अबीर बस उसकी बातें सुन रहा था क्योंकि वो जानता था कि अभीरी गलत नही कह रही,,,,,।
अभीरी कुछ सोचते हुए :- अबीर..
अबीर :- ह्म्म,,,
अभीरी :- अबीर मैं थोड़ी देर के लिए आश्रम चली जाऊं,,,,,??
अबीर :- आश्रम....
अभीरी :- हां वो बहुत दिनों से गई नही ओर वो सरु ने कुछ चॉकलेट्स दी थी आश्रम के बच्चों के लिए तो वो भी दे दूंगी,,,,,।
अबीर :- ह्म्म ठीक है रौन तुम्हे छोड़ आएगा,,,,।
,,,,, रौन तुम अभीरी को लेकर जाओ,,,,मैं यहीं हूँ,,,,।
रौन :- ओके सर,,,,,
सौरभ का रूम
सौरभ कॉल पर :- हाँ अर्जुन क्या पता चला,,,,??
अर्जुन :- सर वो...वो,,
सौरभ :- वो वो क्या कर रहे हो यार,,साफ साफ बताओ क्या बात है,,??
अर्जुन :- सर आपको वो दो साल पुराना हेल्थकेयर हॉस्पिटल का केस याद है,,,,,??
अबीर थोड़ा हिचकिचाते हुए :- हाँ वो,,तो क्या,,,?
अर्जुन :- सर ये केस जिन लोगों के खिलाफ़ है ये वही लोग है जो कितनी ही हॉस्पिटल्स में इल्लीगल ऑर्गन्स की स्मगलिंग करते हैं,,,ओर उस केस में भी इन्ही लोगों का हाथ था,,,,।
ओर ये केस अबीर सर को दिया नही गया है बल्कि उन्होंने खुद ये केस रीओपन करवाया है,,,।
,,,,,,सौरभ चुपचाप बस उसकी बातें सुन रहा था,,,,
अर्जुन कोई जवाब न पाकर :- सर आप सुन रहे है????
सौरभ :- हां मैं सुन रहा हूँ,,,,तो मिशन है क्या,,,,।
,,,,अर्जुन ने उसे मिशन के बारे मे सारी बात बता दी,,,सब सुनते ही सौरभ के कान मानो सुन्न हो गए थे उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था,,साथ ही विश्वास भी नही हो रहा था कि अबीर ऐसा कर सकता है।
,,,,,,,अबीर,अभीरी वापस आ चुके थे,,,
अभीरी :- अबीर ये कुछ गिफ्ट्स है आश्रम के बच्चों ने सरु के लिए दिए हैं। सरु साल में एक बार ही आश्रम जाता है पर सारे बच्चों का फेवरेट है वो,,,।
अबीर :- हाँ वो है ही इतना प्यार,,,,,।
अभीरी :- मैं ये गिफ्ट्स उसे देकर आती हूँ,,।
,,,,,,अभीरी जैसे ही सौरभ के रूम में पहुची सौरभ के रूम की सारी लाइट्स ऑफ थी ,,,उसने जैसे ही लाइट्स ऑन की उसने देखा सौरभ जमीन पर बेड से टेक लगाए बैठा हुआ था,,,।
उसने गिफ्ट्स साइड में रखे और सौरभ के पास पहुची ,,,,उसने देखा कि सौरभ बहुत उदास था
अभीरी :- सरु,,, क्या हुआ तुम ऐसे क्यों बैठे हो,,,,??
सौरभ ने जैसे ही अभीरी को देखा वो
सौरभ :- भाभी माँ,,,
क्रमशः