एहसास प्यार का खूबसूरत सा ( भाग - 5 )
कायरा वैसे भी परेशान थी क्योंकि रास्ते भर उसे एक चुभने जैसी नज़र का पहरा परेशानी जैसे लग रहा था जो उसे बहुत ही ज्यादा इरिटेट कर रहा था ऊपर से अब आरव भी उसे घूरे जा रहा था कायरा मन में बोलती है।
कायरा - एक तो कल रात में और आज रास्ते भर मैं उस नज़र का पहरा अपने ऊपर महसूस कर चुकी हूं और अब ये आरव । कहीं आरव ही तो नहीं था जो मुझे रास्ते में और रात में कहीं से देखता रहा हो ? नहीं ऐसा नहीं हो सकता , क्योंकि आरव की नजरें मुझे चुभ नहीं रही हैं पर वो नजरें मुझे बहुत ही ज्यादा चुभ रही थी । आरव वो नहीं हो सकता । तो फिर कौन है? और ये आरव मुझे ही क्यों घूर रहा है वो भी बिना पलकें झपकाए ।मुझे अब गुस्सा आ रहा है अब बताती हूं मैं इस रहीस जादे आरव को ।
कायरा गुस्से से - आरव शर्मा , शर्म नहीं आती किसी लड़की को इस तरह घूरते हुए ?
आरव ( एकदम से हड़बड़ा गया ) - क्या .........? मैं... कहां... घूर... रहा हूं ? मैं ... तो ..... तुम्हारे पीछे वो ग्राउंड में देख रहा था । उन प्लेयर्स को खेलते हुए ।
मीशा को छोड़ बाकी सब दोस्त जानते थे के आरव कायरा को ही घूर रहा था । सभी अपनी हंसी दबाते हुए दोनों का झगड़ा देखने लगे। क्योंकि बहुत दिनों से उन लोगो को इन दोनों का झगड़ा एन्जॉय करने को नहीं मिला था। अब कायरा को और भी ज्यादा गुस्सा आया क्योंकि आरव झूठ बोल रहा है ये कायरा जानती थी ।
कायरा - अब तुम मुझसे झूठ भी बोलोगे? समझ क्या रखा है खुद को?
आरव ( अपनी गलती छुपाते हुए ) - ये क्या बोल रही हो ? मैं कोई झूठ नहीं बोल रहा हूं।
कायरा - तुम ..... सम.........।
अब मीशा को बर्दाश्त नहीं हो रहा था के कायरा आरव से ऐसे बात कर रही है और साथ में उसने देखा के सभी लोग आरव और कायरा को ही देख रहे है इस बात पर उसे और गुस्सा आया और कायरा की बात काटते हुए बोली ।
मीशा ( गुस्से से ) - ये क्या लगा रखा है कायरा तुमने ? जब देखो तब आरव को किसी ना किसी बात पर टारगेट करती ही रहती हो ।
कायरा ( मीशा से ) - मैं टारगेट करती हूं ? तुमने देखा नहीं कैसे आरव मुझे घूर रहा था ?
मीशा - बस करो कायरा । जब आरव ने कहा है के वो तुम्हे नहीं पीछे फुटबॉल प्लेयर्स को देख रहा था तब भी तुम क्यों उससे इस तरह से बात कर रही हो ? और अगर देखा भी होगा तो क्या ? क्या कर लोगी ?
कायरा का गुस्सा ये सुनते ही सातवें आसमान पर पहुंच गया । और उसका गुस्सा देख बाकी के दोस्त जो अभी तक मजे ले रहे थे अब उनकी सिट्टी - पिट्टी गुम होने लगी । क्योंकि वो लोग आरव और कायरा का झगड़ा देखना चाहते थे पर यहां तो अगल ही महाभारत छिड़ गई । आरव भी कहीं ना कहीं कायरा को परेशान करने का सोच रहा था और इसी बहाने वो कायरा को जी भर के देखना चाहता था पर मीशा और कायरा की बहस को देख उसकी भी हालत खराब होने लगी । कायरा चिल्लाते हुए ।
कायरा - ऐसे कैसे वो मुझे देखेगा ? क्या मैं उसकी जागीर हूं ? जो वो मुझे जब चाहे तब घूरेगा ?
मीशा - यही तो तुम जैसी लड़कियां चाहती हो के कोई हैंडसम लड़का तुम्हे देखे और तुम उसे इंग्नोर करो और वो तुम्हारी इसी अदा पर फिदा हो जाए । और जब तुम्हारी बात नहीं बनी तो बेवजह इल्जाम लगा रही हो आरव पर ।
कायरा ने ये सुना के एक जोर - दार थप्पड़ मीशा को रसीद कर दिया । स..टा..क......। उस थप्पड़ की आवाज़ सुन सभी दोस्तो का मुंह खुला का खुला रह गया और कॉलेज के बाकी के लोग बहुत खुश हुए क्योंकि उन लोगो को बिना पैसे का तमाशा जो देखने मिल रहा था । आरव कायरा का ये रूप देख कर डर गया पर उसे गुस्सा भी आया क्योंकि पूरा कॉलेज उन लोगो को ऐसे झगड़ते देख हंस रहा था । आरव थोड़ी सी हिम्मत कर कायरा से बोला ।
आरव - कायरा ! ये क्या है ? इतनी छोटी सी बात पर तुम ड्रामा क्यों कर रही हो ?
कायरा ( आरव को घूरते हुए ) - तुम तो चुप ही रहो । ये सारा तमाशा सिर्फ तुम्हारी वजह से ही हो रहा है । और ये तुम्हारी बेस्ट फ्रैंड सिर्फ तुम्हारी वजह से ही मुझे इतना सुना रही है ।
कायरा के इतना कहते ही आरव चुप हो गया के कहीं वो भी कायरा के गुस्से कह शिकार ना हो जाए इस लिए उसने अभी चुप रहना ही ठीक समझा ।
मीशा ( गुस्से से ) - तुमने मुझ पर हाथ उठाया ? तुम्हारी तो,.........।
इतना कह कर मीशा भी कायरा को थप्पड़ मारने को हुई के कायरा ने उसका हाथ पकड़ लिया और मीशा से बोली....।
कायरा - भूल से भी ऐसी गलती मत करना वरना इस कॉलेज में दिखाई भी नहीं दोगी तुम ।
मीशा - क्या बोला तुमने ? यू ब्लडी .......।
मीशा ने इतना कहा और वो कायरा को फिर से मारने को हुई के कायरा ने उसे फिर से रोक लिया। अब कायरा मीशा को मारने के लिए हाथ उठाती तो मीशा कायरा का हाथ पकड़ लेती । ये क्रम चलता ही रहा और दोनों ही कुत्ते बिल्लियों की तरह झगड़ने लगी । जब बहुत देर तक सभी दोस्तो के समझाने पर भी दोनों नहीं मानी तो सभी दोस्तो ने लाचार और आस भरी नज़रों से आदित्या की ओर देखा क्योंकि वो सभी का झगड़ा सुलझा दिया करता था हमेशा ही । आदित्या बेचारा डरते हुए उनको शांत करने की कोशिश करने लगा के एक हवा में लहराता हुआ थप्पड़ आदित्या को पड़ गया जो कि कायरा ने मारा था । एक और थप्पड़ जो की मीशा का था आदित्या को पड़ने ही वाला था के सौम्या ने आदित्या को पीछे खींच लिया और बेचारा बच गया । सभी दोस्त उनकी ये जंग देख कर परेशान हो गए के कैसे इन दोनों को शांत कराया जाए । अब सभी ने आस भारी नजरों से आरव की ओर देखा । सभी का उसकी और देखना था के एक और थप्पड़ की आवाज़ आई सभी अब भीगी बिल्ली बने चुप - चाप अपनी जगह पर खड़े हो गए । जब आरव ने देखा के सारे दोस्त अशहाए से खड़े कभी कायरा को तो कभी मीशा को देख रहे है कभी आरव को आस भारी नजरों से देख रहे हैं ये देख कर उसे बहुत ज्यादा खराब लगा क्योंकि ये सारी गलती आरव की थी और भुगत सभी रहे थे और जब उसने आस - पास खड़े हंसते लोगो को देखा तो उसे बहुत ज्यादा गुस्सा आया और अब आरव से रहा नहीं गया और तेज़ आवाज़ में आरव ने चिल्लाया ।
आरव - बस , बस हुआ अब । बहुत हो गया तुम दोनों का तमाशा ।
कायरा - तुम ...........।
आरव - बस , अब एक और शब्द नहीं । वरना दोनों की शिकायत प्रिंसिपल सर से कर दूंगा और दोनों ही कॉलेज से बाहर होगी ।
कायरा आरव का गुस्सा देख कर डर गई थी , रूही भी आरव को इस तरह देख कर डर गई और अनजाने में ही उसने राहुल का हांथ पकड़ लिया क्योंकि रूही के बगल में ही राहुल खड़ा था । बाकी के सारे दोस्त जानते थे के आरव को जब गुस्सा आता है तो फिर किसी का भी बीच में बोलना ठीक नहीं है और अगर किसी ने बीच में बोला तो फिर उसका बैंड बाजा बारात सब कुछ बजना तो तय है इस लिए सभी चुप हो गए। पर कायरा तो गुस्से में थी उसने अपने डर को साइड में रख कर एक आखिरी बार आरव से बोलने की कोशिश की ।
कायरा - पर.........।
कायरा का इतना कहना था के आरव ने वहीं रखी एक चेयर को उठा कर दूर फ़ेक दिया अब तो कायरा की बोलती ही बंद हो गई । जैसे मुंह में उसके दही जम गया हो ।
आरव - और कुछ किसी को बोलना है ?
सभी ने ना में सर हिला दिया । आरव सभी कॉलेज स्टूडेंट्स को गुस्से से घूरने लगा जो खड़े - खड़े तमशगीर की तरह तमाशा देख रहे थे । आरव ने गुस्से से उन लोगो से कहा।
आरव - हो गया आप सभी का ? तमाशा ख़तम हो चुका है । अब सभी अपनी - अपनी क्लास में जाओ वरना कोई भी यहां खड़े होने लायक नहीं बचेगा।
आरव का इतना कहना था के सभी स्टूडेंट्स डर के मारे अपनी - अपनी क्लास की ओर चल दिए । दो मिनट में ही पूरा कैंटीन और ग्राउंड खाली हो गया । सब बेचारे डरे सहमे से अपनी अपनी क्लास में चले गए थे । अब आरव ने कायरा और मीशा की ओर रुख किया ।
आरव - क्या तुम दोनों में अक्ल बिल्कुल भी नहीं है ? कुत्ते - बिल्ली की तरह तुम दोनों लड़ रही थी यहां और पूरा कॉलेज तमाशा देख रहा था । क्या तुम दोनों को दिखाई नहीं दिया ? कैसे तुम दोनों को देख कर लोग हंसी उड़ा रहे थे ? अब बिना किसी नाटक के एक दूसरे से माफी मांगो ।
मीशा तो जानती थी कि अगर उसने माफी नहीं मांगी तो आरव उससे नाराज हो जायेगा इस लिए उसने बिना देरी किए कायरा से माफी मांग ली पर कायरा तो कायरा है । उससे माफी मंगवाने में तो ब्रम्हा जी को भी अपनी नानी याद आ जाती है । उस दिन तो अपनी गलती समझ गई थी इस लिए दोनों दिन आरव से माफी मांग ली लेकिन यहां तो मीशा थी जिसने फालतू का तमाशा खड़ा किया उसके साथ मिल कर और करेले से भी कड़वी बातें बोली तो कायरा तो मीशा से माफी मांगने से रही उसने आरव से कहा ।
कायरा - ऐसा है, के मैं किसी से भी माफी नहीं मागूगीं । क्योंकि ये सारा तमाशा तुम्हारी वजह से हुआ है । मैं तुम्हारे गुस्से से नहीं डरती हूं। जो डरता है, उसने माफी मांग ली पर मुझसे तो तुम दोनों ही ये उम्मीद मत रखना ।
आरव कुछ कहता के इससे पहले ही कायरा अपना बोरिया बिस्तर उठा कर सीधे क्लास की ओर चली गई । उसकी इस हरकत पर आरव को बहुत गुस्सा आया । जब सभी ने उसे गुस्से में देखा तो चुप - चाप अपनी क्लास में जाना ही बेहतर समझा ।
राहुल ( रूही से ) - रूही मेरा हाथ तो छोड़ो ।
रूही ने झटके से राहुल का हाथ छोड़ दिया क्योंकि उसे इतनी देर से पता ही नहीं था के उसने राहुल का हाथ पकड़ा हुआ है । वो जल्दी से शिवानी के बगल में आकर खड़ी हो गई । आदित्या ने सभी से कहा ।
आदित्या - तुम सभी लोग क्लास में जाओ क्योंकि एक ही क्लास हम अभी अटेंड कर पायेंगे फिर हम लोगो को ऑफिस भी जाना है । मैं यही थोड़ी देर आरव के पास रुकता हूं।
सभी ने आदित्या की बात मान ली और एक अच्छे बच्चे की तरह अपनी क्लास की ओर चले गए । अब आदित्या ने आरव को एक चेयर पर बैठाया और कैंटीन के वेटर से पानी मंगाया और आरव को पानी दिया आरव ने पानी पिया । आरव के ग्लास रखते ही आदित्या हंसने लगा । आदित्या को इस तरह से हंसते देख आरव आश्चर्य से आदित्या को देखने लगा और बोला ।
आरव - तुझे हंसी आ रही है । दोनों पागलों की तरह यहां पर तमाशा करके गई हैं । और तू ऐसे हंस रहा है जैसे कोई कॉमेडी शो यहां पर देखा हो तूने ।
आदित्या ( हंसते हुए ) - भाई कॉमेडी शो तो नहीं पता पर तेरी बैंड जरूर बजेगी अगर तू और कायरा एक हो गए तो ।
ये सुनते ही आरव भी हंसने लगा और उसका गुस्सा भी शांत हो गया ।
आरव ( हंसते हुए ) - यार तू तो सच कह रहा है । मतलब इतना बोलने के बाद भी देख अकड़ में कैसे चले गई ।
आदित्या - तुझे भी पूरी दुनिया में प्यार करने के लिए कायरा ही मिली । वैसे अच्छा ही है शेर को सवा शेर मिल गया है ।
आरव आदित्या के इतना बोलते ही आदित्या को मारने के लिए उसकी की ओर लपका के आदित्या जल्दी से पीछे हो गया और कैंटीन में चारो ओर भागने लगा । आरव भी उसे मारने के लिए उसके पीछे - पीछे भागने लगा। जब दोनों ही थक गए तो चेयर में बैठ गए । दोनों ने जब एक दूसरे को देखा तो फिर से जोर - जोर से हंसने लगे । आदित्या ने कहा।
आदित्या - भाई मुझे तो प्रसाद मिल गया है । अब मुझे तेरी चिंता है । कहीं तुझे भी ये प्रसाद अब रोज़ ही खाने को ना मिलने लगे । आरव उसकी बात पर फिर से जोर से हंसने लगा ।
आरव - बस कर भाई । हंसते - हंसते पेट में दर्द होने लगा है ।
आदित्य - अभी हंस ले भाई । कायरा को अगर तूने पटा लिया तो फिर तो तुझे रोना ही है ।
आरव - तू मुझे डरा रहा है ?
आदित्या - डरा नहीं रहा हूं समझा रहा हूं के बच के रहना क्योंकि अब तो ऑफिस में भी दिनभर झेलना है ।
आरव - हां भाई , पर मुझे भरोसा है के ऑफिस में कोई तमाशा नहीं होगा क्योंकि मीशा के सिवा उसकी किसी से लड़ाई नहीं होती है मैं भी अपने काम में उलझा रहूंगा तो वहां तो ये सब होने का सवाल ही पैदा नहीं होता ।
आदित्या - देखते हैं भाई , आगे - आगे और क्या - क्या होता है । चल अभी के लिए क्लास में चलते हैं सभी हमारा वेट कर रहे होंगे ।
आरव - चल ।
आरव और आदित्या जब क्लास में पहुंचते हैं तो देखते हैं के आज पूरी क्लास शांत बैठी हुई है जैसे सभी को आज सांप सूंघ गया हो । आदित्या और आरव भी राहुल के पास जा कर बैठ जाते हैं । आरव रूही से इशारे से पूछता है के कायरा ठीक है? रूही उसे इशारे से बताती है के ठीक है पर गुस्सा है बहुत ज्यादा। आरव इशारे से ही उसका गुस्सा शांत करने को कहता है और मीशा से बात करता है ।
आरव - मीशा आर यू ओके?
मीशा - यस आई एम ओके ।
इनकी बातें कायरा सुन लेती है । और मन ही मन बड़बड़ाने लगती है ।
कायरा( मन में )- हां मैडम ने आज बहुत मेहनत कर ली है ना इस लिए उनके दोस्त को बड़ी तकलीफ़ हो गई होगी । लगता तो है खींच के दोनों को एक - एक थप्पड़ रसीद कर दूं अभी ही सारी अकल ठिकाने आ जायेगी इन मैडम की भी और इन सर की भी जो मुझे छोड़ कर मैडम को पूछ रहे हैं। ठीक तो हो ना ! जैसे इसने तो कोई गलती की ही ना हो । खैर मुझे क्या ? करे जिसे जो करना है 😏😏।
काफी देर तक मीशा और आरव बात करते है और बाकी फ्रेंड्स भी अब नॉर्मल हो जाते हैं लेकिन कायरा उससे तो कोई बात ही नहीं कर रहा था या कह सकते हैं के वो ही किसी से बात नहीं करना चाहती थी । रूही भी जब कायरा को मना - मना कर थक गई तो वो भी सभी के साथ बैठ कर बाते करने लगी और कायरा उन सब को यूं हंसते और मस्ती करते देख अपने में ही बड़बड़ाने लगती थी । उसे लगा के किसी को उसकी नहीं पड़ी है पर शायद ये उसका वहम था क्योंकि आरव दिखा तो रहा था के वो बहुत खुश है लेकिन कायरा को इस तरह अकेले बैठे देख कर उसका भी बाकी लोगो के साथ मन नहीं लग रहा था लेकिन क्या करता बेचारा क्योंकि अगर वो कायरा के पास जाता तो कहीं मैडम जी फिर से दुर्गा का रूप धर कर कहीं आरव की ही बैंड ना बाजा दें यही सोच कर बेचारा छुप - छुप कर कायरा को देख रहा था और उसे इस तरह देखते आदित्या देख रहा था क्योंकि बेचारा पहले से ही इन सिचुएशन को हैंडल कर चुका है तभी तो सौम्या उसके साथ है । पर सबके बीच वो भी आरव को कोई आइडिया नहीं दे पा रहा था और बेचारे मासूम सी शक्ल वाले आरव को देख रहा था । जब बहुत देर तक प्रोफेसर आते नहीं दिखाई दिए तो कायरा ने क्लास से निकालना ही बेहतर समझा और वो अपना बैग ले कर जाने को हुई के सामने से उन सभी के सीनियर्स आ गए और बेचारी कायरा को अपनी जगह पर फिर से बैठना पड़ा । सीनियर्स ने बताया के पीजी के सभी फर्स्ट सेमेस्टर के स्टूडेंट्स के लिए और यूजी के भी सभी फर्स्ट सेमेस्टर के स्टूडेंट्स के लिए फ्रेशर्स पार्टी रखी गई है । जिनमे सभी को किसी ना किसी कैटेगरी में पार्ट लेना है और उन लोगो ने सारी कैटेगरी सभी स्टूडेंट्स को बता दी और बताया के दस दिन बाद की डेट डिसाइड हुई है । सभी अपना - अपना नाम आरव के पास लिखवा देंगे और कल से प्रैक्टिस भी स्टार्ट हो जायेगी। सभी सीनियर्स चले गए । सभी ये बात सुन कर बहुत खुश हुए और जोर - जोर हूटिंग करने लगे पर कायरा अभी - भी अपना मुंह फुलाए हुए थी । खुश तो वो भी बहुत थी पर गुस्सा भी तो दिखाना था ना उसे इस लिए उसने अपनी खुशी किसी को भी नहीं दिखाई और क्लास से बाहर चली गई । आरव ने जब देखा के कायरा क्लास से बाहर चली गई है तो बेचारा बहुत उदास हुआ । उसे ऐसे देख कर आदित्या उसके पास आया और बोला ।
आदित्या - आरव , क्या बच्चो जैसी शक्ल बना के रखा है अपनी । जा, जाकर अपने प्यार को मना । अरे अभी तो शुरुवात है धीरे - धीरे इन सभी की आदत डाल ले।
आरव - क्या करूं भाई ? उसे ऐसे देख कर मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा है । और वैसे भी मेरी वजह से ही तो उसका मूड ऑफ हुआ है ।
आदित्या - अरे मूड ऑफ किया है तो जा ना उसे मना । और वैसे भी ऑफिस भी तो जाना है ।
आरव - ठीक है मैं जाता हूं ।
आरव जल्दी से भागता हुआ कायरा के पीछे जाता है । उसे कायरा कहीं नहीं मिलती । तो वो पार्किंग की ओर जाता है के कहीं जाने की तो तैयारी नहीं कर रही है या फिर चली तो नहीं गई ? वो पार्किंग की और ही जाता है के उसे वहां कायरा अपनी स्कूटी निकालते हुए दिखाई देती है और उसमें बैठ कर अपना हेलमेट लगा रही होती है । आरव दौड़ कर कायरा के पास जाता है और हांफते हुए उससे बोलता है ।
आरव - कहां चली गई थी तुम ? कब से तुम्हे ढूंढ़ रहा हूं। ऑफिस जा रही हो ना?
कायरा ( हेलमेट बांधते हुए ) - हां ऑफिस जा रही हूं । तुम्हे कुछ काम है मुझसे ?
आरव - नहीं, मैं तो बस तुम्हे सॉरी बोलने आया था , वो थोड़ी देर पहले तुम पर इतना गुस्सा किया ना इस वजह से । सॉरी कायरा ......... ।
कायरा ( बीच में ही ) - अपना सॉरी अपने पास रखो समझे ना । ये सारा तमाशा तुम्हारी वजह से ही हुआ है । वो तो तुम मेरे बॉस हो नहीं तो तुम्हारी वो हालत करती के सब याद रखते । मैं जा रही हूं ऑफिस वरना लेट हो जाऊंगी तो तुम वहां भी मुझे सुनाने का मौका नहीं छोड़ोगे और फिर सॉरी बोलने आ जाओगे मुंह उठा के।
कायरा इतना कहते ही स्कूटी स्टार्ट करती है और ऑफिस के लिए निकाल जाती है । आरव उसे पीछे से चिल्लाता है रहता है लेकिन कायरा तो कायरा ठहरी जो एक बार गुस्सा हो जाए तो उसे तो मनाना समुद्र में से मोती निकालने बराबर है । पर बेचारे आरव को क्या पता मैडम के गुस्से के बारे में । वो मन ही मन कहता " पागल लड़की " और आदित्या नील राहुल के साथ वो भी ऑफिस चला जाता है । उधर कायरा ऑफिस जा रही होती है के उसे फिर से महसूस होता है के कोई उसका पीछा कर रहा है और हो ना हो ये वही है जो कल रात और कॉलेज आते टाइम भी उसे घूर रहा था और पीछा कर रहा था। कायरा ने अपनी घड़ी देखी जो जल्दी ही दस बजने का इशारा कर रही थी । उसने सोचा के अभी इसके पीछे टाइम वेस्ट नहीं करती वरना ऑफिस पहुंचने में लेट हो जाऊंगी । और कायरा बिना पीछे ध्यान दिए अपने ऑफिस निकाल जाती है क्योंकि उसे पहले दिन लेट होना हरगिज़ बर्दाश्त नहीं था क्योंकि वो आरव को सुनाने का मौका नहीं देना चाहती थी आखिर गुस्सा भी थी आरव से क्योंकि सुबह का कांड वो इतनी आसानी से भूल जाए ये तो कायरा की टाइम रूटीन में लिखा ही नहीं है । कायरा ऑफिस पहुंच जाती है । और उसके पीछे - पीछे आरव लोग भी ऑफिस पहुंच जाते हैं। कायरा सभी को गुड मॉर्निंग विश करती है क्योंकि वो जानती थी के ये ऑफिस है । इस लिए इन सभी का ओहदा उससे बड़ा है । आरव के अलावा बाकी तीनों उससे कहते हैं के हमारे साथ फॉर्मेलिटी निभाने की जरूरत नहीं है । कायरा बदले में सिर्फ मुस्कुरा देती है । पर वो देखती है के आरव ने उसे एक भी बार रिप्लाई नहीं किया है और वो सीधे अपने केबिन में चला गया है । आरव जान बूझ कर कायरा को रिप्लाई नहीं करता है क्योंकि अभी थोड़ी देर पहले यही चीज कायरा ने की थी । इस लिए वो अब कायरा को थोड़ा परेशान करना चाहता था । आरव ने राहुल से कह कर कायरा को उसका केबिन दिखाने को कहा । और कमाल की बात तो ये है के आरव ने कायरा के लिए अपने केबिन के जस्ट बगल वाला केबिन तैयार करवाया था जिससे वो अपने प्यार को जब चाहे तब देख सके पर कायरा उसे नहीं देख सकती थी क्योंकि उसमें आरव ने ऐसा कांच लगवाया था जिससे आरव उस केबिन में देख सके पर कायरा के केबिन में रहने वाला व्यक्ति आरव के केबिन को ना देख पाए । राहुल ने कायरा को उसका केबिन दिखाया। कायरा अपना केबिन देख बहुत खुश हुई क्योंकि उसका केबिन बहुत बड़ा था और साथ में एक ऐसी विंडो भी थी जिससे समुद्र की लहरे साफ दिखती थी । अगर कोई सुकून से बैठना चाहे तो उस केबिन की विंडो के पास अपनी चेयर लगा कर बैठ सकता था । कायरा को अपना केबिन बहुत पसंद आया। राहुल कायरा को उसका काम समझ कर चला गया और कायरा अपने काम में लग गई । आरव कायरा को उसका काम करते देख रहा था । अब आरव को मस्ती सूझी और उसने कायरा को अपने केबिन में बुलवाया और सोचा के इसी बहाने वो कायरा से माफी मांग लेगा।
कायरा - में आई कम इन सर!
आरव - यस कम इन।
कायरा (अंदर आकर ) - आपने बुलाया सर ?
आरव - हां मिस कायरा ।
कायरा को देख कर आरव के दिमाग से मस्ती का आइडिया निकाल गया क्योंकि कायरा ने इतने मासूमियत से अंदर आने की परमिशन ली के आरव सब कुछ भूल गया और फिर से कायरा में खोने लगा ।कायरा ने देखा के आरव उसे फिर से सुबह की तरह ही देख रहा है तो उसने जान बूझ कर तेज़ आवाज़ में कहा ।
कायरा - आपने बुलाया सर?
आरव इतनी तेज़ आवाज़ में हड़बड़ा गया और बोला ।
आरव - ह ....हां ....... म ..... मि ..... स कायरा ।
कायरा - तो फिर काम बता दीजिए सर क्योंकि आप फिर से मुझे घूरे ही जा रहे हैं।
आरव ने जब कायरा के मुंह से ये सुना तो मन में बोला ।
आरव - लो, कहां मैने इसे परेशान करने के लिए बुलाया था और कहां मैं ही परेशान हो गया ।
फिर आरव कायरा से कहता है ।
आरव - वो कल मिस्टर मन्होत्रा के साथ मीटिंग है तो उसे आपको अरेंज करना है । आप नील की हेल्प ले कर कल की मीटिंग की तैयारी कीजिए और मुझे अगले दो घंटे में रिपोर्ट दीजिए ।
कायरा - ओके सर ।
आरव कायरा को फाइल दे देता है । और कायरा केबिन से बाहर जाने लगती है के आरव उसे फिर से रोकता है ।
आरव - मिस कायरा ।
कायरा ( पीछे पलट कर ) - जी सर ।
आरव उसे अपने टेबल के पास बुलाता है और उसे बैठने को बोलता है । कायरा चेयर पर नहीं बैठती और आरव से कहती है ।
कायरा - नो थैंक्स , आप बताए क्या काम है सर?
आरव - वो सुबह जो कुछ भी हुआ उसके लिए आई एम रियली सॉरी ।
कायरा - मुझे उस बारे में अभी कोई बात नहीं करनी है ।
इतना कह कर आरव की बिना सुने ही कायरा केबिन से बाहर आ जाती है और नील के साथ मीटिंग की डिटेल्स निकालने लगती है और तैयारी करती है । दो घंटे बाद कायरा आरव के केबिन में आती है और उसे बताती है के सारी तैयारी हो चुकी है। आरव उसे एक और फाइल दे कर डिजाइन बनाने को देता है । आरव एक बार फिर कायरा से सॉरी बोलता है लेकिन कायरा बिना सुने ही केबिन से बाहर निकाल जाती है । थोड़ी देर में राहुल कायरा को लंच के लिए बुलाता है । कायरा पहले तो मना करती है पर फिर राहुल के बार - बार कहने पर मान जाती है । आदित्या भी आरव को बुला लाता है और सभी कैंटीन चले जाते है । कायरा अपना टिफिन निकालती है सभी उसमे से खाते है और साथ में और ऑर्डर करते हैं। आरव कायरा के टिफिन से नहीं खाता तो कायरा उसे बोलती है।
कायरा - आरव सर, मैंने पहले भी कहा है के मैं खाने के लिए किसी को मना नहीं करती हूं। शायद आप भूल गए हैं या फिर आप मेरा टिफिन शेअर ही नहीं करना चाहते हैं ।
आरव - नहीं मिस कायरा , ऐसा नहीं है ।
नील - ले लेना आरव , वैसे भी आज कायरा के टिफिन का खाना बहुत टेस्टी है ।
आरव कायरा के टिफिन से खाने लगता है कहीं फिर से कायरा और गुस्सा ना हो जाए इस लिए । सभी लंच कर अपना काम करने लगते हैं । इन सब में आरव बार - बार कोशिश करता है कायरा को मानने की पर वो नहीं मानती और बिना बात को पूरा सुने ही केबिन से बाहर चली जाती है । शाम के सात बज जाते हैं । सभी घर के लिए निकलते हैं। आरव और उसके दोस्त भी काम ख़तम कर ऑफिस को बंद करवा बाहर आते हैं । कायरा बाहर आकर अपनी स्कूटी को स्टार्ट करती है तो देखती है के उसकी स्कूटी स्टार्ट ही नहीं हो रही है । वो अब स्कूटी के टायर देखती है । स्कूटी का पीछे का टायर पंचर होता है। कायरा अपने आप से कहती है ।
कायरा - अरे ये कैसे हो गया ? सुबह तो ठीक था जब मैं ऑफिस आई थी तब । कहीं ये सब उस इंसान का काम तो नहीं है जो मेरा पीछा कर रहा है आज कल ?
कायरा मुड़ कर चारो ओर देखती है लेकिन उसे ऐसा कोई इंसान नहीं दिखता जो उसके ऊपर नजर रख रहा हो । कायरा अपना फोन निकाल कर अपने पापा को फोन करती है लेकिन उसके पापा फोन नहीं उठाते है। कायरा सोचती है के शायद किसी काम में होंगे इस लिए नहीं उठा रहे है । और वो घर का नंबर डायल करती है के पीछे से नील और आदित्या आते हैं। वो कायरा को इस तरह बाहर देख कर उससे पूछते हैं।
नील - क्या हुआ कायरा ? तुम अभी तक गई नहीं घर अपने ?
कायरा नील की आवाज़ सुन डर जाती फिर जब वो नील और आदित्या को पीछे मुड़ कर देखती है तो अपने आपको नॉर्मल करती है । आरव और राहुल भी तभी आते हैं तो देखते हैं के कायरा नील और आदित्या आपस में बात कर रहे हैं। आरव कायरा को एकदम से चौंकते हुए देख लेता है । कायरा बताती है ।
कायरा - वो मेरी स्कूटी का टायर पंचर हो गया है । और पापा को भी कॉल कर रही हूं पर वो फोन नहीं उठा रहे है शायद कहीं बिज़ी होंगे ।
आदित्या - ओह ! तो तुम्हे हममें से कोई घर छोड़ देगा ।
कायरा - नहीं आदि, मैं टेक्सी ले कर चली जाऊंगी ।
आदित्या - पर अंधेरा हो गया है कायरा । आई थिंक इस वक़्त अकेले टेक्सी से जाना रिस्की होगा ।
कायरा - नहीं आदि तुम लोग टेंशन मत लो मैं मैनेज कर लूंगी ।
राहुल और नील एक साथ कहते है - पक्का कायरा ?
कायरा - हां , मैं मैनेज कर लूंगी ।
आरव सभी लोगो को चलने के लिए कहता है । सभी अपनी अपनी गाड़ी ले कर चले जाते हैं। पर आरव कुछ दूर जा कर रुक जाता है । कायरा टेक्सी रुकवाने की बहुत कोशिश करती है पर जब वो एड्रेस बताती है तो सभी मना कर देते हैं के उस तरफ उल्टा पड़ता है , इस लिए रात में नहीं जायेंगे । उसे इस तरह से टेक्सी का वेट करते हुए आठ बज जाते हैं। और आरव उसे इस तरह से परेशान होते देखता रहता है । कायरा आरव की कार को देख लेती है पर वो सुबह की बात से इतनी नाराज़ होती है के वो आरव से हेल्प नहीं लेना चाहती । इस लिए वो आरव को कुछ नहीं कहती है । जब आरव घड़ी में टाइम देखता है तो उससे रहा नहीं जाता वो कायरा के पास जाता है और कहता है।
आरव - तुम्हे दिख नहीं रहा है ? या देखना नहीं चाहती के कोई भी टेक्सी तुम्हारे रूट में नहीं जा रही है । और मैं कब से कार में वेट कर रहा हूं तुम्हारा। क्या रात भर यही रहना है तुम्हे?
कायरा - मैं मैनेज कर लूंगी । मैंने नहीं कहा है आपको के आप मेरा वेट कीजिए ।
आरव - मुझे तुमसे फालतू की बहस नहीं करनी है । चुप - चाप कार में चल कर बैठो । मैं तुम्हे घर छोडूंगा ।
कायरा - उसकी कोई जरूरत नहीं है । मैं चली जाऊंगी ।
इतना कह कर कायरा पैदल ही रास्ते पर चलने लगती है । आरव को अब कायरा के ऊपर गुस्सा आता है और वो कायरा का हाथ पकड़ कर अपनी गाड़ी की ओर ले जाता है और कायरा को सीट पर बैठा देता है । कायरा अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती है पर छुड़ा नहीं पाती । आरव जल्दी से अपनी सीट पर आकर बैठता है ताकि कायरा कार से ना उतरे । वो गाड़ी को टाईट लॉक करता है और अपना सीट बेल्ट बांधता है। आरव कायरा को गुस्से से कहता है । क्योंकि कायरा की हरकतें अब आरव को गुस्सा दिला रही थी।
आरव ( गुस्से से ) - सीट बेल्ट बांधो ।
कायरा - नहीं बाधूंगी ।
आरव ( तेज़ आवाज़ में ) - मैंने कहा सीट बेल्ट बांधो ।
कायरा आरव के चिल्लाने से डर जाती है और उसे सुबह का आरव का गुस्सा याद आ जाता है । वो जल्दी से सीट बेल्ट बांध लेती है पर इतनी तेज़ आवाज़ सुन कर उसके आंखो से आंसू का एक कतरा छलक आता है और कायरा उसे साफ कर लेती है ताकि आरव को पता ना चले । आरव ये देख लेता है और उसके आंसू देख आरव का सारा गुस्सा बर्फ की तरह पिघल जाता है और वो कायरा से कहता है ।
आरव - सॉरी कायरा , मुझे ऐसे नहीं चिल्लाना चाहिए था पर तुम मेरी बात मानती ही नहीं हो ।
कायरा ( गुस्से में ) - मुझे घर जाना है । फालतू की बकवास नहीं सुननी है ।
आरव जब ये सुनता है तो कुछ नहीं कहता और मन ही मन उदास हो जाता है के उसने फिर से कायरा पर गुस्सा कर दिया और कायरा उसकी वजह से अब फिर से अपसेट हो जायेगी। वो कायरा से उसके घर का एड्रेस पूछ कर गाड़ी उसी ओर बढ़ा देता है । कायरा खिड़की से अपना सर लगा कर बाहर की ओर देखने लगती है । आरव उसे ऐसे देखता है तो पूछता है ।
आरव - कायरा तुम ठीक हो ?
कायरा - हां।
आरव - गाना सुनोगी ?
कायरा - आपको जैसा ठीक लगे ।
आरव माहौल को थोड़ा नॉर्मल करने के लिए गाना चला देता है । गाना सुनते ही आरव उस गाने में खो जाता है क्योंकि कहीं ना कहीं वो गाना उसके जज्बातों को बयान कर रहा होता है । कायरा को भी गाना सुन कर थोड़ा ठीक महसूस होता है । पर तब भी वह सोचती रहती है के आखिर उसकी स्कूटी का टायर कैसे पंचर हुआ । दोनों ही अपने - अपने बातों में खोए रहते हैं और उधर गाना चलता रहता है।
चाहे कुछ ना कहना
भले चुप तू रहना
मुझे है पता, तेरे प्यार का
खामोश चेहरा, आँखों पे पहरा
खुद है गवाह, तेरे प्यार का
आरव ( मन में सोचता है ) - काश के मैं तुम्हे अपनी फीलिंग्स के बारे में बता पाता के तुम मेरे लिए क्या हो । पर एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब तुम भी मुझसे प्यार करोगी ।
आरव अब गाड़ी चलाने लगता है और गाना सुनने लगता है और मन ही मन उस गाने को गुनगुनाने लगता है।
तेरी झुकी नज़र, तेरी हर अदा
मुझे कह रही है ये दास्तां
कोई शक़्स है जो के इन दिनों
तेरे ज़हनो दिल पे है छा गया
तेरी झुकी नज़र, तेरी हर अदा
मुझे कह रही है ये दास्तां....
आरव जब गाड़ी का गेयर लगाने के लिए हाथ गेयर में रखता है तो वो हल्का सा कायरा के हाथो से छू जाता है जिससे कायरा और आरव दोनों ही असहज हो जाते हैं। कायरा आंखे बंद कर अपना सर पीछे कर लेती है और सीट से टीका लेती है। आरव अपना ध्यान कायरा से हटा कर गाड़ी चलाने में लगाने की कोशिश करने लगता है ।
जब तेरी उंगलियां मुझको छू जाती हैं
तो कई ख्वाब दिल में जगा जाती है
इतनी बेरंग भी तो नहीं ज़िन्दगी
हर मुलाकात मुझसे ये कह जाती है
तेरी ही बाहों में,पनाहों में
रहना मुझे हर-दम सदा
तेरी ही यादों में,निगाहों में
रहना मुझे हर-दम सदा
तेरी ही बाहों में,पनाहों में
रहना मुझे हर-दम सदा
हर-दम सदा
आरव देखता है के कायरा के साइड की खिड़की खुली होने से कायरा के बाल उसके चेहरे पर बार - बार आ रहे हैं। वो उन्हें हटाने की कोशिश करता है जैसे ही आरव हाथ बढ़ता है के उसे लगता है के ऐसा करने से शायद कायरा असहज हो जायेगी इस लिए वो अपने हाथ पीछे कर लेता है और गाने के एक - एक शब्द में ध्यान देने लगता है फिर बार - बार कायरा को देखता है।
तेरी ज़ुल्फ़ जब भी बिखर जाती है
ए हसीं, तू हसीं और हो जाती है
जो किताबों में पढ़ते रहे आज तक
वो परी हमको तुझमे नज़र आती है
मैंने हवाओं को,फिज़ाओं को
करते सुना चर्चा तेरा
मैंने घटाओं को, खलाओं को
करते सुना चर्चा तेरा
मैंने हवाओं को,फिज़ाओं को
करते सुना चर्चा तेरा
तेरी झुकी नज़र, तेरी हर अदा
मुझे कह रही है ये दास्तां
कोई शक़्स है जो के इन दिनों
तेरे ज़हनो दिल पे है छा गया
तेरी झुकी नज़र, तेरी हर अदा
मुझे कह रही है ये दास्तां...
आरव और कायरा कायरा की कालोनी में पहुंच चुके होते है । आरव ब्रेक लगा देता है क्योंकि घर तो उसे मालूम नहीं होता है । ब्रेक लगते ही कायरा अपनी आंखे खोलती है तो देखती है के वो अपनी कालोनी के बाहर खड़ी है । आरव कायरा से कहता है ।
आरव - कालोनी आ गई है पर घर कहां है ये नहीं पता इस लिए मुझे ब्रेक लगाना पड़ा । और अब तुम ये मत कहना के यही छोड़ दो यही से जाऊंगी क्योंकि मैं हरगिज़ यहां सून - सान जगह पर तुम्हे नहीं छोडूंगा क्योंकि यहां पर अभी फिर - हाल कोई भी नहीं दिख रहा है ।
कायरा आरव को अपनी चिंता करते देखती है तो उसे थोड़ा सा अच्छा लगता है के मैं इससे गुस्सा हूं पर तब भी ये मेरी कितनी परवाह कर रहा है । कायरा उसे अपने घर का रास्ता बता देती है । आरव कायरा के घर की तरफ गाड़ी मोड़ देता है । गाड़ी कायरा के घर के बाहर खड़ी होती है जैसे ही कायरा नीचे उतरने को होती है के आरव कायरा को आवाज़ देता है ।
आरव - कायरा ....।
कायरा - जी बोलिए ।
आरव - सॉरी कायरा आज सुबह और अभी शाम को भी तुम जो गुस्सा किया उसके लिए ।
कायरा को ये सुन कर अच्छा लगता है और उसका गुस्सा भी थोड़ा ठंडा हो चुका होता है। शायद आरव की केयर देख कर या फिर उसके इतने बार सॉरी बोलने की वजह से कायरा अब नॉर्मल बिहेव करने का सोचती है और वो मन ही मन बोलती है ।
कायरा ( मन में ) - ये इंसान इतना बुरा भी नहीं है जितना मैं इसे समझती हूं । आखिर ये सुबह से अपनी गलतियों के लिए माफी मांग रहा है और आज शायद अगर ये मुझे अपनी गाड़ी में नहीं बैठता तो पता नहीं मैं कब तक वहां वेट करती रहती है । मेरे इतने गुस्सा करने के बाद भी इसे मेरी चिंता है और अभी भी अपनी गलतियों की माफी मांग रहा हैं । शायद अब मुझे माफ़ कर देना चाहिए ।
आरव कायरा को इस तरह से चुप देखता है तो बोलता है ।
आरव - क्या मेरी गलती इतनी बड़ी है के मुझे एक माफी भी नहीं मिल सकती ?
कायरा - नहीं ऐसा नहीं है । वो सुबह से मैं किसी बात से बहुत ज्यादा परेशान हूं शायद वही गुस्सा आप पर निकल गया है । माफी तो मुझे भी मांगना चाहिए सुबह के तमाशे के लिए और अभी आपके बोलने के बाद भी आपकी बात ना मानने के लिए । सॉरी सर । एंड थैंक्यू मुझे मेरे घर ड्रॉप करने के लिए।
आरव - नहीं कायरा गलती शायद मेरी भी है। खैर मुझे ये बताओ के तुम सुबह कैसे आओगी ? तुम्हारी स्कूटी तो ऑफिस में है ।
कायरा - मैं सुबह देख लूंगी जिस हिसाब से टाइम मैनेज होगा उस हिसाब से बस या टैक्सी से चली जाऊंगी ।
आरव - अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो मैं तुम्हे लेने आ सकता हूं।
कायरा - नहीं उसकी कोई जरूरत नहीं है मैं मैनेज कर लूंगी आपको तकलीफ उठाने की जरूरत नहीं है ।
आरव - इसमें तकलीफ की बात नहीं है कायरा । हम दोनों क्लास मेट हैं और साथ में तुम मेरे ऑफिस की एम्पलोई हो । उस हिसाब से मेरा फ़र्ज़ बनता है अपने एम्प्लाइज की प्रॉब्लम्स को ध्यान में रखना । अगर तुम्हे मेरे ऊपर ट्रस्ट नहीं है तो भले ही मैं शायद ये कहने का हक नहीं रखता हूं।
कायरा - नहीं मेरा वो मतलब नहीं था ।
आरव - ठीक है । अभी तुम घर जाओ अगर सुबह तुम्हे आज की तरह कोई साधन ना मिले तो मुझे फोन कर लेना मैं आ जाऊंगा फिर कॉलेज से ही ऑफिस साथ में चलेंगे अगर तुम्हे कोई प्रॉब्लम ना हो तो ।
कायरा - ठीक है, अगर प्रॉब्लम होगी तो मैं सुबह आपको बता दूंगी । पर आपका नंबर नहीं है मेरे पास । आप अपना नंबर दे दीजिए अगर आपको बुरा ना लगे तो ।
आरव - नहीं मुझे बुरा नहीं लगेगा ।
दोनों ही एक दूसरे का नंबर एक्सचेंज कर लेते हैं । आरव कायरा से कहता है ।
आरव - अब तुम जाओ रात के नौ बज रहे हैं और इतनी रात को अकेले बाहर रहना ठीक नहीं लगेगा । मैं भी निकलता हूं।
कायरा - जी, थैंक्यू मेरी हेल्प करने के लिए । आराम से जाइएगा ।
आरव - ओके ।
आरव अपनी गाड़ी ले कर अपने घर निकाल जाता है । और कायरा अपने घर के अंदर जाती है । अब कायरा घर लेट आए और दादी का प्रवचन चालू ना हो तो ऐसा तो हो ही नहीं सकता । दादी आज फिर से कायरा को खूब सुनाती हैं । कायरा चुप - चाप अपने कमरे में चली जाती है । मालती जी उसे खाने के लिए बुलाती हैं तो वो नीचे आकर सभी के साथ खाना खाती है और सभी को बताती के उसकी स्कूटी खराब हो गई थी तो उसके बॉस ही उसे घर तक छोड़ने आए थे । दादी के बोलने से पहले ही देवेश जी उसे कहते हैं के सुबह वो उसे कॉलेज छोड़ देंगे । कायरा बताती है के उसका क्लास मेट ही उसका बॉस है । तो मालती जी और देवेश जी खुश होते हैं के अच्छा ही है साथ में काम करेंगे तो कायरा सेफ भी रहेगी अपने दोस्तो के साथ। सभी बाते करते हुए खाना खाते हैं और फिर अपने - अपने रूम में चले जाते हैं। कायरा आज के पूरे दिनभर की चीज़ों के बारे में सोचती है तभी उसे आरव का खयाल आता है और वो खुद से कहती है .............।
क्रमशः