love Vs ego - 3 in Hindi Love Stories by Alone Soul books and stories PDF | love Vs ego - 3

Featured Books
  • ખજાનો - 37

    ( આપણે પાછળના ભાગમાં જોયું કે સાપોની કોટડીમાં ઝહેરીલા સાપ હો...

  • ફરે તે ફરફરે - 20

    ફરે તે ફરફરે - ૨૦   આજે અમેરિકાના ઘરોની વાત માંડવી છે.....

  • નાયિકાદેવી - ભાગ 27

    ૨૭ ગંગ ડાભી ને વિદ્યાધર ગંગ ડાભીને આંખે જોયેલી માહિતી આ માણસ...

  • મુઠ્ઠી ભાર દેડકા

      अद्वेष्टा सर्वभूतानां मैत्र: करुण एव च । निर्ममो निरहङ्कार...

  • ભાગવત રહસ્ય - 69

    ભાગવત રહસ્ય-૬૯   અર્જુન શ્રીકૃષ્ણના અનંત ઉપકારોને યાદ કરી ને...

Categories
Share

love Vs ego - 3

सुनो अब पहले जैसी कोई बात नही,
चाहे लाख कोशिश कर लो पर दिल में वो जस्बात नही!!!
कितन आसान होता है , न एक पल में किसी को कह देना की अब हम साथ नही , मेरे साथ मत रहो क्यू नही सोचते हम की उसी के लिए कई राते कई दिन बिना खाए पिए सोए गुजरे है सिर्फ उस एक शख्स को पाने के लिए हमने कई मील का सफर बिना कोई सहारे के तय किया है , क्यों सब एक पल में बिखर कर दुबारा सब , नहीं करते हैं क्यों ?


रिद्धिमा अब रिद्धिमा नही रही

(अपने जस्बातो को काबू न कर पाई और बस बोलती ही जा रही थी की रोहन बोल उठा)
अरे अरे बस करो मुझे पता है तुम मुझे क्यों नही देख के ये सब बोल रही हो क्यू की तुम भूल जाओगी मेरे मासूम से चेहरे को देख कर – रोहन

हा आज भी मेरी कमजोरी हो तुम आज भी सुबह तुम्हरे हिस्से का टिफिन बना लेती हू
आज भी बिना चीनी वाली चाय बना ही लेती हू
जैसे तुम पीते थे आज भी मैं भी हु बस तुम आगे निकल गए हो (और आखों के आसू छुपाने के लिए वाशरूम में चली जाती है)


इधर रोहन सभी बातो को सोचने लगता है, उसकी गलती तो थी कही न कही पर वो सब भुला कर उस लम्हे में खो जाना चाहता था जिसमे रिद्धिमा को इतने सालो बाद पाया था, बस छोटी सी बातो में लम्बी मुलाकात को तलाश रहा था सब दफना कर बस रिद्धिमा को फिर से पाने का जुनून सवार हो ही रहा था की आचनक से रिद्धिमा को आते देख फिर वही अपना "एगो " ले कर अपना सारा ध्यान बस खुद की felling को छुपाने में लग जाता है


अच्छा अब मुझे जानना चाइए – रिद्धिमा

(क्यों अभी तो बस चार बजे है इतनी जल्दी क्या h फिर न जाने मुलाकात हो न हो ? वैसे भी में फ्री भी नही रहता हु )


तो इसमें मेरा कोई दोष रही है , लेकिन मुझे जाना है
– रिद्धिमा

सभी जस्बतो को समझा नही सकता में ठीक है अब रुकना है तो बताओ जाना हो तो बातो
तभी रोहन अपना गुस्सा कंट्रोल कर के पानी पीने लगता है
(उधर रिद्धिमा को वो सब याद आने लगता है , और और कुछ भी नही बोलती हैं

माफ कर दो – रोहन

(क्या क्या कहा तुमने फिर से कहो गे मेने सुनना नही )

I am sorry for everything – रोहन

तुम्हे नही लगता कुछ जादा देर हो गई है , रोहन शायद तुम ये भी भूल गए हो हमारी बेटी ( रूही)
5 साल की हो गई है

बस एक सॉरी से उसका बाप न होने का दर्द खत्म कर पाओगे
अरे तुम तो उस लायक ही नहीं हो और अपनी बदकिश्मति देखो तुम्हारी बेटी हमको जानती तक नही है

( बस इतना कह कर रिद्धिमा वहा से भागते हुए , निकल गई और रोहन अपना बिना दर्द बया किए बस चुप चाप एक तक रिद्धिमा को जाने दिया )

शेष भाग अगले चैप्टर में ...........
Read and Have a safe life